गुरुवार, मई 21, 2009

मनसे विवाद को परिभाषित करती भूमिपुत्र



मराठी अस्मिता के मुद्दे पर आंदोलन चलाकर गरीब , असहाय लोगो पर निशाना बनाने वाले मनसे का रूप अब फिल्मी परदे पर भी नज़र आने वाला है। निर्माता डॉक्टर खान और निर्देशक हैरी फ़र्नान्डिस की भोजपुरी फ़िल्म भूमिपुत्र इसी मुद्दे को आधार कर के बनाई गई है। भोजपुरिया सुपर स्टार रविकिशन अभिनीत इस फ़िल्म में रविकिशन नौकरी की तलाश में बिहार से मुंबई आते हैं और यहाँ वोट की राजनिति से उनका वास्ता होता है। अपने अपने फायदे के लिए नेता किस तरह प्रांतवाद , जातिवाद और धर्म का वास्ता देकर लोगो को बेवकूफ बनाते हैं उसका सजीव चित्रण इस फ़िल्म के मध्यम से किया गया है। निर्देशक हैरी फ़र्नान्डिस के अनुसार भूमिपुत्र में भूमिपुत्र शव्द की सही परिभाषा बताई गई है। हैरी के अनुसार भूमिपुत्र को किसी क्षेत्र से जोड़ा जाना ग़लत है क्यूंकि हम लोग भारत के भूमिपुत्र हैं न की किसी राज्य, जिले या किसी गाँव के । रविकिशन ने भूमिपुत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की मुंबई हमारी कर्मभूमि है , यहाँ की कमाई से हम गाँव में घर बनाते हैं, माता पिता के सपनो को साकार करते हैं, बहन की शादी के लिए पैसे जुटाते हैं इसीलिए हमें अपनी कर्मभूमि से प्यार है। भूमिपुत्र में भी मैंने यही बात कही है यही नही मैंने महाराष्ट्र के लोकप्रिय गान जय जय महाराष्ट्र माझा को भी गाया है।

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