गुरुवार, अप्रैल 23, 2009

मुन्ना खान बने मुन्ना भइया

भोजपुरी की अब तक की सबसे महँगी और तकनिकी रूप से भव्य फ़िल्म मुन्ना बजरंगी के मुन्ना खान यानि सुशील सिंह अब मुन्ना भइया बन गए हैं। मुन्ना बजरंगी के मुन्ना खान के रूप में वो जहाँ पुलिस कमिश्नर बनकर गुंडों का सफाया करते हुए नज़र आए थे , वही मुन्ना भइया में वो अपराध को छोड़ सुधरने की कोशिश कर रहे एक युवक की भूमिका में हैं। शान परफोर्मिंग ग्रुप के बैनर तले निर्माता गुलशन रजा - संजय निषाद व निर्देशक इकबाल बख्श की फ़िल्म मुन्ना भइया में सुशील शीर्ष किरदार में हैं। भोजपुरी फ़िल्म जगत में बतौर खलनायक प्रवेश करने वाले सुशील भोजपुरी के पहले ऐसे स्टार हैं जिन्होंने खलनायक से नायक की सीढ़ी चढी है। प्रसिद्द फ़िल्म निर्माण कंपनी अंक मीडिया की फ़िल्म निरहुआ रिक्शा वाला में उनके जबरदस्त अभिनय को देखकर ही निखिल इंटरटेनमेंट ने उन्हें अपनी पहली फ़िल्म मुन्ना बजरंगी बतौर मुख्य अभिनेता सौंपी थी। बतौर मुख्य अभिनेता सुशील सिंह की यह दूसरी फ़िल्म है, इसके अलावा वो भोजपुरी के स्टार मेकर निर्देशक के रूप में चर्चित के.डी.की फ़िल्म कबहू छूटे न ई साथ , निर्देशक अनिल उपाध्याय की मेहंदी रचाईव् तोहरे नाम के में भी शीर्ष किरदार में नज़र आने वाले हैं। मुन्ना भइया में अपनी भूमिका के संबंद्ध में सुशील का कहना है की इस फ़िल्म में वो उत्तरप्रदेश-बिहार के एक ऐसे युवक की भूमिका में हैं जिनकी मुंबई के किसी खास इलाके में दादागिरी चलती है, लेकिन अपने दोस्त की हत्या और मरते वक्त उस से लिए वचन के कारन वो गुंडागर्दी का रास्ता छोड़ देता है और ख़ुद गुंडों का सफाया करता है। निर्देशक इक़बाल बख्श के अनुसार मुन्ना भइया में सुशील सिंह के ज़ोरदार एक्शन के साथ - साथ अनारा गुप्ता के साथ उनके जबरदस्त रोमांस से भी दर्शक दीदार होंगे। सुशील सिंह और अनारा गुप्ता के अलावा इस फ़िल्म में अनिल यादव, सिकंदर खान, प्रकाश जैस, आदि मुख्य भूमिका में है।

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