गुरुवार, जून 09, 2011

कुव्यवस्था के बीच संपन्न भइल अवार्ड समारोह

भोजपुरी के पहिला ट्रेड पत्रिका होखे के दावा करे वाली एगो पत्रिका भोजपुरी सिटी द्वारा आयोजित भोजपुरी सिटी सिने अवार्ड भारी कुव्यवस्था अउर सबके सम्मानित करे के कवायद के कारण विवादन के बीच संपन्न भइल। एह समारोह के सबसे मजेदार बात ई रहे कि इंडस्ट्री से जुडल हर व्यक्ति के पहिलहीं पता रहे कि केकरा कवन अवार्ड मिले जा रहल बाटे। एतने ना, भोजपुरी खातिर समर्पित लोगन के एह समारोह से दूर राखल गइल रहे।

अवार्ड के निर्धारण खातिर बकायदा एगो जूरी के घोषणा कइल गइल रहे, लेकिन निर्णय के अधिकार शायद उनका लगेना रहे, तबे बिना फिल्म देखले एगो अभिनेत्री के नवोदित अदाकारा के अवार्ड दे दिहल गइल। नवोदित अभिनेता के अवार्ड में भी आयोजकन के जानकारी के कमी लउकल। पुरस्कार जवना अभिनेता के दिहल गइल, ओकर पहिला फिल्म जून 2009 में रिलीज़ भइल रहे, अउर उनका के उनकर दोसर फिल्म खातिर अवार्ड दिहल गइल। जबकि आयोजक लोगन के पत्रिका में ही एह फिल्म के समीक्षा छपल रहे। एहिजा सबसे अजीब बात ई पता लागल कि मशहुर विलेन संजय पाण्डेय अउर "भइया के साली ओढनिया वाली" के निर्देशक प्रेमांशु सिंह के ई आरोप बा कि ओह लोगन के नॉमिनी के तौर पर बोलवल गइल रहे (उनका के नॉमिनी वाला पास भी दिहल गइल रहे), लेकिन ओहिजा गइला पर ओह लोगन के नाम तक ना पुकारल गइल। एह घटना से दुखी कुछ कलाकार एह तरह के आयोजनन के बहिष्कार के बारे में सोच रहल बाडन।

एह से बेसी शर्मनाक हालात त तब पैदा हो गइल, जब आयोजक लोग सीधे-सीधे विजेता लोगन के अवार्ड खातिर आमंत्रित कइल शुरू कइ दिहल, जवना में नॉमिनेशन के प्रक्रिया तक के ध्यान ना राखल गइल। एक पल खातिर अइसन लागल कि ई कवनो सम्मान समारोह हवे, जवना में लोगन के लाइन से सम्मानित कइल जाता। पिछला साल के चर्चित फिल्म "रणभूमि" खातिर निरहुआ के सर्वश्रेष्ट अभिनेता के अवार्ड दिहल गइल, अउर अभय सिन्हा के एही फिल्म के साल के सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित कइल गइल। ‘रणभूमि’ खातिर ही निर्देशक अनिल अजिताभ के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक अउर पटकथा लेखक, डांस मास्टर पप्पू खन्ना के सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर, दामोदर नायडू के सर्वश्रेष्ठ छांयाकन, अउर संभावना सेठ के सीमा सिंह का संगे सर्वश्रेष्ठ आईटम डांस के पुरस्कार से नवाजल गइल।

रिंकू घोष के ‘‘बलिदान’’ में बेहतरीन अभिनय खातिर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार दिहल गइल। ओहिजे दोसरा ओर लोकप्रिय श्रेणी में भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह अउर अभिनेत्री पाखी हेगडे के सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय अभिनेता अउर अभिनेत्री चुनल गइल। पिछला साल के सबसे बड़हन हिट फिल्म (निर्माता) दिलीप जायसवाल के ‘‘देवरा बड़ा सतावेला’’ के सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म, अउर निर्देशक राजकुमार आर. पाण्डेय के सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय निर्देशक के पुरस्कार दिहल गइल। सर्वश्रेष्ठ खलनायक के पुरस्कार अवधेश मिश्रा के मिलल, ओहिजे सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार मनोज टाईगर (सात सहेलियाँ) रहलन। सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक के पुरस्कार रामाकांत प्रसाद (दाग), नवोदित अदाकारा अक्षरा सिंह (सत्यमेव जयते) अउर सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेता के अवार्ड हितेन्द्र सिंह के दिहल गइल।

सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के खिताब मधुकार आनंद के ‘‘देवरा बड़ा सतावेला’’ खातिर दिहल गइल, ओहिजे सर्वश्रेष्ठ गीतकार पप्पू ओझा (देवरा बड़ा सतावेला), सर्वश्रेष्ठ गायक उदित नारायण (शिवा), सर्वश्रेष्ठ गायिका इंदु सोनाली (देवरा बड़ा सतावेला), सर्वश्रेष्ठ एक्शन राम लक्ष्मण (शिवा), सर्वश्रेष्ठ कथा मसूद पटेल (बलिदान), सर्वश्रेष्ठ सह अभिेनेता विराज भट्ट (दाग), सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री गुजंन पंथ (बलिदान), सर्वश्रेष्ठ साउण्ड रिकॉर्डिस्ट स्व. लल्लन सिंह (दाग), सर्वश्रेष्ठ बालकलाकार ऋषभराज ‘‘गोलू’’ (दाग), अउर सर्वश्रेष्ठ पब्लिसीटी डिजाइनर का अवार्ड नरसू के दिहल गइल।

एक ओर जहा भोजपुरी मेगा स्टार मनोज तिवारी ‘मृदुल’ के दशक के सर्वश्रेष्ठ भोजपुरी सितारा के पुरस्कार दिहल गइल, ओहिजे मशहूर निर्माता अभय सिन्हा अउर लोकगायिका मालिनी अवस्थी के भोजपुरी सिटी विशेष सम्मान से नवाजल गइल। भोजपुरी सिनेमा के स्वर्णिम पचास साल पूरा भइला के अवसर पर भोजपुरी के 21 महान विभुतियन के सम्मानित कइल गइल, जवना में स्व. विश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी, स्व. रामायण तिवारी, महानायक अमिताभ बच्चन, वंदनी मिश्रा, स्व. अंजान, स्व. चित्रगुप्त जी, स्व.राममुर्ति चतुर्वेदी, देव मल्होत्रा, दीपा नारायण, आरती भट्टाचार्य, समरजीत, बृजेश त्रिपाठी, विनय बिहारी अउर स्व. प्रशांत उज्जवल (प्रचारक) के नाम प्रमुख रहे।

प्रसिद्ध भोजपुरी अभिनेता रवि किशन अउर अभिनेत्री रानी चटर्जी के अनुपस्थिति में भइल एह अवार्ड समारोह पर कई लोग अंगुरी उठा रहल बाटे। कुछ लोगन के आरोप बा कि एह अवार्ड समारोह में साफ-सुथरा छवि वाला फिल्मन के नजरअंदाज कइल गइल, जबकि कई अइसन कलाकरन के खाली खुश राखे खातिर अवार्ड दे दिहल गइल, जेकर पिछला साल भर में कवनो खास योगदान ना लउकल। मामला चाहे जवन कुछ भी होखो, लेकिन कुछ वरिष्ठ कलाकारन के गैर-मौजुदगी एह बात के चुगली करत रहे कि कहीं ना कहीं एह अवार्ड समारोह में भाई-भतीजावाद के प्रश्रय दिहल गइल रहे, जेकर परिणाम इंडस्ट्री के भविष्य खातिर शुभ ना कहाई। एक तरह के अवार्ड समारोह करे वाला आयोजकन के चाहीं कि अवार्ड विजेता के चयन खातिर एगो निष्पक्ष प्रक्रिया बवावल जाव, तबे कलाकारन के भी गरिमा बच पाई, अउर इंडस्ट्री के भी।

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