मंगलवार, अक्टूबर 11, 2011

preview show of SAJNA KE ANGNA ME SOLAH SINGAAR




‘‘सजना के अंगना में सोलह सिंगार’’ का प्री व्यू शो
‘सजना के अंगना में सोलह सिंगार’ - यह प्रत्येक रमणी की इच्छा होती है, सपना होता है। अब यह आकांक्षा पूरी होती है कि नहीं, सब विधि के विधान के ऊपर निर्भर करता है। लेकिन, एक सार्वजनिक इच्छा अवश्य हिलोरें मार रही थी कि मैथिली में भी फिर से कोई मनोरंजक फिल्म बने, प्रदर्शित हो। जन-मानस की ये अभिलाषा पूरी तो हो गयी, लेकिन, पूरे बारह बरस लगे। और इस चुप्पी को तोड़ने का बीड़ा उठाया संदीप झा ने। पेशे से अभियंता संदीप ने संदीप क्रियेशन के बैनर तले एक खूबसूरत फिल्म बना डाली-‘सजना के अंगना में सोलह सिंगार’। इस फिल्म के निर्माण में सबसे अच्छी और विशेष बात ये रही कि इस बार भी मैथिली सिने जगत में उनसे ही हंगामा करवाया जिन्होंने बारह बरस पहले ‘सस्ता जिनगी महंग सेनुर’ बनाकर इतिहास रचा था। वह और कोई नहीं विविध आयामी व्यक्तित्व के स्वामी मुरलीधर हैं। संदीप-मुरली की युगलबंदी ने मैथिली के लिए ही नहीं, पूरे बिहार प्रदेश को एक हसीन तोहफा दे दिया है। फिल्म में निर्माण, परिकल्पना और संवाद जहां संदीप झा के हैं, वहीं कथा-पटकथा, गीत-संगीत और निर्देशन की महती ज़िम्मेदारी मुरलीधर ने संभाली है। अभिनेता के रूप में भी मुरली अग्रणी रहे हैं।
शीध्र ही प्रदर्शित होने वाली ‘सजना के अंगना में सोलह सिंगार’ का विशेष प्री-व्यू शो पिछले दिनों मूवी लैब, गोरेगांव (प.) में हुआ, जिसमें फिल्म जगत के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे, जिनमें उदित नारायण, दीपा नारायण, अखिलेन्द्र मिश्र, आदर्श जैन, फिल्म की पूरी यूनिट एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे। फिल्म सिर्फ रोमांस और रोमांच के लिए नहीं बनी है। इसमें कुछ संदेश भी हैं। गांवों से पलायन, खेती से मोहभंग, विधवा विवाह जैसे कई ज्वलंत प्रश्न न सिर्फ उठाये गये हैं बल्कि उनके समाधार भी बताये जाते हैं। मुरली के इस वन मैन शो में अन्य जिन कलाकारों ने सर्वाधिक प्रभावित किया, उनमें मुखिया के रूप में राजीव सिंह श्रेष्ठ रहे, राजीव का अभिनय और संवाद अदायगी दोनों ही प्रभावी हैं। राहुल सिन्हा, राखी त्रिपाठी और शिव आर्यन की तिकड़ी भी अच्छी है, तो तृप्ति नाडकर के साथ विनोद ग्वार अपनी छाप छोड़ते हैं। लल्लन सिंह की काॅमेडी दर्शकों का मन मोह लेती है। गीत-संगीत अच्छे हैं और यूसुफ खान का छायांकन प्रशंसनीय है। फिल्म के कार्यकारी निर्माता घनश्याम मिझार और प्रस्तुतकर्ता हैं नित्यानंद झा।

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