भोजपुरी सिनेमा लेखा - जोखा वर्ष 2012 भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2012 पिछले साल की तरह ही थोड़ी ख़ुशी थोड़े गम भरा रहा इस वर्ष प्रदर्शित हुई 55 फिल्मो में मात्र दो फिल्मे ही सुपर हिट साबित हुई जबकि दस फिल्मो ने औसत व्यवसाय किया . बाकी की फिल्मे दर्शको को खींचने में नाकाम साबित हुई . इस वर्ष पहली प्रदशित फिल्म रही रवि किशन की केहू हमसे जीत ना पायी व लोकगायक गुडडू रंगीला की "ससुरो कब्बो दामाद रहल "! 21 जनवरी को प्रदशित हुई इन फिल्मो में से केहू हमसे जीत ना पाई बॉक्स ऑफिस का दिल जीतने में कुछ ख़ास सफल नहीं रही जबकि ससुरो कब्बो दामाद रहल को दर्शको ने बुरी तरह नकारा व फिल्म फ्लॉप रही। फिर 3 फरवरी को निरहुआ - पवन सिंह स्टार "खून पसीना" प्रदशित हुई। इस फिल्म ने बिहार, मुंबई में ठीक ठाक व यू पी में औसत व्यवसाय किया लेकिन लागत वसूलने में फिल्म असफल रही . इसी के साथ प्रदशित हुई "अचल रहे सुहाग" बुरी तरह फ्लॉप रही। 17 फरवरी को प्रदशित हुई प्रवेशलाल यादव स्टार "राजा के रानी से प्यार हो गईल" और नये कलाकारों से सजी "देवता" में से राज के रानी ... को कुछ हद तक दर्शक मिले पर देवता दर्शको के लिए तरसती रही। होली पर प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार "दुर्गा " ने बिहार, मुंबई में अच्छा व्यवसाय किया। इसी दिन रिलीज़ हुई रवि किशन - रानी चटर्जी स्टार "कईसन पियवा के चरितार बा" और रवि किशन अक्षरा सिंह की प्राण जाये पर वचन ना जाये भी औसत व्यवसाय करने में सफल रही पर फिल्म अपनी लागत से काफी दूर रही । फिर 23 मार्च को मुंबई व 30 मार्च को बिहार में प्रदशित हुई मनोज तिवारी -पाखी हेगड़े स्टार "भईया हमार दयावान" प्रदशित हुई बुरी तरह फ्लॉप रही। 30 मार्च को मुंबई व बिहार में प्रदशित हुई निरहुआ - पाखी अभिनीत "बिदेसिया" बुरी तरह फ्लॉप रही। 6 अप्रैल को प्रदशित हुई "जान तेरे नाम" ने पुरे बिहार में शानदार व्यवसाय किया। खेसरीलाल के इस फिल्म ने बिहार के कई सिनेमाघरों में पचास दिन पुरे किये व सिर्फ बिहार से ही 1 करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया। "जान तेरे नाम " ने यू पी में ऐतिहासिक व्यवसाय किया लेकिन मुंबई में यह फिल्म व्यवसाय करने में असफल रही । अप्रैल में ही प्रदशित हुई मनोज पाण्डेय स्टार "राजाजी", विक्रांत सिंह स्टार "मेहरारू बिना रतिया कईसे कटी" विराज भट्ट - रानी चटर्जी स्टार "काहे कईल हमसे घात" विनय आनंद स्टार "ऐलान-ए-जंग" बुरी तरह फ्लॉप रही। 10 मई को प्रदशित हुई अलोक कुमार की खेसारीलाल - स्मृति सिन्हा व अंजना सिंह की " देवरा पे मनवा डोले" ने बढ़िया ओपनिग ले कर अच्छा व्यवसाय किया व हिट के पायदान तक पहुचने में सफल रही . 18 मई को प्रदशित हुई विनय आनंद स्टार "पागल प्रेमी" शानदार पबिलासिटी के बावजूद औसत व्यवसाय भी नहीं कर पायी व असफल रही। 18 मई को ही आई पवन सिंह स्टार "बजरंग" भी नकाम रही। 25 मई को प्रदशित हुई रवि किशन की " रणबीर" बॉक्स ऑफिस पर ओंधे मूह गिरी । कोर्ट के रोक के चलते देर हुई भोजपुरी फिल्म "सौगंध गंगा मईया के" औसत व्यवसाय ही कर पायी और अपनी लागत से काफी दूर रही . 1 जून को आई "बुलंदी" बुरी तरह फ्लॉप रही। 8 जून को प्रदशित हुई खेसारीलाल - अंजना सिन्हा स्टार "दिल ले गईल ओढनिया वाली वाली" ने भी बिहार में औसत व्यवसाय किया, लेकिन मुंबई में यह फिल्म जबरदस्त हिट व यू पी में भी ठीक रही . इस साल की खेसारी लाल की तीसरी फिल्म थी जो सफलता की सीढ़ी पर चढ़ी . 8 जून को ही आई पंकज केसरी स्टार "प्यार मोहब्बत जिंदाबाद" से दर्शको ने कोई प्यार नहीं किया। 15 जून को विराज भट्ट " जानवर" प्रदशित हुई। यह फिल्म भी कोई कोई ख़ास करिश्मा कर पायी । वही 15 जून को ही आई "कलुआ भईल सायन" को भी दर्शको ने नकार दिया । 29 जून को आई "रंगबाज राजा" भी कोई करिश्मा नहीं कर सकी। 29 को ही आई "भाई जी " भी कुछ खास नहीं रही। 6 जुलाई को आई विराज भट्ट स्टार " दिल ता पागल होला" फ्लॉप हुई वही 13 जुलाई को बिहार, यू पी में प्रदशित हुई "हीरो" बॉक्स ऑफिस पर औसत व्यवसाय कर पायी। जुलाई में आई "नंदू निकम्मा" व विराज भट्ट स्टार "खुद्दार" बुरी तरह फ्लॉप रही वाही पवन सिंह स्टार "डकैत" ने बिहार व मुंबई में अच्छा व्यवसाय किया लेकिन फिर भी फिल्म लागत वसूल नहीं पायी। 17 अगस्त को ईद के अवसर पर प्रदशित हुई निरहुआ अंजना सिंह - अक्षरा सिंह स्टारर "एक बिहारी सो पे भारी" भी बॉक्स ऑफिस पर कोई बहुत बड़ा धमाका नहीं कर पायी । वहीँ 24 अगस्त को प्रदशित रवि किशन - रानी चटर्जी "ज्वालामंडी " भी लागत वसूलने में असफल रही . 31 अगस्त को प्रदशित हुई "कालिया" अपना जादू नहीं चला पायी । 7 सितम्बर को प्रदशित हुई पवन सिंह स्टार "लावारिस" ने औसत व्यवसाय किया वहीँ इसी दिन प्रदशित हुई "लव यू सजाना" फ्लॉप रही। 14 सितम्बर को आई अमितभ बच्चन, जया बच्चन, निरहुआ, पाखी स्टार "गंदादेवी" पुरे भारत में एक साथ प्रदशित हुई, लेकिन फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गयी . 28 सितम्बर को प्रदशित हुई। पवन सिंह स्टार " डोली चढ़के दुलिहन ससुराल चली" और विराज भट्ट स्टार " मर्द तांगावाला" बुरी तरह नाकाम रही। 5 अक्तूबर को प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार धड़केला करेजवा तोहरे नामे" ने औसत व्यवसाय किया जबकि सुदीप पाण्डेय स्टारर "गजब सिटी मरे सईया पिछवारे" बहुत ही बड़ी फ्लॉप रही। 12 अक्दुबर को प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार "चिंगारी" बुझ गयी और विनय आनंद स्टार "आज के दबंग दामाद" भी नाकाम रही। दुर्गा पूजा पर प्रदशित हुई न्रिहुआ - पाखी स्टार "रिक्शावाला आई लव यू, निरहुआ - पवन स्टार "एक दूजे के लिए" व विराज भट्ट स्टार "हिम्मतवाला" में हिम्मतवाला बुरी तरह फ्लॉप रही। रिक्शावाला आई लव यू, बिहार में पीट गयी लेकिन यू पी में शानदार व्यवसाय किया . वही "एक एक दूजे के लिए" भी अपनी लागत वसूलने में असफल रही . इसी माह आई "अँधा कानून" सिर्फ मुंबई में रिलीज हुई और फ्लॉप रही। 2 नवम्बर को आई "सेज तैयार सजनिया फरार" से दर्शक फरार रहे। छठ पर आई "नागिन" "लहू के दो रंग" और अंधी तूफान" में राजकुमार पाण्डेय की "नागिन" और लहू के दो रंग ही औसत व्यवसाय किया जबकि "अंधी तूफान" कुछ खास व्यवसाय नहीं कर सकी। बाद में आई "दामाद चाही फ़ोकट में" "बिगुल" "खुनी दंगल" "अंतिम तांडव" "का उखाड़ लेब" और "प्रेम लगन" कुछ खास नहीं कर सकी।
मंगलवार, जनवरी 01, 2013
Bhojpuri Films in 2012
भोजपुरी सिनेमा लेखा - जोखा वर्ष 2012 भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2012 पिछले साल की तरह ही थोड़ी ख़ुशी थोड़े गम भरा रहा इस वर्ष प्रदर्शित हुई 55 फिल्मो में मात्र दो फिल्मे ही सुपर हिट साबित हुई जबकि दस फिल्मो ने औसत व्यवसाय किया . बाकी की फिल्मे दर्शको को खींचने में नाकाम साबित हुई . इस वर्ष पहली प्रदशित फिल्म रही रवि किशन की केहू हमसे जीत ना पायी व लोकगायक गुडडू रंगीला की "ससुरो कब्बो दामाद रहल "! 21 जनवरी को प्रदशित हुई इन फिल्मो में से केहू हमसे जीत ना पाई बॉक्स ऑफिस का दिल जीतने में कुछ ख़ास सफल नहीं रही जबकि ससुरो कब्बो दामाद रहल को दर्शको ने बुरी तरह नकारा व फिल्म फ्लॉप रही। फिर 3 फरवरी को निरहुआ - पवन सिंह स्टार "खून पसीना" प्रदशित हुई। इस फिल्म ने बिहार, मुंबई में ठीक ठाक व यू पी में औसत व्यवसाय किया लेकिन लागत वसूलने में फिल्म असफल रही . इसी के साथ प्रदशित हुई "अचल रहे सुहाग" बुरी तरह फ्लॉप रही। 17 फरवरी को प्रदशित हुई प्रवेशलाल यादव स्टार "राजा के रानी से प्यार हो गईल" और नये कलाकारों से सजी "देवता" में से राज के रानी ... को कुछ हद तक दर्शक मिले पर देवता दर्शको के लिए तरसती रही। होली पर प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार "दुर्गा " ने बिहार, मुंबई में अच्छा व्यवसाय किया। इसी दिन रिलीज़ हुई रवि किशन - रानी चटर्जी स्टार "कईसन पियवा के चरितार बा" और रवि किशन अक्षरा सिंह की प्राण जाये पर वचन ना जाये भी औसत व्यवसाय करने में सफल रही पर फिल्म अपनी लागत से काफी दूर रही । फिर 23 मार्च को मुंबई व 30 मार्च को बिहार में प्रदशित हुई मनोज तिवारी -पाखी हेगड़े स्टार "भईया हमार दयावान" प्रदशित हुई बुरी तरह फ्लॉप रही। 30 मार्च को मुंबई व बिहार में प्रदशित हुई निरहुआ - पाखी अभिनीत "बिदेसिया" बुरी तरह फ्लॉप रही। 6 अप्रैल को प्रदशित हुई "जान तेरे नाम" ने पुरे बिहार में शानदार व्यवसाय किया। खेसरीलाल के इस फिल्म ने बिहार के कई सिनेमाघरों में पचास दिन पुरे किये व सिर्फ बिहार से ही 1 करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया। "जान तेरे नाम " ने यू पी में ऐतिहासिक व्यवसाय किया लेकिन मुंबई में यह फिल्म व्यवसाय करने में असफल रही । अप्रैल में ही प्रदशित हुई मनोज पाण्डेय स्टार "राजाजी", विक्रांत सिंह स्टार "मेहरारू बिना रतिया कईसे कटी" विराज भट्ट - रानी चटर्जी स्टार "काहे कईल हमसे घात" विनय आनंद स्टार "ऐलान-ए-जंग" बुरी तरह फ्लॉप रही। 10 मई को प्रदशित हुई अलोक कुमार की खेसारीलाल - स्मृति सिन्हा व अंजना सिंह की " देवरा पे मनवा डोले" ने बढ़िया ओपनिग ले कर अच्छा व्यवसाय किया व हिट के पायदान तक पहुचने में सफल रही . 18 मई को प्रदशित हुई विनय आनंद स्टार "पागल प्रेमी" शानदार पबिलासिटी के बावजूद औसत व्यवसाय भी नहीं कर पायी व असफल रही। 18 मई को ही आई पवन सिंह स्टार "बजरंग" भी नकाम रही। 25 मई को प्रदशित हुई रवि किशन की " रणबीर" बॉक्स ऑफिस पर ओंधे मूह गिरी । कोर्ट के रोक के चलते देर हुई भोजपुरी फिल्म "सौगंध गंगा मईया के" औसत व्यवसाय ही कर पायी और अपनी लागत से काफी दूर रही . 1 जून को आई "बुलंदी" बुरी तरह फ्लॉप रही। 8 जून को प्रदशित हुई खेसारीलाल - अंजना सिन्हा स्टार "दिल ले गईल ओढनिया वाली वाली" ने भी बिहार में औसत व्यवसाय किया, लेकिन मुंबई में यह फिल्म जबरदस्त हिट व यू पी में भी ठीक रही . इस साल की खेसारी लाल की तीसरी फिल्म थी जो सफलता की सीढ़ी पर चढ़ी . 8 जून को ही आई पंकज केसरी स्टार "प्यार मोहब्बत जिंदाबाद" से दर्शको ने कोई प्यार नहीं किया। 15 जून को विराज भट्ट " जानवर" प्रदशित हुई। यह फिल्म भी कोई कोई ख़ास करिश्मा कर पायी । वही 15 जून को ही आई "कलुआ भईल सायन" को भी दर्शको ने नकार दिया । 29 जून को आई "रंगबाज राजा" भी कोई करिश्मा नहीं कर सकी। 29 को ही आई "भाई जी " भी कुछ खास नहीं रही। 6 जुलाई को आई विराज भट्ट स्टार " दिल ता पागल होला" फ्लॉप हुई वही 13 जुलाई को बिहार, यू पी में प्रदशित हुई "हीरो" बॉक्स ऑफिस पर औसत व्यवसाय कर पायी। जुलाई में आई "नंदू निकम्मा" व विराज भट्ट स्टार "खुद्दार" बुरी तरह फ्लॉप रही वाही पवन सिंह स्टार "डकैत" ने बिहार व मुंबई में अच्छा व्यवसाय किया लेकिन फिर भी फिल्म लागत वसूल नहीं पायी। 17 अगस्त को ईद के अवसर पर प्रदशित हुई निरहुआ अंजना सिंह - अक्षरा सिंह स्टारर "एक बिहारी सो पे भारी" भी बॉक्स ऑफिस पर कोई बहुत बड़ा धमाका नहीं कर पायी । वहीँ 24 अगस्त को प्रदशित रवि किशन - रानी चटर्जी "ज्वालामंडी " भी लागत वसूलने में असफल रही . 31 अगस्त को प्रदशित हुई "कालिया" अपना जादू नहीं चला पायी । 7 सितम्बर को प्रदशित हुई पवन सिंह स्टार "लावारिस" ने औसत व्यवसाय किया वहीँ इसी दिन प्रदशित हुई "लव यू सजाना" फ्लॉप रही। 14 सितम्बर को आई अमितभ बच्चन, जया बच्चन, निरहुआ, पाखी स्टार "गंदादेवी" पुरे भारत में एक साथ प्रदशित हुई, लेकिन फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गयी . 28 सितम्बर को प्रदशित हुई। पवन सिंह स्टार " डोली चढ़के दुलिहन ससुराल चली" और विराज भट्ट स्टार " मर्द तांगावाला" बुरी तरह नाकाम रही। 5 अक्तूबर को प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार धड़केला करेजवा तोहरे नामे" ने औसत व्यवसाय किया जबकि सुदीप पाण्डेय स्टारर "गजब सिटी मरे सईया पिछवारे" बहुत ही बड़ी फ्लॉप रही। 12 अक्दुबर को प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार "चिंगारी" बुझ गयी और विनय आनंद स्टार "आज के दबंग दामाद" भी नाकाम रही। दुर्गा पूजा पर प्रदशित हुई न्रिहुआ - पाखी स्टार "रिक्शावाला आई लव यू, निरहुआ - पवन स्टार "एक दूजे के लिए" व विराज भट्ट स्टार "हिम्मतवाला" में हिम्मतवाला बुरी तरह फ्लॉप रही। रिक्शावाला आई लव यू, बिहार में पीट गयी लेकिन यू पी में शानदार व्यवसाय किया . वही "एक एक दूजे के लिए" भी अपनी लागत वसूलने में असफल रही . इसी माह आई "अँधा कानून" सिर्फ मुंबई में रिलीज हुई और फ्लॉप रही। 2 नवम्बर को आई "सेज तैयार सजनिया फरार" से दर्शक फरार रहे। छठ पर आई "नागिन" "लहू के दो रंग" और अंधी तूफान" में राजकुमार पाण्डेय की "नागिन" और लहू के दो रंग ही औसत व्यवसाय किया जबकि "अंधी तूफान" कुछ खास व्यवसाय नहीं कर सकी। बाद में आई "दामाद चाही फ़ोकट में" "बिगुल" "खुनी दंगल" "अंतिम तांडव" "का उखाड़ लेब" और "प्रेम लगन" कुछ खास नहीं कर सकी।
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