राज ठाकरे की हत्या करने आया था राहुल राज
एम.एन.एस. चीफ राज राज ठाकरे को जान से मारने आये बिहार के युवक राहुल राज की मुंबई पुलिस द्वारा बस नंबर 332 में हत्या की गयी थी या यह एनकाउंटर था? इस विषय पर बनी निर्माता संगीत सिवन और के. सेरा सेरा प्रस्तुत लेखक व निर्देशक महेष पांडे की हिंदी फिल्म ‘332 मुंबई टू इंडिया’ अब जल्द ही सिनेमाघरों में दिखाई देगी. इस फिल्म का संगीत उत्तर भारतीय रिक्शा चालक राजकुमार यादव और मराठी मानुस तथा डिब्बा एसोसिएशन के श्री मेढेकर के हाथों किया गया। हादसों का शहर मुम्बई फिर किसी प्रांतवाद की आग में ना जले और प्रांतवाद के भस्मासुर को पैदा करनेवाले लोगों को जवाब मिले इसके लिए रिक्शा और डिब्बा वालों ने मिलकर यह पहल किया है। अंधेरी पश्चिम के डी. अल्टीमेट क्लब में इस हिंदी फिल्म ‘332 मुंबई टू इडिया’ का म्यूजिक लांच किया गया। 21 अक्टूबर 2008 को कुर्ला के बैल बाजार में बेस्ट की बस नंबर 332 में राज ठाकरे को मारने आये बिहारी युवक ‘राहुल राज’ की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म ‘‘332 मुम्बई टू इंडिया’’ में यह सवाल भी उठाया गया है कि मुंबई किसकी है और इसके नाम हमेशा क्यों बदले जाते हैं। इस अवसर पर महेश पाण्डे ने साफ कहा कि उनकी फिल्म की बेस्ट बस नं. 332 कुर्ला से अंधेरी नहीं ले जाती है बल्कि मुम्बई से इण्डिया ले जाती है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए सिर्फ यह एक फिल्म नहीं है क्योंकि फिल्म किसी के लिए मनोरंजन होती है तो किसी के लिए टाइम पास। लेकिन मैंने इस फिल्म को बनाते हुए अपनी असली पहचान हासिल की है। फरवरी 2008 में उस वक्त मुम्बई में बिहारी-मराठी मुद्दा उठ चुका था। सच पूछिए तो सड़क पर चलनेवालों में डर था कि पता नहीं कब क्या हो जाए। और तभी इस फिल्म ‘‘332 मुम्बई टू इंडिया’’ की परिकल्पना मेरे दिमाग में आई। और मैंने बिहारी-मराठी विवाद को लेकर खुद की पहचान पर सवाल खड़ा करते हुए हर भारतीय की कहानी लिख दी है और बहुचर्चित निर्माता संगीत सिवन से मिला। उन्हें भी लगा इस फिल्म को आम जनता तक पहुंचना चाहिए। जिन्हें अपनी पहचान सिर्फ 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही याद आती है। संगीत सिवन जी ने इस फिल्म के निर्माण की जिम्मेवारी के.सेरा सेरा बाक्स आफिस प्रा. लि. के साथ मिलकर संभाली। इस अवसर पर गायक विनोद राठौर ने फिल्म के टाइटिल सांग ‘सबकी मुम्बई’ पर लाइव परफारमेंस भी किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें