
एक रात की कहानी - बागी
भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन की ख्याति आज चारो ओर फ़ैल रही है। भोजपुरी फिल्म जगत में पिछले दस साल से अपना जलवा बिखेर रहे रवि किशन ने हिंदी फिल्म जगत और छोटे परदे पर भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज करवाई है। आज हालात ऐसे हैं की चाहे फिल्म हो टी वी हो , विज्ञापन हो या फिर स्टेज शो , हर जगह रवि किशन के नाम की ही चर्चा है। लगातार पांच साल से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार के साथ साथ रवि किशन को दो दर्ज़न से भी अधिक पुरस्कारों से नवाजा जा चूका है। अगर ये कहा जाये की रविकिशन भोजपुरी के इकलौते ऐसे अभिनेता हैं जिनकी चर्चा ग्लेमर के हर क्षेत्र में होती है तो इसे अतिश्योक्ति नहीं कहा जा सकता . रवि किशन से उनके फ़िल्मी सफ़र , उनको मिल रही अपार सफलता और आगामी योजना पर उनसे विस्तृत बातचीत हुई. प्रस्तुत है कुछ अंश :
भोजपुरी फिल्मो के अलावा आपने हिंदी फिल्मो में भी अपनी छाप छोड़ी है....और क्या कर रहे हैं आप ? यह सच है की आज भोजपुरी फिल्म जगत में भारी व्यस्तता के वावजूद मैं हिंदी फिल्मे और टीवी शो भी कर रहा हूँ, अगर आपमें काम के प्रति लगन और जूनून है तो हर क्षेत्र में आपकी भागीदारी बढ़ जाती है। मुझे ख़ुशी है की मैं हिंदी फिल्म जगत के दिग्गज मणिरत्नम, श्याम बेनेगल की फिल्मो का हिस्सा होने के साथ साथ भोजपुरी के अनजाने निर्माताओ के साथ भी काम कर रहा हूँ। हकीकत तो यह है की मेरे लिए मेरा मेहनत ही मेरी पूजा है , ये मेरी मेहनत और इमानदारी से किया गया काम ही है की आज मैं इतना व्यस्त हूँ। आज हिंदी और भोजपुरी फिल्मो के अलावा कई विज्ञापन भी कर रहा हूँ॥डाबर ने मुझे महानायक अमिताभ, धोनी के समकक्ष का दर्ज़ा दिया है जो हम भोजपुरियो के लिए गर्व की बात है। इसके अलावा शिखर पान मसाला , जिसको सरिया , पार्ले जी , मारिको सहित कई बड़ी कंपनियों का मैं बिहार उत्तरप्रदेश के लिए ब्रांड अम्बेसडर हूँ....
आज आप सफलता के उत्कर्ष पर हैं ...कैसा महसूस करते हैं जब आप आज और बीते पलों में फर्क महसूस करते हैं ? सफलता किसे अच्छी नहीं लगती , लेकिन मुझे ये कहने में कोई हर्ज़ नहीं है की इस सफलता को पाने के लिए किस तरह मेहनत की है मैंने। मुझे वो दिन भी याद है जब कई बड़े प्रोडक्शन हाउस के बाहर घंटो खड़ा रहना पड़ता था लेकिन आज उसी कंपनी में लोग मेरा इंतज़ार करते हैं। कहने का मतलब ये है की एक बार अगर दर्शको ने आपको प्यार करना शुरू कर दिया तब आपके सारे बंद दरवाजे खुल जाते हैं। लोगो का नज़रिया आपके प्रति बदल जाता है। सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगे ? बेशक अपने माता - पिता के आशीर्वाद और दर्शको को जिनकी बदौलत आज हर क्षेत्र के लोग मुझे सम्मान दे रहे हैं। सफलता के हकदार मेरा परिवार भी है जिन्होंने मेरे बुरे दौर में मुझे हौसला दिया जिससे मुझे नई शक्ति मिली ।
अपनी आने वाली फिल्मो के बारे में बताइए ?
भोजपुरी में अभी लगभग पन्दरह फिल्मे मेरे पास है, इसी महीने जितेश दुबे की मार देब गोली केहू ना बोली इसी माह रिलीज़ हो रही है, देवदास का भोजपुरी रीमेक प्रदर्शन के लिए तैयार है, डोन की शूटिंग के लिए जल्द ही मलेशिया जाने वाला हूँ, केडी के साथ प्राण जाये पर वचन ना जाये, हैरी फ़र्नान्डिस के साथ राम पुर के लक्ष्मण आदि महत्वपूर्ण फिल्मे है. जहां तक हिंदी की बात है तो सैफ अली खान की होम प्रोडक्शन के साथ साथ राज कुमार संतोषी की फिल्म के अलावा अमेरिकन कंपनी पन फिल्म्स की अघोरी - मेन फ्रॉम बनारस भी कर रहा हूँ.
अघोरी - मेन फ्रॉम बनारस काफी चर्चा में है क्या है इस फिल्म में ?
अघोरी एक अंग्रेजी -हिंदी फिल्म है जो एक अघोरी की जिंदगी के इर्द गिर्द घूमता है , इटली की एक पत्रकार अघोरियो पर रिसर्च के लिए बनारस आती है . इन दोनों की केमेस्ट्री को इस फिल्म में दर्शाया जाएगा
कहा जा रहा है की आप इस फिल्म में नग्न दृश्य करने वाले हैं ?
चुकी फिल्म अघोरियो की जिंदगी बयान कर रही है तो उनका सजीव चित्रण करना ज़रूरी है, नग्न दृश्य पूरी तरह से नहीं रखा जाएगा क्योंकि सेंसर बोर्ड ऐसा करने की अनुमति नहीं देगा.... फिर भी हमारी कोशिश रहेगी की हम वास्तविकता दिखाए.
भोजपुरी फिल्म जगत में पिछले दस साल से आपकी बादशाहत कायम है क्या कहेंगे ? मैं इसे बादशाहत नहीं समझता , इसे अपने दर्शको फिल्म निर्माताओ और निर्देशकों का अपने प्रति प्यार समझता हूँ। आज अगर मैं ग्लेमर के हर क्षेत्र में अच्छी इज्जत पाता हूँ तो ये मेरे दर्शको का प्यार है जिसके कारण एक भोजपुरिया को इतनी इज्जत मिल रही है. इतना ही नहीं आज बड़ी बड़ी कंपनिया भोजपुरी में आ रही है और मैं ही सबकी पहली पसंद हूँ. मैं अपने निर्माताओं का उदाहरण देना चाहता हूँ बलिदान के निर्माता शाम परवानी एन आर आई हैं तो सत्यमेव जयते के निर्माता अनिल सिंह पेशे से भवन निर्माता और जरा देब के निर्माता पवन शर्मा बड़े उद्योगपति । उन लोगो का मेरे प्रति उनका प्यार ही है की उन लोगो ने जब फिल्म निर्माण की बात सोची तो मुझे पसंद किया--
बिहार के अररिया जिले के फारबिसगंज हवाई फिल्ड में शुक्रवार को कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में भाषण देने पहुंचे फिल्म अभिनेता रवि किशन चंकी पांडे तथा राजू श्रीवास्तव की सभा में अनियंत्रित भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गयी। हेलीकाप्टर से पहुंचे तीनों फिल्मी सितारों के सभा मंच पर पहुंचने के साथ ही उन्हें देखने व छूने के लिए भीड़ भी मंच पर चढ़ गयी। अभिनेता द्वारा महज कुछ गाना गाने और छोटे संबोधन के बाद ही भीड़ डी-घेरा तोड़ कर मंच के निकट और ऊपर चढ़ गयी। जिससे वहां अफरा-तफरी मच गयी। कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश चौधरी तथा कार्यकत्र्ता मंच पर चढ़ और आये लोगों को समझाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन स्थिति अनियंत्रित होने के बाद चंकी पांडे अपना भाषण पूरा किये दोनों के साथ वापस लौट गये। इस दौरान रवि किशन और राजू श्रीवास्तव अपनी बातों को हंगामा ओर शोरगुल के बीच मामूली ढंग से रख सके। इस दौरान सभा स्थल के समीप कहीं भी पुलिस प्रशासन नाम की चीज नहीं दिखी। रवि किशन ने प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में एक बार गलत संदेश जा रहा है। इधर कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश चौधरी ने कहा कि कार्यक्रम की सूचना देने के बावजूद सुरक्षा बलों की तैनात नहीं किया जाना घोर लापरवाही है। अनियंत्रित भीड़ अभिनेताओं के साथ फोटो- खिचवाने, आटोग्राफ लेने और हाथ मिलाने के लिए बेताब थी। इस अफरा-तफरी के बीच ही तीनों अभिनेताओं ने लोगों ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश चौधरी के समर्थन में मतदान करने की अपील की। रवि किशन ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि कांग्रेस युवाओं को प्रोत्साहन दे रही है।
राज ठाकरे की हत्या करने आया था राहुल राज
एम.एन.एस. चीफ राज राज ठाकरे को जान से मारने आये बिहार के युवक राहुल राज की मुंबई पुलिस द्वारा बस नंबर 332 में हत्या की गयी थी या यह एनकाउंटर था? इस विषय पर बनी निर्माता संगीत सिवन और के. सेरा सेरा प्रस्तुत लेखक व निर्देशक महेष पांडे की हिंदी फिल्म ‘332 मुंबई टू इंडिया’ अब जल्द ही सिनेमाघरों में दिखाई देगी. इस फिल्म का संगीत उत्तर भारतीय रिक्शा चालक राजकुमार यादव और मराठी मानुस तथा डिब्बा एसोसिएशन के श्री मेढेकर के हाथों किया गया। हादसों का शहर मुम्बई फिर किसी प्रांतवाद की आग में ना जले और प्रांतवाद के भस्मासुर को पैदा करनेवाले लोगों को जवाब मिले इसके लिए रिक्शा और डिब्बा वालों ने मिलकर यह पहल किया है। अंधेरी पश्चिम के डी. अल्टीमेट क्लब में इस हिंदी फिल्म ‘332 मुंबई टू इडिया’ का म्यूजिक लांच किया गया। 21 अक्टूबर 2008 को कुर्ला के बैल बाजार में बेस्ट की बस नंबर 332 में राज ठाकरे को मारने आये बिहारी युवक ‘राहुल राज’ की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म ‘‘332 मुम्बई टू इंडिया’’ में यह सवाल भी उठाया गया है कि मुंबई किसकी है और इसके नाम हमेशा क्यों बदले जाते हैं। इस अवसर पर महेश पाण्डे ने साफ कहा कि उनकी फिल्म की बेस्ट बस नं. 332 कुर्ला से अंधेरी नहीं ले जाती है बल्कि मुम्बई से इण्डिया ले जाती है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए सिर्फ यह एक फिल्म नहीं है क्योंकि फिल्म किसी के लिए मनोरंजन होती है तो किसी के लिए टाइम पास। लेकिन मैंने इस फिल्म को बनाते हुए अपनी असली पहचान हासिल की है। फरवरी 2008 में उस वक्त मुम्बई में बिहारी-मराठी मुद्दा उठ चुका था। सच पूछिए तो सड़क पर चलनेवालों में डर था कि पता नहीं कब क्या हो जाए। और तभी इस फिल्म ‘‘332 मुम्बई टू इंडिया’’ की परिकल्पना मेरे दिमाग में आई। और मैंने बिहारी-मराठी विवाद को लेकर खुद की पहचान पर सवाल खड़ा करते हुए हर भारतीय की कहानी लिख दी है और बहुचर्चित निर्माता संगीत सिवन से मिला। उन्हें भी लगा इस फिल्म को आम जनता तक पहुंचना चाहिए। जिन्हें अपनी पहचान सिर्फ 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही याद आती है। संगीत सिवन जी ने इस फिल्म के निर्माण की जिम्मेवारी के.सेरा सेरा बाक्स आफिस प्रा. लि. के साथ मिलकर संभाली। इस अवसर पर गायक विनोद राठौर ने फिल्म के टाइटिल सांग ‘सबकी मुम्बई’ पर लाइव परफारमेंस भी किया।
भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन की ख्याति आज चारो ओर फ़ैल रही है। भोजपुरी फिल्म जगत में पिछले दस साल से अपना जलवा बिखेर रहे रवि किशन ने हिंदी फिल्म जगत और छोटे परदे पर भी अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज करवाई है। आज हालात ऐसे हैं की चाहे फिल्म हो टी वी हो , विज्ञापन हो या फिर स्टेज शो , हर जगह रवि किशन के नाम की ही चर्चा है। जहां तक भोजपुरी फिल्मो की बात है तो इस साल रिलीज़ हुई उनकी फिल्म देवरा बड़ा सतावेला इस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्म मानी जा रही है। इसके अलावा बलिदान , सत्यमेव जयते जरा देब दुनिया तोहरा प्यार में, लहरिया लूटा ए राजा जी ने भी रिकार्ड तोड़ व्यवसाय किया है. रवि किशन से उनके फ़िल्मी सफ़र , उनको मिल रही अपार सफलता और आगामी योजना पर उनसे विस्तृत बातचीत हुई. प्रस्तुत है कुछ अंश :
भोजपुरी फिल्मो के अलावा आपने हिंदी फिल्मो में भी अपनी छाप छोड़ी है....और क्या कर रहे हैं आप ?
यह सच है की आज भोजपुरी फिल्म जगत में भारी व्यस्तता के वावजूद मैं हिंदी फिल्मे और टीवी शो भी कर रहा हूँ, अगर आपमें काम के प्रति लगन और जूनून है तो हर क्षेत्र में आपकी भागीदारी बढ़ जाती है. मुझे ख़ुशी है की मैं हिंदी फिल्म जगत के दिग्गज मणिरत्नम, श्याम बेनेगल की फिल्मो का हिस्सा होने के साथ साथ भोजपुरी के अनजाने निर्माताओ के साथ भी काम कर रहा हूँ. हकीकत तो यह है की मेरे लिए मेरा मेहनत ही मेरी पूजा है , ये मेरी मेहनत और इमानदारी से किया गया काम ही है की आज मैं इतना व्यस्त हूँ. एक ओर जहां मैं सैफ अली खान की होम प्रोडक्शन की फिल्म एजेंट विनोद कर रहा हूँ. जहां तक टीवी शो की बात है तो भोजपुरी चैंनल महुआ के शो सुर संग्राम में तो दर्शक देख ही रहे हैं, जल्द ही इमेजिन टीवी पर मेरी वापसी हो रही है चर्चित शो राज पिछले जन्म का से. पिछले साल यह शो काफी हिट रहा था. इसके अलावा बिग बॉस सीजन चार के पहले एपीसोड में भी मैं परफोर्मेंस कर रहा हूँ,
विज्ञापन फिल्म भी कर रहे हैं ?
हाँ मैं कई विज्ञापनों में भी काम कर रहा हूँ. शिखर पान मसाला , जिसको सरिया , पार्ले जी , डाबर सहित कई बड़ी कंपनियों का मैं बिहार उत्तरप्रदेश के लिए ब्रांड अम्बेसडर हूँ.
आज आप सफलता के उत्कर्ष पर हैं ...कैसा महसूस करते हैं जब आप आज और बीते पलों में फर्क महसूस करते हैं ?
सफलता किसे अच्छी नहीं लगती , लेकिन मुझे ये कहने में कोई हर्ज़ नहीं है की इस सफलता को पाने के लिए किस तरह मेहनत की है मैंने। मुझे वो दिन भी याद है जब कई बड़े प्रोडक्शन हाउस के बाहर घंटो खड़ा रहना पड़ता था लेकिन आज उसी कंपनी में लोग मेरा इंतज़ार करते हैं. कहने का मतलब ये है की एक बार अगर दर्शको ने आपको प्यार करना शुरू कर दिया तब आपके सारे बंद दरवाजे खुल जाते हैं. लोगो का नज़रिया आपके प्रति बदल जाता है.
सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगे ?
बेशक अपने माता - पिता के आशीर्वाद और दर्शको को जिनकी बदौलत आज हर क्षेत्र के लोग मुझे सम्मान दे रहे हैं। सफलता के हकदार मेरा परिवार भी है जिन्होंने मेरे बुरे दौर में मुझे हौसला दिया जिससे मुझे नई शक्ति मिली ।
लगातार पांच सुपर हिट फिल्म आपने दी है , सुना है आपने अपनी कीमत बढ़ा ली है ?
मैंने अपनी कीमत कभी भी नहीं बढाई. मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं है की मैंने हमेशा वक़्त के साथ चलने की कोशिश की है, यही वजह है की भोजपुरी में आज भी टिका हूँ, नहीं तो कितने दिग्गजों को यहाँ ढेर होते देर नहीं लगती. हाँ कोई निर्माता अगर मुझे ऊँची कीमत देता है तो ये उनका मेरे प्रति प्यार , विश्वास और फिल्म चलने का उनका भरोसा है. जरा देब दुनिया तोहरा प्यार के निर्माता पवन शर्मा ने काफी ऊँची कीमत पर मुझे साइन किया है। और भी कई लोग खुद फोन कर ऊँची कीमत देने की बात कर रहे हैं.
क्या है इन फिल्मो में जो लोग दीवाने बने हैं ?
इस साल की सबसे बड़ी हिट देबरा बड़ा सतावेला है जिसमे मैंने अपनी पत्नी के प्यार में पागल पति की भूमिका में हूँ। उसके बाद मेरी फिल्म बलिदान रिलीज़ हुई है , जिसमे मैंने तीन अलग अलग किरदारों को जिया है, उनमे से मेरा पसंदीदा किरदार साठ साल के बूढ़े वाला किरदार है. अन्याय के खिलाफ उस बुजुर्ग द्वारा उठाया गया कदम आम लोगो के लिए प्रेरणा श्रोत बन गया है, जहां तक सत्यमेव जयते की बात है तो मैं इसे एक परिपूर्ण फिल्म मानता हूँ. फिल्म में जहां जबरदस्त एक्शन है वहीँ भरपूर मसाला भी जो दर्शको को काफी पसंद आ रहा है. जहां तक जरा देब दुनिया तोहरा प्यार में की बात है तो ये एक लव स्टोरी है . सत्यमेव जयते से भोजपुरी जगत को एक नई अदाकारा मिल गया है. पटना की अक्षरा इस फिल्म से भोजपुरी फिल्म जगत में छा गयी है. जरा देब दुनिया तोहरा प्यार में के बारे में तो सबको पता है. अमेरिकन कंपनी की यह फिल्म दुनिया के दो प्रतिष्ठित फिल्म समारोह कांस फिल्म फेस्टिवल और टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हो चुकी है. आखिरी रिलीज़ लहरिया लूटा ये राजा जी में मेरी भूमिका एक एक्शन हीरो की है.
आप नई नई अभिनेत्रियो के साथ फिल्म करने के लिए जाने जाते हैं । इस साल तीन नई नई एक्ट्रेस को लांच कर चुके हैं क्या वजह है ?
( हँसते हुए ) हाँ ये सच है बलिदान में मेरे अपोजिट दुबई से आई अम्बिका थी वहीँ सत्यमेव जयते में अक्षरा और जरा देब....से शिखा ने भोजपुरी फिल्म जगत में कदम रखा है। वैसे मैं तो इसे इत्तिफाक मानता हूँ, भोजपुरी फिल्मो के मेरे दस साल के सफ़र में लगभग दो दर्ज़न अभिनेत्रियो ने अपने अभिनय की शुरुवात मेरे साथ की है।
भोजपुरी फिल्म जगत में पिछले दस साल से आपकी बादशाहत कायम है क्या कहेंगे ?
मैं इसे बादशाहत नहीं समझता , इसे अपने दर्शको फिल्म निर्माताओ और निर्देशकों का अपने प्रति प्यार समझता हूँ। आज अगर मैं ग्लेमर के हर क्षेत्र में अच्छी इज्जत पाता हूँ तो ये मेरे दर्शको का प्यार है जिसके कारण एक भोजपुरिया को इतनी इज्जत मिल रही है. इतना ही नहीं आज बड़ी बड़ी कंपनिया भोजपुरी में आ रही है और मैं ही सबकी पहली पसंद हूँ. मैं अपने निर्माताओं का उदाहरण देना चाहता हूँ बलिदान के निर्माता शाम परवानी एन आर आई हैं तो सत्यमेव जयते के निर्माता अनिल सिंह पेशे से भवन निर्माता और जरा देब के निर्माता पवन शर्मा बड़े उद्योगपति । उन लोगो का मेरे प्रति उनका प्यार ही है की उन लोगो ने जब फिल्म निर्माण की बात सोची तो मुझे पसंद किया।
फिल्म निर्माताओ के सबसे बड़े संगठन इंडियन मोशन पिक्चर प्रोडूसर एसोसियेशन अर्थात इम्प्पा के चुनाव में टी.पी.अग्रवाल ग्रुप को न सिर्फ भारी बहुमत प्राप्त हुआ है बल्कि प्राइम क्लास मेंबर के १६ स्थानों के लिए हुए चुनाव में इस ग्रुप को सभी सोलह स्थान प्राप्त हुआ है। सुषमा शिरोमणि के नेतृत्व वाले ग्रुप को असोसिएट क्लास वाले केटोगरी में ही सफलता प्राप्त हुई है। दिलचस्प बात तो ये है की इम्प्पा के इस चुनाव में भोजपुरी फिल्म जगत से जुड़े लोगो का वर्चस्व असोसिएशन में हो गया है। इम्प्पा चुनाव में महेश मान्झ्रेकर, मेहुल कुमार, कुक्कू कोहली, फरहा सुलतान को पराजय का सामना करना पड़ा है। चुनाव जीतने के बाद नवनिर्मित कार्यकारिणी ने टी.पी.अग्रवाल को प्रेसिडेंट और अभय सिन्हा को वाइस प्रेसिडेंट चुन लिया । मंगल वार को मुंबई के अँधेरी स्थित किशन चंद वलेचा सभागार में सुबह से देर शाम तक इम्प्पा के सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया । शाम आठ बजे मतों की गिनती शुरू हुई। पहले असोसिएट क्लास के मतों की गिनती हुई। इस श्रेणी सुषमा शिरोमणि गुट हावी रही। इस गुट की खुद सुषमा शिरोमणि, अरुणा इरानी, केतन देसाई, और शबनम कपूर को सफलता हासिल हुई जबकि टी.पी.ग्रुप की ओर से एकमात्र विजेता के.सी.बोकाडिया रहे। टीवी श्रेणी में दोनों गुट को एक एक स्थान प्राप्त हुआ। अग्रवाल ग्रुप से राहुल अग्रवाल और सुषमा गुट से बाबुभाई थीबा विजयी रहे। देर रात प्राइम क्लास के सदस्यों के लिए मतगणना का काम शुरू हुआ जो सुबह पांच बजे तक चला । इस श्रेणी में सर्वाधिक २३८ मत टी.पी.अग्रवाल को प्राप्त हुए। इस गुट के अन्य सभी पंद्रह लोगो में अभय सिन्हा को 199, अशोक पंडित को १९९, आनंद गिरिधर को १७८, दर्शन बग्गा को १६५, भोजपुरी फिल्मो के जाने माने अभिनेता दिनेश लाल यादव निरहुआ को १८४, जे.नीलम को १९७, नरेश मनोत को २०८, नितिन मवानी को १९६, राजदीप सिंह को १९६, कुमार मोहन को २१३, सुरेन्द्र वोहरा को १८२, विक्की रानावत को १९६, विकास पाटिल को १६९, विनय सिन्हा को १९८ और कमाल खान को सबसे कम १५९ मत प्राप्त हुए। मतगणना के बाद बुधवार को नवनिर्मित कार्यकारिणी ने टी.पी.अग्रवाल को प्रेसिडेंट और अभय सिन्हा को वाइस प्रेसिडेंट चुन लिया । उल्लेखनीय है की इस बार का चुनाव काफी रोचक था क्योंकि सुषमा शिरोमणि गुट ने टी.पी.अग्रवाल गुट पर गेंगस्टर रवि पुजारी गुट से हाथ मिलाने का आरोप लगाया था। बाद में टी.पी.अग्रवाल ने सुषमा शिरोमणि के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था।
फिल्म जगत में नयी फिल्मो की लांचिंग की परंपरा भले ही लगभग समाप्त हो गयी है लेकिन भोजपुरी फिल्म जगत में यह परम्परा जारी है खासकर रवि किशन की फिल्मो की लांचिंग हमेशा भव्य तरीके से होती है। इसी परंपरा को कायम रखते हुए सौम्या फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले कृष्णा जी प्रस्तुत फिल्म धर्मा का मुहूर्त मुंबई के रेनसेंस क्लब में संपन्न हुआ । निर्मात्री सुनीता भारती -निर्देशक सुशील उपाध्याय व लेखक मनोज हंसराज की इस फिल्म में रवि किशन व रानी चटर्जी की रोमांटिक जोड़ी है। इसके पहले ये जोड़ी इस साल की सबसे हिट फिल्म देवरा बड़ा सतावेला में नज़र आ चुकी है । फिल्म के संगीतकार मधुकर आनंद है। धर्मा की लांचिंग के मौके पर भोजपुरी फिल्म जगत से जुड़े लोगो में प्रसिद्द गायक भरत शर्मा व्यास , फिल्म फाइनेंसर राजदीप सिंह , निर्माता आलोक कुमार, उदय शंकर, निर्देशक आनंद गहतराज, हैरी फर्नांडिस, बबलू सोनी, अनिल उपाध्याय इकबाल बक्श , अभिनेता सुशील सिंह, विक्रांत सिंह, राजीव दिनकर, ब्रिजेश त्रिपाठी, अवधेश मिश्रा, प्रकाश जैस, गोपाल राय, आलोक यादव, सोम यादव , अभिनेत्री अनारा गुप्ता, कल्पना शाह , आरती पुरी व कृष्णा यादव सहित अनेक चर्चित लोग मौजूद थे। इस मौके पर अभिनेता रवि किशन ने कहा की सुशील उपाध्याय के साथ बरसो बाद काम कर रहे हैं और उन्हें पूरा भरोसा है की ये फिल्म भी उनकी फिल्म कन्या दान की तरह सुपर हिट होगी। रानी चटर्जी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की आज मेरी और रवि किशन की जोड़ी भोजपुरी में हॉट केक बनी है इसका फायदा इस फिल्म को ज़रूर होगा।
फिल्म निर्माता से अभिनेता बने अनिल सम्राट अगर आपको किसी कोठे पर दिख जाये तो चौंकिएगा नहीं। दरअसल फ़िल्मी परदे पर अवतरित होने के बाद अब वो परदे पर ही कोठे की ख़ाक छानेंगे। जी हाँ बतौर अभिनेता उनकी दूसरी फिल्म कोठा पिछले दिनों लांच की गयी। कोठा के निर्माता विकास आर्य व निर्देशक मनोज श्रीपति हैं। फिल्म में अनिल सम्राट के साथ मोनालिसा, पंकज त्रिपाठी, संजीव झा की प्रमुख भूमिकाएं हैं। फिल्म के लिए गाने लिख रहे हैं राजेश मिश्रा वही संगीत तैयार करने का कार्य धनंजय मिश्रा कर रहे हैं। सुरेन्द्र मिश्रा द्वारा लिखित इस फिल्म को बिहार में घटित एक सच्ची घटना पर आधारित बताया जा रहा है। नवम्बर महिने में इस फिल्म की शुटिंग मुजफ्फरपुर की बदनाम गली चतुर्भूज में की जायेगी। गौरतलब है कि इस फिल्म के नायक अनिल सम्राट की अभी भोजपुरी फिल्म ‘‘दरार’’ प्रदर्शन को तैयार है।
दिनेश लाल यादव ‘‘निरहुआ’’ पिछले कुछ दिनों से ‘‘चेचक’’ से ग्रसित हो गये हैं। धार्मिक मान्यताओं में ‘‘बड़ी माई’’ के रूप में कही जाने वाली इस बीमारी से निरहुआ हैदराबाद में अपनी भोजपुरी फिल्म ‘‘आखिरी रास्ता’’ की शुटिंग के दौरान चपेट में आ गयें। ‘‘चेचक’’ के प्रभाव से इस फिल्म की शुटिंग बीच में छोड़ निरहुआ मुम्बई वापस आ गये और अपनी माँ की देखरेख में धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप इलाज करा रहे हैं। ‘‘चेचक’’ से ग्रसित निरहुआ के पूरे शरीर में जलन हो रही है और वे बुखार से भी ग्रसित है। निरहुआ अपने मुम्बई आवास पर पूरे परिवार के साथ स्वास्थ लाभ ले रहे है और किसी से भी मिल जुल नही रहे हैं। निरहुआ के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना हम करते हैं।