बुधवार, मार्च 23, 2011

अजय दीक्षित का बागी तेवर


आदमी यू ही बेबफा नहीं होता .... कुछ इसी तरह इसी तर्ज़ पर आदमी यूँ ही बागी नहीं होता. बगावत की जड़ में ढेर सारी बेबसी दबी होती है. लेखक निर्देशक एआर.एस. सरकार की फिल्म बागी में अजय दीक्षित ऐसे ही अत्याचार , अनाचार का शिकार होकर बागी बन जाता है . बागी आम भोजपुरी फिल्मो की तरह नहीं बल्कि लीक से हटकर बनी एक ऐसी फिल्म है जिसमे एक अच्छी कहानी को मनोरंजन की चासनी में डालते हुए फिल्माया गया है. यह एक प्रयोगात्मक फिल्म है जो सर्वहारा वर्ग व सामंती सामाजिक व्यवस्था के बीच के द्वन्द को बेबाकपन के साथ बयां करेगी. डॉक्टर जे.एन.फिफ्टी सिस प्रोडक्शन एवं ए जे एम फिल्म्स व स्कूल डिविजन प्रस्तुत बागी के निर्माता एआर.एस. सरकार , शकील खान व मंसूर आज़मी हैं. फिल्म में शीर्षक भूमिका में जहाँ अजय दीक्षित हैं वहीँ उनकी हमराह बनी है नवोदित रानू पाण्डेय. फिल्म के अन्य मुख्य कलाकारों में विजय खरे, सीमा सिंह, श्रवण कुमार सक्सेना, संतोष कौशिक , शंकर सिंह, विजय शुक्ला, भानु पाण्डेय, वाहिद हासमी , रोज़ा और शिव कुमार हैं. राज इन्द्र राज के मधुर संगीत से सजी इस फिल्म के गीतकार साहिल सुल्तानपुरी व पवन मिश्रा हैं. डॉ. अशोक जैन व अनीता जैन द्वारा प्रस्तुत बागी की शूटिंग पिछले दिनों मुंबई से २०० किलोमीटर दूर पालघर में संपन्न हुई. फिलहाल फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन का काम जोर शोर से चल रहा है .

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