मंगलवार, मई 03, 2011

*भोजपुरी सिनेमा के पचास साल * का विमोचन ***


'भोजपुरी सिनेमा का पचास साल : २५ चर्चित फिल्में' लेखक कुलदीप
श्रीवास्तव की पुस्तक का विमोचन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने
हिंदी भवन के सभागार में किया. यह पुस्तक भोजपुरी सिनेमा के पचास साल के
सफ़रनामा पर प्रकाश डालती है. कुलदीप श्रीवास्तव मूलत: बिहार सिवान के रहने
वाले है, जो पिछले कई सालो से भोजपुरी फिल्मो पर लिखते आ रहे है. इसमें १९३१-३२
में कुछ हिंदी फिल्मो में भोजपुरी गानों की शुरुआत, १९४८ में दीलिप कुमार
की 'नदिया के पार' में ८ गाने थे और सभी गाने भोजपुरी भाषा में थी, जिसकी जिक्र इस
पुस्तक में मिलती है, साथ ही १९६१ में जब पहिली भोजपुरी फिल्म 'गंगा मइया तोहे
पियरी चढ़इबो', तथा लागी नहीं छूटे राम, धरती मइया, बिदेसिया, बालम
परदेसिया, दगाबाज़
बलमा सहित कुल २५ चर्चित फिल्मो के बारे में जिसने भोजपुरी सिनेमा के ५० साल के
इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. इस किताब ने भोजपुरी सिनेमा के असली रूप को
समेटा है, और अब तक चली आ रही यह धारणा कि भोजपुरी फिल्मों में केवल अश्लीलता
ही रहती है को झूठा साबित करती है. लेखक ने अपनी पुस्तक में बताया है कि जब
भोजपुरी फिल्मे बनने लगी, शुरू से ही सभी फिल्मों में समाज के लिए कुछ न कुछ
सन्देश होती थी.

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