भोजपुरी फिल्मो के एक्शन स्टार अजय दीक्षित को गाड़ियों का शौक़ीन माना जाता है , पिछले दो साल में बेटवा बाहुबली, नज़रिया तोहसे लागी , पापी के पाप काहे गंगा धोये और करेंट मारे गोरिया जैसी सफल व चर्चित फिल्म दे चुके अजय दीक्षित के पास गाडियों की कोई कमी नहीं है . सबसे मजे की बात तो यहाँ है की मुंबई में रह रहे अजय भारत में कहीं भी जाएँ तो वो अपनी गाडी को ही प्राथमिकता देते हैं, चाहे उनका घर जौनपुर हो या फिल्म वितरण का शहर पटना . लगभग आधा दर्ज़न गाड़ियों के मालिक का आजकल पसंदीदा गाडी बना है टाटा सफारी . सफारी खरीदने के सम्बन्ध में अजय ने बताया की एक बार वो बिहार के एक गाँव में शूटिंग कर रहे थे पूरी यूनिट गाँव में ठहरी थी लेकिन उन्हें और फिल्म की हिरोइन गुंजन कपूर को छपरा में ठहराया गया था. जहाँ से रोजाना वो सफारी से जाते थे . एक दिन शूटिंग समाप्त कर वापसी के वक़्त उन्होंने ड्राइवर से आग्रह कर खुद सफारी चलने का निर्णय लिया . उस दिन उन्होंने पहली बार सफारी चलाया था. अजय को वह ड्राइव इतनी पसंद आई की उन्होंने मुंबई आते ही सफारी खरीद ली. इस दीपावली वो अपने गाँव जौनपुर इसी सफारी के साथ गए हैं. खुद अजय कहते हैं वो अपनी गाडी से ही कहीं जाना पसंद करते हैं चाहे वो मुंबई से कितना भी दूर क्यों ना हो .
सोमवार, नवंबर 07, 2011
अजय और सफारी
भोजपुरी फिल्मो के एक्शन स्टार अजय दीक्षित को गाड़ियों का शौक़ीन माना जाता है , पिछले दो साल में बेटवा बाहुबली, नज़रिया तोहसे लागी , पापी के पाप काहे गंगा धोये और करेंट मारे गोरिया जैसी सफल व चर्चित फिल्म दे चुके अजय दीक्षित के पास गाडियों की कोई कमी नहीं है . सबसे मजे की बात तो यहाँ है की मुंबई में रह रहे अजय भारत में कहीं भी जाएँ तो वो अपनी गाडी को ही प्राथमिकता देते हैं, चाहे उनका घर जौनपुर हो या फिल्म वितरण का शहर पटना . लगभग आधा दर्ज़न गाड़ियों के मालिक का आजकल पसंदीदा गाडी बना है टाटा सफारी . सफारी खरीदने के सम्बन्ध में अजय ने बताया की एक बार वो बिहार के एक गाँव में शूटिंग कर रहे थे पूरी यूनिट गाँव में ठहरी थी लेकिन उन्हें और फिल्म की हिरोइन गुंजन कपूर को छपरा में ठहराया गया था. जहाँ से रोजाना वो सफारी से जाते थे . एक दिन शूटिंग समाप्त कर वापसी के वक़्त उन्होंने ड्राइवर से आग्रह कर खुद सफारी चलने का निर्णय लिया . उस दिन उन्होंने पहली बार सफारी चलाया था. अजय को वह ड्राइव इतनी पसंद आई की उन्होंने मुंबई आते ही सफारी खरीद ली. इस दीपावली वो अपने गाँव जौनपुर इसी सफारी के साथ गए हैं. खुद अजय कहते हैं वो अपनी गाडी से ही कहीं जाना पसंद करते हैं चाहे वो मुंबई से कितना भी दूर क्यों ना हो .
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