बुधवार, मार्च 14, 2012

थियेटर कलाकारों की व्यथा को दर्शाती ‘‘गुलाब थियेटर’


भोजपुरी फिल्म ‘‘गुलाब थियेटर’’ एक ऐसी फिल्म है, जिसमें गुलाब थियेटर की कहानी नहीं, बल्कि सारी दुनिया के कलाकारों की व्यथा को दिखाया गया है, जिसका निर्माण मेंहदी हसन ने ज़फर कमाल फिल्म्स के बैनर तले किया है। जिसके लेखक-निर्देशक कमर हाजीपुरी हैं। इस फिल्म के कैमरामैन त्रिलोकी चैधरी, सह-निर्माता गुफरान अहमद एवं बबीता रिपु, संगीतकार सी. बनवीर व सतीश मुन्ना, गीतकार विरेन्द्र पण्डे व कमर हाजीपुरी, नृत्य निहाल सिंह, संकलन नकुल प्रसाद, एक्शन दर्शन सिंह का है। फिल्म के प्रमुख कलाकारों में विनय आनंद, कल्पना शाह, सुमित बाबा, बृजेश त्रिपाठी, विजय खरे, क्षितिज प्रकाश, अर्जुन सिंह, इफ़्तखार अहमद, गुड्डू, इलियास एवं आइटम गर्ल सीमा सिंह हैं। पिछले दिनों परवानी स्टूडियो, मुंबई सी.एस.टी. के आस पास और बसरा स्टूडियो में फिल्म के सीन शूट किये गये जिसमें कल्पना शाह, दिनेश हिंगू, महेश राज एवं भरत कपूर ने भाग लिया।
इस फिल्म में दिखाया गया है कि नेशनल स्कूल आफ ड्रामा से शिक्षा लेकर आयी एक लड़की रूबी सिंह मजबूर होकर गुलाब थियेटर में काम करती है और उसे एक नया नाम मिलता है गुलाब बाई। प्यार में हारी, वक्त की मारी रूबी सिंह को थियेटर में भी सुकून नहीं मिलता। थियेटर मालिक की धौंस, पुलिसवालों की बुरी हरकत, नेताओं की ललचाई नजर एवं वहां के ज़मीनदारों के जुल्म और दर्शकों की गंदी संबोधन के सिवा कुछ नहीं मिलता। लेकिन जब उसके जीवन में एक ड्राइवर कौशल सिंह मसीहा बनकर आता है तो उसके सामने उसका पूर्व प्रेमी विकास कुमार भी आ जाता है। रूबी सिंह जीवन के दो राहों पर खुद को खड़ी पाती है। आगे क्या होता है फिल्म का यही दिलचस्प मोड़ है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें