गुरुवार, जनवरी 07, 2010

शुरू हुआ पायरेसी का दौर


भोजपुरी फिल्मो का दायरा भले ही बरसो पहले बढ़ गया था, लेकिन हिंदी फिल्मो की तरह यहाँ पायरेसी का चलन नहीं था, लेकिन अब इस फिल्म जगत में भी पायरेसी का दौर शुरू हो गया है। नयी नयी फिल्मो की वीसीडी और डीवीडी भले ही दुकानों में नहीं आई हो लेकिन फुटपाथों पर बेरोकटोक नयी नयी भोजपुरी फिल्मो की वीसीडी और डीवीडी उपलब्ध रहती है। हाल ही में एक सर्वे से ये पता चला है की जिन फिल्मो का गीत संगीत हिट होता है उस फिल्म की काफी डिमांड होती है। पायरेसी करने वालो ने भी इसी का ख़ास ख्याल रखा है, साल २००९ की सभी संगीतमय हिट फिल्म की डीवीडी मात्र पचास रूपये में उपलब्ध है वो भी पांच फिल्मो के साथ। पिछले साल रिलीज़ हुई निरहुआ स्टारर दीवाना , रविकिशन स्टारर बिदाई ( साल २००८ ) , दीवाना और भोजपुरी के पहले डांसिंग स्टार उत्तम कुमार की फिल्म गोरकी पतरकी रे, पायरेटेड सारे डीवीडी में कॉमन है। इस सम्बन्ध में गोरकी पतरकी रे के लेखक एस.एस.ललित का कहना है की फिल्मो की पाइरेसी भोजपुरी फिल्म जगत की विशालता को तो दर्शाता है, लेकिन फिल्म निर्माताओ को इससे काफी नुकसान होगा , वहीं वेस्टर्न इंडिया फिल्म फेडरेशन के महासचिव प्रभात पांडे के अनुसार अगर कोई निर्माता एसोसियेशन में शिकायत करता है तो एसोसियेशन पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवा सकती है। पायरेसी में हॉट केक बने उत्तम कुमार का कहना था की उन्हें ख़ुशी है की उनकी फिल्म लोग अधिक संख्या में देख रहे हैं। बहरहाल भोजपुरी की हिट फिल्मो की पायरेसी से अब भोजपुरी फिल्म जगत को भी नुकसान होना शुरू हो गया है।

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