बुधवार, नवंबर 23, 2011
बिना गाये रह नहीं सकता - पवन सिंह
आरा का छोरा पवन सिंह - भोजपुरी सिनेमा के प्रांगण में पवन पुरवईया की तरह सन्-सनन् करते हुए दाखिल हुआ और देखते ही देखते यह अनजान-सा युवक बॉक्स ऑफिस पर दहाड़ने लगा। ‘‘रंगली चुनरिया तोहरे नाम की’’ से अपनी अभिनय यात्रा शुरू करनेवाले पवन को ‘‘प्रतिज्ञा’’ में दिनेषलाल यादव ‘निरहुआ’ का साथ मिला और कहना न हो - राम-बलराम की तरह दोनों ने फिल्म को ‘सुपर हिट’ बना दिया। दोनों को समान लाभ मिला। पवन सिंह के फिल्मों की तो लाईन लग गयी। पवन की फिल्मों के हिट होने का एक कारण उनकी चयन करने की समझ भी रही। पवन ने हमेषा आम आदमी के मनोरंजनवाली फिल्मों को प्राथमिकता दी। पवन की प्रमुख फिल्मों में - ‘‘ओढ़निया कमाल करें’’, ‘‘तोहार नईखे कौनो जोड़ तू बेजोड़ बाड़ू हो’’, ‘‘भईया के साली, ओढ़निया वाली’’, ‘‘सईया के साथ मड़ईया में’’, ‘‘देवरा बड़ा सतावेला’’ के नाम उल्लेखनीय हैं। लोकगायक से नायक बनने की भोजपुरी सिनेमा में जो परंपरा बन रही थी, उसे पवन ने मजबूती से आगे बढ़ाया। मनोज तिवारी, दिनेषलाल की तरह पवन सिंह को भी भोजपुरी दर्षकों ने स्टार बना दिया आज पवन सफलता की गारंटी हैं। पवन सिंह का दबदबा बाॅक्स आॅफिस पर पूर्ववत् बना हुआ है। इस वर्ष भी ‘कत्र्तव्य’, ‘जंग’, ‘तू जान हऊ हमार’, ‘लड़ाई ल अंखियां ए लौडे राजा’ जैसी सुपरहिट फिल्में पवन सिंह के खाते में ही गयी हैं। पवन सिंह की छठ पर प्रदर्षित हुई दो फिल्में इन दिनों बिहार में धमाल मचा रही है। इस अलबेले अभिनेता से हुए साक्षात्कार का संपादित अंष आपके लिए प्रस्तुत है:-
बॉक्स ऑफिस पर पूरे साल आपका ही डंका बजता रहा। क्या यह सफलता अगले वर्ष भी जारी रहेगी?
मातारानी की कृपा और आपके आषीर्वाद से जारी रहना चाहिए। लगभग आधी दर्जन फिल्में इस वर्ष प्रदर्षित होंगी और मेरे ख्याल से सब एक से बढ़कर एक है।
दीपावली-छठ पर आपकी फिल्में जरूर आती हैं और वह सफल भी होती हैं। इस वर्ष भी आपकी दो फिल्में दीपावली पर धमाका मचा रही है? क्या कहेंगे?
पिछले साल छठ पूजा में ‘दरार’ और ‘देवर भाभी’ प्रदर्षित हुई थी, इस वर्ष ‘इंसाफ’ और ‘ट्रक ड्राईवर’ का डंका बज रहा है। दोनों ही फिल्में लाजबाव है। इंसाफ में मैं और मनोज (तिवारी) भैया पहली बार साथ-साथ आये है। दूसरी फिल्म राजकुमार पांडेय की ‘‘ट्रक ड्राईवर’’ है, जो उनकी शैली में एक बेहतरीन फिल्म बनी है।
इंसाफ के साथ आपको तीनों वरिष्ठ कलाकारों के साथ काम करने का सपना पूरा हो गया?
हाँ, दिनेषजी के साथ ‘प्रतिज्ञा’, रविजी के साथ ‘देवरा बड़ा सतावेला’ और मनोज जी के साथ आनेवाली फिल्म ‘इंसाफ’ में मैंने तीनों सुपर स्टार्स के साथ काम करने का कीर्तिमान बना लिया। दिनेषजी के साथ एक और हंगामखेज फिल्म आ रही है - ‘खून-पसीना’। यह फिल्म भोजपुरी सिनेमा की दिषा बदल देगी।
‘इंसाफ’ की चर्चा कुछ ज्यादा ही हो रही है?
हाँ, फिल्म ही इतनी अच्छी है कि चर्चा होनी लाजिमी है। मुझे गर्व है कि जिनको सुनते हुए, पर्दे पर देखते हुए, जवान हुआ, आज उनके ही साथ कामकरने का सौभाग्य मिला है। ‘इंसाफ’ एक अलग फिल्म है, जो हर वर्ग के दर्षकों का दिल जीत लेगी। निर्माता अभय सिन्हा की इस फिल्म के निर्देषक अजय श्रीवास्तव हैं।
आगे और कौन-कौन सी फिल्में हैं?
रविभूषणजी के निर्देषन में निर्माता मनोज कुमार चैधरी की फिल्म ‘डकैत’ की शूटिंग बड़ोदरा में हाल ही में पूरी हुई है। फिर दौलत ठाकुर की फिल्म ‘डोली चढ़के दुल्हन ससुराल चली’ है, जिसे निर्देषित कर रहे हैं रामेष्वर मिश्र। अक्षरा सिंह के साथ ‘बजरंग’ हैं, तो अभय सिन्हा-नासिर जमाल की -लावारिस’ भी है। अनिल अजिताभ के निर्देषन में भी काम कर रहा हूँ जिस फिल्म का नाम है - ‘एक दूजे के लिए’। अरविंद चैबे की ‘रंगबाज राजा’ भी बनकर तैयार हैं।
अभिनेता के रूप में इतना आगे निकल गये हैं, फिर लोकगायक पवन तो पीछे छूट गये होंगे?
ऐसा कभी नहीं होगा। बिना गाऐ मैं रह नहीं सकता। अपनी फिल्मों में ओर दुर्गापूजा छठ में स्टेज शो में आना और गाना नहीं भूलता।
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