सोमवार, मई 31, 2010
भोजपुरी में भी दिखेगा एंग्री यंग मैन दौर
अमिताभ बच्चन के एंग्री यंग मैन का दौर अब भोजपुरी सिनेमा में दिखने वाला है। भोजपुरी में बन रही फिल्म ‘हम हईं मुन्ना भईया’ से भोजपुरी में एंग्री यंग मैन का दौर आनेवाला है। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन वाली भूमिका निभा रहे हैं डायनामिक एक्टर सुशील सिंह । इस फिल्म का फस्र्ट लुक जिसने भी देखा सबने कहा सुशील सिंह की भूमिका ‘दीवार’, ‘जंजीर’ और ‘शोले’ जैसी फिल्मों में अमिताभ बच्चन द्वारा निभायी गयी एंग्री यंग मैन जैसी है। इस फिल्म में पूर्वांचल तथा बिहार के माफियाराज का कच्चा चिट्ठा खोला जाएगा। बतानेवाले तो यह भी दावा कर रहे हैं कि यह फिल्म ‘अपहरण’ और ‘गंगाजल’ का भोजपुरिया वर्जन है। माफियाराज पर बनी इस फिल्म ‘‘हम हईं मुन्ना भईया’’ में हाई वोल्टेज एक्शन सीन है, रोमांस और कोमेडी है। साथ ही एक नयी कहानी है जो लोगों को मजबूर करेगी यह फिल्म देखने के लिए।
मराठी माणूस ने दिलाया भोजपुरी को सम्मान
मुंबई में भले ही नफ़रत की राज निति चल रही हो, मराठी - भोजपुरी के नाम पर विवाद बनाया जा रहा हो लेकिन भोजपुरी फिल्म जगत को विश्व स्तर पर सम्मान दिलाने का काम किया है एक मराठी माणूस ने। जी हां मराठी के फिल्म मेकर बानकृशन कदम के सुपुत्र सुपुत्र सुधीर कदम जो आई.आई.टी से पास आऊट इंजीनियर हैं होलीवूड से लौटने के बाद सीधे भोजपुरी फिल्म निर्माण में भिड़ गए। उनकी पहली भोजपुरी फिल्म ‘‘जला देब दुनिया तोहरा प्यार में’’ है और निर्देशक है धीरज कुमार। अन्तर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सवों में प्रशंसित ‘‘फोर्चून टेलर’’ के निर्माता सुधीर कदम ने अंग्रेजी के पश्चात् हिन्दी, मराठी न बनाकर सीधे भोजपुरी फिल्म बना डाली , यही नहीं इस फिल्म को कान फेस्टिवल में शामिल तो किया ही गया साथ ही ये फिल्म भोजपुरी की पहली फिल्म है जिसका प्रदर्शन हिन्दुस्तान के साथ साथ अमेरिका, ब्राज़ील,सहित दुनिया के पांच देशो में किया जा रहा है। भोजपुरी के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन अभिनीत इस फिल्म के बाद वे अघोरी में फ्रॉम बनारस नाम की अंग्रेजी फिल्म बना रहे हैं जिसमे रविकिशन अघोरी की भूमिका में हैं। इस फिल्म का निर्देशन तेजस्वी कदम व विक्टोरिया सेगी कर रही है।
रविवार, मई 30, 2010
अब भोजपुरी में दिखेगा ‘‘श्री कृष्णा’’!
भोजपुरी दर्शकों का पसंदीदा चैनल ‘‘महुआ’’ हर वर्ग के दर्शकों का चहेता बना हुआ है। बात चाहें बच्चों की हो, या महिलाओं की या फिर युवाओं की हर तरह से उनके रूचीकर शो का वक्त-वक्त पर ‘‘महुआ’’ निर्माण व प्रसारण करता रहता है। और ठीक उसी तरह से धार्मिक धारावाहिकों की कड़ी में ‘‘ऊँ नमः शिवाय’’ और ‘‘रामायण’’ के सफलतापूर्वक प्रसारण के दा अब हर सप्ताह सोमवार-शुक्रवार सुबह 8ः30 बजें धारावाहिक ‘‘श्री कृष्णा’’ का प्रसारण शुरू हआ है। अपने वक्त का मशहुर धारावाहिक रहा ‘‘श्री कृष्णा’’ अब भोजपुरी भाषा में डब करकर पुनः प्रसारित किया जा रहा है। रामानंद सागर द्वारा बनायी गई इस धारावाहिक के सभी पात्र यानि की भगवान कृष्ण से लेकर मामा कंश तक भोजपुरी में बात करते नजर आयेगें। सागर इन्टरप्राईजेज द्वारा बनायी गई इस धारावाहिक को आनंद सागर, मोती सागर व रामानंद सागर ने निर्देशित किया है। इस धारावाहिक में मुख्य किरदारों में ए॰ टी॰ बनर्जी, अनुराध, दिपिका दवे व डी॰ एस॰ सिधे अहम पात्रों में नजर आयेगें। महुआ चैनल पर ‘‘श्री कृष्णा’’ का भोजपुरी भर्सन देखना बरा ही रोचक होगा और भगवान ‘‘श्री कृष्ण’’ के बाल काल की लिलाये अब पुनः दर्शकों को टी॰ भी॰ सेट के सामने बैठने को मजबूर कर देगी।
गोरखपुर के अविनाश बने डांस संग्राम’’ के विजेता
महुआ टीवी पर प्रसारित रियलिटी शो ‘‘डाँस संग्राम’’ का आखिकार विजेता चुना ही गया। मिल गया ‘‘भोजपुरी का पहला डाँसिंग स्टार’’। जी हाँ, झारखंड की राजधानी राँची के मोहरबादी मैदान में लाखों जनता की उपस्थिति में प्रसिद्ध कोरियाग्राफर व शो की ‘‘बड़की माई’’ सरोज खान ने गोरखपुर के प्रतिभागी अविनाश दुबे को ‘‘डांस संग्राम’’ का विजेता घोषित किया। अविनाश दुबे ने पटना के आनंद ईशान को लगभग 8 लाख वोटों से पछाड़ते हुए ये खिताब जीता। अविनाश को कुल 15 लाख मत प्राप्त हुए और वही आनंद ईशान को 8 लाख। और इसी घोषणा के साथ ‘‘डाँस संग्राम’’ जीतकर जोशीले टीम के नायक अविनाश ने श्वेता तिवारी के जाबांज का सपना तोड़ दिया। और अंततः श्वेता तिवारी पर सम्भावना सेठ भारी पड़ ही गई। ‘‘डाँस संग्राम’’ का खिताब जीतकर अविनाश दुबे ने अपनी लोकप्रियता का लोहा मनवा दिया। अविनाश को ‘‘डांस संग्राम’’ का ट्राफी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने दिया। साथ में अविनाश को 11 लाख रुपए नगद का चेक व एक बाजाज बाईक दी गई। वही उपविजेता रहे आनंद ईशान को 7 लाख रुपए नगद, एक ट्राफी प्रदान की गई। दुल्हन की तरह सजी राँची का मोहराबादी मैदान में एंकर दिनेश लाल यादव ‘‘निरहुआ’’ ने शानदार शुरूआत की और पूरे देश की जनता का अभिवादन किया। फिर झारखंड की ऐतिहासिक ‘‘छऊ’’ नृत्य की प्रस्तुती की गई। फिर उसके बाद तो मंच पर सितारो की बाढ़ सी आ गई। ‘‘डाँस संग्राम’’ के मंच पर भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ, मनोज तिवारी, रवि किशन, पवन सिंह ने एक से बढ़कर प्र्रस्तुतिया दी वही अदाकारा में श्वेता तिवारी व पाखी हेगड़े ने भी दर्शकों का दिल जीत लिया। सम्भावना सेठ ने जानदार आईटम डाँस से पूरे राँची को झूमा दिया। गायिकी मालनी अवस्थी व कल्पना ने भी धमाकेदार प्रस्तुती दी। इसके अलावे ‘‘डांस संग्राम’’ के टाॅप प्रतिभागी रहे गौरी चैत्री, अभिषेक, आत्मजीत सिंह, चाँदनी, अमित कुमार, मा॰ पिन्टु, प्रेरणा, अंजली मिश्रा, प्रदीप मिश्रा, आकाश मुखर्जी, दिपू सिंह, कोमल सिंह ने प्रस्तुतीया दी दर्शकों का मनोरंजन किया। ग्रैण्ड फिनाले के दौरान बतौर मुख्य अतिथि महुआ टी॰वी॰ के सी॰एम॰डी॰ पी॰ के॰ तिवारी उपस्थित थे।
विकलांग लड़के की दास्तां ‘‘दिया और तूफान’’
नम्रता फिल्मस् क्रियेशंस के बैनर तले बनी नए विषयवस्तु की भोजपुरी फिल्म ‘‘दीया और तूफान’’ अब प्रदर्शन को तैयार है ओर जल्द ही बिहार के सिनेमाघरों में धूम मचाने वाली है। आर॰ पी॰ सिंह द्वारा निर्मित व मिथलेश अविनाश निर्देर्शीत इस फिल्म में एक विकलांग लड़के की संघर्ष गाथा को दिखाया गया है। सामाजिक सरोकार से जुड़ी कहानी वाली यह फिल्म कई अर्थों में विभन्न है। ‘‘दीया और तूफान’’ एक ऐसे विकलांग युवक की कहानी है, जो अपनी इस कमजोरी को अपना हथियार बना लेता है। वही बालक जो कल तक समाज के लिए एक बोझ बना था, आज एक डाक्टर बनकर वह उसी समाज का कल्याण करने आ जाता है। नायिका का पिता, जिसने इस विकलांग को तिरस्कृत कर भगा दिया था, आज उसी के अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है और उसे बचाता है, वही युवक। इस फिल्म में मुख्य किरदारों में भोजपुरीया महानायक कुणाल सिंह, बृजमोहन, प्रिया कपूर, प्रिया पांडे, मेहनाज, संजय वर्मा, अशोक त्यागी, सोनिया मिश्रा और कुलदीप है। कर्णप्रिय गीतों व मधुर संगीत से सजी इस फिल्म के गानें गणेश कु॰ काजल, अमित यादव व तस्लीम तन्हा ने लिखें है वही संगीत कुमार पारस का है। बकौल, निर्देशक, मिथलेश अविनाश ‘‘दिया और तूफान’’ ‘‘एक सामाजिक जिम्मेदारी लेकर चलनेवाली फिल्म है, जो कई सार्थक संदेश देती है।’’
दुबई की ‘‘अम्बिका’’ का भोजपुरीया धमाल!
दुबई की रहने वाली आदाकारा ‘‘अम्बिका’’ अब भोजपुरीया पर्दे पर धमाल मचाने आ रही है। जी हाँ, दुबई की बाला ‘‘अम्बिका’’ की पहली भोजपुरी फिल्म ‘‘बलिदान’’ अब सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है। अम्बिका इस फिल्म में बतौर अदाकारा नजर आयेगी जो कि एक पत्रकार की भूमिका में है। फिल्म में अम्बिका के नायक है भोजपुरीया सुपरस्टार रवि किशन। फिल्म में रवि-अम्बिका साथ-साथ ठुमके भी लगाते नजर आयेगें। वी॰ एस॰ फिल्म मेकर एवं प्रोडक्शन कृत इस फिल्म के प्रस्तुतकत्र्ता श्याम परवानी है वही निर्देशन के॰ डी॰ का है। अम्बिका इस फिल्म में अपने भोजपुरीया डाॅयलाॅग खुद बोलते नजर आयेंगी। बाॅलीवुड के जग्गू दादा जैकी श्राॅफ भी इस फिल्म में नजर आयेगें। फिल्म में अदाकारा रिंकूघोष, राजीव दिनकर, गंुजन पंत, अनिल यादव, अयाज खान, धामा वर्म अन्य अहम् पात्रों मंें दिखेगें। बकौल, अम्बिका, दर्शकों कों उनका भोजपुरीया स्टाईल जरूर पसंद आयेगा।
पाखी ने मनवाया लोहा!
भोजपुरी फिल्मों की सबसे सफल व महंगी अदाकारी पाखी ने अब अपने अभिनय का लोहा मनवा दिया है। उन्होंने ये बता दिया कि वे चैलेंजीग भूमिका को बड़े खुबसूरती से निभा सकती है। जी हाँ, पाखी की हालिया रिलीज ‘‘दाग’’ में निभाएँ गए उनके किरदार ने तो सभी को झकझोर कर रख दिया है। उनके किरदार ने दर्शकों को ऐसा बांधा की वो उसमें डूब गए और साथ देने लगे हैं इस किरदार का। और ये नाजारा आजकल देखने को मिल रहा है बिहार के थियेटरों में। रामाकांत प्रसाद की ‘‘दाग’’ मंें पाखी डबल शेड्स में नजर आ रही हैं। वे भोजपुरी किंग निरहुआ की नायिका होने के साथ-साथ उनकी माँ की भी भूमिका में है। एक संघर्षशील महीला जो अपने उपर हुए अत्याचारों का बदला लेती है की भूमिका में कमाल की परफारमेंस करते हुए पाखी ने सभी का दिल जीत लिया है। फिल्म में उनके सशक्त अभिनय क्षमता और इस अंदाज की चैतरफा प्रशंसा हो रही है। ‘‘दाग’’ में पाखी ने जिस खूबसूरती के साथ यंग माँ की भूमिका निभाई है वो देखते बनती है। जैसे ही परदे पर बतौर माँ की चैलंेजीग भूमिका में पाखी की एंट्री होती है दर्शकों अचंभित हो पड़ते है। लेकिन फिर उनका यह नया अंदाज दर्शकों का दिल जीत लेती है और उन्हें भावुक होने पर मजबूर भी करती है। पूछने पर की ‘‘पाखी ने इस नये अंदाज की बात कैसी मानी?’’ तो वे झट से कहती है की ‘‘अभिनेत्री वही है जो हर तरह के किरदार को जीवंत करें। सिर्फ डाॅल की तरह सज-धज के काम करने में मजा नही आता। ‘‘दाग’’ का यह रोल मेरी लिए काफी चैलेंजीग था जिसे की दर्शकों ने काफी पसंद किया है और अब मैं सफल हूँ’’। गौर तलब है कि पाखी द्वारा निभाया गया इस किरदार की तुलना बाॅलीवुड के दिग्गज अदाकारा माधुरी दिक्षित की ‘‘मृत्युदंड’’ व ‘‘दामिनी’’ के मिनाक्षी श्रेसाद्री द्वारा निभाये गए रोल से की जा रही है।
‘त्रिनेत्र’ में दिखेगा धर्मेश का विद्रोही तेवर
‘‘माटी के सौगंध’’ से एक यंग्री मैन के रूप में भोजपुरी सिने उद्योग में अपनी पहचान बनानेवाले धर्मेश अब दूसरी फिल्म इन्फिनिटी इंटरटेन्मेंट की ‘‘त्रिनेत्र’’ में एक विद्रोही युवक मुन्ना सिंह के रूप में दिखायी पड़ेंगे। यह फिल्म नारी प्रताड़ना और दहेज के लिए होते रहे उत्पीड़न के खिलाफ एक बुलंद आवाज़ है। चाचा बने विनय आनंद और पंकज केसरी से जुदा भतीजा धर्मेश के तेवर कुछ अलग ही है। धर्मेश, पूजा सिंह के साथ रोमांस भी करते हैं, पर एक योद्धा की तरह मुन्ना सिंह अपने मिशन पर डटा रहता है। इस फिल्म से धर्मेश को बहुत उम्म्ीद है और संभवतः इसके प्रदर्शन के पश्चात् भोजपुरी के यंग्री यंग मैन के रूप में लोकप्रिय हो जाएं। शाद कुमार द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक एक्शन-ड्रामा है और इसमंे भरपूर मनोरंजन भी है। धर्मेश ने अपने अभिनय की छाप पहली फिल्म ‘माटी के सौगंध’ में ही छोड़ी थी, जिसमें विनय आनन्द के साथ उसकी जय-वीरू सरीखी जोड़ी थी। यह फिल्म सफल रही और धर्मेश की खूब सराहना हुई। पर धर्मेश को अच्छा काम करना है, सो उसने जल्दीबाजी नहीं दिखाई। अभी ‘‘त्रिनेत्र’’ पूरी हो रही है। इसके प्रदर्शन के बाद शुरु होगी ‘‘काली पांडेय’’ की शूटिंग, जिसके एक स्तंभ होंगे धर्मेश। पर फिलहाल तो देखिए ‘‘त्रिनेत्र’’ के मुन्ना सिंह का कारनामा।
भोजपुरी सिनेमा में विशेष योगदान के लिए ‘‘दुर्गा प्रसाद’’ सम्मानित
भोजपुरी फिल्मों की प्रसिद्ध फिल्म प्रस्तुतकर्ता कंपनी ‘‘आदि शक्ति एन्टरटेनमेंट’’ के चेयरमैन दुर्गा प्रसाद मजुमदार को हाॅल ही में मुम्बई में आयोजित पाँचवे भोजपुरी फिल्म अवार्ड के दौरान भोजपुरी सिनेमा के उत्थान हेतु विशेष सहयोग करने के लिए ‘‘भगवती प्रसाद गुप्ता स्पेशल अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया। मुम्बई के गोरेगाँव स्पोटर्स क्लब में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान यह सम्मान दुर्गा प्रसाद को इस अवार्ड समारोह के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने दिया। सम्मान स्वरूप श्री प्रसाद को ‘‘भोजपुरी फिल्म अवार्ड’’ की स्मृति चिन्ह भेंट कि गई। इस सम्मान से सम्मानित हो अभीभूत दुर्गा प्रसाद ने कहा की ‘‘ये सब तो आप सभी का प्यार है मुझे इस योग्य समझा’’। गौरतलब है कि ‘‘आदि शक्ति एंटरटेनमेंट’’ के बैनर तले ‘‘निरहुआ चलल ससुराल, लागल रहड ऐ राजा जी, दिवाना, सात सहेलियाँ, प्रेम के रोग भईल, मर्द नं॰-1 सरीखे फिल्में आ चुकी है और कई फ्लोर पर है।
हर निर्माता की चाहत ‘‘निरहुआ’’!
भोजपुरी फिल्मों के किंग जुबली स्टार दिनेश लाल यादव ‘‘निरहुआ’’ का सिक्का इन दिनों पूरे शबाब पर हैं। आज की भोजपुरी फिल्म उद्योग में ‘‘निरहुआ’’ सफलता का पर्याय बन चुके हैं। इसके साथ ही दर्शकों के चहेते होने के साथ ही ‘‘निरहुआ’’ हर निर्माता की चाहत बन चुके हैं। आज जो भी निर्माता अगर फिल्म निर्माण की सोच करता है तो वह सिर्फ ‘‘निरहुआ’’ की ही नाम पर विचार करता है। इसके साथ ही आप निरहुआ की फिल्मों पर नजर दौड़ाएँ तो उन्हें जिस भी निर्माता ने फिल्म लेकर बनाया वो सदा उन्हें दुहराते रहे हैं। उनके साथ फिल्में बनाते रहे हैं। चाहे वें ‘‘हो गईल बा प्यार ओढ़निया वाली से’’ फेम आलोक कुमार हो या ‘‘लागए एहड ऐ राजा जी’’ फेम रामाकान्त प्रसाद या फिर साऊथ के निर्माता बी॰ ओबुल सुब्बा रेड्डी या प्रसिद्ध निर्माता अभय सिन्हा। आज निरहुआ की दूसरी फिल्म ‘‘हो गईल बा प्यार ओढ़निया वाली से’’ थी और उसे आलोक कुमार ने बनाया था। उसके बाद आलोक कुमार ने निरहुआ के साथ ‘‘निरहुआ चलल ससुराल’’, व ‘‘हो गईनी दिवाना तोहरा प्यार में’’ का निर्माण किया और दोनों ब्लाॅकबस्टर रही। अभी निरहुआ की आलोक कुमार के साथ ‘‘गंगा जमुना सरस्वती’’ आॅन फ्लोर है। ‘‘लागल रहड ऐ राजा जी’’ बनाकर सुर्खीयों में आएँ रामाकान्त प्रसाद ने निरहुआ के साथ ही अबतक फिल्मों को निर्माण किया है। उन्होंने 2008 में ‘‘लागल रहड ऐ राजा जी, 2009 में ‘‘दिवाना’’ और 2010 में ‘‘दाग’’ का निर्माण किया है। और भी वे निरहुआ के साथ ही काम करने की बात करते हैं। इसके अलावे अभय सिन्हा ने ‘‘हम बाहुबली’’, ‘‘परिवार’’, आज के करण ‘‘अर्जुन’’ का सफलता पूर्वक निर्माण निरहुआ को लेकर किया है और अभी ‘‘रणभूमि’’ उनकी फ्लोर पर है। ना सिर्फ भोजपुरी निर्माता निरहुआ की मुरीद है बल्कि साऊथ के भी निर्माता निर्देशकों की चाहत निरहुआ है। बी॰ओबुल सुब्बा राव ने निरहुआ के साथ ‘‘खिलाड़ी नं॰-1’’ व ‘‘निरहुआ नं॰-1’’ का निर्माण किया और अपने डेट का इंतजार कर रहे हैं नवम्बर में। भारतीय मूवी के ‘‘मूवी मूगल’’ डी॰ रामानायडू ने निरहुआ के साथ ‘‘शिवा’’ का निर्माण किया था और अभी दूसरी फिल्म ‘‘टाइगर’’ का भी निर्माण कर रहे हैं। आज हर निर्माता निरहुआ को काफी पसंद कर रहा है और कही ना कही इसका कारण ‘‘निरहुआ’’ का कम्पलीट व्यक्तित्व और लाजबात मेहनत है।
सर्वश्रेष्ठ नवोदित अदाकारा ‘‘शुभी शर्मा’’
फिर से दरोगा की भूमिका में सुदीप पाण्डे!
भोजपुरी फिल्मों के एक्शन स्टार कहे जाने वाले सुदीप पाण्डे अब एक बार फिर से भोजपुरीया पर्दे पर दरोगा की भूमिका को निभाने वाले हैं। पिछले साल ‘‘भोजपुरीया दरोगा’’ में दरोगा की सशक्त भूमिका को जीवंत करने वाले और सफलता की प्राप्त करने वाले सुदीप पाण्डे के दरोगा का यह अंदाज इस बार निर्माता जी॰ के॰ चतुर्वेदी की भोजपुरी फिल्म ‘‘हमार ललकार’’ में देखने को मिलेगा। फिल्म में सुदीप एक कडे और ईमानदार दरोगा की भूमिका में दिखेगें। माँ तीर्थवासी देवी इन्टरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस फिल्म में सुदीप पाण्डे के साथ अदाकारा प्रिया सिंह नजर आयेगी। अनिेकेत मिश्रा निर्देर्शीत इस फिल्म में सुदीप पाण्डे के साथ उमेश सिंह, अनारा गुप्ता, प्रिया शर्मा, निलिमा सिंह, मनोज द्विवेदी, सुनीता शर्मा, विनोद मिश्रा, समीर शेख, जयतिलक, बालेश्वर सिंह, किट्टू व आनन्द मोहन है। तो दर्शक हो जाईए तैयार, सुदीप की दरोगई के जलवे के लिए।
गणपति जल्दी आओ
आर्गन एण्ड यूटीवी के बैनर पर बनी भजन अलबम ‘गणपति जल्दी आओं’ बहुत जल्द श्रोताओं के बीच आने वाली है। इस एलबम की रिकोर्डिंग पावर ऑडियो एण्ड विजन में की गयी साथ ही इसकी पूरी शूटिंग मुजफ्फरपुर में की गयी है। बिहार में पहली बार बनी गणपति भजन इस तरह तैयार किया गया है जिसे सुनकर श्रोता एवं दर्शक झूम उठंेगे। इसके निर्माता प्रकाश चन्द्र जैन व पवन कुमार, निर्देशक दिपाशंकर, गीत गणेश बिहारी, गायक प्रवीण कुमार कटारिया एवं मुकेश नन्दन, संगीत मुकेश नन्दन है। इसके मुख्य कलाकार है अमित जैन, जूली वारसी। प्रोडक्शन मैनेजर है अमित आदर्श एवं शेखर भारती। इस अलबम को आर्गन एण्ड यूटीवी द्वारा रिलीज किया जायेगा। साथ-साथ आगामी एलबम ‘हर हर महादेव’ एवं ‘साई नाम प्यारा रे’ की शूटिंग इसी माह में की जायेगी।
एक नारी की संघर्ष गाथा है ‘‘दामिनी’’
भोजपुरी में हमेशा से मिनिंगफुल फिल्में बनाने के लिए मशहुर रही विजय लक्ष्मी इंटरनेशनल अब दर्शकों के बीच एक नारी की संघर्ष गाथा ‘‘दामिनी’’ को लेकर उपस्थित होने वाली है। फिल्म के प्रस्तुतकत्र्ता अनिल कुमार की माने तो वो कहते है कि एक औरत अगर माँ, बहन, बेटी और पत्नी बनकर अपना ममता बरसा सकती है तो चंडी बनक वह रावण रूपी इंसान को तबाह व बर्बाद भी कर सकती है। कुछ कमोवेश यही कहानी है ‘‘दामिनी’’ की। उनका कहना है कि भारतीय सभ्यता संस्कृति में पति को ही परमेश्वर का दर्जा दिया गया है। नारी जब शादी के वक्त अपने पति के साथ सात फेरे लेती है तो सात वचन निभाने का वादा करती है। इन्हीं सात वचनों पर आधारित है यह फिल्म। फिल्म कुली और चाचा भतीजा के अपार सफलता के बाद निर्माता डॉक्टर सुनील कुमार कि इस फिल्म की कहानी एक ऐसी नारी पर आधारित है जो अपनी पति के मृत्यु के बाद सामाजिक बुराईयों तथा ढकोसलावादी नीतियों से लड़ते हुए न सिर्फ अपने पति के हत्यारों से बदला लेती है बल्कि समाज की गन्दगी कहे जाने वाले रावणरूपी इन्सानों का खातमा भी करती है और शादी के वक्त अपने पति को दिये गये सात वचनों को निभाती है। फिल्म प्रदर्शन के लिए तैयार है और यह फिल्म सम्भवतः 11 जुन को प्रदर्शित होगी। इस फिल्म में मुख्य भूमिका विनय आनंद, रानी चटर्जी, विराज भट्ट, रेखा, शहबाज खान, नारायण प्रसाद, रश्मि, उषा पौडेल व स्वाती वर्मा ने निभाया है। जबकि प्रस्तुतकत्र्ता, अनिल कुमार है। विजय लक्ष्मी इंटरनेशनल के बैनर तले बनी इस फिल्म के लेखक निर्देशक मनोज नारायण, गीत संगीत श्याम देहाती, छायाकार राजू, राम प्रधान है। इस फिल्म में कुल तेरह गाने है। जिसे गाया है कुमार शानू, विनोद राठोड़, रजनीश, इन्दू सोनाली, साधना सरगम, कल्पना, गुड्डू रंगीला व अल्का यज्ञनिक है।
गुरुवार, मई 27, 2010
अब सहारा और इमेजिन पर भी अमित झा
युवा लेखक अमित झा एक के बाद एक नए मुकाम हासिल करते जा रहे हैं। कलर्स चैनल के अनेक धारावाहिकों में स्क्रिप्ट लेखन और इन धारावाहिकों को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाने के बाद अब वे अपनी कला का हुनर इमेजिन टीवी के नए धारावाहिक सर्वगुण संपन्न और सहारा वन के बिट्टो में बिखेर रहे हैं। सर्वगुण संपन्न के लिए जहां वे गीत लिख रहे हैं वहीं बिट्टो की स्क्रिप्ट का जिम्मा अमित झा को सौंपा गया है।
गौरतबल है कि अमित झा कलर्स पर आने वाले धारावाहिक भाग्य विधाता, बैरी पिया, और स्वर्ग के लिए स्क्रिप्ट लेखन कर रहे थे। उनकी शानदार लेखनी का ही कमाल था कि इन धारावाहिको को काफी पसन्द किया गया और इन्हें प्राइमटाइम पर जगह भी मिली।
अमित महज 32 साल के हैं। युवा लेखक के तौर पर टीवी इण्डस्ट्री में उन्होंने अपनी खास जगह बना ली है। हिन्दी के अलावा भोजपुरी में भी अमित को महारत हासिल है। भोजपुरी में लेखक के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ भोजपुरी डॉयलॉग लेखक का अवार्ड भी हासिल हो चुका है।
बुधवार, मई 26, 2010
अब स्टेज शो में रवि का जलवा
भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन का स्टेज पर जलवा इन दिनों बिहार उत्तरप्रदेश के लोगो पर सर चढ़ कर बोल रहा है। जर्मनी की एक कंपनी के बतौर ब्रांड अम्बेसडर रवि किशन ने कंपनी के उत्पाद के प्रचार प्रसार के लिए पिछले एक महीने में इस तरह के एक दर्ज़न शो में भाग लिया । किसी भी अभिनेता द्वारा एक महीने में किया गया यह सर्वाधिक शो है। उल्लेखनीय है की आम तौर पर भोजपुरी जगत में गायकों के शो की ही अच्छी मांग रहती है, लेकिन रविकिशन ने अपनी अदाकारी से स्टेज पर कुछ इस तरह जलवा बिखेरा की कई कंपनियों ने उन्हें शो का ऑफर दिया है वो भी काफी उंची कीमत पर, यही नहीं रविकिशन इन दिनों कई बहु राष्ट्रीय कंपनियो के ब्रांड अम्बेसडर ( बिहार - उत्तरप्रदेश) भी बन गए हैं और वो भी उन्हें शो के लिए अतिरिक्त मुहमांगी रकम अदा कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश के लखनऊ, आजम गढ़ , सहित बिहार के मुज़फ्फर पुर, छपरा, गया आदि जगहों पर रविकिशन के शो में लाखो की भीड़ उमड़ पड़ी। मुजफ्फरपुर में तो शो को सँभालने के लिए भरी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल को मंगवाना पड़ा। रविकिशन के अनुसार वो कभी कभार ही शो किया करते थे, लेकिन शो के माध्यम से ही पता चलता है की उनके प्रशंषक उन्हें कितना चाहते है। बहरहाल भोजपुरी फिल्म, हिंदी फिल्म , टीवी शो के बाद अब रविकिशन ने स्टेज शो में भी महारत हासिल कर ली है।
शुक्रवार, मई 21, 2010
बंबई नगरिया में भोजपुरी भइया
छत्तरपुर में बने फिल्म के इस सेट पर काफी हलचल है. हलचल उस केबिन में भी है जहां फिल्म का एक अहम किरदार अभी-अभी लखनऊ से कांग्रेस की एक रैली में शामिल होकर हेलिकॉप्टर से लौटा है. इतनी थका देने वाली रैली के बावजूद भोजपुरी के इस सुपरस्टार के लिए यह आराम का वक्त नहीं है, रवि किशन को जल्दी ही फिल्म के अगले शॉट की तैयारी करनी है. हिंदी के मुख्यधारा के सिनेमा में तेजी से स्थान बना रहे रवि की यही वह खूबी है जिसकी बदौलत उन्हें भारत के सफलतम निर्देशक मणिरत्नम की रावण और अमेरिकी कंपनी पन फिल्म्स की द मैन फ्रॉम बनारस में काम करने का मौका मिला. रावण में वे अभिषेक बच्चन के बड़े भाई के किरदार में हैं तो अंगेजी फिल्म द मैन फ्रॉम बनारस में वे एक नंग-धड़ंग अघोरी बने हैं. वैसे इस खालिस देसी कलाकार के अंतरराष्ट्रीय फिल्मों से जुड़ाव की यह पहली घटना नहीं है. पिछले दिनों जब कोलंबिया पिक्चर ने स्पाइडर मैन-3 को भोजपुरी में डब करने की योजना बनाई तो कंपनी की एक ही शर्त थी - स्पाइडर मैन के लिए रवि किशन की आवाज ही चाहिए.
इस सुपरस्टार की एक और बड़ी खासियत है उनका हिंदी पट्टी वाला मिलनसार मिजाज. यही वजह है कि बिग बॉस – 2 के दौरान रवि छोटे पर्दे पर सबसे ज्यादा देखे जाने वाले कलाकारों में शामिल रहे और यहीं से वह एक लाइन 'जिंदगी झंडवा फिर भी घमंडवा ' इस अभिनेता की पहचान बन गई. आज रवि, रजनीकांत जैसे भारत के उन गिन-चुने क्षेत्रीय अभिनेताओं में शामिल हो चुके हैं जो शहरी कुलीन तबके के बीच खासा जाना-पहचाना नाम है. अपने केबिन में लगे पलंग पर आराम की मुद्रा में बैठे रवि से जब हमारी मुलाकात होती है तो हमारा पहला वास्ता उनके भोजपुरी सहजता वाले मिजाज की बजाय कुछ किताबी सभ्याचार से पड़ता है. वे अपनी सिगरेट जलाने के पहले औपचारिकता निभाते हुए हमें भी सिगरेट पीने का प्रस्ताव देते हैं. इन औपचारिकताओं को एक बार किनारे कर जब हम बातचीत शुरू करते हैं तो हमें अहसास होता है कि इस अभिनेता का एक ही फलसफा है, जिंदगी अभिनय है और अभिनय जिंदगी. सेट पर लगी फ्लोरेसेंट लाइटों की ओर इशारा करते हुए रवि हमसे कहते हैं,'मैं जब घर में होता हूं तब भी मुझे इस तरह की लाइटिंग पसंद आती है.'
जौनपुर में जन्मे रवि किशन की अभिनय यात्रा की शुरुआत स्थानीय नौटंकियों से हुई थी. यहां वे रामलीला में सीता बना करते थे. लेकिन यह बात उनके पिता को नापसंद थी, रवि बताते हैं, 'मेरे पिता ने पहली बार मेरे रामलीला में काम करने की बात पता चली तो उन्होंने मेरी बेतरह पिटाई की.' हालांकि इस दौरान रवि की मां हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं. पिता से पिटाई के बाद भी उन्होंने अपने बेटे को सीता की भूमिका के लिए साड़ियां देना जारी रखा. अपनी मां के बारे में बात करते हुए रवि कहते हैं, 'जब एक नन्हा पंछी उड़ना चाहता है तो उसकी मां को उसे आगे बढ़ाना चाहिए ताकि वह पंखों का इस्तेमाल करना सीख सके.' बातचीत में अक्सर इस तरह के दार्शनिक अंदाज में आ जाने की खूबी भी रवि के लिए 'राखी का स्वयंवर' (जहां उनका काम राखी सावंत के बड़े भाई बनकर शादी के इच्छुक उम्मीदवारों को जांचना-परखना था) और 'राज पिछले जनम का' (इस कार्यक्रम में उन्हें खुद के बारे में पता चला कि वे एक नागा साधु थे, इस बारे में वे कहते हैं कि उन्हें पता था कि उनकी पिछली जिंदगी उनकी दो सबसे पसंदीदा चीजों- सेक्स या शिव से जुड़ी रही होगी) के दौरान काफी काम की साबित हुई. अपने संघर्ष के दिनों में कई साल मुंबई के लोखंडवाला के एक कमरे वाले फ्लैट के भीतर रहते हुए रवि का एक ही सपना था- अगला अमिताभ बच्चन बनना. हालांकि आज 20 से ज्यादा हिंदी फिल्मों में काम करने के बाद रवि देश में एक जाना-माना चेहरा जरूर बन गए हैं फिर भी बॉलीवुड का महानायक बनने की राह पर उन्हें अभी लंबा सफर तय करना है.
रवि के संघर्ष के दिनों में जब एक दोस्त ने पहली बार यह सलाह दी थी कि उन्हें भोजपुरी फिल्मों में अपनी किस्मत आजमानी चाहिए तब रवि की इस पर गुस्से में प्रतिक्रिया थी, ' भोजपुरी फिल्में देखता कौन है? क्या तुम मेरा करियर बर्बाद करना चाहते हो?' लेकिन बाद में अपनी मां के कहने पर रवि ने इस तरफ सोचना शुरू कर दिया. उस समय भोजपुरी सिनेमा एक ऐसी सल्तनत थी जिसका कोई बादशाह नहीं था. इसी समय 2003 में रवि की पहली भोजपुरी फिल्म सैंया हमार रिलीज हुई. अपनी पहली ही फिल्म से रवि ने उत्तर प्रदेश और बिहार में तूफान मचा दिया और इस फिल्म के बाद ही यह माना जाने लगा कि रवि किशन के रूप में भोजपुरी फिल्मों को सबसे बड़ा सितारा मिल गया है. फिल्म से मिली लोकप्रियता के बारे में बात करते हुए रवि बताते हैं, 'बिहार में एक फिल्म की शूटिंग के दौरान शाम के सात बजते ही मुझे अपने कमरे में बंद कर दिया जाता था क्योंकि वहां की भीड़ मुझसे मिलने के लिए ऐसे टूट पड़ती थी जैसे हमारा होटल ही तोड़ डालेंगे. महिलाएं सिंदूर और मालाएं लेकर बाहर खड़ी हो जाती थीं.'
रवि को अपना और भोजपुरी सिनेमा का 'गॉडफादर' मानने वाले उनके सहायक सागर हमें यह जानकारी देते हैं कि रवि की बदौलत आज भोजपुरी सिनेमा 100 करोड़ से ज्यादा का उद्योग है और इसमें 40 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है. रवि के मेकअप मैन हितेश के लिए वे उसके असली हीरो हैं. तकरीबन 130 भोजपुरी फिल्मों में रवि का मेकअप कर चुके हितेश कहते हैं, 'मैं अपने आखिरी वक्त तक सर के साथ रहना चाहता हूं.' फिल्म वेलकम टू सज्जनपुर के निर्देशक श्याम बेनेगल रवि के बारे में कहते हैं, 'मैंने उन्हें अपनी फिल्म (वेलकम टू सज्जनपुर) के लिए इसलिए चुना था क्योंकि उन्हें हर तरह की भूमिका में महारत हासिल है, साथ ही उनमें भोजपुरी अंदाज की सहजता भी है. हालांकि उनके साथ काम करते हुए मैंने पाया कि वे जितने कमाल के अभिनेता हैं उतनी ही जबर्दस्त उनकी कॉमेडी टाइमिंग है, इसके अलावा वे खूबसूरत तो हैं ही.'
रवि किशन के लिए बिग बॉस से बाहर होना भी बेहद यादगार मौका था. उस वक्त उन्हें कई लोगों ने फोन किए थे. तब रवि को पहली बार एहसास हुआ था कि शहरी अंग्रेजीदां युवा उनको उसी सहजता के साथ स्वीकार कर रहा है जितना वह अक्षय कुमार को करता है. लेकिन उन्हें यह भी एहसास था कि उन्हें अक्षय के गढ़ बॉलीवुड में स्वीकार्यता के लिए अभी काफी इंतजार करना है. इससे जुड़ी अपनी पीड़ा बताते हुए रवि कहते हैं, 'बिग बॉस के प्रतिभागी मुझे भोजपुरी एक्टर कहकर बुलाते थे, जबकि मैं उतनी ही अच्छी बंगाली, मैथिली और मराठी बोल सकता हूं. सालों तक मैंने उर्दू थिएटर में काम किया है. फिर भी वे मेरे साथ ऐसा व्यवहार करते थे जैसे मैं उनकी कैटिगरी का नहीं हूं.'भोजपुरी सिनेमा में रवि किशन सबसे बड़ा नाम हैं. ऐसे में बॉलीवुड के चरित्र किरदारों के लिए चुने जाने से पहले रवि के सामने सबसे पहली चुनौती इस छवि से निजात पाना ही थी. रवि के लिए मुख्यधारा के हिंदी सिनेमा में प्रवेश का काम श्याम बेनेगल ने सुगम बनाया. उन्होंने अपनी फिल्मों वेलकम टू सज्जनपुर और वेलडन अब्बा में उन्हें मौका देकर उनके आगे की राह साफ कर दी. बेनेगल कहते हैं, 'उन्होंने बॉलीवुड का सपना जिया है, और उन्हें उसमें बुरी तरह असफल होने का भी एहसास है. इसलिए इस आदमी में सिर उठाकर और एक ताजेपन के साथ आगे बढ़ने की काबिलियत है.' तो क्या बॉलीवुड में देर से लेकिन इतनी जबर्दस्त पहचान उनके सालों के संघर्ष का मुआवजा है? इस सवाल पर रवि कहते हैं, 'यह सब किस्मत की बात है. मैं पूरी जिंदगीभर शिवभक्त रहा. मुझे पता था कि सफलता के लिए जिंदगीभर इंतजार नहीं करना पड़ेगा- अब मेरा वक्त आ चुका है.'
Courtesy Tehalaka
गुरुवार, मई 20, 2010
घर में ही भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को छत मयस्सर नहीं : रवि किशन
मुजफ्फरपुर। भोजपुरी फिल्में अब देश एवं प्रदेश की सीमा लांघ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न सिर्फ अपनी पहुंच बना चुकी हैं बल्कि भाषाई मिठास और अपनी सांस्कृतिक छवि के कारण पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। दो-दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी भोजपुरी फिल्म ने पहली बार कान फिल्म महोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। रवि किशन अभिनीत भोजपुरी फिल्म 'जला देम दुनिया तोरा प्यार में' का प्रदर्शन कान में किया जा रहा है। वहीं मणिरत्नम की फिल्म 'रावण' का प्रदर्शन कान में हो रहा है जिसमें रवि किशन ने अभिषेक बच्चन के बड़े भाई की भूमिका निभाई है। रावण के माध्यम से भी भोजपुरी व भोजपुरी के कलाकार कान फिल्म महोत्सव में दस्तक दे रहे हैं। वर्ष 2000 में 'सैंया हमार' से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपना कैरियर आरंभ करने वाले रवि किशन ने एक दशक में भोजपुरी फिल्मों को नया आयाम दिया हैं। गुरुवार को मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए भोजपुरी फिल्मों के महानायक रवि किशन होटल क्लासिक में दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ रीजनल फिल्म इंडस्ट्रियों में होने लगी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि बहुत जल्द भोजपुरी फिल्म जगत की पहुंच बहुत जल्द आस्कर तक बन जाएगी।
लेकिन साथ ही कई ऐसी समस्याएं हैं जिनपर गंभीरता पूर्वक सोचना जरूरी है। प्रतिवर्ष एक सौ फिल्में बनाने वाली एवं एक हजार करोड़ के टर्न वाली भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को अपने जमीन पर छत मयस्सर नहीं। यूपी व बिहार में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को छत मिल जाए तो दोनों राज्यों के न सिर्फ हजारों परिवार को रोजी रोटी मिलेगी बल्कि सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये के आय का स्त्रोत मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी कठिनाई के कारण प्रतिवर्ष एक सौ से अधिक भोजपुरी फिल्मों का निर्माण मुंबई, गुजरात एवं अन्य राज्यों में जाकर करना पड़ता है। इससे इन राज्यों को प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ का लाभ मिलता है।
श्री किशन ने कहा कि बिहार बदल रहा है। हर क्षेत्र में विकास की नई पहल हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार में स्टूडियो स्थापना की बात की। बकौल रविकिशन, मुख्य मंत्री सहमत हैं और जल्द ही एक सौ एकड़ भूखंड राज्य में उपलब्ध कराया जाएगा ताकि बिहार में भोजपुरी फिल्म को उद्योग के रुप में विकसित किया जा सके।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजनीति करने का उनका नशा उतर चुका है। वे अब राजनीति में जाकर कुएं का मेढ़क नहीं बनना चाहते। भविष्य में अब न उनकी चुनाव लड़ने की योजना है और न किसी दल के लिए प्रचार करने की। वे एक कलाकार के रूप में बिहार के विकास में अपनी भूमिका निभाने की मंशा रखते है।
बुधवार, मई 19, 2010
अवधेश की दिलेरी
भोजपुरी फिल्मो के सबसे बड़े खलनायक अवधेश मिश्र की दिलेरी की चर्चा इन दिनों भोजपुरी फिल्म जगत में आम है। पिछले दिनों सिलवासा में निर्मात्री मोनिका सिन्हा की निरहुआ स्टारर फिल्म लोफर की शूटिंग के दौरान अपने हाथ से शीशा तोड़कर अस्पताल पहुँचने वाले अवधेश ने अपने गहरे ज़ख़्म की परवाह किये बिना ही मात्र तीन दिन बाद बाकी की शूटिंग पूरी की वो भी तब जब उनके ज़ख़्म का टांका भी नहीं कटा था। पांचवे भोजपुरी फिल्म अवार्ड में सर्वश्रेष्ठ खलनायक का पुरस्कार पा चुके अवधेश कहते हैं की शूटिंग के दौरान घायल होना एक हादसा था, अगर उनकी वजह से कुछ दिन और शूटिंग रूकती तो निर्माता को भारी नुकसान उठाना पड़ता , इसीलिए उन्होंने अपने ज़ख़्म की परवाह नहीं की। उल्लेखनीय है की हादसे की वजह से अवधेश को दो दिनों तक वापी के अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था।
गुरुवार, मई 13, 2010
पांचवे भोजपुरी फिल्म अवार्ड
भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार रविकिशन ने लगातार पांचवी बार भोजपुरी के सर्वश्रेष्ट अभिनेता का खिताब जीता है। वहीँ सर्वश्रेष्ट अभिनेत्री का खिताब जीता पाखी हेगड़े ने। सर्वश्रेष्ट फिल्म का खिताब मिला अभय सिन्हा - अजय सिन्हा की फिल्म परिवार को, इसी फिल्म के लिए निर्देशक असलम शेख ने लगातार दूसरी बार सर्वश्रेष्ट निर्देशक का अवार्ड पाया । अपने जमाने की प्रख्यात अभिनेत्री जय श्री टी को लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड से व भोजपुरी फिल्मो के बड़े प्रस्तुतकर्ता दुर्गा प्रसाद को विशनाथ प्रसाद शहवादी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं अवधेश मिश्रा को खलनायकी में सिरमोर माना गया। बुधवार की रात मुंबई के गोरेगांव स्पोर्ट्स क्लब में विनोद गुप्ता द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में रंगारंग कार्यक्रम के बीच २८ श्रेणियों में अवार्ड दिया गया। म्यूजिक केटेगरी में सारे अवार्ड निर्माता निर्देशक आर.एस.दुबे की फिल्म उमरिया कईली तोहरे नाम को मिला। गायिका का अवार्ड स्वर कोकिला लता मंगेशकर को, संगीतकार का अवार्ड राम लक्षमण को और गीतकार का अवार्ड विनय बिहारी को मिला। इसी फिल्म के लिए नवोदित अभिनेता का पुरस्कार आशीष गुप्ता को मिला। सर्वश्रेष्ट गयाक का अवार्ड मिला उदित नारायण को। नवोदित अभिनेत्री का अवार्ड चलनी के चालाल दूल्हा के लिए शुभी शर्मा को मिला। पांचवे भोजपुरी फिल्म अवार्ड में रवि किशन व निरहुआ की फिल्मो का ही वर्चस्व रहा। रविकिशन को निर्देशक हेरी फ़र्नान्डिस की फिल्म भूमिपुत्र के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का, मुश्ताक खान को बेस्ट कोमेडियन का और हेरी को सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सीमा सिंह को सर्वश्रेष्ठ आइटम गर्ल का खिताब मिला अवार्ड पाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविकिशन ने कहा की जब पहला अवार्ड हो रहा था तब भोजपुरी फिल्मे अपने शुरुवाती दौर से गुजर रही थी। आज पांचवे साल भोजपुरी फिल्मे कान फिल्म फेस्टिवल तक पहुँच चुकी है।
मंगलवार, मई 11, 2010
कुंछ यूं दिखेगा ‘‘भोजपुरिया देवदास’’!
हिन्दी व साऊथ की भाषा में बनने के बाद भोजपुरी में बन रही है ‘‘देवदास’’। शुटिंग के पहले हर कोई कयास लगा रहा था कि भोजपुरी का ‘‘देवदास’’ कैसा दिखेगा? क्या होगी उसकी पोशाक? क्या वे देशी होगा या शहरी? फिल्म की शुटिंग हुई और अब निर्माता उमेश सिंह ने ‘‘भोजपुरिया देवदास’’ के लुक को जारी कर दिया है। जी हाँ, देवदास बने रवि किशन, पूरे तरह से देशी अंदाज में नजर आ रहे हैं। वे उजली भागलपुरी कुत्र्ता में है और उनकी आँखे नशीली है। सिगमा सिनेविजन के बैनर तले बनी ‘‘देवदास’’ की हाल ही में प्रथम शेडयूल समाप्त हुई है जिसमें देवदास और चंद्रमुखी से संबंधित दृश्यों को चित्रित किया गया है। पटना के विभिन्न स्थलों में इसकी शुटिंग की गई। भोजपुरीया देवदास में अभिनेता रवि किशन ‘‘देवदास’’ की भूमिका में है वही ‘‘पारो’’ बनी है भाग्यश्री व ‘‘चंद्रमुखी’’ मोनालीसा। किरणकांत वर्मा द्वारा लिखित - निर्देर्शीत इस फिल्म का ‘‘देवदास’’ पूरे भोजपुरीया अंदाज में नजर आयेगा। इस फिल्म के सह-निर्माता अवधेश अग्रवाल है। फिल्म की सेकेन्ड सिड्यूल जल्द ही शुरू की जायेगी।
सोमवार, मई 10, 2010
नायिका मोना का सेक्सी अवतार
फिल्म जगत वैसे तो सैकड़ो कलाकार अपनी किस्मत आजमाने आते है, लेकिन यहाँ आने के बाद सभी को इस सच्चाई से देर सबेर रू-ब-रू होना ही पड़ता है कि फिल्म जगत में कामयाब होने के लिए अंततः अथाह प्रतिभा, लगन व धैर्य की आवश्यकता होती है। वैसे ये भी सच है कि इन सब के बावजूद फिल्म जगत में भाई-भतीजावाद के आधार पर कई कलाकारों को आसानी से सफलता मिल जाती है। लेकिन उससे भी बड़ी सच्चाई ये है कि वैसे कलाकारों को भी अंततः अपनी प्रतिभा के बल पर ही अपना मुकाम बनाना पड़ता है और जिनके पास ऐसा कोई सहारा न हो तो उन्हें सिर्फ और सिर्फ अपनी मेहनत, लगन, जुनून व प्रतिभा पर विश्वास कर अपने ही तरीके से अपना रास्ता बनाना पड़ता है। ऐसे कलाकारों की कामयाबी उन्हें काबिले-तारीफ बनाती है। ऐसे ही कलाकारों में भोजपुरी की जानी-मानी अभिनेत्री मोना राय को लिया जा सकता है। मूलतः दरभंगा बिहार की रहने वाली मोना ने अपने ही शहर से रंगमंच पर अभिनय करने से अपने अभिनय कैरियर की शुरूआत की और वहीं से मैथिली फिल्म ‘सस्ता जिनगी महंग सेनुर’ से फिल्मों में भी प्रवेश किया। फिल्म जगत में अपनी एक मुक्कमल पहचान की चाहत ने मोना को मुंबई आने पर विवश किया। मुंबई ने मोना को संर्घष से जहाँ दो-चार किया वही अपना रास्ता अपने तरीके से बनाने के लिए भी पारित किया, जिसके परिणामस्वरूप मोना ने पहले अपनी अभिनय प्रतिभा को दिखाने के मकसद से धारावाहिकों, फिल्मों में बतौर नायिका के बदले महत्वपूर्ण किरदार निभाना उचित समझा और अपने मौके का इंतजार करती रही। मोना ने इससे पूर्व कब होई गवना हमार, कब कहबा तू आई लव यू, तू बबूआ हमार, इ रिश्ता अनमोल बा, मंगल सूत्र, हमार बियाह तोहरे से होई, गोरकी पतरकी रे जैसे भोजपुरी फिल्मों के साथ-साथ हिंदी फिल्म एक से बुरे-दो, चल धम्मा की और के साथ-साथ धरावाहिक नबाब सिराजुद्दौला, निजान, कामना, जय श्री कृष्णा, शंकुतला, धरती के लाल, जैसे धारावाहिको ने महत्वपूर्ण भूमिकाओं में अपनी दमदार अभिनय प्रतिभा से निर्माताओं और निर्देशकों की नजर में मुख्य भुमिका की दावेदार लगने लगी। लेकिन यह भी सच्च है कि फिल्म जगत में जल्दी कोई रिश्क लेना नहीं चाहता। मोना को बतौर नायिका अनुबंधित करने का निर्णय सबसे पहले जब मनीषा नागेश पुजारी ने अपनी फिल्म मेला में सैय्या भूलाईल हमार से लिया तो फिर अन्य निर्माता निर्देशकों को भी मोना को बतौर नायिका अनुबंधित करने का मौका मिल गया जिसके परिणाम स्वरूप सेवन स्टार क्रियेशन के बैनर तले निर्मिता अनंजय रघुराज व निर्देशक मनोज श्रीमती ने आगामी दो फिल्म बृजवा के बारात व बाली उमर के सलाम के लिए अनुबंधित कर लिया। इसके अलावा कई निर्माताओं ने बतौर नायिका के लिए अनुबंधित करने की तैयारी में है जिन्हें मोना अभी जहिर नहीं करना चाहती। बतौर नायिका मोना अपनी फिल्म इ-मेला में सैय्या भूलाईल हमार के विषय में कहती है, ये फिल्म भोजपुरी इंडस्ट्री में एक नया टैªड साबित करेगी। क्योंकि फिल्म के गाने व कथा वस्तु पर वैसे भी पहले से भोजपुरी इंडस्ट्री की नजर पड़ी है, सोने पे सुहागा ये है कि फिल्म के निर्देशक हामिद अली जिन्होंने कई हिंदी फिल्मों का निर्देशन किया है वो भोेजपुरी में पहली बार इस फिल्म में प्रवेश कर रहे हैं। मोना भोजपुरी इंडस्ट्री में सबसे प्रतिभाशाली अभिनेता रवि किशन को स्वीकार करते हुए यह कहती है कि रवि किशन न सिर्फ प्रतिभाशाली अभिनेता है बल्कि सबसे मेहनती व संजिदा इंसान भी है। रवि किशन की सबसे बड़ी बात जो उन्हें प्रेरित करती है वो ये है कि उन्हांेने अपना मुकाम अपनी मेहनत व प्रतिभा के बल पर बनाया है इसलिए, मोना रवि किशन के संघर्ष को अपना प्रेरणा समझती है। फिल्म जगत में विनय बिहारी, उदित नारायण, आनंद घटराज, कुणाल सिंह, रवि किशन, दिनेश लाल यादव, पवन सिंह व मनोज तिवारी के अनवरत मिलनेवाले सहयोग को मोना अपनी ताकत स्वीकार करती है।
अभिनेता अवधेश मिश्रा घायल
भोजपुरी फिल्मो के प्रसिद्द खलनायक अवधेश मिश्रा सिलवासा में शूटिंग के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। उन्हें वापी के एक निजी अस्पताल में भारती कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार अवधेश मिश्रा निर्मात्री मोनिका सिन्हा की फिल्म लोफर की शूटिंग सिलवासा में कर रहे थे। फिल्म के क्लाइमेक्स में अवधेश मिश्रा का दिनेश लाल यादव निरहुआ के साथ जबरदस्त फाईट सीन था। दृश्य में अवधेश अपने मुक्के से शीशा तोड़ते हैं। आम तौर पर इस तरह के दृश्य के लिए विशेष तरह का शीशा इस्तेमाल होता है परन्तु इस दृश्य को फिल्माने के लिए जो शीशा मंगवाया गया था वो काफी मजबूत था। इसकी जानकारी न तो निर्मात्री मोनिका सिन्हा को थी और न ही अवधेश को। दृश्य के दौरान जैसे ही अवधेश ने शीशे पर मुक्का मारा उनका हाथ बुरी तरह से लहू लुहान हो गया । तत्काल उन्हें पहले नजदीकी अस्पताल फिर वापी के अस्पताल में दाखिल कराया गया जहां सर्जरी द्वारा उनके हाथ में धसे शीशे को बाहर निकाला गया । डाक्टरों ने उन्हें फिलहाल शूटिंग से दूर रहने की सलाह दी है।
बुधवार, मई 05, 2010
पहली बार कांस फिल्म फेस्टिवल में भोजपुरी फिल्म
भोजपुरी फिल्म जगत के पचास साल के इतिहास में पहली बार एक भोजपुरी फिल्म कांस फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली है। भोजपुरी के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन अभिनीत व अमेरिकन फिल्म निर्माण कंपनी पन फिल्म्स के बैनर तले निर्मित फिल्म जला देब दुनिया तोहरा प्यार में को कांस फिल्म फेस्टिवल के लिए चुना गया है। उल्लेखनीय है की इसके पूर्व रविकिशन अभिनीत फिल्म कब होई गवना हमार को पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था। पन फिल्म्स के प्रमुख सुधीर कदम आई.आई.टी.खड़गपुर से पास आउट है। पन फिल्म्स ने इसके पूर्व अवार्ड विन्निग अंग्रजी फिल्म फोर्चून टेलर व ट्रोमा का निर्माण किया है। होलीवूड से लौटने के बाद सीधे भोजपुरी फिल्म निर्माण में जुड़ने के सम्बन्ध में उन्होंने कहा की भारत में हिन्दी फिल्मों की स्थिति फिलहाल अच्छी नहीं है। मात्र 10 प्रतिशत फिल्में ही चल रही है। इसके विपरीत भोजपुरी में फिल्में सही हो तो चल ही जाती है। रही बात मराठी, भोजपुरी की, तो भोजपुरी आज राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज हो रही है। ओवर सीज मार्केट भी इसका हो चला है। इन सारी बातों को ध्यान में रखकर ही मैंने भोजपुरी में फिल्म निर्माण का जिम्मा लिया। कांस फिल्म फेस्टिवल में उनकी फिल्म को शामिल करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविकिशन ने कहा की उनका सपना भोजपुरी फिल्म को ऑस्कार अवार्ड में भी देखना है। उन्होंने कहा की भोजपुरी को मिले इस सम्मान से पूरे भोजपुरी जगत को गर्व है।
बोबी सिंह को करंट मारेगी गोरिया
भोजपुरी फिल्म निर्माण में सबसे कम ‘रिस्क’- सुधीर कदम
मुंबई में जहाँ, हिंदी, भोजपुरी, मराठी के तकरार के नाम पर रोटियां सेंकने का काम हो रहा है, वहीं मराठी के प्रसिद्ध निर्माता बानकृष्ण कदम के सुपुत्र सुधीर कदम जो आई.आई.टी से पास आऊट इंजीनियर हैं होलीवूड से लौटने के बाद सीधे भोजपुरी फिल्म निर्माण में भिड़ गए। उनकी पहली भोजपुरी फिल्म जिसका शीर्षक है ‘‘जला देब दुनिया तोहरा प्यार में’’ और निर्देशक है धीरज कुमार। अन्तर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सवों में प्रशंसित ‘‘फोर्चून टेलर’’ के निर्माता सुधीर कदम ने अंग्रेजी के पश्चात् हिन्दी, मराठी न बनाकर सीधे भोजपुरी फिल्म बना डाली......इस बात पर उनसे हुई बेबाक बातचीत का प्रमुख अंश प्रस्तुत हैं आपके लिए-
होलीवूड के मेकर को अचानक भोजपुरी बनाने की कैसे सूझी ?
हाँ, प्रायः मुझसे यह प्रश्न पूछा जाता है की अंग्रेजी फिल्में बनाने के बाद आप सीधे भोजपुरी पर कैसे आ गए ? आपको हिन्दी बनानी चाहिए थी या महाराष्ट्रीयन होने के नाते मराठी। पर, यह फिल्म मैंने एक मेकर के रूप में गुणा-भाग कर के बनायी। मैंने देखा, भारत में हिन्दी फिल्मों की स्थिति फिलहाल अच्छी नहीं है। मात्र 10 प्रतिशत फिल्में ही चल रही है। इसके विपरीत भोजपुरी में फिल्में सही हो तो चल ही जाती है। रही बात मराठी, भोजपुरी की, तो भोजपुरी आज राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज हो रही है। ओवर सीज मार्केट भी इसका हो चला है। इन सारी बातों को ध्यान में रखकर ही मैंने भोजपुरी में फिल्म निर्माण का जिम्मा लिया।
अपने निर्माण टीम के बारे में बताए ?
व हम पन फिल्म्स् के बैनर तले फिल्में बनाते हैं। मेरी पत्नी तेजस्वी कदम मेरी दोनों अंग्रेजी फिल्मों ‘फोर्चून टेलर’ और ‘ट्रोमा’ की डायरेक्टर रही है। इस फिल्म में वह सहयोगी है। ‘फोर्चून टेलर 2006 के इण्डो अमेरिका फिल्म फेस्टिवल में सराही गयी थी।
क्या है, ‘‘जला देग दुलियां तोहरे प्यार में’’ में ?
यह एक ऐसे युवक की कहानी है, जो प्यार एक प्यारी सी लड़की से करता है, पर उसके प्यार की डोर दूसरे से बांधने की कोशिश की जाती है। कैसे वह अपने प्यार को हासिल करने का बीड़ा उठाता है, यही है फिल्म की मूल कहानी।
क्या यह बदले की कहानी है ?
नहीं, प्यार पाने की कसम है और इसकी विशेषता है रवि किशन का लाजबाब अभिनय। साथ में शिखा, अवधेश मिश्रा, कोमल ढिल्लो का सहयोग और राजेश-रजनीश का प्यारा संगीत।
आगे ?
अंग्रेजी में ‘‘अघोरी-मैन फ्रॉम बनारस’’। रविजी अघोरी हैं। इस अंग्रेजी फिल्मको मेरी पत्नी तेजस्वी कदम और विक्टोरिया सेगी निर्देशित करेंगे।
मंगलवार, मई 04, 2010
पांचवे भोजपुरी फिल्म अवार्ड में रवि किशन - निरहुआ की फिल्मो का वर्चस्व
आगामी बारह मई को होने वाले पांचवे भोजपुरी फिल्म अवार्ड में इस बार रवि किशन और दिनेश लाल यादव निरहुआ की फिल्मो का वर्चस्व है। कुल २६ श्रेणी में दिए जाने वाले इस अवार्ड में ऐसा पहली बार हुआ है जब आयोजक विनोद गुप्ता ने नामांकित लोगो का नाम जाहिर किया है। मुंबई में आयोजित एक संवाददाता सम्मलेन में भोजपुरी फिल्मो के शो मेन मोहन जी प्रसाद, अभिनेत्री कुनिका लाल, उद्योगपति श्री पटवा, सुरेन्द्र पाल, भोजपुरी अवार्ड समिती से जुड़े प्रमोद पांडे, कमला प्रसाद यादव, राजकपूर तिवारी, आदित्य की मौजूदगी में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष कृपा शंकर सिंह ने नामांकित लोगो के नाम की घोषणा की। बेस्ट एक्टर श्रेणी में रवि किशन दो फिल्मो के लिए , निरहुआ दो फिल्मो के लिए व पवन सिंह एक फिल्म के लिए नामांकित हैं। इसी तरह बेस्ट फिल्म की श्रेणी में रविकिशन अभिनीत दो व निरहुआ अभिनीत तीन फिल्मो का समावेश है। जहां तक फिल्मो की बात है तो साल २००९ में रिलीज़ हुई ५२ फिल्मो में से ३२ फिल्मो ने अवार्ड समिती के पास आवेदन भेजा था जिनमे से चार फिल्मो के प्रिंट जूरी के पास नहीं आने के कारण उनका आवेदन रद्द कर दिया गया । इस तरह २८ फिल्मो को ही अवार्ड की श्रेणी में शामिल किया गया। इन फिल्मो में रवि किशन अभिनीत आपन माटी आपन देश को सर्वाधिक १९ श्रेणी में अवार्ड के योग्य पाया गया है। इसके बाद हेरी फर्नांडिस निर्देशित व रवि किशन अभिनीत भूमिपुत्र को १७ श्रेणी में नामांकन मिला है। प्रसिद्द निर्माता अभय सिन्हा - अजय सिन्हा की असलम शेख निर्देशित व दिनेश लाल यादव निरहुआ अभिनीत परिवार को १६ श्रेणी में अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है। निरहुआ की होम प्रोडक्शन फिल्म निरहुआ के प्रेम के रोग भईल को ११ श्रेणी में नामांकन मिला है। इसके बाद नंबर आता है निर्माता निर्देशक आर.एस.दुबे की फिल्म उमरिया कईली तोहरे नाम का। साल २००९ की बेहतरीन संगीत से सजी इस फिल्म के लिए स्वर कोकिला लता मंगेशकर को सर्वश्रेष्ट गायिका के लिए, प्रसिद्द संगीतकार राम लक्ष्मण को सर्वश्रेष्ट संगीत के लिए नामांकन हासिल हुआ है। साल २००९ की ब्लोकबस्टर निर्माता रमाकांत प्रसाद , निर्देशक राजकुमार.आर.पाण्डेय की निरहुआ अभिनीत दीवाना को सात विभाग के लिए नामांकन हासिल हुआ है। रवि किशन की होम प्रोडक्शन फिल्म बिहारी माफिया को भी ६ श्रेणियों में नामांकन हासिल हुआ है। यु.डी.मूवी की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक आनद गहतराज की रविकिशन अभिनीत फिल्म क़ानून हमरा मुट्ठी में को तीन अलग अलग श्रेणियों में नामांकन हासिल हुआ है। जहां तक निजी अवार्ड की बात है गायक उदित नारायण को सर्व श्रेष्ट गायक के लिए तीन अलग अलग फिल्मो के लिए नामांकन हासिल हुआ है। अभिनेता ब्रिजेश त्रिपाठी को दो , मनोज टाइगर को २ और बेडमेन अवधेश मिश्रा को सर्वश्रेष्ट खलनायक के लिए दो अलग अलग फिल्मो के लिए नामांकन हासिल हुआ है। जूनियर निरहुआ यानी प्रवेश लाल यादव नवोदित अभिनेता की श्रेणी में नामांकित हैं । कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है की पांचवे भोजपुरी फिल्म अवार्ड में रविकिशन व निरहुआ का ही वर्चस्व रहेगा।
पांचवे भोजपुरी फिल्म अवार्ड के दावेदार
Aapan Mati Aapan Desh [Ravi Kishan],
Bhoomiputra [Ravi Kishan],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Dineshlal Nirahua],
Pariwaar [Dineshlal Nirahua] &
Odania Kamal Kade [Pawan Singh]
Best Actress
Pariwaar [Pankhi Hegde],
Kishan Arjun [Rinku Ghosh],
Aapan Mati Aapan Desh [Sweety Chhawara],
Dewaana [Pakhi Hegde]
Umariya Kaili Tohre Naam [Rani Chhatarjee]
Aapan Mati Aapan Desh [M.I. Raj],
Bhoomiputra [Heri Fernadish],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Farogh Ahmed Siddiqui],
Pariwaar [Aslam Shekh] &
Diwana [Rajkumar R. Pandey]
Best Film
Aapan Mati Aapan Desh [Jai Kishan & Ashish Kedia],
Bhoomiputra [A.M. Khan],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Nirahua International],
Pariwaar [Abhay Sinha & Ajay Sinha],
Diwana [Ramakant Prasad]
Baah Khiladi Baah [Abdhesh Mishra],
Bihari Mafia [Shailendra Shrivastava],
Aapan Mati Aapan Desh [Anupam Shyam],
Pariwaar [Brajesh Tripathi] &
Odania Kamal Kade [Abdhesh Mishra]
Negative [Female]
Tohar Naikhe Kauno Jod Tu Bejod Badu Ho[Rani Singh],
Sajana Sajaida Mang [Rani Singh] &
Toharekaran Gail Bhaisia Pani Men [Rani Mehta]
Comedian
Bhoomiputra [Mustaq Khan], Kishan Arjun [Manoj Tiger],
Music
Pariwaar [Dhannajay Mishra “Pyar ke chhand bahiya me aaye ki na”],
Umaria Kaili Tohare Naam [Ram Laxman “Tan Ganga man prem ki”],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Kumarjeet “Pal bhar ke judai”],
Aapan Mati Aapan Desh [R.P. Thakur “Chhut jai hamse jo Aapan mati”] &
Tohar Naikhe Kauno Jod Tu Bejod Badu Ho [Aman Sholok “Matja Balamua ”]
Singer [Male]
Pariwaar [Udit Narayan “Pyar ke chhand bahiya me aaye ki na”],
Bhoomiputra [Udit Narayan “Bin soche samjhe”],
Umaria Kaili Tohre Naam [Udit Narayan “Phool ban ke chaman men”],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Kumar Sanu “Pal bhar ke judai”] &
Aapan Mati Aapan Desh [Moh. Ajij “Chhut jai hamse jo Aapan mati”]
Singer [Female]
Umaria Kaili Tohare Naam [Lata Ji “Tan Ganga man prem ki”],
Tohar Naikhe Kauno Jod Tu Bejod Badu Ho [Indu Sonali “Matja Balamua ”],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Sadhana Sargam “Pal bhar ke judai”],
Bhoomiputra [Ujaini “Bin soche samjhe”]
Umaria Kaili Tohre Naam [Dipa Narayan “Phool ban ke chaman men
Lyricist
Pariwaar [Vinay Bihari “Pyar ke chhand bahiya me aaye ki na”],
Umaria Kaili Tohare Naam [Vinay Bihari “Tan Ganga man prem ki”],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [S.K. Chauhan “Charan ke dhul”],
Aapan Mati Aapan Desh [S.K. Chauhan “Chhut jai hamse jo Aapan”] &
Tohar Naikhe Kauno Jod Tu Bejod Badu Ho [Santosh singh “Matja Balamua ”]
Story
Pariwaar [Surendra Mishra],
Odania Kamal Kade [Omprakash Yadav], Bhoomiputra [A.M. Khan],
Dewaana [Santosh Mishra]
Aapan Mati Aapan Desh [S.K. Chauhan]
Screenplay
Pariwaar [Aslam Shekh],
Bhoomiputra [Heri Fernadish],
Aapan Mati Aapan Desh [S.K. Chauhan],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Farogh Ahmed Siddiqui]
Dewaana [Santosh Mishra]
Dialogue
Bhoomiputra [Heri Fernandish],
Pariwaar [Surendra Mishra],
Aapan Mati Aapan Desh [S.K. Chauhan]
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [S.K. Chauhan]
Bihari Mafia [Amit Jha]
Debut [Female]
Chhalani Ke Chhalal Dulha [Subhi Sharma],
Debut [Male]
Chhalani Ke Chhalal Dulha [Praveshlal Yadav],
Dulha Phoonke Chhulah [Akash Sulabh],
Kishan Arjun [Anuj Sharma],
Umaria Kaili Tohare Naam [Ashish Gupta] &
Dahakela Jiara Hamar [Manan Tiwari]
Supporting [Female]
Bhoomiputra [Mansi Pandey],
Dulha Phooke Chhulha [Upashna Singh],
Diwaana [Bandani Mishra]
Tohar Naikhe Kauno Jod Tu Bejod Badu Ho [Divya Dubedi] &
Umaria Kaili Tohre Naam [Pushpa Verma]
Supporting [Male]
Aapan Mati Aaapan Desh [Sudesh Bedi],
Kishan Arjun [Gaurav Ghai],
Kanoon Hamara Muthi Men [Brajesh Tripathi],
Bhoomiputra [Manoj Tiger]
Sajana Sajaida Mang [Kunal Singh]
Item Dance
Tohar Naikhe Kauno Jod Tu Bejod Badu Ho [Sima Singh],
Apan Mati Aapan Desh [Sima Singh],
Bihari Mafia [Sambhawana Seth],
Dulha Phooke Chhulla [Sima Singh]
Kanoon Hamar Moothi Men [Rani Chatarji]
Choreographer
Tohar Naikhe Kauno Jod Tu Bejod Badu Ho [Rikki Gupta ],
Apan Mati Aapan Desh [Kanoo Mukharji],
Bihari Mafia [Dilip Mistri],
Dulha Phooke Chhulla [Omi]
Pariwaar [Pappu Khanna “Aai ghar men naiki bahuria”]
Art Director
Bhoomiputra [Devendra Tade & Kodake],
Pariwaar [Sumit Mishra],
Aapan Mati Aapan Desh [Samir],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Vijay Das]
Deewana [Indrajit Sharma]
Action Director
Rang Baaj Daroga [Shakil Shekh],
Kanoon Hamra Muthi Mein [Jitu Singh],
Bhoomiputra [Ravi Shinde],
Aapan Mati Aapan Desh [Riyaz Sultan]
Cinematographer
Bhoomiputra [Akram Khan],
Diwana [Pramod Pandey],
Aapan Mati Aapan Desh [Akaram Khan],
Bihari Mafia [Ajay Pandy] & Pariwaar [Damodar Naidu]
Editor
Aapan Mati Aapan Desh [Komal Verma],
Bhoomiputra [Arun Shekhar],
Pariwaar [Harish Chaudhari],
Nirahua Ke Prem Ke Rog Bhail [Dipak vai, Virkood, Vilash Ranade] &
Diwaana [Jitu]
National Integration
Bhoomiputra [A. M. Khan],
Aapan Mati Aapan Desh [Jai Kishan & Ashish Kedia],
Publicity Designer
Pariwaar [Narsu],
Bihari Mafia [Ravi],
Bhoomiputra [Narsu],
Dahakela Jiara Hamar [Creative Art -Ashok Mehta]
Kishan Arjun [Narsu]
रविवार, मई 02, 2010
कही दिया जरे कही जिया के गाने रिकार्ड
भोजपुरी फिल्म कही दिया जरे कही जिया के सभी गाने रिकार्ड कर लिए गए हैं। इस फिल्म में निर्माता अभिनेता राजकुमार साहनी भोजपुरी फिल्मो की चर्चित व हॉट अदाकारा मोनालिसा व लवी रोहतगी से इशक फरमाते नज़र आयेंगे । राधेष्याम आर. यादव के निर्देशन मे बन रही फिल्म कही दिया जरे कही जिया का निर्माण साहनी फिल्म प्रोडक्शन के बैनर तले हो रहा है।फिल्म की कहानी प्रकाश यादव ने लिखी है, तथा संगीत तैयार किया है अमन शलोक ने गीत श्याम जी श्याम, प्यारेलाल , कैमरामैन विनोद एस. शर्मा सह निर्माता प्रमोद सूर्यवंशी है। हाल ही में गायिका कल्पना ने गाना गाकर इस फिल्म की शुरुवात की । इसके अलावा अन्य सिंगर जैसे रीतू पाठक, पामेला जैन, कलुआ, छोटू छलिया, नन्दन व चन्दन आदि ने भी अपने स्वर का समां बांधा , फिल्म के मुख्य कलाकार राजकुमार साहनी, मोनालिसा, लवी रोहतगी, सुनीता शर्मा, इरफान आर. खान हैं।
दक्षिण पहुचे भोजपुरिया वीरप्पन
एक वीरप्पन था कुख्यात चन्दन तस्कर जो तमिलनाडु के मदुमलाई के जंगल में अपना साम्राज्य चलाता था। सामान्य कद काठी के वीरप्पन की पहचान थी उनकी कड़क दार मूछ । एक वीरप्पन है अपनी भोजपुरी फिल्म जगत में जिसकी कद काठी भी असली वीरप्पन जैसा ही है सिर्फ रंग में अंतर है , कभी इनकी भी पहचान वीरप्पन छाप मूछ से ही होती थी, लेकिन वीरप्पन के अंत के साथ साथ इन्होने भी अपनी कड़क दार मूछ का अंत कर लिया है। अब खबर ये है की अपने भोजपुरिया वीरप्पन ने दक्षिण का रूख कर लिया है। आप सोच रहे होंगे की क्या अपने भोजपुरिया वीरप्पन असली वीरप्पन की खाली जगह को भरने गया है ? बिल्कुल नहीं असली वीरप्पन तस्कर था और भोजपुरिया वीरप्पन एक कलाकार । यानी अपने भोजपुरिया वीरप्पन अभिनय के इरादे से ही दक्षिण गए है। जी हाँ , वीरप्पन उर्फ़ विकास सिंह जल्द ही नज़र आयेंगे दक्षिण के निर्माता बी0 ओबूल सुब्बा रेड्डी की फिल्म मर्द नंबर वन में । इस फिल्म में वो मुख्या खलनायक की भूमिका में है। उत्साहित विकास सिंह कहते हैं आज सब कुछ मानो सपना सा लगता है। यादो के भंवर में खोये विकास बताते हैं की मेरा भोजपुरी जगत का सफ़र शुरु हुआ ट्रेन के जनरल टिकट से और मैं गांव पंहुचा तो जेट लाईट फ्लाइट से और ये सब संभव हुआ है भगवान् तुल्य मनोज भैया की वजह से । जी हां बिहार के सिवान में बसंतपुर बड़का गांव निवासी विकास सिंह भोजपुरी फिल्मों के मेगा स्टार मनोज तिवारी के बिजनेस मैनेजर भी हैं । विकास सिंह मुंबई आये वह भी मां की डांट सुनकर। मां ने कहा था या तो गुटका छोड़ दो या फिर घर छोड़ दो। गुटका का नशा ऐसा था कि विकास ने घर छोड़ दिया मगर गुटका नहीं छोड़ा। ट्रेन के सामान्य टिकट से मुंबई आये विकास ने पान बेचने का धंधा किया और साथ में गुटका भी बेचा। भोजपुरिया मेगा स्टार मनोज तिवारी ने विकास को देखा तो कहा तुम्हें तो एक्टिंग करना चाहिए। बस गुटका और गुटका का कारोबार छोड़ विकास एक्टिंग की और चले आये। विकास ने हाल ही में एक गुटका कंपनी के लिए एड किया वह भी तब जब उन्होंने गुटका खाना बंद कर दिया था। अमिताभ बच्चन और मनोज तिवारी के साथ फिल्म ‘गंगा’ और ‘गंगोत्री’ करनेवाले विकास ने ‘बलमा 420’, ‘पप्पू के प्यार हो गइल’, ‘ए भौजी के सिस्टर’, ‘ठेला नं. 501’, ‘हनुमान भक्त हवलदार’, ‘जनम-जनम के साथ’, ‘मुन्ना पान्डे बेरोजगार’ सहित कई फिल्मों में काम किया है। उनकी आनेवाली फिल्में हैं ‘भोजपुरिया डान’, ‘एलान’, ‘लाल लुग्गा’ आदि।
शनिवार, मई 01, 2010
ओढनिया के छाव में छोटू छलिया
छोटू छलिया का नाम सामने आते ही लोगो के जेहन में भोजपुरी का प्रसिद्द गाना हाई रे होठ लाली..... कौंध जाता है। लेकिन छोटू ने अब साबित कर दिया है की जिस तरह उन्होंने अपने गाने से भोजपुरियो को अपना दीवाना बनाया उसी तरह अब वो अपने अभिनय से लोगो को दीवाना बना रहे हैं। हालिया रिलीज़ गठबंधन प्यार के इसका जीता जागता उदाहरण है। इस फिल्म में छोटू मुख्य भूमिका में थे। निर्मात्री मोनिका सिन्हा की इस साफ़ सुथरी फिल्म को दर्शको का काफी अच्छा प्रतिसाद मिला है और लोग छोटू के अभिनय की जबरदस्त तारीफ़ कर रहे हैं । फिल्म समीक्षकों का मानना है की गठबंधन प्यार के को दर्शको को प्यार मिलने का एक कारण छोटू छलिया का दिल को छु लेने वाला अभिनय भी है। यही वजह है की कई बड़े निर्माताओ ने छोटू का अपनी फिल्म के लिए साइन करना शुरू कर दिया है। साल २००९ की हिट फिल्मो में से एक सुपर स्टार पवन सिंह स्टारर ओढनिया कमाल करे के निर्माता राम जनक जयसवाल ने अपनी अगली फिल्म ओढनिया के छाव में के लिए छोटू को साइन किया है। निर्मात्री मोनिका सिन्हा ने भी अपनी एक फिल्म के लिए उन्हें अनुबंध किया है। अपनी इस सफलता से उत्साहित छोटू कहते हैं मैं स्वभाव से भी छोटू हूँ। अगर मेरे निर्माता मुझे पसंद कर रहे हैं तो मेरी कोशिश रहेगी की मैं उनके उम्मीदों पर खरा उतरूं।
रवि किशन ने पेश की भोजपुरी प्रेम की मिसाल
स्टारडम से बढ़कर कुछ भी चीज़ किसी भी फिल्म जगत में नहीं होता , एक बार स्टार डम पा लेने के बाद कोई भी कलाकार निर्माता निर्देशकों की परवाह कुछ ख़ास नहीं करता है, भोजपुरी फिल्म जगत भी इस से अछूता नहीं है, लेकिन भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन ने महारास्ट्र दिवस के अवसर पर कुछ ऐसा किया जो इस बात का प्रतीक है की कोई भी सच्चा कलाकार किसी भी निर्माता निर्देशक को नुक्सान नहीं पंहुचा सकता है। हुआ कुछ यूं की महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर प्रसिद्द समाज सेवी व उत्तर भारतीय नेता मुन्ना त्रिपाठी ने एक समारोह का आयोजन किया था जिसमे रवि किशन को महाराष्ट गौरव का सम्मान मिलने वाला था। समारोह शाम ७ बजे से रात १० तक चलना था। उस दौरान रवि किशन निर्माता निर्देशक राज कुमार आर.पाण्डेय की फिल्म लहरिया लूटा ए राजा जी की शूटिंग कर रहे थे। माहौल कुछ ऐसा था की रवि किशन अगर दो घंटे के लिए भी शूटिंग छोड़ कर वहाँ से जाते तो राजकुमार पांडे को भरी नुक्सान उठाना पड़ता। आखिरकार रविकिशन ने शूटिंग छोड़ना उचित नहीं समझा और अवार्ड लेने वहां नहीं गए । अपने प्रशंषको को निराश न करते हुए फोन पर ही उन्हें संबोधित किया और आयोजको से माफ़ी मांगी। रविकिशन ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की मेरे लिए मेरा समाज काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन मैं किसी भी निर्माता निर्देशक को कभी भी नुक्सान नहीं पहुचाना चाहता ।