मंगलवार, फ़रवरी 22, 2011
क्रिकेट के नशा से गहरा है फिल्मो का नशा - रवि किशन
भोजपुरी फिल्मो के अमिताभ बच्चन कहे जाने वाले अभिनेता रवि किशन क्रिकेट की दीवानगी को एक नशा मानते हैं लेकिन ये भी मानते हैं की उनके लिए फिल्मो का नशा क्रिकेट के नशा के सामने कुछ भी नहीं है . आज जहाँ पूरा देश क्रिकेट के खुमार में डूबा है वहीँ फिल्म जगत में उत्साह की कमी नज़र आ रही है . हिंदी , भोजपुरी सहित देश की लगभग हर भाषा की फिल्मो में काम कर रहे रवि किशन उनमे से ही एक है. रवि किशन की व्यस्तता का आलम ये है की आज उनकी आने वाली फिल्मो की संख्या लगभग पचास तक पहुच गयी है. लगातार फिल्मो की शूटिंग में व्यस्त रवि किशन से क्रिकेट वर्ल्ड कप के सम्बन्ध में पुछा गया तो उन्होंने कहा की क्रिकेट से उन्हें लगाव है लेकिन उसके प्रति दीवानगी उन्हें पसंद नहीं है , हाँ जब भारतीय क्रिकेट टीम जीतती है तो उन्हें काफी ख़ुशी होती है. उन्होंने इस बात पर भी आपति जताई की क्रिकेट को पूरे देश से जोड़ना गलत है मसलन टीम जीतती है तो ये नहीं कहना चाहिए की भारत जीता और टीम हारती है तो ये नहीं कहा जाना चाहिए की भारत हारा . यह शब्द जीतने पर तो अच्छा लगता है लेकिन हारने पर दिल को ठेस पहुचती है. हालांकि रवि किशन को इस बात से इनकार नहीं है की क्रिकेट आज देश की धड़कन बन चुकी है और जितनी लोकप्रियता इस खेल को मिली है उतनी किसी को नहीं. उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया की क्रिकेट का असर फिल्म जगत पर भी हुआ है. जिस दिन भारतीय टीम का मैच होता है उस दिन सिनेमाघरों में दर्शको की संख्या कम होती है . यह पूछे जाने पर की शूटिंग पूरी कर जब वक़्त मिलेगा तो वो क्रिकेट देखना पसंद करेंगे ? उन्होंने कहा बिल्कुल अगर भारतीय टीम सेमीफायनल और फायनल खेलेगी तो वो ज़रूर मैच देखना पसंद करेंगे . उन्होंने भोजपुरी फिल्म के दर्शको से अपील भी की कि वो क्रिकेट के साथ साथ फिल्मो का भी मजा लें.
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