शनिवार, अक्तूबर 13, 2012

बिग बॉस से क्यों वोट आउट हुए निरहुआ ?


दिनेश लाल यादव निरहुआ भोजपुरी फिल्मो में ( आज के दौर में ) एक बहुत बड़ा नाम है . उनकी कई फिल्मो ने सिल्वर जुबली 100 डेज़ और सफलता का डंका बजाया है। किसी सितारे के साथ ऐसा तब होता है जब उनके पास बहुत बड़ा फेन फोलोविंग होता है। निः संदेह निरहुआ के पास भी एक बड़ा फेन फोलोविंग है , अगर नहीं होता तो उनकी फिल्मे नहीं चलती। सवाल उठता है की देश में करोडो लोगो द्वारा बोली जाने वाली बोली की फिल्मो का प्रतिनिधित्व करने वाले एक बड़े स्टार छोटे परदे के एक शो बिग बॉस से पहले सप्ताह में आउट कैसे हो गए ? निरहुआ या किसी भी स्टार का किसी शो से वोट आउट होना एक स्वाभाविक घटना है , लेकिन यह मामला स्वाभाविक तब होता जब निरहुआ कुछ दिन बिता कर बिग बॉस के घर से बाहर आते। बिग बॉस में इससे पहले भी भोजपुरी के कई बड़े सितारे जा चुके हैं जिनमे रवि किशन, मनोज तिवारी, श्वेता तिवारी, सम्भावना सेठ शामिल है . इन सितारों में रवि किशन और श्वेता तिवारी आखिरी तक बिग बॉस के घर में थे जबकि मनोज तिवारी 64 दिन और सम्भावना सेठ 48 दिनों तक बिग बॉस के घर में थे । निरहुआ इस मामले में थोडा अनलकी साबित हुए क्योंकि उन्हें पहले सप्ताह में ही वोट आउट होना पड़ा। आखिर क्या वजह रही होगी ? 
अगर हम बिग बॉस के सीजन 6 में निरहुआ की उपस्थिति का आकलन करें तो मामला पूरी तरह से साफ़ हो जाता है। प्रथम दृष्टया अगर निरहुआ की बिग बॉस में मौजूदगी पर नज़र डाले तो बिग बॉस के घर में उनकी एंट्री का अंदाज़ गलत था। ये सच है की कौन सा प्रतियोगी किस गाने पर परफोर्म कर या क्या ख़ास बोल कर बिग बॉस के घर जायेगा यह चैनल तय करता है पर प्रतियोगी की राय महत्वपूर्ण होती है . निरहुआ की एंट्री रिक्शा से हुई अगर किसी भोजपुरी चैनल का शो होता तो यह बिल्कुल सही रहता , लेकिन बिग बॉस जैसे शो के लिए यह उचित नहीं था खासकर तब जब सलमान खान जैसा एंकर उस शो को होस्ट कर रहा हो .  सलमान खान का  अंदाज़ किसी भी बड़े भोजपुरी स्टार के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था , चलिए एक बार मान लेते हैं की हम जिस भाषा की फिल्मो का प्रतिनिधित्व करते हैं उसके अधिकतर दर्शक रिक्शा वाला ठेला वाला, केला वाला यानी की मजदूर वर्ग है लेकिन इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता की इस वर्ग के लोगो की दिलचस्पी टीवी शो में कम होती है और भोजपुरी माटी से जुड़े लोग जो भोजपुरी फिल्म नहीं देखते हैं उनलोगों की सहानुभूति अपने क्षेत्र या भाषा के लोगो के प्रति रहती है वो कतई नहीं चाहेंगे की उनके प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले को उस तरह से पेश किया जाये जैसा की निरहुआ को किया गया . कुछ लोगो का कहना है की बिग बॉस में रिक्शा से एंट्री का आइडिया  निरहुआ का था क्योंकिं फिल्म जगत में उनकी पहचान दिलाने में रिक्शा का बहुत बड़ा योगदान था , साथ ही उनकी आने वाली एक फिल्म में  भी वो  रिक्शा वाला  के किरदार में हैं। 
अब नज़र डालते हैं कुछ और महत्वपूर्ण बातों पर पहले दिन से ही निरहुआ बिग बॉस के घर में असहज महसूस कर रहे थे , भोजपुरी के बड़े स्टार होने के वावजूद उसके चेहरे में झिझक साफ़ दिख रही थी और इसकी वजह थी उनका अन्त्रमूखी स्वभाव . इस स्वभाव के लोग जल्दी किसी से खुलते नहीं जबकि बिग बॉस मुख्यतः बेशर्मी का शो है। निरहुआ को वोट कम मिले उसकी एकमात्र वजह रही उनका सामाजिक सरोकारों से दूर रहना।  अपने इस स्वभाव के कारण वो समाज के उच्च व मध्यमवर्ग से जुड़ने में असफल रहे है . ये वोही वर्ग है जो टीवी में काफी दिलचस्पी रखता है।  एक सिमित दायरा इंसान के लिए आत्मघाती कदम होता है , इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ .
निरहुआ का स्टारडम भोजपुरी में भले ही बहुत ज्यादा हो पर बिग बॉस के घर में बैठे लोगो के लिए वो अंजान थे जिसके कारण उन्हें पहले एपिसोड में एलिमिनेशन का दंश झेलना पड़ा . बहरहाल निरहुआ एक बार फिर से बिग बॉस के घर में वाइल्ड कार्ड द्वारा प्रवेश होंगे पर भोजपुरी के बड़े स्टार का पहले सप्ताह में ही वोट आउट होना भोजपुरी फिल्म जगत के लिए दुःख की बात है . 

2 टिप्‍पणियां:

  1. A very nice article by Mr. Uday Bhagat...I was not aware the he writes such a good hindi and had done good analysis on the topic

    Yes, it is surprising how he got out!! Looks like people watching TV like cheap entertainment and ignore self made and honest man like Mr D.L. Yadav.He is the best entertainer but people like Kashif and Dolly Bindra types people.

    Also shame on the people of Bhojpuri community who did not vote for him and though they know bhojpuri but they themselves will think it is inferior .

    Anyways Mr .D.L Yadav is star and will be a star and does not need support of Big Boss like others

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