शनिवार, मई 09, 2009

कलर्स का भोजपुरिया रंग- भाग्य विधाता

कलर्स चैनल पर हाल ही में एक नया धारावाहिक ‘सबकी जोड़ी‍ वही बनाता... भाग्यविधाता’ शुरू हुआ है, जिसे प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार शाम 7 बजे से देखा जा सकता है। इसमें एक ऐसे मुद्दे पर ध्यान दिया गया है, जो बिहार के एक खास इलाके की महिलाओं के साथ जुड़ा है और इसकी शुरुआत पुरुषों की प्रताड़ना के साथ होती है। फिर उसके परिणामस्वरूप महिलाओं को पकरौआ विवाह नामक जटिल और अनोखी प्रचलित प्रथा के कारण अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ‘पकरौआ विवाह’ कहलाने वाली और दूल्हों का अपरहण करने वाली यह विचित्र प्रथा बिहार के भीतरी हिस्सों में मौजूद है और एक पुरानी प्रथा है। यह धारावाहिक बिंदिया की कहानी है। गाँव में रहने वाली बिंदिया पढ़ी-लिखी और समझदार है। बी.ए. ऑनर्स कर चुकी बिंदिया के ‍लिए उसके पिता वर तलाश रहे हैं, लेकिन बिंदिया के साधारण रंग-रूप के कारण उपयुक्त वर नहीं मिलता। उससे शादी करने के लिए राजी होने वाले व्यक्ति भारी दहेज माँगते हैं। यह बिंदिया के पिता के बलबूते से बाहर है। आखिरकार बिंदिया के पिता शारदा प्रसाद अपनी बेटी की शादी करवाने के लिए एक दूल्हे का अपहरण करवाते हैं। बिंदिया की, जिसे हकीकत के बारे में पता नहीं है, अचानक ही एक अजनबी के साथ शादी हो जाती है। इस अनोखी कहानी में बिंदिया की शादी से पहले उसकी जिंदगी से लेकर उस समय तक दिखाया गया है, जहाँ वह यह अनोखे हालात के साथ तालमेल बिठाने के लिए कोशिश कर रही है। यह धारावाहिक बिंदिया और उसके दूल्हे के चारों ओर घूमता है। ग्रामीण इलाकों में ऐसी प्रथाएँ प्रचलित हैं और सैकड़ों भारतीय की जिंदगी की कटु सच्चाई यह धारावाहिक दिखाता है। इस धारावाहिक को सजीवता से प्रस्तुत करने के लिए चैनल ने कलाकारों का चयन भी बिहार और उत्तरप्रदेश की मिटटी से जुड़े कलाकारों को प्राथमिकता देते हुए किया है। भोजपुरी के प्रसिद्द कलाकार प्रकाश जैस जहाँ बिंदिया के भाई की भूमिका में हैं वहीँ सुशिल सिंह भी सशक्त किरदार में हैं।

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