फिल्मे बनती है पैसों से चलती है निर्माता निर्देशकों की किस्मत से .. यह कहावत ही नहीं फिल्म उद्योग की एक ऐसी सच्चाई है जिसे नकारा नहीं जा सकता , चाहे कोई भी फिल्म उद्ध्योग हो वहाँ हिट या फ्लॉप का एक फ़ॉर्मूला यह भी है , कोई भी निर्माता निर्देशक यह दावा नहीं कर सकता की उनकी फिल्म सुपर हिट साबित होगी. लेकिन भोजपुरी फिल्म जगत इसका अपवाद है , यहाँ कोई निर्माता निर्देशक, अभिनेता या भोजपुरी की पत्रिका ये बातें कतई मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं की उनकी फिल्मो को दर्शक नहीं मिले हैं . फिल्म रिलीज़ होते ही सुपर हिट की बातें शुरू हो जाती है , पत्रिकाओं में विज्ञापन चले जाते हैं और निर्माता निर्देशक सन्देश द्वारा अपनी ख़ुशी जाहिर करना शुरू कर देते हैं . इन सारी बातों को यहाँ लिखने का मेरा भाव सिर्फ यही बताना है की यह भोजपुरी फिल्म जगत का स्वभाव में शामिल है. इसीलिए हर साल जब भी कहीं पूरे साल भर का लेखा जोखा पी आर ओ द्वारा कहीं भी लिखवाया जाता है तो हाय तौबा मच जाता है ,
क्योंकि सभी पी आर ओ अपने अपने तरीके से भोजपुरी पत्रिकाओं को अपना फीडबेक देते हैं और पत्रिका के पत्रकार अपने संबंधो के हिसाब से फिल्मो का आकलन करते है . वैसे भी फिल्म उद्योग में यह बात सर्व विदित है की खबरे या समीक्षा लिखने का मापदंड क्या है . खैर अब शुरू करते हैं साल २०१११ की भोजपुरी फिल्मो का लेखा जोखा :
भोजपुरी फिल्म जगत के इतिहास में साल २००५ सर्वाधिक फिल्मे देने वाला साल माना जाता है , उस साल कुल ७४ फिल्मो ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी थी , साल २०११ इतिहास का दूसरा बड़ा साल है जहाँ साल के अंत तक कुल ६१ फिल्मे रिलीज़ हुई . इन फिल्मो में रवि किशन की सात फिल्मे थी राम पुर के लक्ष्मण, संतान, एक और फौलाद, पियवा बड़ा सतावेला, केहू हमसे जीत ना पाई, मल्युद्ध, हमार देवदास . इन सातों में से कोई भी फिल्म दर्शको को लम्बे समय तक बाँधने में सफल नहीं हुई , मल्लयुद्ध और हमार देवदास तो कई सिनेमाघरों में पूरे सप्ताह तक भी टिक नहीं पायी . निरहुआ की इस साल पांच फिल्मे रिलीज़ हुई जिनमे आखिरी रास्ता , दिलजले, औलाद, दुश्मनी, और निरहुआ मेल शामिल है. इन पांच फिल्मो में पहले नंबर पर रही दिलजले जिसने भोजपुरी फिल्मो की हर टेरेटरी में अच्छा व्यवसाय किया . औलाद बिहार उत्तरप्रदेश में अच्छा व्यवसाय करने में सफल रही लेकिन बाकि जगहों पर दर्शको का अभाव दिखा खासकर मुंबई में जो कमाई की दृष्टि से बिहार के बाद सबसे बड़ा क्षेत्र माना जाता है . अन्य फिल्मे निरहुआ के पुराने इतिहास के आस पास भी फटक नहीं पायी. मनोज तिवारी की इस साल कुल पांच फिल्मे रिलीज़ हुई जिसमे मर्द नंबर १, इंटर नेशनल दरोगा, अपने बेगाने, इन्साफ, एलान शामिल है . इन फिल्मो में इन्साफ को छोड़ अन्य कोई फिल्मे दर्शको की कसौटी पर खड़ी नहीं उतरी है. हालांकि कुछ फिल्मे अभी भी बहुत सारे टेरिटरी में रिलीज़ होना बाकी है . पवन सिंह की इस साल गुंडईराज, तू जान हाउ हमार, लागल नथुनिया पर धक्का, जंग, कर्त्तव्य, लड़ाई ला अंखिया ए लौंडे राजा, इन्साफ , ट्रक ड्राइवर रिलीज़ हुई . इन फिल्मो में कुछ फिल्मो का हाल बहुत बुरा रहा जबकि व्यवसाय की दृष्टि से इस साल की सबसे बड़ी हिट फिल्मो में उनकी फिल्म ट्रक ड्राइवर ने अपना स्थान मजबूती से कायम किया है . इसके अलावा मनोज पाण्डेय की मैं नागिन तू नगीना, डॉ. सुनील की घायल योद्धा ने भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की . अन्य फिल्मो में द ग्रेट हिरोहीरालाल , त्रिनेत्र, कभी आवे ना जुदाई , सावरिया आई लव यू , आजा ओढनिया तान के, दिलजले, होत बा जवानी ए जियान राजा जी, बारूद, लड़ाई ला अंखिया ए लौंडे राजा, कुर्वानी, अजय दीक्षित की पापी के पाप काहे गंगा धोये आदि फिल्मे रहीं.
अच्छी फिल्मो की नहीं मिले दर्शक
साल २०११ में कई ऐसी फिल्मे रही जो दशको को अपनी और खींचने में असफल रही . इन फिल्मो में पहला नाम आता है अभिनेत्री से निर्मात्री बनी नीतू चंद्रा का . इस फिल्म का जबरदस्त प्रोमोशन किया गया था , आज की भोजपुरी फिल्मो की दिशा और दशा बदलने वाली फिल्म बताया गया था , यहाँ तक की खुद बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इस फिल्म को देखा था लेकिन रिलीज़ के अगले दिन ही यह फिल्म कई सिनेमाघरों से उतर गयी , यही हाल रहा एक अच्छी कहानी पर बनी फिल्म सैयां ड्राइवर बीबी खलासी और हमार देवदास का . इसके अलावा संतान का भी कमोबेश यही हश्र रहा.
नए सितारों का उदय
साल २०११ में यूँ तो कई नए सितारों की फिल्मे रिलीज़ हुई लेकिन उनमे अग्रीम पंक्ति में रहे गायक से अभिनेता बने खेसारी लाल. खेसारी लाल की पहली फिल्म साजन चले ससुराल ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता का इतिहास लिख दिया .इस फिल्म के व्यवसाय ने इस साल की अन्य रिलीज़ फिल्म को पीछे छोड़ दिया. खेसारी के अलावा आदित्य ओझा ने फिल्म सुगना से भी काफी उम्मीद जगाई है.
सम्मान का साल
साल २०११ भोजपुरी फिल्म जगत के लिए सम्मान का साल रहा , लगभग सारे कलाकारों को कोई ना कोई सम्मान मिला . एक पत्रिका द्वारा कराये गए सम्मान समारोह में लगभग सारे कलाकारों को सम्मानित किया गया. साल के आखिरी महीने में तो कई सारे सम्मान समारोह हुए . भोजपुरी अवार्ड , बिहारी अस्मिता सम्मान, भिखारी ठाकुर सम्मान, महारष्ट्र गौरव सम्मान सहित एक दर्ज़न समारोह हुए . रवि किशन को जहाँ महाराष्ट्र गौरव सम्मान मिला वहीँ मनोज तिवारी को दशक का सितारा, निरहुआ को दो बार बेस्ट एक्टर , मनोज पाण्डेय को बेस्ट नवोदित अभिनेता का अवार्ड, पवन सिंह को सर्वश्रेष्ठ गायक व अभिनेता का अवार्ड , नवोदित अभिनेता प्रदीप पाण्डेय को रायजिंग स्टार का अवार्ड, अवधेश मिश्रा को दो सर्वश्रेष्ठ खलनायक का अवार्ड सहित बिहारी अस्मिता सम्मान, भिखारी ठाकुर सम्मान से नवाजा गया.
फैली भोजपुरिया बयार
रवि किशन ने पिछले साल हिंदी फिल्म जगत में भोजपुरियों का नाम रोशन किया . इस साल उनकी पांच फिल्मो ने हिंदी बॉक्स ऑफिस पर दस्तक डी. यही नहीं इस दौरान उन्होंने कई बड़े बैनरों की फिल्म की शूटिंग की . इनमे विक्रम भट्ट की डेंजरस इश्क ( इस फिल्म से करिश्मा कपूर की वापसी हो रही है ) मोहल्ला अस्सी , जिसमे वो सन्नी देओल के साथ नज़र आने वाले हैं, सैफ अली खान की होम प्रोडक्शन एजेंट विनोद, बिनोद बच्चन की जिला गाज़ियाबाद, जिसमे संजय दत्त, अरसद वारसी और विवेक ओबेराय भी हैं. इसके अलावा चालीस चौरासी में वो नसीरुद्दीन शाह के साथ नज़र आने वाले हैं . रवि किशन के अलावा और कोई भोजपुरिया सितारा हिंदी फिल्म जगत में कोई कारनामा नहीं दिखा पाया. इसी तरह रवि किशन द्वारा होस्ट किये गए शो नाच नचैया धूम मचैया की टीआरपी बिहार उत्तरप्रदेश में सभी शो पर भारी पड़ा .
नए साल की उम्मीद
नए साल पर यानी साल २०१२ में भोजपुरी फिल्म जगत की हिट फिल्मो की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना दिख रही है . अगले साल की सबसे बड़ी फिल्म होगी आलोक कुमार की गंगा जमुना सरस्वती जिसमे रवि किशन, निरहुआ और मनोज तिवारी मुख्य भूमिका में हैं. इसके साथ ही लेखक से निर्देशक बने संतोष मिश्रा की रवि किशन, रानी चटर्जी, मनोज पाण्डेय व अंजना सिंह अभिनीत फिल्म कईसन पियवा के चरितर बा, दीपक सावंत की गंगादेवी ,( इस फिल्म में महानायक अमिताभ बच्चन अतिथि जबकि जया बच्चन, निरहुआ, पाखी हेगड़े और गुलशन ग्रोवर मुख्य भूमिका में होंगे) की भी काफी चर्चा है , इसके अलावा निरहुआ पवन सिंह की खून पसीना ,निरहुआ पवन सिंह की एक दूजे के लिए, पवन सिंह की गंगा पुत्र , पवन सिंह की डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली . रवि किशन की प्राण जाये पर वचन ना जाए , आलोक कुमार की खेसारी लाल अभिनीत देवरा पर मनवा डोले आदि फिल्मे शामिल है . साल २०१२ में भी फिल्मो की संख्या पचास के आस पास रहने की उम्मीद है जिनमे रवि किशन की फिल्मो की संख्या दस के आस पास होंगी.