शुक्रवार, अप्रैल 30, 2010

एक साफ सुथरी फिल्म - लाट साहब



बहुत दिनो बाद एक साफ सुथरी फिल्म नजर आई है जिसे आप पूरे परिवार के साथ बैठ कर देख सकते हैं. एक युवा निर्माता रामकृष्ण प्रसाद ने भोजपुरी फिल्मों से अश्लीलता और गलत परंपराओं को बदलने की जिद्द ठाने यह फिल्म बनायी है. आजकल की भोजपुरी फिल्मों की चाल से उल्टा चलते हुये नये निर्माता रामकृष्ण प्रसाद की फिल्म लाट साहब में न तो अश्लील दृश्य हैं, न दुअर्थी संवाद. बिल्कुल गँवई पृष्ठभूमि में बनी इस फिल्म को पूरा परिवार एक साथ बैठ कर देख सकता है. बाकी फिल्मों की भेड़चाल को अनदेखा करते हुये निर्माता रामकृष्ण की जिद्द थी कि इस फिल्म में कोई आयटम सांग नहीं डाला जायेगा. और फिल्म बिना आयटम सांग के ही बनी है.
फिल्म का नायक एक बिगड़ैल शरारती युवक है जो अपनी शरारती आदतों के बावजूद गलत कामों से दूर रहता है. फिल्म में ग्रामीण जीवन के यथार्थ को बखूबी दिखलाया गया है. कहीं कोई बनावटीपन नहीं दिखता. यह नहीं लगता कि फिल्म का गाँव किसी शहर के स्टूडियो में बना कोई सेट है. फिल्म के चरित्र भी आम ग्रामीण हैं जो हमें अपने अगल बगल हमेशा मिल जायेगें. गाँव का आपसी भाईचारे के साथ गँवई अक्खड़पन भी बहुत बढ़िया ढंग से दिखलाया गया है. फिल्म की कहानी एक संवेदनशील मुद्दे को बहुत सहजता से फिल्मांकित करती है जिसमें अलग अलग धर्मो कें नायक नायिका प्रेमपाश में बँध जाते हैं और तमाम वर्जनाओं, विरोधों के बावजूद अपने प्यार पर अडिग रहते हैं. फिल्म कि कहानी किस तरह इस मुद्दे से निबटती है उसके लिये तो आपको फिल्म देखनी ही होगी. लाट साहब के सारे गाने बहुत ही बढ़िया लिखे गये हैं जो श्रोताओं की जुबान पर आसानि से चढ़ जायेगें और पूरा परिवार इन गानों का आनन्द उठायेगा एसा पक्का भरोसा है. इन सुमधुर गीतों के साथ संगीतकार अशोक कुमार दीप ने बेहतर न्याय किया है और शायद यह इस लिये भी संभव हो पाया है कि गीत भी उन्हींने लिखे हैं. फिल्म में रोमांस है तो ट्रेजडी भी, सहज कॉमेडी भी है तो स्वाभाविक दिखते फाइट सीन भी. फिल्म के मुख्य कलाकारों में राजीव दिनकर, रुबी सिंह, प्रिया शर्मा, अवधेश कुमार, विजया सिंह, अनुज तिवारी, संजय वर्मा, रोहित मटरू, कमलेश सिंह, संगीता सिन्हा, तथा विनोद मिश्रा हैं. पटकथा शशि रंजन द्विवेदी की है और नृत्य निर्देशन ज्ञान सिंह का.
निर्माता रामकृष्ण कुमार बिहार के पटना के रहने वाले हैं और यह उनकी पहली फिल्म है. इसकी अधिकतर शूटिंग हाजीपुर और आस पास के इलाकों में की गयी है. रामकृष्ण प्रसाद ने भोजपुरी फिल्मों के मौजूदा रीति रिवाजो को बदलने का बीड़ा उठाया है और बहुत हद तक वह इसमें सफल दिखते हैं. फिल्म को वह खुद रिलीज करने वाले हैं. फिल्म शीघ्र ही बिहार में रिलीज होने वाली है.

लाट साहब राजीव दिनकर

http://http://www.youtube.com/watch?v=1Aw5h2KHxwk&feature=player_embedded

आज भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के की जयंती है.


“दादा साहेब फाल्के युगपुरुष थे, भारतीय फ़िल्म उद्योग की नींव उन्होंने ही रखी. इस बात का उन्हें नाज़ था....
...पर जब मेरे नानाजी का देहांत हुआ था तो उनके गृहनगर नासिक के सारे सिनेमाघर चालू रहे, किसी ने एक शो तक बंद नहीं किया था. उनकी बेटी और पत्नी बहुत दुखी हुई थी कि ऐसी कैसी दुनिया है जो इतनी जल्दी भूल गई.हालात इतने बिगड़ गए थे कि उनके बच्चों को फ़िल्मों से नफ़रत हो गई थी. मुझे लगता है कि मेरे नाना की कद्र नहीं हुई.आपको लगता है उन्हें वो सम्मान मिला?.”
ये सवाल है ऊषा पाटनकर का है जो दादा साहेब फाल्के की नातिन हैं। तीस अप्रैल को दादा साहिब फाल्के का जन्मदिवस है, जिन्होंने 1913 में भारत की पहली कथा फ़िल्म राजा हरिश्चंद्र बनाई.

आज की पीढ़ी के लिए धुंडिराज गोविंद फाल्के या दादा साहेब की पहचान शायद हर साल मिलने वाले पुरस्कार तक ही सीमित होकर रह गई है. इस युगपुरुष को जानने-समझने की कोशिश और उनसे जुड़े सवालों की तलाश हमें उनके परिवार तक ले गई. लेकिन उनके जवाब हमारे सामने कई और सवाल छोड़ गए.
दादा साहेब की सबसे बड़ी नातिन ऊषा पाटनकर ही एकमात्र ऐसी सदस्य जीवित हैं जो फ़ाल्के जी के साथ रही हैं, उनके साथ वक़्त बिताया है.
घर के बर्तन तक बेचे
ऊषा बचपन में वो तमाम किस्से सुनकर बड़ी हुई कि कैसे उनके नाना ने सिनेमा में बुलंदियाँ हासिल कीं। लेकिन जो हक़ीकत उन्होंने अपने सामने देखी वो कुछ और ही थी. अपनी यादों को टटोलते हुए वे कहती हैं, “ये वो दौर था जब दादा साहेब बूढ़े हो चुके थे, उनकी याददाश्त चली गई थी और काफ़ी बीमार थे. पर जब मैं उन्हें दवा देने आती तो वे मुझे अपने पास बिठा लेते और बताते कि अब उन्हें कौन सी फ़िल्म बनानी है."
वे बताती हैं,"वे पूरी भाव-भंगिमा के साथ मुझे ऐक्शन करके दिखाते कि ये सीन कैसे फ़िल्माया जा सकता है और बताते कि ऐसा करेंगे तो सीन अच्छा दिखेगा. अंतिम दिनों में नानाजी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन तब भी दादा साहेब के दिमाग़ में सिनेमा, प्रोजेक्टर की बातें चलती रहती थीं.”
ऊषा का कहना है कि दादा साहेब का जीवन जितना सरल था उतना ही जटिल और विरोधाभासी भी.
अपनी नानी और माँ से सुने किस्से वे बड़े चाव से सुनाती हैं। वे बताती हैं, "दादा साहेब की बेटी यानी मेरी माँ ने वो समय देखा था जब दादा साहेब का करियर पूरी रवानी में था. बचपन में माँ के कपड़े पेरिस की बहुत मशहूर लॉंडरी से धुल कर आते थे मानो वो कोई राजकन्या हो. इतनी कमाई होती थी कि पैसे की गड्डियाँ बैलगाड़ी में भर-भर के लाई जाती थीं." लेकिन फिर वक़्त ने करवट बदली और परिवार की हालत इतनी खराब हो गई कि दादा साहेब फाल्के की मदद के लिए उनकी पत्नी ने गहनों के बाद घर का एक-एक बर्तन तक बेच दिया था।

बिखर गया परिवार

आम तौर पर बड़ी हस्तियों को लोग हमेशा महिमामंडित करके देखते हैं - न कोई कमी, न कोई ख़ामी.
ऊषा पाटनकर बहुत साफ़गोई से कहती हैं कि फाल्केजी के बेटे-बेटियों ने दादा साहेब का बड़प्पन तो देखा है पर उनकी कमियाँ भी देखी हैं.
ऊषा ने बताया, “जो बड़ी हस्तियाँ होती हैं उनके बच्चों के साथ कई बार ऐसा ही होता है. चाहे वो गांधीजी हों या तिलक. परिवार की ओर दादा साहेब का कोई ध्यान नहीं रह पाता था, सिनेमा ही सब कुछ था. मेरे सबसे छोटे मामा तो पढ़े लिखे भी नहीं थे, आर्थिक स्थिति ख़राब थी.यही वजह है कि फ़िल्मों के प्रति फाल्के परिवार के किसी भी सदस्य की रुचि नहीं हुई.”
ऊषा जी ने बातों-बातों में बताया कि दादा साहेब के बच्चे तो यहां तक कहते थे कि फ़िल्मों से उन्हें नफ़रत है क्योंकि उन्हें लगता था कि फ़िल्मों की वजह से उनकी ज़िंदगी संवर नहीं पाई. लेकिन ये बताते हुए ऊषा की आवाज़ में कटुता नहीं. वे कहती हैं कि आज की तारीख में तीसरी पीढ़ी के फाल्के परिवार की सरकार से कोई माँग नहीं है.
जब मैं दादा साहेब के बारे में बात कर रही थी तो सामने टीवी पर स्लमडॉग मिलियनेयर का गाना चल रहा था 'जय हो'. पूरी दुनिया में छा जाने वाली इस फ़िल्म ने जाने-अनजाने भारतीय न होते हुए भी भारतीय फ़िल्म इंडस्ड्री को विश्व के केंद्रबिंदु में ला दिया...अब लोग एआर रहमान को जानने लगे हैं, संगीत-नृत्य को फ़िल्म का हिस्सा होने पर वे आचंभित नहीं होते और हिंदी गाना जय हो एक नारा बन गया है.
जय हो के ये स्वर भले ही 21वीं सदी में गूँज रहे हैं लेकिन ये बात भुलाई नहीं जा सकती कि इस सफलता की नींव करीब एक सदी पहले दादा साहेब फाल्के ने डाली। साभार - बी बी सी

पायरेसी रोकने वीनस का अनूठा उपक्रम


वीडियो पायरेसी आज फिल्म जगत की एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है । जागरूकता और कड़े क़ानून के वावजूद इस पर अंकुश लगाने में सरकार व फिल्म जगत विफल रही है। प्रसिद्द संगीत कंपनी वीनस ने अब इस पर अंकुश लगाने हेतु एक अनूठे उपक्रम की शुरुवात की है। वीनस म्यूजिक के चंपक जैन ने साल २००९ की रवि किशन , पवन सिंह स्टारर सुपर हिट भोजपुरी फिल्म रंगबाज़ दरोगा की वीसीडी खरीदने वालो को इनाम देने का फैसला किया । फिल्म की वीसीडी के साथ एक इनामी कूपन संलग्न किया गया। इनाम स्वरुप विजेताओ को एयर कंडीशन , फ्रिज, टीवी, वाशिंग मशीन, डीवीडी प्लेयर, सहित सैकड़ो इनाम दिए जाने की घोषणा की गयी। ये प्रयोग सफल रहा और अचानक ओरिजनल वीसीडी खरीदने वालो की तादात बढ़ गयी । पिछले दिनों भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन ने लोटरी द्वारा विजेताओ की घोषणा की । इसके तहत दिल्ली की पूनम, अजमेर के रमेश गुप्ता, बिहार के शंकर प्रसाद चौरसिया , चंडीगढ़ के देश राज, हाजी पुर के शिव शंकर, बिहार के ही रामजी सिंह, दिल्ली की खुशबू, हरियाणा के योगेन्द्र यादव, सूरत के धर्मेन्द्र पटेल, मेघालय की रीता गुप्ता, असाम के आशीष गुप्ता, बंगाल की वेलूर और मुंबई की सीमा पाठक को विजेता घोषित किया गया। चंपक जैन के अनुसार सभी विजेताओ को पांच मई से पहले उनका इनाम उन्हें भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा की वो आगे भी इस तरह का प्रयोग करते रहेंगे। सुपर स्टार रवि किशन ने वीनस की सराहना करते हुए कहा की वे पायरेसी रोकने हेतु किये गए हर अभियान में वीनस के साथ है।

गुरुवार, अप्रैल 29, 2010

‘‘भईया के साली’’ अब बनेगी मुंबईवाली


जी हां, ‘‘भईया के साली’‘ अब सचमुच मुंबईवाली बनने जा रही है। इस सप्ताह आप भी नजदीकी सिनेमाघर में इनका दीदार कर पायेंगे। दरअसल क़मर हाजीपुरी द्वारा लिखित-निर्देशित एक भोजपुरी फिल्म है ‘‘भईया के साली’’ जो बिहार में कामयाबी के झंडे गाड़ने के बाद अब मुंबई में प्रदर्शित हो रही है। ए.जी. इन्टरटेन्मेन्ट के बैनर तले बनी मोहम्मद अज़ीम द्वारा निर्मित यह पारिवारिक फिल्म एक प्रेम कहानी भर नहीं है, बल्कि सामाजिक रूढ़िवादिता दूर करने की दिशा में दिया गया एक सत्प्रयास भी है। इसमंे एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो एकदम बिंदास सोच की है। एक दिन स्वभाव के प्रतिकूल वह अपनी दीदी के देवर को दिल दे बैठती है। पर उसका विवाह एक फौजी से हो जाता है। फिर वह विधवा हो जाती है। इसके बाद अकेली पड़ी राधा और घर-परिवार के लोगों के बीच का द्वन्द्व शुरु होता है। इस फिल्म में राधा की भूमिका कल्पना शाह ने अभिनीत की है और उसे रोहन मदेशिया से प्यार हो जाता है। साथ में प्रमुख कलाकार हैं-कुणाल सिंह, उदय श्रीवास्तव, विजय खरे और अतिथि भूमिका में गौरव घई। संगीत सी. वनवीर, गीत कम़र हाजीपुरी के, छायांकन त्रिलोकी चैधरी तथा नृत्य निहाल सिंह का है। सह-निर्माता एस.जी. नासर व नितेश जमुआर हैं। फिल्म के प्रस्तुतकर्ता हैं पुरुषोत्तम अग्रवाल।

बुधवार, अप्रैल 28, 2010

रावण में रविकिशन का नया अवतार



भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन का नया अवतार देखने को मिलेगा चर्चित फिल्मकार मणि रत्नम की आने वाली फिल्म रावण में। हाल ही में मुंबई में एक भव्य समारोह में इस फिल्म का म्यूजिक लौंच किया गया। इस मौके पर अभिनेता अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय, विश्व प्रसिद्द संगीतकार ए.आर.रहमान , गीतकार गुलज़ार, विधु विनोद चोपड़ा, रवि किशन सहित फिल्म जगत के कई दिग्गज मौजूद थे। समारोह के आकर्षण के केंद्र थे अभिषेक , ऐश्वर्या व रवि किशन । समारोह में बच्चन दंपत्ति नें अभिषेक जहाँ इस फिल्म में वीरा के किरदार में हैं वहीँ रवि किशन उसके बड़े भाई मंगल के किरदार में । रवि किशन मानते हैं की रावण से हिंदी फिल्म जगत में उनकी लौन्चिंग हो रही है। अपनी भूमिका के बारे में उन्होंने कहा की वे अपने छोटे भाई के कवच हैं और उनकी रक्षा करते हैं। मणिरत्नम की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कहा की डेढ़ साल तक मणि सर ने जंगलो की ख़ाक छनवाई तब जाकर रावण जैसी खुबसूरत फिल्म का निर्माण हुआ है।

महाराष्ट्र दिवस पर रविकिशन का सम्मान

महाराष्ट्र राज्य की स्थापना के पचास वर्ष पुरे होने के उपलक्ष में उत्तर भारतीय विकास परिषद् मुंबई द्वारा आयोजित एक समारोह में भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार रवि किशन व राष्ट्र वादी कोंग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो.डी.पी.त्रिपाठी का सम्मान मुंबई के अँधेरी स्थित पानीपत के मैदान में एक भव्य समारोह में किया जाएगा। उत्तरभारतीय विकास परिषद् के सन्सथापक अध्यक्ष मंगलेश्वर (मुन्ना) त्रिपाठी के अनुसार महाराष्ट्र की स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर परिषद् द्वारा कविवर्य मंगेश पाडगोंकर भाषा भारती सम्मान का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर लावणी नृत्य , रंगा रंग भोजपुरी व हास्य कवि सम्मलेन का भी आयोजन किया गया है। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि राज्य के वस्त्र उद्योग मंत्री श्री आरिफ ( नसीम ) खान उपस्थित रहेंगे। अन्य अतिथियों में गजानन कीर्तिकर ( शिव सेना नेता), मुंबई भाजपा अध्यक्ष गोपाल शेट्टी, नवाब मालिक, सांसद संजय दीना पाटिल, दोपहर का सामना के कार्यकारी संपादक प्रेम शुक्ला, आदि उपस्थित रहेंगे। समारोह की अध्यक्षता पंडित रामजस उपाध्याय करेंगे।

सोमवार, अप्रैल 26, 2010

रवि किशन और मनोज तिवारी की ‘लाठी’


भोजपुरी फिल्मों के दो-दो दिग्गज स्टार रवि किशन और मनोज तिवारी अब ‘लाठी’ लेकर अपने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देंगे। जी हां, रवि सिन्हा द्वारा निर्देशित भोजपुरी फिल्म ‘लाठी’ में भोजपुरी सिनेमा जगत के ये दोनों कलाकार लंबे अर्से बाद एक साथ नज़र आयेंगे। राकेश कोहली, सुरेन्द्र बंसल और विकास संघी निर्मित ‘लाठी’ के पहले भोजपुरी सुपर स्टार रवि किशन और मनोज तिवारी ने अपना जलजला ‘तू हमार हऊ’ में दिखाया था जो एक यादगार फिल्म बनी। ‘लाठी’ की लांचिंग पार्टी मुंबई के जुहू स्थित एला बैंक्वेट में दी गयी तो इस अवसर पर भोजपुरी सिनेमा की तमाम हस्तियां मौजूद थीं। मातारानी पिक्चर्स प्रा. लि. के बैनर तले बननेवाली इस फिल्म ‘लाठी’ के बारे आने पत्रकारों से बात करते हुए निर्देशक रवि सिन्हा ने बताया कि यह फिल्म एक्शन पैक्ड फिल्म होगी जिसमे कॉमेडी और रोमांस का भी जबरदस्त तड़का होगा। इस अवसर पर फिल्म वितरक दुर्गा प्रसाद, निर्माता संजय सिंहा, मोनिका सिंहा, निर्देशक राजकुमार आर. पाण्डेय, आनंद गहतराज, विष्णु शंकर वेलू, प्यारेलाल यादव, श्याम देहाती सहित लोग वहां उपस्थित थे।

भोजपुरिया पर्दे पर राजकुमार पाण्डे का जादू


भोजपुरी फिल्म उद्योग पर अब तक सिर्फ नायकों का ही जादू देखने को मिलता है। बहुत कम ही हुआ है कि कोई निर्देशक भी सफलता का ताज अपने सर पर पाता है और इण्डस्ट्रीज के लोग उस सफलता का श्रेय उसे देते है। लेकिन, भोजपुरी फिल्म उद्योग में अगर दर्शकों के उपर किसी निर्देशक का जादू सर चढ़कर बोल रहा है तो वे है युवा निर्देशक राज कुमार आर॰ पाण्डे। जी हाँ, निर्देशक राज कुमार आर पाण्डे ने तो बॉक्स ऑफिस पर सफलता की झड़ी ही लगा डाली है। बॉक्स ऑफिस पर एक से बढ़कर एक सफल फिल्मों के निर्देशक होने का गौरव राजकुमार आर पाण्डे प्राप्त किए जा रहे है। वर्ष 2010 में राजकुमार की दो फिल्में ने लगातार सफलता का परचम लहाया है। होली पर रिलीज हुई राजकुमार पाण्ड की निरहुआ स्टारर ‘‘सात सहेलिया’’ बिहार-यू.पी. के दर्जन भर सिनेमाघरों में सफलतापूर्वक 50 दिवस मना रही है वही अभी भी फिल्म सिनेमाघरों में टिकट खिड़की पर दर्शकों को आकर्षित की हुई है। वहीं दूसरी रिलीज हुई रवि-पवन स्टारर ‘‘देवरा बड़ा सतावेला’’ तो ऐतिहासिक क्लेक्शन प्राप्त कर रही है। इस फिल्म में बिहार के 25 सिनेमाघरों से मात्र 3 हफ्तों में लगभग 60 लाख रूपए का व्यवसाय किया है। साथ ही साथ ये फिल्म कई सिनेमाघरों में रिकोर्ड स्थापित भी कर रही है। अगर वितरकों, सिनेमाघरो की बातों पर ध्यान दे तो वे इन दोनों फिल्मों में राजकुमार की सधी निर्देशन व दर्शकों के मन मुताबिक मसालों डालने की राजकुमार पाण्डे की विधि की तारीफ कर रहे है। गौरतलब है कि पिछले दो वर्षो 2008 व 2009 की भी सबसे बड़ी हिट क्रमशः ‘‘लागल रह ऐ राजा जी’’ व ‘‘दिवाना’’ का भी निर्देशन राजकुमार पाण्डे ने किया था।

स्मृति सिन्हा भोजपुरी परदे पर!


स्टार प्लस की लोकप्रिय धारावाहिक ‘‘बिदाई’’ में ‘‘माल्लिका’’ का किरदार निभा दर्शकों की प्रशंसा बटोर रही नायिका स्मृति सिन्हा अब भोजपुरीया परदे पर छाने वाली है। जी हाँ, स्मृति भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के साथ फिल्म ‘‘प्यार बिना चैन कहाँ रे’’ में बतौर अदाकरा नजर आने जा रही है । एस॰ आर॰ इंटरनेशनल व सेवेन स्टार क्रिएशन बैनर तले बनी निर्माता अनंजय रघुराज के इस फिल्म में स्मृति एक मध्यवर्गीय परिवार की साधारण लड़की की भूमिका में है जो सौतेले माँ होने की वजह से काफी परेशानियाँ का सामना करती है और फिर उसकी शादी ठाकुर के बेटे से हो जाती है। जहाँ उसकी जिंदगी बड़ी खुशहाली सी चल ही रही होती है कि एक घटना उसकी जिंदगी में भूचाल ला देती है। फिल्म में दर्शकों को स्मृति सिन्हा के ठुमके और प्यार भरी अंदाज का भी दीदार होगा। मनोज श्रीपति द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सामाजिक विषय को प्रमुखता दी गई है। फिल्म में पवन सिंह व स्मृति सिन्हा के साथ ललितेश झा, पंकज त्रिपाठी, आनंद मोहन, संजीव झा, महक शुक्ला, नीलिमा सिंह, हरिशरण, सूनील बिहारी, अमरेन्द्र शर्मा व प्रवीण सिंह सिसोदिया है। फिल्म के गाने लिखे है विनय बिहारी फणीन्द्र राव व राजेश मिश्रा ने वही संगीत धनन्जय मिश्रा है। फिल्म के सह-निर्माता छलिया श्रीवास्तव है। फिल्म अप्रैल अंत में रिलीज होगी।

रवि किशन की ‘‘सड़क’’


चर्चित फिल्म ‘सड़क’ का अब भोजपुरिया वर्जन बन ने जा रहा है। इस फिल्म में भोजपुरी सुपर स्टार रवि किशन और रानी चटर्जी की मुख्य भूमिका होगी। राधा कृष्णा प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले निर्माता राजू सिंह की भोजपुरी फिल्म ‘सड़क’ का निर्देशन करेंगे निर्देशक रामेश्वर मिश्रा। जबकि इसके प्रस्तुतकर्ता हैं भजन सम्राट अनूप जलोटा । इस फिल्म की लांचिंग पार्टी मुंबई के आलीशान रहेजा क्लासिक क्लब में आयोजित की गयी तो भोजपुरी वल्र्ड के तमाम दिग्गजों ने अनूप जलोटा, राजू सिंह, रामेश्वर मिश्रा और रवि किशन सहित पूरी टीम का हौसला बढ़ाया। इस अवसर पर फिल्म के प्रस्तुतकर्ता अनूप जलोटा और निर्माता राजू सिंह ने बताया कि उनकी फिल्म ‘सड़क’ एक नयी कहानी और वास्तविक कहानी के इर्दगिर्द घूमती है। सड़क के गीत लिखे हैं विनय बिहारी, श्याम देहाती और प्यारेलाल यादव ने। संगीत राजेश-रजनीश का है। फिल्म में जबरदस्त एक्शन, रोमांस और कामेडी होगी। इस फिल्म के एक्शन डायरेक्टर है प्रेम शर्मा। इस फिल्म ‘सड़क’ में भोजपुरी सुपर स्टार रवि किशन और रानी चटर्जी के अलावा पंकज केशरी की भी मुख्य भूमिका है। इस फिल्म में एक नयी लड़की को लांच भी किया जायेगा जिसकी तलाश जारी है साथ में होंगे चर्चित खलनायक अवधेश मिश्रा। इस अवसर पर वीनस के चंपक जैन सहित निर्माता प्रवेश सिप्पी, चैतन्य स्वामी, दीपा नारायण झा, अशोक गुप्ता, जे.पी. सिंह, कांती भाई, उदय शंकर, श्याम परवानी, नानू राजपूत, दौलत ठाकुर, कैप्टन राकेश सिंह, दुर्गा प्रसाद, मधुसूदन डी. मेहता, निर्देशक जगदीश शर्मा, असलम शेख, हैरी फर्नांडीज, के.डी., सुशील उपाध्याय, आनंद गहतराज, नंदकिशोर महतो, बोबी सिंह, अभिनेता विक्रांत सिंह, मोनालिसा, कल्पना शाह, मोनिका, बृजेश त्रिपाठी, कांग्रेस के दिग्गज नेता सुभाष पासी और भोजपुरी फिल्म अवार्ड के जनक विनोद गुप्ता सहित फिल्म ‘सड़क’ की पूरी टीम मौजूद थी। यह फिल्म जल्द ही सेट पर जाएगी।

शुक्रवार, अप्रैल 23, 2010

मल्टीप्लेक्स में ‘भईया के ससुरारी में’ का शानदार प्रीमियर


मुंबई का चर्चित फेम एड लैब मल्टीप्लेक्स इतिहास रचने का गवाह बना। यहां महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं और भोजपुरी सिनेमा जगत की तमाम हस्तियों की मौजूदगी के बीच निर्मात्री रीना एस. पासी की भोजपुरी फिल्म ‘‘भईया के ससुरारी में’’ का शानदार प्रीमियर किया गया। प्रीमियर भी ऐसे नायाब तरीके से किया गया कि लोग अपने वाहन को रोक कर प्रीमियर का नजारा देखने लगे। फेम एड लैब के सामने ओपन वैन में दो बड़े बैलून लगाये गये थे। आसपास की इमारतों से लगभग तीन घंटे आतिशबाजी की गयी। पूरे थियेटर को छोटे-छोटे गुब्बारों से तथा बिजली की बत्तियों से सजाया गया था। यही नहीं अंधेरी रेलवे स्टेशन से लेकर फेम एड लैब तथा मुंबई के कमोवेश हर खास जगह पर इस फिल्म के कट आउट लगाये गये थे। प्लाज्मा टी.वी. से युक्त आठ पब्लिसिटी वैन भी लगाई गयी थी। इस अवसर पर फेम एडलैब के स्क्रीन 1 और 2 पर प्रीमियर शो की व्यवस्था की गई थी जो खचाखच भरा हुआ था। इस अवसर पर निर्मात्री रीना एस. पासी और निर्देशक राजकुमार आर. पाण्डेय का हौसला बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र के कद्दावर नेता कृपा शंकर सिंह, मो. आरिफ नसीम खान, अशोक जाधव, जयंती सूर्या, राम सिंह, मुन्ना त्रिपाठी सहित भोजपुरी फिल्मों के मेगा स्टार रवि किशन, मनोज तिवारी, सुशील सिंह मोनालिसा, विक्रांत सिंह, कुमार मोहन (कम्पलीट सिनेमा), छोटू छलिया, निर्माता आलोक कुमार, दुर्गा प्रसाद, उदय सिंह, निर्देशक के.डी., सुशील उपाध्याय सलाम भोजपुरिया के संपादक उदय भगत आदि मौजूद थे।फिल्म के गीत लिखे हैं प्यारेलाल ‘कवि’ ने, संगीत दिया है राजेश-रजनीश ने, कहानी लिखा है प्यारेलाल ‘कवि’ और रजनीश ने। फिल्म के सह-निर्माता हैं मोतीचंद पासी। संवाद लिखा है मनोज के. कुशवाहा ने। पटकथा लिखा है राजकुमार आर. पाण्डेय और प्यारेलाल ‘कवि’ ने। छायांकन प्रमोद पाण्डे का है। फिल्म के मुख्य कलाकार हैं-विजय लाल यादव, पूनम सागर, सुशील सिंह, रानी चटर्जी, प्रकाश जैश, रितिका शर्मा, मीरा मूर्ति, सोनिया मिश्रा, बृजेश त्रिपाठी, अनिल यादव, मोहन जोशी और अयाज़ खान।

शनिवार, अप्रैल 17, 2010

दिल’’ के सेट पर‘‘हरे राम हरे राम, हरे कृष्णा हरे राम’’


बर्फीवाला विद्यालय का प्रेक्षागृह लड़के-लड़कियों से पूरा भरा हुआ है। मंच पर भी आधा दर्जन मेल-डांसरों का जमावड़ा हो चुका है। अब इंतजार किसका है? जो इनको लीड कर सके, जो मुख्य गायक है, उसी की प्रतीक्षा है! जो इनको लीड कर सके, जो मुख्य गायक है, उसी की प्रतीक्षा है। पर उसकी तो तबीयत ही खराब है? अब क्या होगा? होगा कुछ नहीं, वो देखो आ रहा है, एक बांका नौजवान है। कौन है ये? ये है अमर! अभी-अभी तो आया है इस कॉलेज में, देखे इसमें भी तिना है दम! और देखते ही देखते अमर ने तो रंग जमा दिया और शुरू हो गया - ‘‘हरे राम हरे राम हरे कृष्णा हरे राम’’ केहू से दिल यदि जोड़ड भाई जनमो जनम ले ना छोड़ा भाई! और देते ही देखते अमर ने कछ ऐसा रंग जमाया कि पूरा होल तो सीटियों से गूंजने लगा। इसका सबसे ज्यादा असर तो छोरियों पर हुआ। कॉलेज की ब्यूटी क्वीन मानी जानेवाली रानी का तो दिल ही बेकाबू हो गया। दिल में तीर कुछ ऐसा लगा कि वह अपनी भी आधा दर्जन सहेलियां के साथ आ गयी मंच पर और साथ-साथ शुरू हो गया हरे राम हरे राम .....।
यह नजारा था ऋषि इंटरनेशनल प्रोडक्शन के बैनर तले बन रही चर्चित निर्माता अशोक गुप्ता की नई फिल्म ‘‘दिल’’ का जिसे निर्देशित कर रहे हैं एम॰ आई॰ राज। फिल्म में अमर की भूमिका निभा रहे हैं जूनीयर निरहुआ प्रवेशलाल यादव और रानी बनी हैं नं॰-1 अदाकारा पाखी हेगड़े। फिल्म में प्रवेश-पाखी की जोड़ी हैं। बकौल निर्माता अशोक गुप्ता यह म्युजिकल रोमांटिक फिल्म हैं। निर्देशक एम॰ आई॰ राज के अनुसार रानी (पाखी) अमर (प्रवेश) को दिल तो दे देती हैं, मगर बीच में एक दुर्घटना घट जाती है और रानी के जीवन का रंग ही बदल जाता हैं। फिर कैसे सारी बातें ठीक होती हैं इसके लिए ‘‘दिल’’ के रिलीज का प्रतिक्षा करना पड़ेगा। फिल्म में महानायक कुणाल सिंह दादा की यादगार भूमिका में नजर आएगें। फिल्म में मनोज टाईगर की जोड़ी रितु पाण्डे के साथ नजर आयेगी वही अयाज खान, मेहनाज, स्वाति वर्मा (विशेष भूमिका) व अवधेश मिश्रा की भी महत्वपूर्ण भूमिकाएँ हैं। फिल्म के गीतकार प्यारेलाल यादव ‘‘कवि जी’’, एस॰ के॰ चैहान, संगीतकार मधुकर आनंद, नृत्य कानू मूखर्जी, कथा-पटकथा एम॰ आई॰ राज, संवाद एस॰ के॰ चैहान, छायंकन अक्रम खान, एक्शन शकील शेख, संवादक कोमल वर्मा, सह-निर्माता हरीश गुप्ता हैं। सह-निर्माता हरीश गुप्ता के अनुसार फिल्म की पूरी शुटिंग इस माह पूरी कर ली जाएगी।

सबसे अलग, सबसे अनूठी


भोजपुरी फिल्में अब मुख्य धारामें शामिल होनेकी स्थितिमें आ पहुँची है। इस भाषा की सीधी और सोंधी बोली अब बुद्धिजीवियों के गले में भी मिसरी घोलने लगी है। यह दर्शकों के ही नहीं कलाकारों में भी गले उतरने लगी है। इस क्रम में एक नई कलानेत्री का आगमन हुआ है, जो भोजपुरी सिनेमा के लिए एक उपलब्धि से कम नहीं है उसके रूप-रंग का नशा तो आप पर चढ़ता ही है, जब वह एक अभिनेत्री के रूप में अपनी भूमिका में खो जाती है, तब उसका जादू सीधे दर्शकों पर चढ़ता है। राखी त्रिपाठी नाम की यह गोरी-पतली सुन्दरी जौनपुर की रहनेवाली है और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से नृत्य (भरत नाट्यम) में स्नात्कोतार की डिग्री उच्च अंकों में प्राप्त की है। राखी त्रिपाठी एक उच्च शिक्षित परिवार से आती है और तीन भाइयों, तीन बहनों में सबसे छोटी है। शिक्षा-दीक्षा और अच्छी नौकरी के अलावा और कुछ सोचना भी अपराध-सा था। मगर राखी तो सबसे अलग, सबसे विशिष्ट थीं सबकी लाडली जो थी। सो माँ ने छूट दे दी। जा स्वच्छंद होकर अपना कैरियर चुन। और राखी बन गयी एक प्रशिक्षित नृत्यंगना।
राखी त्रिपाठी की रूपराशि और देहयष्टि कुछ ऐसी है कि अधिक दिनों तक वह ग्लैमर की दुनिया से बच न पायी। यूपी टूरिज्म के लिए मॉडल बनी रखी ने शो किया तौर पर कुछ और प्रिंट एडस किए नहीं कि राखी के जलवों की चकाचौंध मुंबई तक पहुँच गयी। महुआ के लिए ‘कलुआडीह’ और सहारा वन के लिए ‘‘वो रहनेवाली महलों की’’ किया। फिर यह धमक फिल्म निर्माता-निर्देशकों तक भी जा पहुँची। निर्माता अनन्जय रघुराज और निर्देशक मनोज श्रीपति ने राखी को उतार दिया रजपट पर और वह बन गयी ‘‘प्यार बिना चैन कहाँ रे!’’ का एक अंग। इस फिल्म में राखी ने एक विशेष गाना फिल्म के नायक पवन सिंह के साथ किया है, मगर लगता है आशा पारेख से प्रभावित राखी त्रिपाठी आनेवाले समय में भोजपुरी फिल्मों की रेखा-माधुरी (दीक्षित) है, इसे सच होने में अधिक समय नही लगेगा।

‘‘दाग’’ में पाखी का सेक्सी अंदाज़



अभिनेत्री पाखी हेगड़े का एकदम से हटकर अलग अंदाज जल्द ही भोजपुरीया पर्दे पर नजर आनेवाला है। जी हाँ, पाखी हेगड़े इस साल की सबसे ज्यादा चर्चित फिल्म ‘‘दाग’’ जिसका इंतजार सबों को ब्रेसबी से है में इस अलग अंदाज में नजर आयेंगी। पाखी का फिल्म में ऐसा अंदाज देखने को मिलेगा जो वाकई भी दर्शकों को पसंद तो आयेगी और अचंभित भी करेगी। कुमारी माई मूवीज व आदि शक्ति इन्टरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस फिल्म से पाखी पहली बार भोजपुरीया पर्दे पर डबल रोल में नजर आयेगी। पाखी का एक किरदार जहाँ घरेलू महिला का होगा जो भारतीय संस्कारों की है वही दूसरी भूमिका होगी ‘‘हॉट गर्ल’’ की। रामाकांत प्रसाद द्वारा निर्मित व निर्देशित इस पारिवारिक रोमांटिक एक्शन फिल्म में पाखी के अपोजिट दिनेश लाल यादव ‘‘निरहुआ’’ है। बकौल, अदाकारा पाखी हेगड़े दर्शक ‘‘दाग’’ में पर्दे पर उनके घरेलू महिला के किरदार को देख जहाँ अचंभित हो जायेंगे वही दूसरे किरदार को देख उन्हें ‘‘कुछ कुछ होता है की काजोल की यादें ताजा हो जायेंगी।

‘‘मर्द नं0 1’’



भोजपुरी फिल्मों के मेगास्टार मनोज तिवारी ‘‘मृदुल’’ का एक्शन अवतार दर्शको को आदिशक्ति इंटरटेनमेन्ट व मास्टर प्रीतम रेड्डी प्रस्तुत ‘‘मर्द नं0 1’’ में देखने को मिलेगा। राहुल मूवीज मेकर्स के बैनर तले बन रही इस फिल्म में मनोज तिवारी एकदम नये लुक में नजर आयेंगे। फिल्म में मनोज तिवारी सिबूडू नामक युवक की भूमिका में हैं जिसे अपने प्यार को पाने वास्ते कई खतरनाक मोड़ से गुजरना पड़ता है। फिल्म में मनोज के साथ नई तारिका सायरा बानों हैं। फिल्म में मनोज तिवारी कई शानदार स्टंट्स बाखूबी करते दिखेंगे। फिल्म का निर्माण बी0 ओबूल सुब्बा रेड्डी ने किया है जो इससे पहले ‘‘निरहुआ न0-1’’ व ‘‘खिलाड़ी नं0 1’’ जैसी सुपरहिट फिल्म बना चुके हैं। फिल्म के निर्देशन की कमान संभाली हैं रमना मोगली नें। फिल्म ने मनोज टाईगर, मुख्तार खान, मधु, चिट्टी बाबू, व विकास सिंह की भी प्रमुख भूमिकाएं हैं। फिल्म में कुल नौ गानें हैं जिसे लिखा है विनय बिहारी व प्यारेलाल यादव ने वही मधुर संगीत दिया है राजेश -राजनीश ने। फिल्म के कथा-पटकथा-लेखक बी0 ओबूल सुब्बा रेड्डी, संवाद सुरेन्द्र मिश्रा, छायंकन मोहन चाँद, एक्शन, नन्दू, डांस डायरेक्टर मोहन-सम्राट कार्यकारी निर्माता एम0 किशोरहैं। फिल्म की डबिंग इन दिनों मुम्बई में की जा रही हैं। फिल्म का प्रदर्शन मई में होगा।

अत्याचारों का बदला लेंगे ‘‘आज के करण अर्जुन’’



भोजपुरी किंग दिनेश यादव ‘‘निरहुआ’’ व जूनियर निरहुआ प्रवेश लाल यादव मुख्य अभिनित मल्टीस्टारर फूल एक्शन फिल्म ‘‘आज के करण अर्जुन’’ अब बिहार-झारखंड के सिनेमाघरों में दस्तक देने को तैयार है। कैपिटल फिल्मस् प्रा0 लि0 व यषी फिल्मस् प्रा0 लि0 प्रस्तुत इस फिल्म में दो भाईयों व उनके ऊपर हुए अत्याचारों व क्रुरता के बदले की कहानी को दिखाया गया है। मशहूर निर्माता अभय सिन्हा व टी0 वी0 अग्रवाल निर्मित इस फिल्म का निर्देषन हैरी फर्नाडिंस ने किया है।
‘‘आज के करण अर्जुन’’ कहानी है शकुंतला देवी (नीलिमा सिंह) और रामजी (किरण कुमार) के परिवार की। सुल्तानपुर के किसान रामजी सिंह और उसके सात साल के बेटे करण की मौत एक रेलवे क्रांसिंग के पास ट्रेन एक्सीडेंट में होती है, मगर सच्चाई यह है की गाँव के जमींदार और मुनीम द्वारा उनकी हत्या कर दी जाती है। यह राज उस वक्त तक राज रहता है जब तक रामजी का दूसरा बेटा अर्जुन (प्रवेश) शहर नहीं चला जाता है। वे शहर में पढ़ाई करता है, इसी दौरान उसकी मुलाकात कोलेज के युवक विजय (दिनेश) से होती है। विजय उस कॉलेज की लड़की सुनीता (पाखी) से प्यार करता है, मगर सुनीता के घरवाले को यह पसंद नहीं, और इसे विजय परेशान है। अर्जुन, चंदा (कृषा) से प्यार करता है जो की वकील की बेटी है। अर्जुन और चंदा, विजय - सुनीता को मिलवाने की मदद करते हैं। इसी क्रम में एक दिन ऐसी अनहोनी होती है, जिसे की किसी ने सोचा नहीं था? श्री अर्जुन-विजय दोनों खून के रिश्ते में बंध जाते हैं। लेकिन आखिर विजय कौन है? करण से उसके क्या संबंध? अर्जुन के भाई करण और पिता के मौत का क्या राज है? क्या आभागी शकुंतला को उसके दोनों बेटे मिले? और फिर जमींदार का अंत कैसे हुआ? ये सब आपको सिनेमाघरों में जाने को मिलेगा।
दर्षकों को फिल्म में जहाँ दिनेश-पाखी व प्रवेश-कृषा की रोमांटिक जोड़ी नजर आयेगी वही दिनेश-प्रवेश के हैरतअंगेज एक्शन दृश्य व कमाल की मारधाड़ साँसों को रोक देंगे। फिल्म में किरण कुमार जहाँ पिता की भूमिका में नजर आयेंगे वही नीलीमा सिंह माँ की जबरदस्त भूमिका में दिखेंगी। फिल्म में टीनू वर्मा जमींदार के खतरनाक किरदार में दिखेंगे। फिल्म में इनके अलावे गूफी पेंटल, अनूप अरोरा, सूर्या, पुष्पा वर्मा, सुदेश कौल, छाया वर्मा, दिपक सिंहा, मास्टर आदिव्य सिन्हा, मास्टर अलेन फर्नाडीज व सीमा सिंह नजर जायेंगी।

पंकज केसरी बने ‘‘नालायक’’



भोजपुरी फिल्मों के स्टार पंकज केशरी श्रीती फिल्मस् के बैनर तले बन रही भोजपुरी फिल्म ‘‘नालायक’’ में नालायक का टाईटल कैरेक्टर निभाते नजर आएगें। निर्माता फुलमती जायसवाल के इस फिल्म का निर्देशक रामाश्रय गुप्ता कर रहें। पिछले दिनों मुंबई के ट्रीनिट्री रिकाडिंग स्टुडियों में फिल्म की शुरूआत गाने की रिकडिंग के साथ हुई। फिल्म के गाने लिख रहे हैं एखुदुस खांन वहीं संगीत गणेश पाण्डे का है। गाने को स्वर दिया इन्दू सोनाली ने। फिल्म में पंकज केसरी के साथ हॉट अदाकारा मोनलिसा, कल्पना शाह, जय सिंह की मुख्य भूमिकाएँ। बकौल, पंकज यह फिल्म वर्तमान परिपेक्ष में माँ-बाप व बेटी की रिश्तों को दर्शायेगी।

’’सेन्हुर’’ में ग्रेजेन्द्र चैहान-उपासना सिंह की एंट्री



भोजपुरीया दर्शकों का अपना पहला चैनल ‘‘महुआ’’ पर प्रसारित हो रही धारावाहिक ‘‘सेन्हुर’’ दर्शकों के दिलों व दिमाग में अपना स्थान बनानें में कामयाब रही है। हर सप्ताह दर्शकों के अच्छे रिस्पांस के साथ चल रही इस धारावाहिक ‘‘सेन्हुर’’ में छोटे पर्दे के दो मषहूर चेहरे एंटी मार चुके हैं। ये दोनों मशहूर नाम है ग्रजेन्द्र चैहान व उपासना सिंह। ‘‘सेन्हुर’’ में ग्रजेन्द्र चैहान, दादा ठाकुर की नई भूमिका में नजर आ रहे हें जो कि अपने परिवार और बच्चों की रक्षा हेतु तत्पर हैं और उन पर आ रहे कष्टों के उन्मूलन के लिए तंत्र साधना की शरण लेता है। धारावाहिक में ग्रजेन्द्र चैहान का किरदार काफी मजबूत व भावना से भरा हुआ है। वही छोटे पर्दे की मशहूर अदाकारा उपासना सिंह एक तांत्रिक की भूमिका में हैं जिसके किरदार का नाम अग्नि है। ये अपने तंत्रों-मंत्रों के सहारे उत्पात मचाई हुई है। उपासना सिंह का किरदार धारावाहिक में वाकई रोचक है। सेन्हुर में इन दोनों किरदार के एंट्री से मुख्य किरदार ‘‘प्रिया’’ की जिंदगी की धारा बदल चुकी है। मनीष जैन के निर्देशन में तैयार इस धारावाहिक को हर सप्ताह सोम-गुरू रात 8.00 बजे देखा जा सकता है।

‘‘बड़की मलकाईन’’ में दोनों बहनों की टकराव!


महुआ टी0वी0 पर प्रसारित हो रही धारावाहिक ‘‘बड़की मलकाईन’’ की कहानी में अब टिवीस्ट आ गया है। एक ही घर में पहुँचने के बाद दोनां बहनों का प्यार अब टकराव का रूप् ले चुकी है। ये दोनों बहनें अब आपसी मनमुटाव का षिकार हो चुकी हैं और ‘बड़की मलकाईन’ से उसकी छोटी बहन ‘‘सरला’’ अक्सर लड़ने लगी हैं। साथ ही साथ बड़की मलकाईन की चाची भी उससे नाराज हो चुकी है और ‘‘सरला’’ को उसके खिलाफ भड़का रही हैं। जिस तरह से ‘‘बड़की मलकाईन’ के परिवार में टूट और दोष फैल रही है उससे यही लग रहा है की बड़की मलकाईन के परिवार में जल्दी ही बटवारा का दृष्य देखने को मिलनेवाला है। परंतु ‘‘बड़की मलकाईन’’ अपनी बहन द्वारा अपने ऊपर हो रहे इतने गलत कार्य के बाद उसके लिए प्यार कम नहीं हो रहा है और वे पूरे परिवार की डोर एक तागों में बांधने के लिए प्रयासरत हैं। खैर, अब आगे क्या होगा इस परिवार का रब ही जाने। इस धारावाहिक का प्रसारण ‘महुआ’ टीवी पर हर सप्ताह रात्रि 9.30 बजे से किया जा रहा है।

प्रोडक्शन मैनेजर से डायरेक्टर तक का संघर्षमय सफर



यू.पी. के गोरखपुर से सम्बंध रखने वाले शाद कुमार ने आज भोजपुरी इन्डस्ट्री में एक मुकाम हासिल कर लिया है। शाद कुमार आज कई फिल्मों को डायरेक्ट कर रहे हैं। उनके डायरेक्शन में बन रही पहली भोजपुरी फिल्म ‘‘त्रिनेत्र’’ है। धर्मेश, विनय आनन्द, विजयलाल यादव, सीमा सिंह, सपना, पंकज केसरी जैसे कलाकारों से सजी इस फिल्म की चर्चा आजकल काफी है। फिल्म ‘‘त्रिनेत्र’’ से शाद कुमार ने पूरी इन्डस्ट्री में हलचल मचा दी है। इस फिल्म के गाने भी चर्चा में हैं। फिल्म की शूटिंग बहुत बड़े पैमाने पर की जा रही है। निर्देशक शाद कुमार ने जो अपने बारे में बताया वो बहुत ही दिलचस्प है।
सबसे पहले आप अपने बारे में बतायें ?
शाद- मैं गोरखपुर का रहने वाला हूँ। मैंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई पूरी की।
मुंबई आप कैसे आये और फिल्मों में किस तरह आना हुआ ?
शाद- मैं पढ़ाई के साथ-साथ कम्पाउन्डिंग भी गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में करता था। मेरा
और मेरे परिवारवालों का सपना था कि मैं डाॅक्टर बनूं और मैं पी.एम.टी. के इम्तिहान में भी बैठा था, मगर मेरा रिजल्ट खराब हो गया और मैं डर से भागकर मुंबई आ गया। यहाँ आकर मैं अपने कुछ गाँव वालों और पहचान वालों के पास रहने लगा। वो लोग फिल्मों से जुडे़ हुए थे। मुझे याद है पहली बार मैंने कमल मुकन्द की फिल्म ‘‘नर्गिस’’ में प्रोडक्शन मैनेजर का काम किया था। इसके बाद कई फिल्मों में मैंने प्रोडक्शन मैनेजर का काम किया, मगर मुझे ये काम पसंद नहीं था, क्योंकि इसमें मुझे झूठा काम करने को कहा जाता था, जो कि मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
शाद जी आपने निर्देशन की बागडोर कैसे संभाली ?
शाद- प्रोडक्शन मैनेजर होने से मेरी पहचान सभी लोगों से हो गई। मुझे कैमरामैन का काम पसंद आया। मैंने भी कैमरामैन बनने का फैसला कर लिया और फिर मैंने कैमरामैन के सहायक के रूप में करीब 35 फिल्में की, जो सभी हिन्दी फिल्में थी। किंतु मैंने सोचा कि कब तक दूसरों के लिए काम करता रहूंगा। मुझे डायरेक्टर बनने का तजुर्बा हो चुका था। इतने फिल्मों के कैमरामैन रहने से निर्देशन के प्वाइंट मुझे आ गये थे। मैंने एक फिल्म की थी ‘‘माटी के सौगन्ध’’। इस फिल्म में लीड रोल में धर्मेश थे। हमने उन्हीं से बात की, हमारे पास एक बेहतरीन स्क्रिप्ट है, जिस पर मिलकर फिल्म बनाई जा सकती है। वह तैयार हो गये और ‘‘त्रिनेत्र’’ का शुभारम्भ हुआ। इस प्रकार फिल्म की निर्देशन की बागडोर हमने संभाली।
‘‘त्रिनेत्र’’ की कहानी के बारे में कुछ बतायें ?
शाद- मेरी फिल्म ‘‘त्रिनेत्र’’ में सामाजिक भेदभाव को दिखाया गया है। इस फिल्म में दो संदेश हैं। एक तो आप बहू को बहू नहीं, बल्कि बेटी समझें, दूसरी बात भाभी और माँ की इज्जत तो लड़का शादी से पहले बहुत करता है, पर शादी के बाद बीवी की बातों में आकर वो इज्ज़त करना भूल जाता है। यही है कहानी ‘‘त्रिनेत्र’’ की। समाज में एकता को भी दर्शाती है फिल्म।
इस फिल्म के संगीत के बारे में कुछ बताइये ?
शाद- फिल्म ‘‘त्रिनेत्र’’ में कुल आठ गाने हैं। आठों गाने बहुत ही अच्छे हैं। प्रत्येक गाने को मैंने बहुत बडे-बड़े सेट लगाकर फिल्माये हैं। फिल्म में एक बेहतरीन मुजरा भी है, जो सपना और सीमा सिंह पर फिल्माया गया है।
आपकी यूनिट के सभी लोग खासकर तकनीशियन आपकी बहुत तारीफ करते हैं, इस पर आपका क्या कहना है ?
शाद- जब मैंने निर्देशन की कमान थामी, तब मुझे बहुत सपोर्ट मिला, क्योंकि मैं एक कैमरामैन अर्थात तकनीशियन से डायरेक्टर बनने वाला था और आज मेरा सभी के साथ अच्छा व्यवहार है। तकनीशियन की मैं ज़रूरत समझता हूँ, क्योंकि मैं भी कभी एक तकनीशियन था। इसी कारण मेरी यूनिट मुझे बहुत प्यार करती है और मैं भी इसे अपना परिवार मानता हूँ।
आपकी फिल्म ‘‘त्रिनेत्र’’ अब तक कितनी कम्पलीट हो चुकी है ? इसके अतिरिक्त और क्या कर रहे हैं।
शाद- मेरी फिल्म ‘‘त्रिनेत्र’’ 60 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। इसके अतिरिक्त मैंने एक फिल्म (अनाम) का मुहूर्त किया और कई फिल्मों पर विचार-विमर्श हो रहा है।
भोजपुरी इण्डस्ट्री से जुडे़ कलाकारों को आपका कोई संदेश ?
शाद- मेहनत और ईमानदारी से अपना कार्य करना चाहिए। सफलता एक दिन आपके क़दमों में ज़रूर होगी और दर्शकों से कहना चाहूंगा कि फिल्म ‘‘त्रिनेत्र’’ ज़रूर देखें, क्योंकि इस फिल्म में हमने परिवार और समाज में घट रही दहेज की कुरीतियों से पर्दा उठाने के पूरी कोशिश की है।

गुरुवार, अप्रैल 08, 2010

अब डान बोलेगा भोजपुरी

रवि किशन डान - नगमा जीनत अमान

ग्यारह मुल्को की पुलिस डान के पीछे है, लेकिन डान को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। कल्पना कीजिये यही डायलाग अगर इस तरह कहा जाये ग्यारह मुलक्न के पुलिस डान के पीछे पडल बा, लेकिन डान के पकडल मुश्किल नइखे नामुमकिन बा। जी हाँ कुछ ऐसा ही होने जा रहा है क्योंकि अब भोजपुरी में डान बनने जा रहा है । भोजपुरी के इस डान की कहानी सदी के महानायक अमिताभ बच्चन वाली डान की कहानी होगी। अमिताभ बच्चन वाली यानी डान की भूमिका में भोजपुरी के अमिताभ बच्चन यानि की रवि किशन होंगे वहीँ जीनत अमान वाली भूमिका में होंगी भोजपुरी की सुपर अदाकारा नगमा । रवि किशन व नगमा की जोड़ी चार साल बाद एक बार फिर से परदे पर आने वाली है । पेन एन कैमरा के बैनर तले निर्माता महमूद खान व निर्देशक राज कुमार आर.पांडे की इस फिल्म की विधिवत लौन्चिंग गुरूवार की मुंबई में आयोजित एक भव्य समारोह में की गयी । रवि किशन ने बताया की डान के पहले चरण की शूटिंग इसी माह लन्दन में होगी । चार साल बाद नगमा के साथ अभिनय करने के सम्बन्ध में उन्होंने कहा की हम दोनों के साथ वाली कोई अच्छी स्क्रिप्ट नहीं आने के कारण ही उन्होंने साथ साथ काम नहीं किया । रवि किशन ने साफ़ शब्दों में कहा की वो महानायक अमिताभ बच्चन के कद के आगे काफी छोटे हैं इसीलिए उनसे मेरी तुलना नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा की वो चाहेंगे की भोजपुरी की डान में वो पहले बने डान की नक़ल न कर कुछ नया करेंगे। इस मौके पर रवि किशन - नगमा, मुंबई कोंग्रेस अध्यक्ष कृपा शंकर सिंह, एम.एन.एस.के उपाध्यक्ष वागीश सारस्वत , भोजपुरी फिल्मो के जाने माने निर्माता अलोक कुमार , निर्देशक के.डी.सुशिल उपाध्याय, हैरी फर्नांडिस, एस.एस.ललित, अभिनेता ब्रिजेश त्रिपाठी, पंकज त्रिपाठी, विकास श्रीवास्तव, अभिनेत्री संगीता तिवारी , लवी रोहतगी, आदि मौजूद थे। डान के अन्य कलाकारों का चयन किया जा रहा है। बहरहाल भोजपुरी फिल्मो के दीवानों के लिए ये ख़ुशी की बात है की अब डान भोजपुरी में बात करेगा और कहेगा - रानी जानेलु हमरा के जंगली बिलाड़ बहुत पसंद बा.....

शुक्रवार, अप्रैल 02, 2010

भोजपुरी के तीनो महारथी साथ साथ



भोजपुरी फिल्म जगत के इस दशक में में अगर सुपर स्टार की बात की जाए तो तीन नाम सबसे ऊपर आता है रविकिशन, मनोज तिवारी मृदुल और दिनेश लाल यादव निरहुआ का, लेकिन तीनो सुपर स्टार का साथ साथ परदे पर आने का संयोग नहीं बन पा रहा था। भोजपुरी के प्रसिद्द निर्माता अलोक कुमार ने जब तीनो को साथ लेकर फिल्म बनाने की घोषणा की तो किसी ने इसे खास तबज्जो नहीं दी क्योंकि कई लोग असफल प्रयास कर चुके थे । लगातार प्रयास और तीनो को साथ साथ लाने की जिद से आखिर उन्होंने सफलता हासिल कर ही ली। पहले उन्होंने गंगा जमना सरस्वती का मुहूर्त किया और पिछले दिनों तीनो सुपर स्टार रवि किशन , मनोज तिवारी मृदुल और निरहुआ ने साथ साथ शूटिंग भी किया । भोजपुरी फिल्म जगत के इस एतिहासिक पल के गवाह बने खुद निर्माता अलोक कुमार , फिल्म के प्रस्तुतकर्ता याशी फिल्म - अभय सिन्हा, निर्देशक हैरी फर्नांडिस और संयोगिता फिल्म्स के सारे तकनीशियन । गंगा जमना सरस्वती में तीनो सुपर स्टार्स के अलावा रिंकू घोष, पाखी हेगड़े, मोनिका बत्रा , अनूप अरोरा, अवधेश मिश्र, मुश्ताक खान, शक्ति सिन्हा, धामा वर्मा, दिलीप सिन्हा और टीनू वर्मा मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म के गीतकार प्यारेलाल यादव, श्याम देहाती, संगीतकार राजेश रजनीश , कैमरामेन अकरम खान, सम्पादक जीतेंद्र सिंह जीतू, कार्यकारी निर्माता ब्रिजेश-विकास व प्रचारक प्रशांत निशांत - उदय भगत हैं। निर्माता अलोक कुमार ने बताया की फिल्म में गंगा की भूमिका में मनोज तिवारी, जमुना की भूमिका में रविकिशन और सरस्वती की भूमिका में निरहुआ हैं।