बुधवार, जुलाई 13, 2016

आलोक कुमार के पदचिह्नों पर चलना है - विकास

भोजपुरी फ़िल्म जगत में उत्साही और फ़िल्म के लिए समर्पित युवाओं का आगमन हो चुका है । उन्ही में से एक हैं विकास कुमार । विकास ने इसी साल अपनी फ़िल्म निर्माण कंपनी पूर्वांचल टाकिज की स्थापना की और भोजपुरी की दो बड़ी फिल्मो का निर्माण कर डाला । विकास की पहली फ़िल्म साजन चले ससुराल 2 इसी माह 22 जुलाई को रिलीज़ हो रही है जबकि बेटा भी प्रदर्शन के लिए तैयार है । साजन चले ससुराल 2 में जहां खेसारी लाल यादव और स्मृति सिन्हा की जोड़ी है वहीँ बेटा में जुबली स्टार निरहुआ , आम्रपाली दुबे और अंजना सिंह मुख्य भूमिका में हैं । फ़िल्म निर्माण की हर बारीकियों को समझने के बाद इस क्षेत्र में उतरने वाले विकास से उनके सफ़र पर विस्तृत चर्चा हुई । प्रस्तुत है कुछ अंश -
भोजपुरी फिल्मो में निर्माताओं का भविष्य कितना सुरक्षित है , क्योंकि अक्सर निर्माताओं के डूबने की बात की जाती है ? 
मुझे नहीं लगता की निर्माताओं का भविष्य सुरक्षित नहीं है । दरअसल फ़िल्म निर्माण एक कला है जूनून है । जो इसे मानकर फ़िल्म बनाते हैं उन्हें ज्यादा समस्या नहीं आती पर भोजपुरी की यह विडम्बना है की यहाँ जुनूनी निर्माताओं की कमी है । यहाँ ऐसे लोग अधिक हैं जो इसकी चकाचौध देख कर इस क्षेत्र में उतरते हैं । बिना जानकारी के किसी भी क्षेत्र में उतरना खतरनाक होता है । वैसे भोजपुरी में इन दिनों कुछ युवाओं ने आकर भोजपुरी के भविष्य की अच्छी उम्मीद जगाई है । प्रवेश लाल , राहुल खान, समीर आफताब, अनंजय रघुराज और अजय श्रीवास्तव   युवा निर्माता है और उन्होंने खुद को सिद्ध किया है । अब मेरी बारी है ।
अपनी फिल्मो के बारे में बताइये ?
मेरी दो फिल्में बन कर तैयार है । साजन चले ससुराल 2 इसी महीने रिलीज़ हो रही है । दुसरी फ़िल्म बेटा अंतिम चरण में है और जल्द ही प्रदर्शित होगी । साजन चले ससुराल 2   भोजपुरी की पहली ऐसी सिक्युवल फ़िल्म है जिसकी कहानी पहली फ़िल्म की कहानी के बाद शुरू होती है । संयोगिता फ़िल्म के आलोक कुमार ने उस फ़िल्म का निर्माण किया था और मैं भी बतौर कार्यकारी निर्माता उस फ़िल्म से जुड़ा था । दोनों ही फिल्मो में खेसारी लाल यादव और स्मृति सिन्हा हैं और दोनों के ही निर्देशक प्रेमांशु सिंह हैं । फ़िल्म एक फैमिली ड्रामा और रिश्तों के उतार चढ़ाव पर केंद्रित है । दुसरी फ़िल्म बेटा में निरहुआ , आम्रपाली और अंजना सिंह मुख्य किरदार में हैं । निर्देशक हैं विशाल वर्मा । बेटा में हर वो रंग है जिसे दर्शक पसंद करते हैं ।
कहा जाता है की आपकी दोनों ही फिल्मो में आलोक कुमार की छाप है ?
बिलकुल और होना भी चाहिए । मेरा उनके साथ दस फिल्मो का रहा है । राजा भोजपुरिया से लेकर गंगा जमना सरस्वती तक मैं संयोगिता फिल्म्स से जुड़ा रहा हूँ और आलोक कुमार से ही मैंने निर्माण की हर बारीकियों को सीखा है । सच कहें तो मैं उनके ही पदचिन्हों पर चल रहा हूँ । फ़िल्म देखकर दर्शको को उनकी ही फिल्मो का आभास होगा ।
अगला सफ़र निर्देशन की ओर तो नहीं ?
ऐसा मैंने अभी तक सोचा नहीं है क्योंकि खाना बनाने की हर विधि को जानना और उसे थाली में परोसने में बहुत अंतर होता है । भोजपुरी में अच्छे अच्छे निर्देशक हैं और जिनका जो काम है वही करना चाहिए ।
अगली योजना क्या है ?
दो तीन विषयों पर काम चल रहा है । एक फ़िल्म के प्री प्रोडक्शन का काम पूरा भी हो चुका है । जल्द ही उसकी घोषणा कर दी जायेगी । वो मल्टी स्टारर फ़िल्म होगी और अभी उसकी घोषणा करना जल्दबाजी होगी ।

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