शनिवार, जुलाई 18, 2009

ऐसे मत करो अपमान भोजपुरी का



आज भोजपुरी इतना विशाल वट वृक्ष बन गया है जिसकी छाव तले करोडो लोग अपना पेट पाल रहे हैं, इनमे से कुछ लोग तो ऐसे भी हैं जिन्हें महान बनाया भोजपुरी ने । मैं यहाँ भोजपुरी फ़िल्म जगत से जुड़े लोगो की बात कर रहा हूँ। आज हमारे फ़िल्म इंडस्ट्रीज में कई दिग्गज हैं जिन्हें भोजपुरी के आलावा कोई घास भी नही डालता है। मैं किसी का नाम लेकर उन्हें आइना नही दिखाना चाहता , लेकिन इतना ज़रूर कहूँगा की अगर आप खाते हो भोजपुरी से और आपकी मातृभाषा भी भोजपुरी है और आप भोजपुरी फ़िल्म और अल्बम रिलीज़ कर रहे हैं तो दो शब्द भोजपुरी में तो होना ही चाहिए। दरअसल पिछले दिनों एम सीरिज नाम से एक नई म्यूजिक कंपनी की शुरुवात हुई। समारोह में बड़े - बड़े पोस्टर लगे थे पोस्टर की भाषा अंगरेजी में थी वहां सिर्फ़ एक छोटा लाइन लिखा था ३० करोड़ भाषा भाषी लोगन के पहचान । इसके आलावा ऐसा कुछ भी न दिखा जिसे देखकर ये कहा जा सके की ये कार्यक्रम भोजपुरी का है। मनोज तिवारी ने इस मौके पर लंबा चौडा भाषण दिया लेकिन वे भी भूल गए की भोजपुरी में कुछ बोला जाए हाँ उन्होंने गाना ज़रूर भोजपुरी में गया शायद इसीलिए की उनका अल्बम भोजपुरी में था। भला हो मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह का जिन्होंने भोजपुरी में दो शब्द कहे । कितना अच्छा होता जब जब भोजपुरी फ़िल्म जगत के हमारे सारे पुरोधा ऐसे कार्यक्रमों में भोजपुरी में बात करें। आप सोच रहे होंगे की मैं भोजपुरी की वकालत तो कर रहा हूँ, लेकिन हिन्दी में क्यूँ लिख रहा हूँ। दरअसल मुझे भोजपुरी नही आती , चुकी इस इंडस्ट्रीज का एक हिस्सा हूँ, इसीलिए इस कड़वी सच्चाई को बयां कर रहा हूँ। वैसे मैं इस इंडस्ट्रीज में कुछ लोगो के लिए विवादित रहा हूँ, लेकिन मुझे नही लगता की सच्चाई बयां करने में हिचकिचाना चाहिए।

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