शुक्रवार, मई 29, 2009
बेतिया के सांसद संजय जयसवाल का सम्मान आज मुंबई में
प्रसिद्द फिल्मकार प्रकाश झा और बाहुबली साधू यादव ( लालू यादव के साले) को धूल चटाकर पहली बार सांसद बने भाजपा के युवा नेता डॉक्टर संजय जयसवाल आज मुंबई में हैं । यहाँ भोजपुरी फ़िल्म जगत द्वारा उनका सम्मान किया जाएगा। इस अवसर पर भोजपुरी फिल्मो के सुपर स्टार व कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे रवि किशन, सपा नेता मनोज तिवारी मृदुल, फिल्मकार अभय सिन्हा, अभिनेत्री मोनालिसा , साधिका, रिंकू घोष, सुदीप पांडे, पंकज केसरी सहित अनेक लोग मौजूद रहेंगे । डॉक्टर जयसवाल इसके अलावा आज होने वाले चौथे भोजपुरी फ़िल्म अवार्ड में भी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
मंगलवार, मई 26, 2009
भूमिपुत्र का भव्य प्रीमियर
अभिनीत इस फिल्म के लिए बॉलीवुड की बड़ी हिंदी फिल्मो की तरह अँधेरी स्थित सिनेमेक्स को सजाया गया था. राज ठाकरे की राजनिति पर आधारित इस फिल्म के प्रिमिअर पर फिल्म के कलाकार रविकिशन , पाखी हेगडे, मानसी पांडे, अनंत जोग, आदि ईरानी , निर्देशक हैरी फ़र्नान्डिस , निर्माता डॉक्टर ए.ऍम.खान अभिनेता कुनाल सिंह, अनारा गुप्ता, सहित भोजपुरी फिल्म जगत की जानी मानी हस्तियाँ मौजूद थे. चूँकि फिल्म राज ठाकरे के उत्तर भारतीय विरोध पर आधारित है इसीलिए मनसे के उपाध्यक्ष वागीश सारस्वत भी फिल्म देखने पहुंचे. भूमिपुत्र में रविकिशन नौकरी की तलाश में बिहार से मुंबई आते हैं और यहाँ वोट की राजनिति से उनका वास्ता होता है। निर्देशक हैरी फ़र्नान्डिस के अनुसार भूमिपुत्र में भूमिपुत्र शव्द की सही परिभाषा बताई गई है। हैरी के अनुसार भूमिपुत्र को किसी क्षेत्र से जोड़ा जाना ग़लत है क्यूंकि हम लोग भारत के भूमिपुत्र हैं न की किसी राज्य, जिले या किसी गाँव के । रविकिशन ने भूमिपुत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की मुंबई हमारी कर्मभूमि है , यहाँ की कमाई से हम गाँव में घर बनाते हैं, माता पिता के सपनो को साकार करते हैं, बहन की शादी के लिए पैसे जुटाते हैं इसीलिए हमें अपनी कर्मभूमि से प्यार है। भूमिपुत्र में भी मैंने यही बात कही है यही नही मैंने महाराष्ट्र के लोकप्रिय गान जय
जय महाराष्ट्र माझा को भी गाया
सोमवार, मई 25, 2009
मल्टीप्लेक्स पहुंची भोजपुरी फिल्म
कभी अनपढ़ गवारों की फिल्म कही जाने वाली भोजपुरी फिल्म जगत के लिए रविवार का दिन खुशियों भरा दिन था, जब मुंबई के सिनेमेक्स में भोजपुरी फिल्म भूमिपुत्र का भव्य प्रिमियार हुआ . भोजपुरी फिल्मो के सुपरस्टार रविकिशन अभिनीत इस फिल्म के लिए बॉलीवुड की बड़ी हिंदी फिल्मो की तरह अँधेरी स्थित सिनेमेक्स को सजाया गया था. राज ठाकरे की राजनिति पर आधारित इस फिल्म के प्रिमिअर पर फिल्म के कलाकार रविकिशन , पाखी हेगडे, मानसी पांडे, अनंत जोग, आदि ईरानी , निर्देशक हैरी फ़र्नान्डिस , निर्माता डॉक्टर ए.ऍम.खान अभिनेता कुनाल सिंह, अनारा गुप्ता, सहित भोजपुरी फिल्म जगत की जानी मानी हस्तियाँ मौजूद थे. चूँकि फिल्म राज ठाकरे के उत्तर भारतीय विरोध पर आधारित है इसीलिए मनसे के उपाध्यक्ष वागीश सारस्वत भी फिल्म देखने पहुंचे. भूमिपुत्र में रविकिशन नौकरी की तलाश में बिहार से मुंबई आते हैं और यहाँ वोट की राजनिति से उनका वास्ता होता है। निर्देशक हैरी फ़र्नान्डिस के अनुसार भूमिपुत्र में भूमिपुत्र शव्द की सही परिभाषा बताई गई है। हैरी के अनुसार भूमिपुत्र को किसी क्षेत्र से जोड़ा जाना ग़लत है क्यूंकि हम लोग भारत के भूमिपुत्र हैं न की किसी राज्य, जिले या किसी गाँव के । रविकिशन ने भूमिपुत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की मुंबई हमारी कर्मभूमि है , यहाँ की कमाई से हम गाँव में घर बनाते हैं, माता पिता के सपनो को साकार करते हैं, बहन की शादी के लिए पैसे जुटाते हैं इसीलिए हमें अपनी कर्मभूमि से प्यार है। भूमिपुत्र में भी मैंने यही बात कही है यही नही मैंने महाराष्ट्र के लोकप्रिय गान जय जय महाराष्ट्र माझा को भी गाया है।
शनिवार, मई 23, 2009
केकरा नथुनिया पर गोली मरीहन रवि किशन ?
भोजपुरी के एगो चर्चित गीत हऽ नथुनिया पे गोली मारे सईंया हमार. अब एही गाना के मुखड़ा ले के भोजपुरी सिनेमा के सुपर स्टार रविकिशन निकल पड़ल बाड़न नथुनिया पर गोली मारे. बाकिर समस्या ई आ गइल बा कि कवना अभिनेत्री का नथुनिया पर ?
बबलू सोनी का निर्देशन में नथुनया पे गोली मारे सैंया हमार हो बने जा रहल बा. एह फिलिम में बतौर नायक त रविकिशन के चुन लिहल गइल बा बाकिर अबले हीरोइन नइखे चुनाइल. चर्चा में स्वीटी छाबड़ा, मोनालिसा, पाखी हेगडे वगैरह के नाम चल रहल बा.
रविकिशन से पुछाइल कि राउर पसन्द का बा? केकरा नथुनिया पर गोली मारे के इरादा बा त कहलन कि निर्देशक बबलू सोनी आ निर्माता अनिल सिंह जेकरा के चुन लेस. उनका त गोली मारे के बा, निशाना पर जे आ जाव.
एह फिलिम के मुहुर्त हाल ही में टायो स्टुडियो में संपन्न भइल. मौका पर भोजपुरी फिलिम इन्डस्ट्री के निर्देशक राजकुमार पाण्डेय, हैरी फ़र्नान्डिस, दिनकर कपूर, देव पाण्डेय, श्रीधर शेट्टी, सुनील बूबना, अभिनेता कुणाल सिंह , सुशील सिंह, सुनील पाल , अभिनेत्री पाखी हेगडे, स्वाति वर्मा, रोहिणी कपूर सहित कईगो दिग्गज मौजूद रहलें।
साभार - अंजोरिया
सामाजिक भेदभाव मेटावे के प्रयास हऽ भूमिपुत्र - हैरी फर्नाण्डिज
रोजी रोटी खातिर घर बार छोड़ अनजान जगह बसेरा डालल हिन्दुस्तान खातिर आम बाति हऽ. एने कुछेक साल से एकरा चलते स्थानीय आ बाहरी लोगन का बीच टकराव बहुते बढ़ गइल बा. एही मुद्दा पर बनल फिलिम बा निर्देशक हैरी फर्नाण्डिज के फिलिम भूमिपुत्र. कर्नाटक के रहे वाला हैरी खुद अपना के कर्नाटके ना पूरा हिन्दुस्तान के भूमिपुत्र मानेलन आ अपना फिलिम में इहे बतावे के कोशिश कइले बाड़न कि हर हिन्दुस्तानी कवनो खास जिला भा प्रान्त के ना, पूरा देश के भूमिपुत्र होला. एही सब पर हैरी का साथे भइल बातचीत के कुछ अंश :
कवना विषय पर बनल फिलिम हऽ भूमिपुत्र ?
भूमिपुत्र वइसना लोग के कहानी हऽ जे आपन जमीन भूमाफिया का कब्जा मेँ जाये से रोके खातिर संघर्ष करत बाड़े, अपना हक के लड़ाई लड़त बाड़े. साथ ही उत्तर भारत के गरीबी का चलते दोसरा प्रान्तन में जा के मेहनत मजूरी करे वाला लोगनो के कहानी बयाँ करत बा ई फिलिम. एहमें ई बतावे के कोशिश कइल गइल बा कि केहू कइसे अपना पेट का भूख से मजबूर हो के आपन घर परिवार हित कुटुम्ब छोड़ के दोसरा जगहा जाला.
त आप पलायन के सही मानी ले ?
सही गलत के चरचे बेकार बा काहे कि हर हिन्दुस्तानी देश में कतहीं जा सकेला, कमा धमा सकेला. अपना देश में केहू बाहरी ना हो सके. सभे एही देश के नागरिक हऽ. हमनी का इहे बतावे के कोशिश कइले बानी जा. अगर एह विवाद के बढ़े दिहल गइल त देश टुकड़ा टुकड़ा हो जाई काहे कि हर प्रान्त में हर प्रान्त के लोग बसेरा बनवले बा.
त रउरा मनसे के आंदोलन के एह फिलिम से गलत ठहरवले बानी ?
हम कवनो राजनीतिक पचड़ा में नइखी पड़ल चाहत काहेकि ओह लोगन के मकसद सत्ता के गलियारा आ वोट का राजनीति से जुड़ल होला जबकि हमार मकसद एगो सार्थक फिलिम बनावल बा. एह फिलिम में भोजपुरी के सुपर स्टार का साथे साथ मराठी रंगमंच के कई गो कलाकारन के लिहल गइल बा आ देखावल गइल बा कि कइसे राजनीतिक अपना मतलब खातिर दोसरा के उल्लू बनावे में लागल रहेले. एहमें भोजपुरिया मसाला का साथे साथ मराठी लावणीओ बा. एहमें रविकिशन जय जय महाराष्ट्र माझा गावत देखावल गइल बाड़े.
रउरा का लागत बा, भूमिपुत्र से लोग के मानसिकता बदल जाई ?
जरुर। हमार त इहे कोशिश बा कि लोग समुझस कि का सही बा आ का गलत. हमनी का एह फिलिम का माध्यम से सामाजिक भेदभाव मेटावे के कोशिश कइले बानी. सबके ई सोचे के चाहीं कि हमनी का शांति से रहे के बा कि कवनो बड़ मछरी के चारा बन के.
साभार - अंजोरिया
गुरुवार, मई 21, 2009
मनसे विवाद को परिभाषित करती भूमिपुत्र
मराठी अस्मिता के मुद्दे पर आंदोलन चलाकर गरीब , असहाय लोगो पर निशाना बनाने वाले मनसे का रूप अब फिल्मी परदे पर भी नज़र आने वाला है। निर्माता डॉक्टर खान और निर्देशक हैरी फ़र्नान्डिस की भोजपुरी फ़िल्म भूमिपुत्र इसी मुद्दे को आधार कर के बनाई गई है। भोजपुरिया सुपर स्टार रविकिशन अभिनीत इस फ़िल्म में रविकिशन नौकरी की तलाश में बिहार से मुंबई आते हैं और यहाँ वोट की राजनिति से उनका वास्ता होता है। अपने अपने फायदे के लिए नेता किस तरह प्रांतवाद , जातिवाद और धर्म का वास्ता देकर लोगो को बेवकूफ बनाते हैं उसका सजीव चित्रण इस फ़िल्म के मध्यम से किया गया है। निर्देशक हैरी फ़र्नान्डिस के अनुसार भूमिपुत्र में भूमिपुत्र शव्द की सही परिभाषा बताई गई है। हैरी के अनुसार भूमिपुत्र को किसी क्षेत्र से जोड़ा जाना ग़लत है क्यूंकि हम लोग भारत के भूमिपुत्र हैं न की किसी राज्य, जिले या किसी गाँव के । रविकिशन ने भूमिपुत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की मुंबई हमारी कर्मभूमि है , यहाँ की कमाई से हम गाँव में घर बनाते हैं, माता पिता के सपनो को साकार करते हैं, बहन की शादी के लिए पैसे जुटाते हैं इसीलिए हमें अपनी कर्मभूमि से प्यार है। भूमिपुत्र में भी मैंने यही बात कही है यही नही मैंने महाराष्ट्र के लोकप्रिय गान जय जय महाराष्ट्र माझा को भी गाया है।
मंगलवार, मई 19, 2009
किसके नथुनिया पर गोली मारेंगे रविकिशन
रविवार, मई 17, 2009
जनता ने स्वीकार नहीं किया तो क्या कहूं: मनोज
भोजपुरी फिल्मों के स्टार, लोकगायक, हाल ही में नेता बने और गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से सपा उम्मीदवार मनोज तिवारी मृदुल ने अपनी हार को बहुत ही सहजता से लिया। मतगणना के शुरूआती रुझान को भांपकर ही वे पण्डाल से बाहर निकल पड़े और चेहरे पर हारी हुई मुस्कान लिये बोले- यदि गोरखपुर की जनता ने मुझे स्वीकार नहीं किया तो क्या कहूं। पर उन्होंने तुरंत यह भी कहा मुझे वोट भले कम मिला लेकिन जनता ने खूब प्यार दिया और मेरी सभाओं में सबसे ज्यादा भीड़ आयी।कभी भोजपुरी गायन और फिर भोजपुरी फिल्मों के चुनाव में गोरखपुर की जनता ने मनोज को सिर आंखों पर बिठाया लेकिन सियासी चुनाव में उन्हें नकार दिया। यह टीस उनके चेहरे पर चस्पा थी। मन की पीड़ा को बाहर करते हुये उन्होंने कहा कि मैंने यहां के लोगों का प्यार देखकर ही अपनी दावेदारी प्रस्तुत की थी। मेरी अपेक्षा पूरी होती तो मैं अपने वादे भी पूरा करता। मनोज ने कहा कि मैंने तो सदियों से पिछड़े गोरखपुर में दिया जलाने की कोशिश की लेकिन जनता हवा के रुख से इसे संभाल नहीं सकी। इस संवाददाता ने सवाल किया कि क्या अब आपका गोरखपुर से मोहभंग हो जायेगा? मनोज ने बात काटी। बोले-नाहि जी जइसन पहिले रहलीं जा वइसहीं रहब..हम कवनो राजनीतिज्ञ थोड़े बांटि. इहां क बेटवा हईं आ इहां के लोग जीवन भर हमरा हृदय में रइहें। तो क्या राजनीति में बने रहेंगे? मनोज ने कहा कि अब हम जो भी फैसला करेंगे सोच समझ कर करेंगे। गोरखपुर के लिए मेरा प्यार बना रहेगा। यहां मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है क्योंकि यहीं के लोगों ने मुझे सब कुछ दिया है। जब उनसे यह कहा गया कि क्या अब आपकी रफ्तार धीमी हो जायेगी तो उनका कहना था कि एक कलाकार के रूप में मेरी जो रफ्तार थी वह और तेज हो जायेगी। मनोज मृदुल पूरे चुनाव में राज ठाकरे को सबक सिखाने का एलान करते रहे। जब उनसे पूछा गया कि अब कैसे सबक सिखायेंगे तो उन्होंने कहा कि यह कसक हमारे मन में बनी रहेगी।
उत्तर-प्रदेश में अगली सरकार कांग्रेस की : रवि किशन
शनिवार, मई 09, 2009
कलर्स का भोजपुरिया रंग- भाग्य विधाता
गुरुवार, मई 07, 2009
धूम मचा रही है राजकुमार, रमाकांत और निरहुआ की तिकडी
पिछले साल बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट फ़िल्म लागल रह ऐ राजा जी देने वाली निर्माता रमाकांत प्रसाद, निर्देशक राजकुमार आर.पाण्डेय और अभिनेता दिनेशलाल यादव की तिकडी एक बार फिर से इस साल धूम मचा रही है। एक मई को बिहार में पैतालीस प्रिंट के साथ रिलीज़ हुई दीवाना लगातार दुसरे हफ्ते में सभी सिनेमाघरों में हाउस फुल है। भीषण गर्मी और चुनाव का शोर भी इस फ़िल्म की गर्माहट को ठंढा करने में असफल रही है। कुमारी माई मूवी के बैनर तले बनी इस फ़िल्म में निरहुआ के साथ नेपाली सुपरस्टार विराज भट्ट , पाखी हेगडे, रानी चटर्जी, पूनम सागर , सोनाली जोशी , अयाज़ खान, बिनय बिहारी, पुष्पा वर्मा, गोपाल राय, नंदिनी मिश्रा और मनोज टाइगर मुख्य भूमिका में हैं। लगातार दूसरी सुपर हिट फ़िल्म से उत्साहित राजकुमार आर.पांडे का कहना है की फिल्मे अगर मनोरंजक बने तो उसे हिट होने से कोई रोक नही सकता । दीवाना की खासियत यही है की दर्शक गर्मी के वावजूद परदे पर टकटकी लगाये रखते हैं। अपनी आगामी योजना के बारे में उन्होंने बताया की जल्द ही रविकिशन स्टारर नसीब की शूटिंग शुरू करने वाले हैं । इसके आलावा भोजपुरी की पहले एतिहासिक फ़िल्म राजा भरथरी का निर्माण भी शुरू हो रहा है । ये पूछे जाने पर की क्या उनकी तिकडी हैट्रिक बनाने के लिए कुछ कर रही है... उन्होंने कहा शायद जल्द । बहरहाल राजकुमार पांडे, रमाकांत प्रसाद और निरहुआ की तिकडी की चर्चा पुरी भोजपुरी फ़िल्म जगत में हो रही है।