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फिल्म जगत वैसे तो सैकड़ो कलाकार अपनी किस्मत आजमाने आते है, लेकिन यहाँ आने के बाद सभी को इस सच्चाई से देर सबेर रू-ब-रू होना ही पड़ता है कि फिल्म जगत में कामयाब होने के लिए अंततः अथाह प्रतिभा, लगन व धैर्य की आवश्यकता होती है। वैसे ये भी सच है कि इन सब के बावजूद फिल्म जगत में भाई-भतीजावाद के आधार पर कई कलाकारों को आसानी से सफलता मिल जाती है। लेकिन उससे भी बड़ी सच्चाई ये है कि वैसे कलाकारों को भी अंततः अपनी प्रतिभा के बल पर ही अपना मुकाम बनाना पड़ता है और जिनके पास ऐसा कोई सहारा न हो तो उन्हें सिर्फ और सिर्फ अपनी मेहनत, लगन, जुनून व प्रतिभा पर विश्वास कर अपने ही तरीके से अपना रास्ता बनाना पड़ता है। ऐसे कलाकारों की कामयाबी उन्हें काबिले-तारीफ बनाती है। ऐसे ही कलाकारों में भोजपुरी की जानी-मानी अभिनेत्री मोना राय को लिया जा सकता है। मूलतः दरभंगा बिहार की रहने वाली मोना ने अपने ही शहर से रंगमंच पर अभिनय करने से अपने अभिनय कैरियर की शुरूआत की और वहीं से मैथिली फिल्म ‘सस्ता जिनगी महंग सेनुर’ से फिल्मों में भी प्रवेश किया। फिल्म जगत में अपनी एक मुक्कमल पहचान की चाहत ने मोना को मुंबई आने पर विवश किया। मुंबई ने मोना को संर्घष से जहाँ दो-चार किया वही अपना रास्ता अपने तरीके से बनाने के लिए भी पारित किया, जिसके परिणामस्वरूप मोना ने पहले अपनी अभिनय प्रतिभा को दिखाने के मकसद से धारावाहिकों, फिल्मों में बतौर नायिका के बदले महत्वपूर्ण किरदार निभाना उचित समझा और अपने मौके का इंतजार करती रही। मोना ने इससे पूर्व कब होई गवना हमार, कब कहबा तू आई लव यू, तू बबूआ हमार, इ रिश्ता अनमोल बा, मंगल सूत्र, हमार बियाह तोहरे से होई, गोरकी पतरकी रे जैसे भोजपुरी फिल्मों के साथ-साथ हिंदी फिल्म एक से बुरे-दो, चल धम्मा की और के साथ-साथ धरावाहिक नबाब सिराजुद्दौला, निजान, कामना, जय श्री कृष्णा, शंकुतला, धरती के लाल, जैसे धारावाहिको ने महत्वपूर्ण भूमिकाओं में अपनी दमदार अभिनय प्रतिभा से निर्माताओं और निर्देशकों की नजर में मुख्य भुमिका की दावेदार लगने लगी। लेकिन यह भी सच्च है कि फिल्म जगत में जल्दी कोई रिश्क लेना नहीं चाहता। मोना को बतौर नायिका अनुबंधित करने का निर्णय सबसे पहले जब मनीषा नागेश पुजारी ने अपनी फिल्म मेला में सैय्या भूलाईल हमार से लिया तो फिर अन्य निर्माता निर्देशकों को भी मोना को बतौर नायिका अनुबंधित करने का मौका मिल गया जिसके परिणाम स्वरूप सेवन स्टार क्रियेशन के बैनर तले निर्मिता अनंजय रघुराज व निर्देशक मनोज श्रीमती ने आगामी दो फिल्म बृजवा के बारात व बाली उमर के सलाम के लिए अनुबंधित कर लिया। इसके अलावा कई निर्माताओं ने बतौर नायिका के लिए अनुबंधित करने की तैयारी में है जिन्हें मोना अभी जहिर नहीं करना चाहती। बतौर नायिका मोना अपनी फिल्म इ-मेला में सैय्या भूलाईल हमार के विषय में कहती है, ये फिल्म भोजपुरी इंडस्ट्री में एक नया टैªड साबित करेगी। क्योंकि फिल्म के गाने व कथा वस्तु पर वैसे भी पहले से भोजपुरी इंडस्ट्री की नजर पड़ी है, सोने पे सुहागा ये है कि फिल्म के निर्देशक हामिद अली जिन्होंने कई हिंदी फिल्मों का निर्देशन किया है वो भोेजपुरी में पहली बार इस फिल्म में प्रवेश कर रहे हैं। मोना भोजपुरी इंडस्ट्री में सबसे प्रतिभाशाली अभिनेता रवि किशन को स्वीकार करते हुए यह कहती है कि रवि किशन न सिर्फ प्रतिभाशाली अभिनेता है बल्कि सबसे मेहनती व संजिदा इंसान भी है। रवि किशन की सबसे बड़ी बात जो उन्हें प्रेरित करती है वो ये है कि उन्हांेने अपना मुकाम अपनी मेहनत व प्रतिभा के बल पर बनाया है इसलिए, मोना रवि किशन के संघर्ष को अपना प्रेरणा समझती है। फिल्म जगत में विनय बिहारी, उदित नारायण, आनंद घटराज, कुणाल सिंह, रवि किशन, दिनेश लाल यादव, पवन सिंह व मनोज तिवारी के अनवरत मिलनेवाले सहयोग को मोना अपनी ताकत स्वीकार करती है।
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