शनिवार, मई 23, 2009

सामाजिक भेदभाव मेटावे के प्रयास हऽ भूमिपुत्र - हैरी फर्नाण्डिज

रोजी रोटी खातिर घर बार छोड़ अनजान जगह बसेरा डालल हिन्दुस्तान खातिर आम बाति हऽ. एने कुछेक साल से एकरा चलते स्थानीय आ बाहरी लोगन का बीच टकराव बहुते बढ़ गइल बा. एही मुद्दा पर बनल फिलिम बा निर्देशक हैरी फर्नाण्डिज के फिलिम भूमिपुत्र. कर्नाटक के रहे वाला हैरी खुद अपना के कर्नाटके ना पूरा हिन्दुस्तान के भूमिपुत्र मानेलन आ अपना फिलिम में इहे बतावे के कोशिश कइले बाड़न कि हर हिन्दुस्तानी कवनो खास जिला भा प्रान्त के ना, पूरा देश के भूमिपुत्र होला. एही सब पर हैरी का साथे भइल बातचीत के कुछ अंश :
कवना विषय पर बनल फिलिम हऽ भूमिपुत्र ?
भूमिपुत्र वइसना लोग के कहानी हऽ जे आपन जमीन भूमाफिया का कब्जा मेँ जाये से रोके खातिर संघर्ष करत बाड़े, अपना हक के लड़ाई लड़त बाड़े. साथ ही उत्तर भारत के गरीबी का चलते दोसरा प्रान्तन में जा के मेहनत मजूरी करे वाला लोगनो के कहानी बयाँ करत बा ई फिलिम. एहमें ई बतावे के कोशिश कइल गइल बा कि केहू कइसे अपना पेट का भूख से मजबूर हो के आपन घर परिवार हित कुटुम्ब छोड़ के दोसरा जगहा जाला.
त आप पलायन के सही मानी ले ?
सही गलत के चरचे बेकार बा काहे कि हर हिन्दुस्तानी देश में कतहीं जा सकेला, कमा धमा सकेला. अपना देश में केहू बाहरी ना हो सके. सभे एही देश के नागरिक हऽ. हमनी का इहे बतावे के कोशिश कइले बानी जा. अगर एह विवाद के बढ़े दिहल गइल त देश टुकड़ा टुकड़ा हो जाई काहे कि हर प्रान्त में हर प्रान्त के लोग बसेरा बनवले बा.
त रउरा मनसे के आंदोलन के एह फिलिम से गलत ठहरवले बानी ?
हम कवनो राजनीतिक पचड़ा में नइखी पड़ल चाहत काहेकि ओह लोगन के मकसद सत्ता के गलियारा आ वोट का राजनीति से जुड़ल होला जबकि हमार मकसद एगो सार्थक फिलिम बनावल बा. एह फिलिम में भोजपुरी के सुपर स्टार का साथे साथ मराठी रंगमंच के कई गो कलाकारन के लिहल गइल बा आ देखावल गइल बा कि कइसे राजनीतिक अपना मतलब खातिर दोसरा के उल्लू बनावे में लागल रहेले. एहमें भोजपुरिया मसाला का साथे साथ मराठी लावणीओ बा. एहमें रविकिशन जय जय महाराष्ट्र माझा गावत देखावल गइल बाड़े.
रउरा का लागत बा, भूमिपुत्र से लोग के मानसिकता बदल जाई ?
जरुर। हमार त इहे कोशिश बा कि लोग समुझस कि का सही बा आ का गलत. हमनी का एह फिलिम का माध्यम से सामाजिक भेदभाव मेटावे के कोशिश कइले बानी. सबके ई सोचे के चाहीं कि हमनी का शांति से रहे के बा कि कवनो बड़ मछरी के चारा बन के.


साभार - अंजोरिया

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