सोमवार, नवंबर 07, 2011
रम गए रमण
भोजपुरी इंडस्ट्री के उद्धारक होने का दंभ तो कई लोग भरते फिर रहे हैं... लेकिन असल में देखा जाए तो पूरी इंडस्ट्री उन लोगों के सहारे बढ़ रही है, जो गुमनाम होकर इसे सींच रहे हैं... और इन्हीं में से एक हैं निर्माता रमण नैय्यर,जो ख़ामोशी से इस इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं... पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखनेवाले रमण नय्यर को भोजपुरी भाषा की कशिश इस इंडस्ट्री में खींच लायी और आते ही उन्होंने एक के बाद एक कई फिल्मों के निर्माण का ऐलान कर लोगों को हैरत में डाल दिया... उनकी दो फ़िल्में 'धमाल कईला राजा' और 'काली' निर्माण के अंतिम चरण में हैं.. उससे पहले ही उन्होंने दो और फ़िल्में बनाने का ऐलान कर दिया है... जलाराम प्रोडक्शन के बैनर तले बनने वाली 'राजपूत पवन सिंह' और भक्ति एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनने वाली अनाम फिल्म उनकी अगली पेशकश है...बकौल रमण नैय्यर भोजपुरी फिल्मों को लेकर लोगों के मन में एक कारोबारी संशय बना हुआ है.. वो लोगों के इसी डर को दूर कर एक नया दरवाज़ा खोलना चाहते हैं...नैय्यर साहब की ये कोशिश तो वाकई काबिले - तारीफ़ है लेकिन इसमें जोखिम भी तो है ..?रमण नैय्यर इस बात से इत्तेफाक तो रखते हैं लेकिन उनका कहना है कि रिस्क तो हर कारोबार में है ..बिना रिस्क उठाये आप कुछ अलग कर भी नहीं सकते ..बहरहाल भोजपुरी इंडस्ट्री इस बात पर तो रश्क कर ही सकती है कि उसे रमण नैय्यर जैसा दिलेर निर्माता मिला है , जो राह से भटक रही इस इंडस्ट्री को लीक पर लाने के लिए जोखिम उठाने को भी तैयार है .
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