मंगलवार, जनवरी 04, 2011

पंकज केसरी की ‘आग-एगो आंधी’


बेरोजगारी हमारे समाज की जटिल समस्या है। पढ़ने लिखने के बाद भी जब रोजगार नहीं मिलता है तो घर और समाज से ताने मिलने लगते हैं। नतीजतन जिनके क़दम देश के भविष्य को संवारने के लिए बढ़ने चाहिए वो कदम गुनाह के दलदल में ऐसे फंस जाते हैं कि चाहकर भी वहां से वापस नहीं आ पाते, क्योंकि गुनाहों की दुनिया ऐसी होती है जिसका यू टर्न नहीं होता है।
डी.जे. मूवी इंटरटेन्मेंट के बैनर तले बनी फिल्म ‘आग-एगो आंधी’ की कहानी भी कुछ इसी तरह की है। अर्जुन और उसके चार दोस्त पढ़े लिखे होने के बावजूद बेरोजगार हैं। पैसे न होने के कारण अर्जुन के बहन की शादी टूट जाती है। घर और समाज से तिरस्कृत होने के बाद अर्जुन और उसके चार दोस्त अपराध की दुनिया में क़दम रख देते हैं। जिन्दगी के एक मोड़ पर जब अर्जुन को एक लड़की बेला से प्यार हो जाता है तो उसे इस बात का अहसास होता है कि अपराध की दुनिया में क़दम रखकर उसने बहुत बड़ी गलती कर दी है। लेकिन जब तक उसे अपनी इस गलती का अहसास होता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है और वो चाहकर भी अपराध की दुनिया से वापस नहीं आ पाता। क्योंकि अपराध की दुनिया का यू टर्न नहीं होता।
इस फिल्म में अर्जुन का किरदार पंकज केसरी निभा रहे हैं और फिल्म मे उनकी नायिका रीतिका शर्मा है जो बेला की भूमिका निभा रही हैं। फिल्म के बाकी कलाकारों में जय यादव, अनारा गुप्ता, कुलदीप, शिवा पंडित, अविनाश रजक, सपना पाण्डे, फरीदा, राम सिंह और हीरालाल यादव हैं। इस फिल्म के लेखक-निर्देशक रमाशंकर हैं। फिल्म का संगीत दिया है सिद्धार्थ-शालिनी ने और गीतकार अरविन्द तिवारी तथा अशोक सिन्हा हैं। डांस एंथोनी और केदार सुब्बा का है। कैमरामैन जगमिंदर हुण्डल और फाइट मास्टर हीरालाल यादव हैं। इस फिल्म की सबसे खास विशेषता यह है कि, इस फिल्म की ज्यादातर शूटिंग गुजरात के भुज में हुई है जहां पर आमिर खान ने अपनी फिल्म ‘लगान’ की शूटिंग की थी। भुज के अलावा मुंबई के तमाम खूबसूरत स्थलों पर इस फिल्म की शूटिंग हुई है।

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