सोमवार, अक्तूबर 31, 2011

On line chhath prasad


ऑनलाइन मिल रहा है छठ का प्रसाद
जमशेदपुर। "भइया, अभी ले घर से प्रसाद नइखे आइल, लेकिन रउआ लोगन के भेजल छठी माई के प्रसाद मिल गइल बा... हमरा त बुझाते नइखे कि रउआ लोगन के धन्यवाद कइसे दीहीं...", इतना कहते-कहते एरनाकुलम में इंजीनियरिंग की पढाई कर रहे राजीव कुमार का गला भर आया। ना जाने हर साल कितने ऐसे लोग फोन करते हैं भोजपुरिया डॉट कॉम को, छठी मइया का प्रसाद पाने के बाद, और ना जाने कितने लोगों को अपनी माटी, और अपने संस्कारों से जोड रही है यह वेबसाइट।

कहा जाता है कि छठी मईया का प्रसाद ग्रहण मात्र करने से आपके सारे दुख दूर हो जाते हैं। लेकिन अगर आप घर से दुर रहते हों, या फिर आपके घर में छठ पर्व नहीं होता है, तो भी आपको निराश होने की जरुरत नहीं है। छठी मईया का पावन प्रसाद हर साल की भांति इस साल भी ऑनलाइन उपलब्ध है। भोजपुरी भाषा व संस्कृति को समर्पित वेबसाइट भोजपुरिया डॉट कॉम ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी घर से दुर रहने वाले बिहार व उत्तर प्रदेश वासियों समेत हर किसी के लिए प्रसाद घर-घर पहुँचाने की मुहिम शुरु कर दी है। वेबसाइट पर छठ का प्रसाद मँगाने के लिए 1 नवम्बर को एक फार्म पोस्ट किया जाएगा, जिसे भर कर कोई भी प्रसाद पा सकता है।

वर्ष 2005 में शुरु की गई इस अनोखी, और दुनिया की सबसे बडी छठ प्रसाद वितरण की इस मुहिम की सबसे खास बात यह है कि यहाँ बिना किसी भेद-भाव के, हर किसी को छठ का प्रसाद भेजा जाता है। इसके लिए आपको सिर्फ भोजपुरिया डॉट कॉम पर जाकर एक ऑनलाइन फार्म भरना होता है, और उसके बाद वहाँ से कुरियर द्वारा प्रसाद आपके घर पहुँचा दिया जाता है। इस सेवा के लिए वेबसाइट किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लेती, और कुरियर का खर्च भी वेबसाइट द्वारा ही वहन किया जाता है।

"छठी मईया के प्रसाद को भेजने की हमारी मुहिम को समाज के हर तबके द्वारा सराहा गया है। और आपको शायद यह जान कर आश्चर्य होगा कि कई मुस्लिम परिवार भी हमारे वेबसाइट द्वारा छठ का प्रसाद मँगाते हैं। पिछले साल एक्सएलआरआई, एनआईटी, आईआईटी, आईआईएम समेत कई शैक्षणिक संस्थानों में पढ रहे छात्रों, और वहाँ के प्राध्यापकों ने भी इस अभियान में बढ-चढ के हिस्सा लिया। इस वर्ष हमारे सदस्यों के सहयोग से देश के हर कोने में होने वाले छठ के आयोजन की खबरें व तस्वीरें हमारी सहयोगी वेबसाइट जयभोजपुरी डॉट कॉम पर उपलब्ध होगी," भोजपुरिया डॉट कॉम के संचालक सुधीर कुमार ने बताया।

अपने शुरुआत से लगातार सातवें वर्ष भी जारी, और दुनिया में अपने तरह की अकेली इस मुहिम का उद्देश्य युवा पीढी को भोजपुरी भाषा व संस्कृति से जोडे रखना है। ज्ञात हो कि भोजपुरिया डॉट कॉम भोजपुरी-भाषियों का सबसे बडा पोर्टल है, जिसने भोजपुरी भाषा व संस्कृति को लेकर देश-विदेश में कई अवार्ड जीते हैं। पिछले साल इस वेबसाइट द्वारा एक हजार से ज्यादा लोगों को छठ का प्रसाद भेजा गया था।
www.bhojpuria.com

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