भोजपुरी के प्रसिद्ध भाषाविद डा. राजेन्द्र प्रसाद सिंह के समर्पण, लगन आ उत्साह के बारे में त हम तबे जान गइल रहीं, जब इग्नू के पाठ-लेखकन के बैठक में उनुका से भेंट भइल रहे। ओही से जब आज उनुका संपादन में पहिला बेर "भोजपुरी-हिंदी-इंग्लिश लोक शब्दकोश" के प्रकाशन होखे के बात सामने आइल, त कवनो आश्चर्य ना भइल।
भाषा पर राजेन्द्र जी के पकड के अंदाज एही से लगावल जा सकेला, कि 2006 के "अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन" में हमरा से मात्र दू मिनट बात कइला का बाद उहाँ का कहनी कि "राउर भाषा-शैली से लागता कि राउर घर छपरा-सिवान में होई"। मात्र हमरे ना, बल्कि हर केहू से बात कइला का बाद उहाँ का ओकर मूल-स्थान के बारे में बताये में सक्षम बानी। अभी पिछिला महीना ही केन्द्रीय हिंदी संस्थान, आगरा द्वारा भोजपुरी भाषा के विकास खातिर एगो अनूठा पहल का तौर पर एह शब्दकोश के प्रकाशन कइल गइल बा। भोजपुरी-हिंदी में त पहिलहीं से शब्दकोष उपलब्ध बाटे, लेकिन इ नया शब्दकोश एकदम अलग बा, काहें कि एहमें भोजपुरी आ हिन्दी का संगे पहिला बेर अंग्रेजी के भी जोडल गइल बाटे। एह कोष में अंग्रेजी वाला भाग के संपादन अरविन्द कुमार जी कइले बानी, जिनकर "वृहत समांतर कोष" समेत कई गो शब्दकोष पेंगुइन, राजकमल, आ नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित कइल जा चुकल बा। एह शब्दकोश में भोजपुरी माटी से जुडल लगभग 50 हजार शब्दन के अंग्रेजी उच्चारण, हिंदी आ अंग्रेजी में ओकर अर्थ, आ व्याकरणिक कोटि (संज्ञा, सर्वनाम आदि) समेत ओह शब्द के प्रयोग क के एगो उदाहरण भी दीहल गइल बा। रउआ सुविधा खातिर हमनी का शब्दकोष से कुछ उदाहरण एहिजा देत बानी: औलाद [aulAda] स्त्री. संतान; progeny, offspring. उदा. एकदम शैतान के औलाद हवे का रे। कँइची [kaiMchi] स्त्री. कैंची; scissors, clippers. उदा. कँइची से कपडा काट द। कइल [kaila] स.क्रि. करना; to do. उदा. आज ई काम जरुर कैल जाई। ककही [kakahI] स्त्री. कंघी; Comb. उदा. टूटि गइली ककही, छटक गइले सरिया, रुसल मइया ना। एह शब्दकोश के भूमिका लगभग 20 पन्ना में लिखल गइल बा, जवना में भोजपुरी भाषा आ साहित्य के इतिहास के समेटे के प्रयास कइल गइल बा। एकरा अलावे एह शब्दकोष में कैथी लिपी (भोजपुरी के आपन लिपी), भोजपुरी क्षेत्र के पुरनका माप-तौल, कद-काठी, चुल्हा-चौका के बरतन के नांव, मछली के नांव, भूमि नाप, लोक देवी-देवता, परब-त्योहार, अनेकार्थक शब्द, एकार्थक शब्द, विलोम शब्द आ भोजपुरिया लोगन के रहन-सहन के जुडल हर चीज के बारे में जिक्र कइल गइल बाटे। लगभग 500 पन्ना के ई शब्दकोष सब केहू खातिर संग्रहणीय बाटे, आ हम त कहब कि हम भोजपुरिया परिवार में एकर एगो प्रति अवश्य रखे के चाहीं, ओह से एक ओर त लेखक (आ प्रकाशक) के हौसला बढी, आ संगही हमनी के नवहा लोग का अपना भाषा आ संस्कृति से जुडे में आसानी होई। एह शब्दकोष के मूल्य मात्र 275/- रुपया रखल गइल बा। दिशा-निर्देश आ परामर्श - रामवीर सिंह, शंभुनाथ प्रधान संपादक - अरविंद कुमार संपादक - डा. राजेन्द्र प्रसाद सिंह संयोजक - अभिषेक अवतंस कोष कर्मी - जितेन्द्र वर्मा, दिग्विजय शर्मा, आदि शब्दकोष किने खातिर नीचे दीहल पता पता पर संपर्क करीं: केन्द्रीय हिंदी संस्थान आगरा – 282005, फोन – (0562) 2530683 [ for more www.bhojpuria.com
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