शुक्रवार, अक्तूबर 01, 2010

निरहुआ ने उठाई दलितों की आवाज़


भोजपुरी फिल्मो के सुपर स्टार निरहुआ ने दलितों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाई है अपनी नयी फिल्म रणभूमि के माध्यम से । यशी फिल्मस् व कैपिटल फिल्मस् प्रा। लि के बैनर तले बनी ‘‘रणभूमि’’ सिल्वर स्क्रीन पर दलितों की जिन्दगी से जुड़ी समस्याओं व उनके ऊपर हो रहे अत्याचारों को चित्रित करेंगीं। इस फिल्म में भोजपुरिया किंग निरहुआ ने एक हरिजन युवक बुटन माँझी की भुमिका को जीवंत करने की कोशिश है जो कि पढ़ा-लिखा ग्रेजुएट मास्टर है और खुशहाल भरी जिन्दगी व्यतीत करता है, लेकिन उसके साथ कुछ ऐसी घटनायें होती हैं कि वह उसके खिलाफ आवाज उठाता है तो उसे सामंतियों के अत्याचार के साथ-साथ पुलिस प्रशासन की भी जालिम पंथि से रू-ब-रू होना पड़ता है। उसे हरवक्त अपने हरिजन होने का खामियाजा भुगतना पड़ता है लेकिन वे इसे हार नहीं मानता और एक सम्मान की जिन्दगी जीने के लिए लड़ाई छोड़ देता है जो राह ‘‘नक्सलियों’’ के नेता के रूप में उसे स्थापित करती है। फिल्म में हरिजन के साथ-साथ नक्सलियों की जिन्दगी को भी उकेरने की कोशिश की गयी है। निरहुआ ने फिल्म में बड़ी बखूबी के साथ इस किरदार को जीवंत किया है और उसका एक संवाद ‘‘हरिजन है, कोई कुत्ता नहीं, आदमी के योनी से पैदा हुए हैं’’ इस तबके के लोगों का दर्द जगजाहिर करती है और झकझोर कर के भी रख देती है। अभय सिन्हा व टी. पी.अग्रवाल द्वारा निर्मित इस फिल्म का निर्देशन अनिल अजिताभ ने किया है जो इससे पहले ‘‘हम बाहुबली’’ जैसी सुपरहिट फिल्म दे चुके हैं। फिल्म में निरहुआ कई हैरतअंगेंज एक्शन दृश्य भी करते दिखेंगें। फिल्म में निरहुआ की पत्नी की भुमिका में अदाकारा स्वीटी छाबड़ा है। भोजपुरी मेगास्टार मनोज तिवारी ‘‘मृदुल’’ फिल्म में पुलिस अधिकारी की भुमिका में हैं और निरहुआ के साथ उनकी जबरदस्त टक्कर को भी फिल्माया गया है। इन सबों के अलावे फिल्म में मनोरंजन के भी मसालों को डाला गया है। दशहरा पर पूरे भारतवर्ष में इस फिल्म को रिलीज किया जा रहा है।

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