अष्ट विनायक के बैनर तले निर्देशक सोहम शाह की लक २४ जुलाई को प्रर्दशित हो रही है। मौत पर दाव लगाने वाले कुछ रईसजादो की कहानी में एक किरदार भोजपुरी फिल्मो के सुपर स्टार रवि किशन का भी है। रवि किशन का लुक इस फ़िल्म में उनकी अब तक की फिल्मो से बिल्कुल अलग है। लक में राघव का किरदार निभा रहे रवि किशन एक मनो रोगी की भूमिका में हैं, खतरों से खेलना जिसका शौक और पेशा दोनों ही है। साउथ अफ्रीका और लेबनान के खुबसूरत लोकेशन पर फिल्माए गए इस फ़िल्म के लिए रवि किशन ने काफी मेहनत की है। अपने किरदार को नई दिशा देने के लिए रवि किशन ने नेशनल ज्योग्राफी , एनीमल प्लेनेट, सहित उन चैनल को काफी एपिसोड देखे जिनमे जानवरों के हाव-भाव को दर्शाया गया है। रविकिशन के अनुसार फ़िल्म में उनके किरदार को शब्दों में बया करना मुश्किल है , मैंने १९ साल के अपने कैरीअर में इस तरह के किरदार के बारे में कभी सोचा तक नही था। फ़िल्म में एक से बढ़कर एक खतरनाक दृश्य हैं, जो आम तौर पर सिर्फ़ हॉलीवुड की फिल्मो में ही दिखाए जाते हैं। शूटिंग के दौरान अपना संस्मरण बताते हुए रवि ने कहा की समुन्दर में शार्क मछलियों के बीच तैरना, हेलीकॉप्टर से कूदना जैसे दृश्य के लिए उन्हें और फ़िल्म के अन्य किरदारों को काफी ट्रेनिंग दी गई थी। फ़िर भी शार्क मछलियों के बीच तैरने से वे घायल हो गए थे। इतना ही नही लेबनान में चलती ट्रेन पर फिल्माए गए फाइट सीन के दौरान भरी सुरक्षा के कारण ही उनकी जान बची थी। निर्देशक सोहम शाह ने भी रवि किशन की तारीफ़ करते हुए कहा की बिग बॉस में पहली बार जब रवि किशन को देखा था तभी से उन्हें एक अच्छा रोल देने की सोच रहा था। लक की कहानी जब मेरे पास आयी तो मुझे लगा की राघव का किरदार के लिए रवि से अच्छा और कोई हो ही नही सकता । फ़िल्म में वो एक ऐसे प्रेमी की भूमिका में है जो मौत को बहुत छोटा समझता है। बहरहाल रविकिशन लक में अपने किरदार को लेकर काफ़ी उत्साहित हैं। टीवी पर चल रहे प्रोमो में जिस तरह उन्हें पेश किया जा रहा है उसे देखकर ये स्पष्ट हो जाता है की रवि किशन लक के ट्रंप कार्ड हैं और इस फ़िल्म से उनके कैरिअर का ग्राफ काफी ऊँचा उठ जाएगा।
रविवार, जून 21, 2009
प्रशंसको को समर्पित है ये अवार्ड - रविकिशन
भोजपुरी फिल्मो के सुपर स्टार रवि किशन फ़िल्म जगत के एक मात्र अभिनेता हैं जिन्होंने किसी अवार्ड समारोह में लगातार चार साल बेस्ट ऐक्टर का अवार्ड जीता है।हाल ही में भोजपुरी वर्ल्ड द्वारा आयोजित चतुर्थ भोजपुरी फ़िल्म अवार्ड में रविकिशन को उनकी फ़िल्म धरम वीर के लिए सर्वश्रेष्ट अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया। यही नही अवार्ड समारोह में उनकी फिल्मो की ही धूम रही। साल २००८ की सबसे हिट फ़िल्म विदाई ने ५ अवार्ड पर कब्ज़ा जमाया। हालिया रिलीज़ उनकी फ़िल्म भूमिपुत्र भी बिहार में धूम मचा रही है। भोजपुरी के साथ साथ हिन्दी फिल्मो में भी खासे व्यस्त रवि किशन से उनकी आगामी फिल्मो और अवार्ड के सन्दर्भ में विस्तृत चर्चा हुई । प्रस्तुत है कुछ अंश ------
आपने लगातार चार साल बेस्ट ऐक्टर के अवार्ड पर कब्जा जमाया है, किसे श्रेय देना चाहेंगे।
देखिये बिना टीम वर्क के कोई भी कुछ भी हासिल नही कर पायेगा। ये सच है की मैं अपने किरदार को जिवंत करने के लिए पुरी मेहनत करता हूँ, लेकिन मेरे किरदार को परदे पर आने तक कई लोगो की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मेहनत जुड़ी होती है। अगर एक लेखक अच्छी पटकथा और संवाद नही लिखेगा, निर्देशक दृश्य पर मेहनत नही करेगा, तो आपका किरदार इससे काफी प्रभावित होता है। सिर्फ़ यही नही यूनिट से जुड़े स्पॉट बॉय से लेकर निर्देशक सभी का अपना अपना योगदान होता है। इसके अलावा निजी स्टाफ भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं। जहाँ तक अवार्ड का श्रेय देने की बात है तो मैं अपने दर्शको को इसका श्रेय देना चाहूँगा क्यूंकि हमारी मेहनत का सही आकलन वो ही करते हैं। उनके द्वारा दिया गया रिवार्ड हर अवार्ड से बड़ा होता है।
आज लोगो में इस बात की चर्चा जोरो पर है की भोजपुरी फ़िल्म जगत संकट से जूझ रहा है, आप क्या कहना चाहेंगे ?
मैं इस बात का समर्थन नही करता , उल्टे मेरा तो ये मानना है की पिछले साल की तुलना में इस साल भोजपुरी फिल्मे अधिक संख्या में बन रही है और कई नए लोग इस इंडस्ट्रीज में कदम रख रहे है। यही नही इस साल रिलीज़ हुई फिल्मो को भी दर्शक पसंद कर रहे हैं। भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्रीज आज एक विशाल वटवृक्ष की तरह है, मौसम का असर हर सजीव चीज़ पर पड़ता है। इसका मतलव ये नही हुआ की पुरी इंडस्ट्रीज संकट से जूझ रही है। मेरे ख्याल से ऐसा वही लोग बोलते हैं जो कुछ करने में नही सिर्फ़ बोलने में भरोसा रखते हैं।
आप हिन्दी फिल्मो में भी काफी व्यस्त हैं, कौन कौन सी फ़िल्म आने वाली है।
हिन्दी की कई बड़े बैनर की फिल्मो में काम कर रहा हूँ। मणि सर (मणिरत्नम ) की रावण , सोहम शाह की लक, श्याम बेनेगल की वेलडान अब्बाजी, आदि । रावण में मैं अभिषेक बच्चन के छोटे भाई की भूमिका में हूँ। साल २००९ की सबसे बड़ी फ़िल्म मानी जा रही है रावण को। लक में मेरा किरदार हमारे दर्शकों को हैरत में डाल देगा। इस फ़िल्म की पूरी कहानी मेरे ही इर्द-गिर्द घुमती है। इस फ़िल्म में मेरे साथ संजय दत्त , मिथुन दा, इमरान खान, श्रुति हसन ( कमल हसन की बेटी ) मुख्य किरदार में हैं। वेलडान अब्बाजी मेरा किरदार काफी अनूठा है। श्याम बाबु की पिछली फ़िल्म वेल कम टू सज्जनपुर की तरह इस फ़िल्म में भी मेरा किरदार सरप्राइज़ पैक की तरह है।ये तीनो ही फ़िल्म इस साल रिलीज़ हो रही है। इसके अलावा और भी कुछ हिन्दी फिल्में हैं।
भोजपुरी में आपकी आने वाली फिल्में कौन कौन सी है।
इसी महीने मेरी फ़िल्म भूमिपुत्र रिलीज़ हुई है, जिसे काफी अच्छी सफलता मिली है। इसके अलावा रंगबाज़ दरोगा भी जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। मैंने हाल ही में दो फिल्मो की शूटिंग पूरी की है। पहली फ़िल्म उदित जी और दीपा जी की कानून हमरा मुट्ठी में नाम की है और दूसरी फ़िल्म साथी रे है। कानून हमरा मुट्ठी में का निदेशन आनंद गहतराज कर रहे हैं। उनके साथ ये मेरी दूसरी फ़िल्म है , पिछली फ़िल्म कब होई गवना हमार को नेशनल अवार्ड से नवाजा गया था। एक बार फिर से वही पुरानी टीम कुछ नया करनेजा रही है। साथी रे भी काफी अच्छी फ़िल्म है। नेपाल की खुबसूरत वादियो में इस फ़िल्म को निर्माता नंदू श्रीवास्तव व निर्देशक किशोर राणा मगर ने फिल्माया है। इस फ़िल्म से भोजपुरी फ़िल्म जगत में एक नई अभिनेत्री उषा का उदय हो रहा है। इसके अलावा निर्देशक बबलू सोनी और निर्माता अनिल सिंह की फ़िल्म की फ़िल्म की शूटिंग जल्द शुरू होने वाली है। और भी कई फिल्मे हैं जो मेरे समय के अभाव के कारण शूटिंग की बाट जोरहे हैं, अगले तीन महीने में उसे पुरा करना है।
आपने प्रोडक्शन हाउस भी खोला है....आगामी योजना क्या है..?
मेरी अगली फिल्मो के लेखन का कार्य चल रहा है..जल्द ही नई फ़िल्म की घोषणा हो जायेगी । इसके अलावा मैं टेलीविजन के लिए भी कुछ शो बनाना चाह रहा हूँ। रचनात्मक स्तर पर इसका काम भी शुरू हो गया है। आप लोगो को जल्द ही पता चल जाएगा। मेरी व्यस्तता की वजह से मेरी कई योजनाओ पर असर पड़ा है, लेकिन आगामी कुछ महीनो में सारा कुछ सुलझ जाएगा। प्रस्तुति - उदय भगत
शुक्रवार, जून 19, 2009
मौत का अनोखा खेल - लक
निर्देशक सोहम शाह की लक आगामी २४ जुलाई को रिलीज़ हो रही है। संजय दत्त, इमरान खान, श्रुति हसन, मिथुन चक्रवर्ती , रवि किशन व डैनी अभिनीत यह फ़िल्म मौत के अनोखे खेल पर आधारित है। निर्देशक सोहम शाह के अनुसार फ़िल्म के सारे किरदार मौत पर जुआ लगाते हैं और जो हारता है उसकी मौत निश्चित रहती है। किडनेप के बाद एक बार फिर संजय दत्त और इमरान खान साथ साथ नज़र आने वाले हैं, दूसरी और कमल हसन व सारिका की बेटी श्रुति हसन पहली बार इस फ़िल्म से रुपहले परदे पर नज़र आने वाली है। लक की शूटिंग दक्षिण अफ्रीका और लेबनान में पुरी की गई है। लगभग ५० करोड़ की लागत से बनी इस फ़िल्म के क्लाइमेक्स पर ही लगभग ३ करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उल्लेखनीय है की आगामी २४ जुलाई को लक के साथ साथ रामगोपाल वर्मा की अज्ञात भी रिलीज़ हो रही है।
बुधवार, जून 17, 2009
भोजपुरी फ़िल्म में खलनायक बने मंगल पांडे
१८५७ के स्वतंत्रता संग्राम के जनक इतिहास पुरूष मंगल पांडे आज के दौर में खलनायक बन गए हैं और उन्हें खलनायक बनाया है भोजपुरी फ़िल्म इंडस्ट्रीज ने। भोजपुरी फ़िल्म ओढनिया कमाल करे में मुख्य खलनायक का नाम रखा गया है मंगल पांडे, और इस किरदार को निभा रहे हैं जय सिंह। हालाँकि जय सिंह का कहना है की फ़िल्म में मंगल पांडे सिर्फ़ नाम का मंगल पांडे है, इतिहास पुरूष मंगल पांडे से उनका कुछ भी लेना देना नही है, लेकिन क्या किसी खलनायक का नाम मंगल पांडे रखना उचित है ? इस पर उन्होंने कहा की उनके मन में मंगल पांडे के प्रति अपार श्रद्धा है लेकिन पात्रो के नाम का चयन का अधिकार लेखक और निर्देशक का होता है। इस फ़िल्म में पवन सिंह मुख्य भूमिका में हैं, और मंगल पांडे उनके हाथो पिटते हुए भी नज़र आने वाले हैं। बहरहाल फ़िल्म की शूटिंग पुरी हो गई है और जल्द ही मंगल पांडे आपको परदे पर ग़लत काम करते हुए नज़र आने वाले हैं।
सोमवार, जून 15, 2009
सुनील पाल भोजपुरी में
चर्चित शो लाफ्टर चैलेन्ज के विजेता रहे कामेडियन सुनील पाल अब जल्द ही एक भोजपुरी फिल्म कानून हमरा मुट्ठी में नज़र आयेंगे. प्रसिद्द गायक उदित नारायण की फिल्म निर्माण कंपनी यु.दी.मूवी के बैनर तले निर्मात्री दीपा नारायण व आदित्य नारायण की इस फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं आनंद गहतराज. भोजपुरी सुपरस्टार रविकिशन, रश्मि देसाई, मोनालिसा अभिनीत इस फिल्म में सुनील न सिर्फ कॉमेडी कर रहे हैं बल्कि ठुमका लगते हुए भी नज़र आयेंगे. सुनील पाल के अनुसार ने बड़े बैनर, रविकिशन का साथ और अच्छा रोल होने के कारण उन्होंने भोजपुरी फिल्म के प्रस्ताव पर तुरत अपनी सहमती दे दी. सुनील इसके अलावा एक और भोजपुरी फिल्म में भी रविकिशन के साथ नज़र आने वाले हैं. उल्लेखनीय है की सुनील पाल ने इसके पूर्व कई हिंदी फिल्मो में काम भी किया है, साथ ही उन्होंने बतौर निर्माता भावनाओ को समझो नाम की एक कॉमेडी फिल्म का भी निर्माण किया है जो जल्द ही प्रर्दशित होने वाली है.
रविवार, जून 14, 2009
भोजपुरिया सुरों का संग्राम
भोजपुरी का प्रथम मनोरंजन चैनल महुआ इन् दिनों भोजपुरिया सुरों के संग्राम से गुलज़ार हो रहा है, भोजपुरिया दर्शकों की पहली पसंद बने इस पहले भोजपुरिया सुरों के शो का निर्माण किया है गजेन्द्र सिंह ने जिसे रिअलिटी शो का जनक भी कहा जाता है। साईं बाबा टेलीफिल्म ने बिहार और उत्तरप्रदेश के चुन-चुन कर लाये बारह -बारह प्रतिभाशाली सुरों के पुरोधाओ को इस शो में शामिल किया है। प्रसिद्द लोकगायक व अभिनेता मनोज तिवारी मृदुल इस शो में एंकर की भूमिका में हैं जबकि लोकगायिका मालिनी अवस्थी और कल्पना जज की भूमिका में। बहरहाल सुर संग्राम की लोकप्रियता से महुआ का डंका हर ओर बज रहा है
शनिवार, जून 13, 2009
बहना राखी के लिए सुयोग्य वर तलाशेंगे रविकिशन
भोजपुरी फिल्मो के सुपर स्टार रविकिशन एन.डी.टीवी.इमेजीन के शो राखी के स्वयंवर में राखी सावंत को उसके लिए योग्य वर चुनने में उसकी मदद करेंगे। सूत्रों के अनुसार इस शो में रविकिशन राखी सावंत के बड़े भाई की भूमिका में हैंऔर हाल ही में रविकिशन ने उदयपुर में इस शो की शूटिंग भी की हैं। उल्लेखनीय हैं की बिग बॉस के प्रथम सत्र में रविकिशन और राखी सावंत साथ साथ थे। हालाँकि शो के दौरान दोनों में कोई खास मनमुटाव नही हुआ था, लेकिन शो से बाहर आने पर राखी ने रवि के ख़िलाफ़ काफी कुछ कहा था। इसके बाद दोनों का आमना-सामना एक अन्य शो ये हैं जलवा में हुआ था जहाँ रविकिशन एंकर और राखी प्रतियोगी की भूमिका में थे। राखी के स्वयंवर के दौरान दोनों तीसरी बार साथ हैं, लेकिन इस बार दोनों के बीच एक पवित्र रिश्ता हैं। मिली जानकारी के अनुसार राखी के स्वयंवर में रविकिशन स्वयंवर के लिए चुने गए प्रतियोगियों से मुलाकात कर उनके दिल का हाल जानेंगे। बहरहाल राखी के स्वयंवर में रविकिशन को शामिल करने की चैनल की मंशा बिग बॉस की तरह इसकी ti.आर.पि.को बढ़ाना नज़र आता हैं। विदेश में शूटिंग करने के कारण फिलहाल रविकिशन से इस सन्दर्भ में कोई प्रतिक्रिया नही मिल पाई दूसरी ओर चैनल के आदेश पर राखी का मुह इस बार भी बंद हैं।
शुक्रवार, जून 12, 2009
छोटे परदे पर लौटा गाँव
भारतीय मनोरंजन का सबसे सशक्त मध्यम छोटा परदा इन दिनों गाँव की मिटटी की खुशबू से गुलज़ार हो रहा है। देश के लगभग सभी चंनेलो पर ग्रामीण संस्कृति से सराबोर धारावाहिकों की मांग बढ़ रही है और इसका श्रेय जाता है जी टीवी को ।एक दौर ऐसा भी था जब दूरदर्शन के धारावाहिकों में माती की खुशबू मिलती थी, लेकिन प्राइवेट चंनेलो ने बाजारवाद की दुहाई देते हुए ऐसे धारावाहिकों की जड़ी लगा दी जिसमे न तो हमारे गाँव की खुशबू थी न ही कोई अच्छी कहानी । पच्चीस हज़ार लोगो की मानसिकता कोपच्चीस करोड़ की मानसिकता को टी.आर.पी.का नाम दिया गया और सम्पूर्ण विज्ञापन जगत इसपर ही नाचने लगी . विज्ञापन जगत की मांग के आधार पर धारावाहिकों का निर्माण होने लगा, और हमारी संस्कृति इसी बाजारवाद की आग में झुलसकर दम तोड़ने लगी। मज़े की बात तोये है की टी.आर.पी.के जिस टोटके को ध्यान में रखकर धारावाहिकों का निर्माण हो रहा था , उस टी.आर.पी.में सिर्फ़ मेट्रो सीटी को ही शामिल किया गया था, तथाकथित अंग्रेजीदा लोगो ने यह भरम फैला रखा था की विज्ञापन जगत शहरो पर हीनिर्भर है। जी टीवी के कई चर्चित धारावाहिकों में लेखक और रचनात्मक प्रमुख की भूमिका निभा चुके धनंजय मासूम भी इस से इत्तिफाक रखते है। बकौल मासूम एक वक्त ऐसा भी था जब कोई भी चैनल ग्रामीण पृष्ठभूमि की कहानियो को सुनना भी पसंद नही करते थे,लेकिन जी टीवी के धारावाहिकों में उन्होंने गवई अंदाज़ वाले किरदारों को दाल कर इसकी शुरुवात की। जी टीवी की नम्बर वन धारावाहिक अगले ज़नम मोहे बिटिया ही कीजो का निर्माण का निर्माण भी इसी शुरुवात का एक हिस्सा है। ग्रामीण पृष्ठभूमि के विषयों पर अच्छी पकड़ रखने वाले मासून ने तो गाँव वाला क्रिएशन नाम से ख़ुद का प्रोडक्शन हाउस भी खोल रखा है और कई ग्रामीण विषयों पर धारावाहिक निर्माण की प्रक्रिया भी उन्होंने शुरू कर दी है। अगले जनम.... की सफलता ने अन्य चंनेलोँ को भी इस तरह के धारावाहिकों के निर्माण के लिए आकर्षित किया। कलर्स की धारावाहिक भाग्य विधाता , स्टार प्लस की मितवा आदि धारावाहिक भी ग्रामीण पृष्ठभूमि पर ही आधारित है, यही नही जी टीवी पर एक और धारावाहिक प्रसारण की बाट जोह रहा है। भाग्य विधाता के संवाद लेखक अमित झा के अनुसार इन् धारावाहिकों की सफलता कीवजह सीधे लोगो के दिलो में उतरना है। उन्होंने बताया की भाग्य विधाता के कलाकारों के चयन में उन कलाकारों को प्राथमिकता दी गई है जो ग्रामीण क्षेत्रो का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुल मिलकर यही कहा जा सकता है की छोटे परदे पर एक बार फिर से गाँव वापस लौट गया है।
सोमवार, जून 01, 2009
भोजपुरी फिल्म अवार्ड में चला रविकिशन का जादू
चतूर्थ भोजपुरी फिल्म अवार्ड में इस साल भोजपुरी फिल्मो के सुपरस्टार रवि किशन का जादू सर चढ़ कर बोला. रविकिशन ने न सिर्फ बेस्ट ऐक्टर के खिताब पर कब्ज़ा जमाया बल्कि उनकी चर्चित फिल्म बिदाई को पॉँचअलग अलग अवार्ड से भी सम्मानित किया गया. शनिवार की शाम मुंबई के गोरेगांव स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में भोजपुरी फिल्म जगत से जुड़े लोगो की मौजूदगी में एक रंगारंग कार्यक्रम के बीच विभिन्न श्रेणियों में अवार्ड दिया गया. साल २००८ की सबसे चर्चित रही फिल्म बिदाई को सर्वश्रेष्ट फिल्म, निर्देशक, कहानी , पटकथा और अभिनेत्री का पुरस्कार मिला. अभिनेत्री रिंकू घोष ( दुर्गेश नंदिनी) को सर्वश्रेष्ट अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया. असलम शेख को सर्वश्रेष्ट कहानीकार, पटकथा लेखक,और निर्देशक का पुरस्कार मिला , अन्य पुरस्कारों में सीमा सिंह को बेस्ट आइटम डांसर राकेश पांडे को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, सिकंदर खरबंदा को सहनायक पुरस्कार , शैलेन्द्र श्रीवास्तव को सर्वश्रेष्ट खलनायक का पुरस्कार, कल्पना शाह को सर्वश्रेष्ट न्यू कमर (फिमेल) पुरस्कार, अजय दिक्षित को सर्वश्रेष्ट न्यू कमर (मेल) पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कुमार शानू को फ़िल्म विधाता के लिए सर्वश्रेष्ट गायक, धनञ्जय मिश्रा को सर्वश्रेष्ट संगीतकार और अशोक कुमार दीप को सर्वश्रेष्ट गीतकार का पुरस्कार दिया गया। भोजपुरी फ़िल्म अवार्ड में बतौर अतिथि सांसद डॉक्टर संजय जैसवाल, सांसद रशीद अल्वी , अभिनेत्री नगमा, मोहनजी प्रसाद, अभय सिन्हा, प्रचारक उदय भगत, प्रशांत-निशांत सहित हजारो लोग मौजूद थे। लगातार चार बार बेस्ट ऐक्टर का अवार्ड जीतने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की अवार्ड का श्रेय उनके दर्शको को जाता है.
सारे गिले शिकवे मिटा गले मिले रविकिशन और मनोज तिवारी
भोजपुरी फिल्म के दो महानायक सुपर स्टार रविकिशन और मनोज तिवारी ने आखिरकार सारे गिले शिकवे मिटाकर एक दूसरे से गले मिले और आगे कदम से कदम मिला कर भोजपुरी फिल्म उदयोग के विकास के लिए काम करने की बात कही ।मौका था लोकसभा चुनाव में बिहार के बेतिया संसदीय क्षेत्र से फिल्मकार प्रकाश झा और लालू यादव के बाहुबली साले साधू यादव को हराकर पहली बार सांसद बने भाजपा नेता डॉक्टर संजय जयसवाल के सम्मान का।
भोजपुरी फिल्म जगत की ओर से निर्माता अभय सिन्हा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में रविकिशन ने कहा की अगर अभी भी हम एक नहीं हुए तो भोजपुरी फिल्म उद्योग का भगवान ही मालिक है। उन्होंने मनोज तिवारी से कहा की उन्हें उनके भोजपुरी बचाओ अभियान में साथ देना चाहिए। मनोज तिवारी ने भी रविकिशन को भरोसा दिलाया की अब उनका चार महीनों का फ़िल्मी बनवास समाप्त हो गया है, और अब वो अपना सारा समय भोजपुरी फिल्म उद्योग के विकास के लिए देंगे। इस अवसर पर सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल ने कहा कि वो अपनी मातृभाषा भोजपुरी के विकास के लिए हर संभव काम करेंगे और इसे भाषायी मान्यता दिलाने के लिए संसद में आवाज़ उठायेंगे। इस अवसर पर भोजपुरी फिल्मो सितारे रविकिशन, मनोज तिवारी मृदुल, अजय सिन्हा, दुर्गा प्रसाद मजुमदार, ब्रजेश त्रिपाठी, सुदीप पांडे, अभिनेत्री रश्मि ( दिव्या ) देसाई, मोनालिसा,गुंजन पन्त, निर्देशक असलम शेख, देव पांडे सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।उल्लेखनीय है की रविकिशन और मनोज तिवारी की दुश्मनी पूरे भोजपुरी फिल्म जगत में चर्चित है। कुछ महीने पहले तो मनोज तिवारी ने पत्रकारों के समक्ष ये भी कहा था की रविकिशन से मेरी जान को खतरा है।यही नहीं पटना में एक फिल्म के प्रमोशन के दौरान दोनों मंच पर आपस में झगड़ लिए थे ।देखना ये है कि दोनों की दोस्ती कब तक कायम रहेगी ?
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