कला, कलाकार, साहित्य . सिनेमा , ये सारे माध्यम देश और समाज को नयी दिशा और प्रेरणा प्रदान करती है . इतिहास गवाह है की इन माध्यम से कई सामाजिक क्रांति हुई है , कई बदलाव आये हैं समाज में . सिनेमा अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है और इसका असर समाज पर पड़ता ही है क्योंकि देश और समाज को दिशा देने वाली हमारी युवा पीढ़ी सिनेमा का अनुसरण करती है .
पिछले दिनों सिनेमाई परदे पर कुछ ऐसी फिल्मो का प्रदर्शन हुआ , जो चर्चा का विषय बनी , ख़ास तौर पर उस फिल्म के निर्माता - निर्देशक की , क्योंकि उनकी फिल्म उनकी छवि के अनुरूप नहीं थी . यहाँ महेश भट्ट का उदहारण लिया जा सकता है , जिन्होंने हमेशा अपनी फिल्मो की पृष्टभूमि में जन आक्रोशवादी नायक को पेश किया जो सिस्टम के खिलाफ आवाज़ उठाता है व गरीबों का मसीहा हुआ करता था . साथ ही उनकी फिल्मो में सामाजिक विसंगतियां होती थी . लेकिन उन्होंने पिछले कुछेक सालो में अपना नजरिया बदल दिया . हाल ही में तो उन्होंने पोर्न स्टार सन्नी लियोन को परदे पर पेश किया . आखिर इसे क्या समझा जाये ? क्या आज सिनेमा का दर्शक बदल गया है ? क्या वह समाज की सच्चाई बताने वाली फिल्मो को नकारता जा रहा है ? या ऐसी फिल्मे मात्र पैसा बटोरने की लालच मात्र है ? सच्चाई जो भी हो यह सोचनीय मुद्दा है .
सवाल उठता है क्या लोगो का मूड बदल गया है ? क्या हमारे दर्शक नग्नता पसंद करते हैं ? फूहड़ सनीमा कितनी फूहड़ है इसका पता तो फिल्म के रिलीज़ होने के बाद ही पता चलेगी . यहाँ यह भी जानना जरूरी है की ब्रजभूषण ने विजसन फिल्म्स के सहयोग से किस फूहड़ता की बात की है . विजसन फिल्म्स ने बेटवा बाहुबली जैसी एक्शन फिल्म का निर्माण किया था जहां से भोजपुरी फिल्मो में एक्शन का चलन बढ़ गया और भोजपुरी को एक संतुलित अभिनेता भी मिला.
बहरहाल देखना यह होगा की इस प्रोडक्शन की फिल्म फूहड़ सनीमा क्या कीर्तिमान स्थापित करती है . फिल्म के निर्माता विजसन फिल्म व सह निर्माता आर्यन फिल्म एंड म्यूजिक कं . व शीतल इंटरटेनमेंट है . फिल्म में इस बार बहुमुखी अभिनेता अजय दीक्षित के साथ ग्लेमर क्वीन अर्चना सिंह है . बहरहाल फिल्म अगले महीने रिलीज़ होगी . अजय व पूरी टीम को बधाई .
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