भोजपुरी फिल्मों की ड्रीम गर्ल कही जाने वाली शुभी शर्मा इन दिनों अपनी फ़िल्म राम लखन को लेकर काफी चर्चा है । निरहुआ इंटरटेनमेंट की इस फ़िल्म में वो लंबे अरसे के बाद अपने को स्टार प्रवेश लाल के साथ दिखने वाली है । शुभी ने अपने भोजपुरी फ़िल्म सफ़र की शुरुवात प्रवेश लाल के ही साथ फ़िल्म चलनी के चालल दुल्हा से की थी । हाल ही में इस फ़िल्म का पोस्टर सोशल मीडिया में रिलीज़ किया गया । पोस्टर पर जुबली स्टार निरहुआ , आम्रपाली दुबे और प्रवेश लाल के साथ अलग अलग अंदाज़ में शुभी शर्मा नज़र आई । शुभी से उनकी फ़िल्म राम लखन सहित फ़िल्मी सफ़र पर विस्तृत चर्चा हुई । प्रस्तुत है कुछ अंश . ..
आप अपने पहले को स्टार प्रवेश लाल के साथ एक बार फिर आ रही है ।इस बार क्या अंदाज़ होगा आप लोगो का ?
मैंने अपना फ़िल्मी सफ़र प्रवेश लाल के साथ ही शुरू किया था और उनके व्यवहार के कारण और सपोर्टिंग नेचर के कारण वे मेरे अच्छे दोस्त बन गए हैं । हमने साथ साथ कई फिल्में की लेकिन प्रवेश लाल की फ़िल्म निर्माण में व्यस्तता के कारण वे परदे से दूर हो गए । ढाई साल के अंतराल पर उन्होंने अपने होम प्रोडक्शन की फ़िल्म राम लखन में अपने बड़े भाई निरहुआ के साथ लखन की भूमिका से वापसी का फैसला किया । उनके इस फैसले से सभी खुश थे और जब उन्होंने मुझे अपने अपोजिट साइन की तो लगा एक बार फिर हमारा साथ लंबा चलने वाला है ।
किस तरह की फ़िल्म है राम लखन
राम लखन एक पारिवारिक फ़िल्म है जिसे आप हर घर की कहानी कह सकते हैं । जिस तरह हर गाँव में होता है कुछ लोगो को भाई भाई का प्यार , सास बहु का प्यार , देवरानी जेठानी का प्यार रास नहीं आता । वैसे लोग अक्सर अपनों के बीच दीवार खड़ी करने का काम करते हैं लेकिन प्यार का आधार भरोसा पर टिका हो तो रिश्तों में दरार पैदा करना आसान नहीं होता ।
फ़िल्म को लेकर कितनी आशावान हैं आप ?
कई ऐसे पहलू होते हैं जो किसी भी फ़िल्म की सफलता का कारण बनते हैं । जहां तक मेरा मानना है राम लखन अपने में एक परिपूर्ण फ़िल्म है । एक तो फ़िल्म की कहानी और उसका फिल्मांकन बहुत अच्छा है । निर्देशक सतीश जैन की सारी फिल्में अच्छी होती है । राम लखन को भी उन्होंने बहुत ही प्यार से सजाया है । लोगो को अपनी माटी की खुशबू के साथ नयापन भी देखने को मिलेगा ।
अपनी अन्य फिल्मो के बारे में बताइये ?
मेरी कई फिल्में आने वाली है जिसमे राज कुमार पांडे की दुल्हन चाही पाकिस्तान से , सनोज मिश्रा की धर्म के सौदागर , राजपूत फ़िल्म फैक्ट्री की तीन बुरबक आदि शामिल है ।
“दुल्हन चाही पाकिस्तान से” मोहब्बत की सच्ची दास्ताँ है। अपनी मोहब्बत को पाने के लिए धर्म , आतंक की दीवार को तोड़ कर एक प्रेमी किस तरह अपनी मोहब्बत का दीदार करता है यही इसका सार है। फिल्म आतंक पर भी एक तमाचा है। धर्म के सौदागर में मैं पहली बार एक मुस्लिम लड़की की भूमिका में हूँ जबकि तीन बुरबक में कुछ अलग अंदाज़ में मैं हूँ ।
आप अपने पहले को स्टार प्रवेश लाल के साथ एक बार फिर आ रही है ।इस बार क्या अंदाज़ होगा आप लोगो का ?
मैंने अपना फ़िल्मी सफ़र प्रवेश लाल के साथ ही शुरू किया था और उनके व्यवहार के कारण और सपोर्टिंग नेचर के कारण वे मेरे अच्छे दोस्त बन गए हैं । हमने साथ साथ कई फिल्में की लेकिन प्रवेश लाल की फ़िल्म निर्माण में व्यस्तता के कारण वे परदे से दूर हो गए । ढाई साल के अंतराल पर उन्होंने अपने होम प्रोडक्शन की फ़िल्म राम लखन में अपने बड़े भाई निरहुआ के साथ लखन की भूमिका से वापसी का फैसला किया । उनके इस फैसले से सभी खुश थे और जब उन्होंने मुझे अपने अपोजिट साइन की तो लगा एक बार फिर हमारा साथ लंबा चलने वाला है ।
किस तरह की फ़िल्म है राम लखन
राम लखन एक पारिवारिक फ़िल्म है जिसे आप हर घर की कहानी कह सकते हैं । जिस तरह हर गाँव में होता है कुछ लोगो को भाई भाई का प्यार , सास बहु का प्यार , देवरानी जेठानी का प्यार रास नहीं आता । वैसे लोग अक्सर अपनों के बीच दीवार खड़ी करने का काम करते हैं लेकिन प्यार का आधार भरोसा पर टिका हो तो रिश्तों में दरार पैदा करना आसान नहीं होता ।
फ़िल्म को लेकर कितनी आशावान हैं आप ?
कई ऐसे पहलू होते हैं जो किसी भी फ़िल्म की सफलता का कारण बनते हैं । जहां तक मेरा मानना है राम लखन अपने में एक परिपूर्ण फ़िल्म है । एक तो फ़िल्म की कहानी और उसका फिल्मांकन बहुत अच्छा है । निर्देशक सतीश जैन की सारी फिल्में अच्छी होती है । राम लखन को भी उन्होंने बहुत ही प्यार से सजाया है । लोगो को अपनी माटी की खुशबू के साथ नयापन भी देखने को मिलेगा ।
अपनी अन्य फिल्मो के बारे में बताइये ?
मेरी कई फिल्में आने वाली है जिसमे राज कुमार पांडे की दुल्हन चाही पाकिस्तान से , सनोज मिश्रा की धर्म के सौदागर , राजपूत फ़िल्म फैक्ट्री की तीन बुरबक आदि शामिल है ।
“दुल्हन चाही पाकिस्तान से” मोहब्बत की सच्ची दास्ताँ है। अपनी मोहब्बत को पाने के लिए धर्म , आतंक की दीवार को तोड़ कर एक प्रेमी किस तरह अपनी मोहब्बत का दीदार करता है यही इसका सार है। फिल्म आतंक पर भी एक तमाचा है। धर्म के सौदागर में मैं पहली बार एक मुस्लिम लड़की की भूमिका में हूँ जबकि तीन बुरबक में कुछ अलग अंदाज़ में मैं हूँ ।
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