शुक्रवार, जनवरी 04, 2013

बॉलीवुड की नकल करतीं भोजपुरी फिल्में ( Rashtriya sahara )


2012 में रिलीज भोजपुरी फिल्मो के शीर्ष कों पर ध्यान दीजिए। ˜लावारिस , ˜एक दूजे के लिए,  ˜हीरो , ˜जानवर, ˜जान तेरे नाम और ˜खून पसीना जैसे शीषर्क सत्तर के दशक की हिन्दी फिल्मों की याद दिलाते हैं। इन शीषर्कों को सुन कर दर्शकों को किसी भोजपुरी फिल्म होने का अहसास नहीं होता। बावन साल का हो चुका भोजपुरी फिल्म उद्योग आज भी शीषर्कों की तरह हिन्दी फिल्मों का पिछलग्गू बना हुआ है। अगर किसी भोजपुरी फिल्म के शीषर्क से भोजपुरी फिल्म होने का अहसास होता है तो वह यह भी बताता है कि फिल्म कमोबेश सेक्स से भरपूर है। विक्रांत सिंह और मोनालिसा की फिल्म˜मेहरारू बिना रतिया कैसे क इसका प्रमाण है कि फिल्म में क्या हो गा ? बॉलीवुड की तरह भोजपुरी फिल्में भी स्टारडम पर टिकी हुई नजर आती हैं। अभिनेत्रियों की मांसल देह दर्शकों को खींचने के लिए उदारता से उपयोग की जाती हैं। भोजपुरी फिल्मों के अपने सुपर स्टार हैं। रवि किशन निर्माता मोहनजी प्रसाद की 2003 में रिलीज फिल्म ˜सैयां हमार  बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई। बिहार के लोक गायक मनोज तिवारी की फिल्म ˜ससुरा बड़ा पैसे वाला ने मानो भोजपुरी फिल्म उद्योग को ऑक्सीजन दे दी। हिट फ्लॉप और हिट फिल्म से गुजरता भोजपुरी फिल्म उद्योग पिछले साल मालामाल लगता है क्योंकि उस साल 52 भोजपुरी फिल्में रिलीज हुईं। 2012 की पहली रिलीज भोजपुरी फिल्म रवि किशन और रिंकू घोष की ˜केहू हमसे जीत ना पाई थी तो अंतिम फिल्म विराज भट्ट की ˜तांडव  थी। 2012 में रिलीज ज्यादातर फिल्में भोजपुरी के बड़े स्टारों वाली फिल्में थीं। यह बात दीगर है कि अधिकतर फिल्में इसके निर्मा ताओं के लिए घाटे का सौदा साबित हुईं। भोजपुरी बॉक्स ऑफिस पंडितों का मानना है कि इस साल भोजपुरी के रवि किशन, निरहुआ, पवन सिंह और मनो ज तिवारी जैसे बड़े सितारों की फिल्में अपनी लागत तक नहीं वसूल पायीं। पाखी हेगड़े, मोनालिसा, रिंकू घोष आदि स्थापित अभिनेत्रियों की मांसल देह का जादू भी बरकरार नहीं रह सका। पुरानी अभिनेत्रियों में केवल रानी चटर्जी ही अपना स्थान बरकरार रख सकीं। साल 2012 ने भोजपुरी फिल्म उद्योग को दो बड़े सितारे दिये। खेसारीलाल औ र अंजना सिंह भोजपुरी फिल्मों के सबसे सफल सितारे थे । खेसारीलाल की ˜जान तेरे नाम , ˜लहू के दो रंग€˜दिल ले गइल अाे ढ ़िन्ा य्ाा वाली, ˜देवरा पे मनवा डोले बड़ी हिट फिल्में थीं। अं जना सिंह की ˜एक बिहारी सौ पे भारी ˜दिल ले गई ओढ़निया वाली, ˜मर्द तां गे वाला, ल्ाा व्ाा िर स्ा , आदि फिल्में रिलीज हु ई । कुछ बड़े सितारों वाली उल्लेखनीय फिल्मों में निरहुआ की एक बिहारी सौ पे भारी ˜गं गा देवी, एक दूजे के लिए ˜बिदेसिया निरहुआ की ˜रिक्शवाला आई लभ यू, रवि किशन की ˜कइसन पियवा का चरित्तर बा,˜प्राण जाए पर वचन ना जाये, ˜रणवीर,  ˜ज्वाला मंडी, , पवन सिंह की ˜खून पसीना,  ˜सौगंध गंगा मैया क, ˜डकैत,˜लावारिस, ˜डोली चढ़ के दुल्हन ससुराल चली,  आं धी तूफान, ˜बजरंग, रंगबाज राजा,  मनोज तिवारी की अंधा कानून, विराज भट्ट की दुर्गा, ˜दिल ता पागल हो ला, ˜जान तेरे नाम, ˜जानवर, ˜हिम्मतवाला,  आदि के नाम शामिल हैं। इस साल विनय आनन्द की ˜पागल प्रेमी,˜दबंग दामाद भी रिलीज हुई। रवि किशन हिन्दी फिल्मों में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं, जबकि मनोज तिवारी को टीवी का चस्का लग गया है। मनोज तिवारी सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग में भोजपुरी सितारों की क्रिकेट टीम का नेतृ त्व करेंगे। भोजपुरी फिल्मों के पांच सौ से ज्यादा प्रिंट लैब में पड़े हुए हैं क्योंकि वितरक कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। इसका नतीजा यह हुआ कि भोजपुरी में सी- ग्रेड की कमोबेश अश्लील फिल्मों की शुरुआत हो गयी है। कांति शाह की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ एक ऐसी ही फिल्म है। इस फिल्म में मोनालिसा हीरोइन है। इस फिल्म के पोस्टर में जिस प्रकार से मोनालिसा अपने नंगे बदन को ढकने का प्रयास कर रही हैं, उससे साफ पता चलता है कि वह बता रही हैं कि फिल्म में देखने के लिए काफी कुछ है। मोनालिसा भोजपुरी की बड़ी एक्ट्रेस में शामिल है। सुना है कांति शाह ऐसी सी-ग्रेड फिल्में बनाने जा रहे हैं। भोजपुरी फिल्मों की यह अश्लीलता इसकी बॉक्स ऑफिस मजबूरी भी है। नब्बे के दशक तक साफ-सुथरी पारिवारिक फिल्में बनाने वाला भोजपुरी फिल्म उद्योग दर्शकों के छिटक जाने से अश्लीलता की ओर मुड़ गया। इसे बॉलीवुड का प्रभाव भी कहा जा सकता है। इस साल भोजपुरी से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरों में भोजपुरी फिल्म देसवा गोवा में भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाना, रवि किशन को मॉरीशस सरकार द्वारा भोजपुरी फिल्मों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाना खास है। ˜देसवा हिन्दी फिल्मों की अभिनेत्री नीतू चन्द्रा के भाई नितिन चन्द्रा की बतौर पहली भोजपुरी फिल्म थी। अमिताभ बच्चन और जया बच्चन गंगा देवी में नजर आये। निरहुआ का बिग बॉस से आउट हो जाना भोजपुरी समाज के लिए निराशाजनक रहा।

बुधवार, जनवरी 02, 2013

सुप्रेरणा सिंह का कैंडल मार्च


1 जनवरी 2013 को नए साल का जश्न ना मनाकर फिल्म अभिनेत्री "सुप्रेरणा सिंह" ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में दामिनी को श्रद्धांजली अर्पित किया  तथा  श्री बालाजी नव युवक कमेटी के सदस्यों के साथ मिलकर दामिनी  रेप के अपराधियों को जल्द से जल्द सज़ा की मांग करते हुए कैंडल मार्च किया। यह कैंडल मार्च  कानपुर के राजीव वाटिका, मोती झील से अमर जवान चौक तक हजारों की भीड़ के साथ किया  गया। भोजपुरी, हिंदी तथा दक्षिण भारत की फिल्म अभिनेत्री "सुप्रेरणा सिंह" ने कैंडल मार्च में शामिल होने के लिए मुंबई से कानपुर गयीं। उन्होंने ने कहा कि "देश की सरकार अगर बेटियों की सुरक्षा नहीं कर  सकती है तो  सरकार को अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। क्योंकि मैं भी एक लड़की हूँ और दामिनी से मेरी संवेदनाएं जुडी हुयी है। मैं चाहती हूँ कि दोषियों को ऐसी सज़ा मिले कि वह भी तिल तिल कर मरें। सरकार से मेरी अपील है कि बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे केसों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की जाय, जिससे दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा मिल सके। इस रेप काण्ड के अपराधी को नाबालिग कहकर फाँसी की  सजा सुनाने पर विचार किया जा रहा है, ऐसा क्यो ...? जो नाबालिग यह बड़ा काण्ड कर सकता है, उसके दुष्कर्म से किसी बेक़सूर की जान जा सकती है, तो उसे सज़ा क्यों नहीं दिया जा सकता ...? क्या दिवंगत दामिनी की आत्मा को शांति मिल सकेगी ...?''  
कमेटी महामंत्री मोहित शुक्ला ने कहा की "ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए युवाओं को आगे आना पड़ेगा। सरकार को सभी 6 आरोपियों को फांसी देनी पड़ेगी, भले ही उनमें से एक नाबालिग है। अगर वह रेप जैसा दुष्कर्म कर सकता है तो उसको सबसे कम सज़ा क्यों ? दामिनी तो चली गयी मगर लोगो को जगा गयी। हमारे देश को  आज़ाद हुए 65 साल हो गये परन्तु लड़कियां  अभी भी महफूज़ नहीं हैं।"

मंगलवार, जनवरी 01, 2013

Bhojpuri Films in 2012


भोजपुरी सिनेमा लेखा - जोखा वर्ष 2012 भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2012 पिछले साल की तरह ही थोड़ी ख़ुशी थोड़े गम भरा रहा इस वर्ष प्रदर्शित हुई 55 फिल्मो में मात्र दो फिल्मे ही सुपर हिट साबित हुई जबकि दस फिल्मो ने औसत व्यवसाय किया . बाकी की फिल्मे दर्शको को खींचने में नाकाम साबित हुई . इस वर्ष पहली प्रदशित फिल्म रही रवि किशन की केहू हमसे जीत ना पायी व लोकगायक गुडडू रंगीला की "ससुरो कब्बो दामाद रहल "! 21 जनवरी को प्रदशित हुई इन फिल्मो में से केहू हमसे जीत ना पाई बॉक्स ऑफिस का दिल जीतने में कुछ ख़ास सफल नहीं रही जबकि ससुरो कब्बो दामाद रहल को दर्शको ने बुरी तरह नकारा व फिल्म फ्लॉप रही। फिर 3 फरवरी को निरहुआ - पवन सिंह स्टार "खून पसीना" प्रदशित हुई। इस फिल्म ने बिहार, मुंबई में ठीक ठाक व यू पी में औसत व्यवसाय किया लेकिन लागत वसूलने में फिल्म असफल रही . इसी के साथ प्रदशित हुई "अचल रहे सुहाग" बुरी तरह फ्लॉप रही। 17 फरवरी को प्रदशित हुई प्रवेशलाल यादव स्टार "राजा के रानी से प्यार हो गईल" और नये कलाकारों से सजी "देवता" में से राज के रानी ... को कुछ हद तक दर्शक मिले पर देवता दर्शको के लिए तरसती रही। होली पर प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार "दुर्गा " ने बिहार, मुंबई में अच्छा व्यवसाय किया। इसी दिन रिलीज़ हुई रवि किशन - रानी चटर्जी स्टार "कईसन पियवा के चरितार बा" और रवि किशन अक्षरा सिंह की प्राण जाये पर वचन ना जाये भी औसत व्यवसाय करने में सफल रही पर फिल्म अपनी लागत से काफी दूर रही । फिर 23 मार्च को मुंबई व 30 मार्च को बिहार में प्रदशित हुई मनोज तिवारी -पाखी हेगड़े स्टार "भईया हमार दयावान" प्रदशित हुई बुरी तरह फ्लॉप रही। 30 मार्च को मुंबई व बिहार में प्रदशित हुई निरहुआ - पाखी अभिनीत "बिदेसिया" बुरी तरह फ्लॉप रही। 6 अप्रैल को प्रदशित हुई "जान तेरे नाम" ने पुरे बिहार में शानदार व्यवसाय किया। खेसरीलाल के इस फिल्म ने बिहार के कई सिनेमाघरों में पचास दिन पुरे किये व सिर्फ बिहार से ही 1 करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया। "जान तेरे नाम " ने यू पी में ऐतिहासिक व्यवसाय किया लेकिन मुंबई में यह फिल्म व्यवसाय करने में असफल रही । अप्रैल में ही प्रदशित हुई मनोज पाण्डेय स्टार "राजाजी", विक्रांत सिंह स्टार "मेहरारू बिना रतिया कईसे कटी" विराज भट्ट - रानी चटर्जी स्टार "काहे कईल हमसे घात" विनय आनंद स्टार "ऐलान-ए-जंग" बुरी तरह फ्लॉप रही। 10 मई को प्रदशित हुई अलोक कुमार की खेसारीलाल - स्मृति सिन्हा व अंजना सिंह की " देवरा पे मनवा डोले" ने बढ़िया ओपनिग ले कर अच्छा व्यवसाय किया व हिट के पायदान तक पहुचने में सफल रही . 18 मई को प्रदशित हुई विनय आनंद स्टार "पागल प्रेमी" शानदार पबिलासिटी के बावजूद औसत व्यवसाय भी नहीं कर पायी व असफल रही। 18 मई को ही आई पवन सिंह स्टार "बजरंग" भी नकाम रही। 25 मई को प्रदशित हुई रवि किशन की " रणबीर" बॉक्स ऑफिस पर ओंधे मूह गिरी । कोर्ट के रोक के चलते देर हुई भोजपुरी फिल्म "सौगंध गंगा मईया के" औसत व्यवसाय ही कर पायी और अपनी लागत से काफी दूर रही . 1 जून को आई "बुलंदी" बुरी तरह फ्लॉप रही। 8 जून को प्रदशित हुई खेसारीलाल - अंजना सिन्हा स्टार "दिल ले गईल ओढनिया वाली वाली" ने भी बिहार में औसत व्यवसाय किया, लेकिन मुंबई में यह फिल्म जबरदस्त हिट व यू पी में भी ठीक रही . इस साल की खेसारी लाल की तीसरी फिल्म थी जो सफलता की सीढ़ी पर चढ़ी . 8 जून को ही आई पंकज केसरी स्टार "प्यार मोहब्बत जिंदाबाद" से दर्शको ने कोई प्यार नहीं किया। 15 जून को विराज भट्ट " जानवर" प्रदशित हुई। यह फिल्म भी कोई कोई ख़ास करिश्मा कर पायी । वही 15 जून को ही आई "कलुआ भईल सायन" को भी दर्शको ने नकार दिया । 29 जून को आई "रंगबाज राजा" भी कोई करिश्मा नहीं कर सकी। 29 को ही आई "भाई जी " भी कुछ खास नहीं रही। 6 जुलाई को आई विराज भट्ट स्टार " दिल ता पागल होला" फ्लॉप हुई वही 13 जुलाई को बिहार, यू पी में प्रदशित हुई "हीरो" बॉक्स ऑफिस पर औसत व्यवसाय कर पायी। जुलाई में आई "नंदू निकम्मा" व विराज भट्ट स्टार "खुद्दार" बुरी तरह फ्लॉप रही वाही पवन सिंह स्टार "डकैत" ने बिहार व मुंबई में अच्छा व्यवसाय किया लेकिन फिर भी फिल्म लागत वसूल नहीं पायी। 17 अगस्त को ईद के अवसर पर प्रदशित हुई निरहुआ अंजना सिंह - अक्षरा सिंह स्टारर "एक बिहारी सो पे भारी" भी बॉक्स ऑफिस पर कोई बहुत बड़ा धमाका नहीं कर पायी । वहीँ 24 अगस्त को प्रदशित रवि किशन - रानी चटर्जी "ज्वालामंडी " भी लागत वसूलने में असफल रही . 31 अगस्त को प्रदशित हुई "कालिया" अपना जादू नहीं चला पायी । 7 सितम्बर को प्रदशित हुई पवन सिंह स्टार "लावारिस" ने औसत व्यवसाय किया वहीँ इसी दिन प्रदशित हुई "लव यू सजाना" फ्लॉप रही। 14 सितम्बर को आई अमितभ बच्चन, जया बच्चन, निरहुआ, पाखी स्टार "गंदादेवी" पुरे भारत में एक साथ प्रदशित हुई, लेकिन फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गयी . 28 सितम्बर को प्रदशित हुई। पवन सिंह स्टार " डोली चढ़के दुलिहन ससुराल चली" और विराज भट्ट स्टार " मर्द तांगावाला" बुरी तरह नाकाम रही। 5 अक्तूबर को प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार धड़केला करेजवा तोहरे नामे" ने औसत व्यवसाय किया जबकि सुदीप पाण्डेय स्टारर "गजब सिटी मरे सईया पिछवारे" बहुत ही बड़ी फ्लॉप रही। 12 अक्दुबर को प्रदशित हुई रानी चटर्जी स्टार "चिंगारी" बुझ गयी और विनय आनंद स्टार "आज के दबंग दामाद" भी नाकाम रही। दुर्गा पूजा पर प्रदशित हुई न्रिहुआ - पाखी स्टार "रिक्शावाला आई लव यू, निरहुआ - पवन स्टार "एक दूजे के लिए" व विराज भट्ट स्टार "हिम्मतवाला" में हिम्मतवाला बुरी तरह फ्लॉप रही। रिक्शावाला आई लव यू, बिहार में पीट गयी लेकिन यू पी में शानदार व्यवसाय किया . वही "एक एक दूजे के लिए" भी अपनी लागत वसूलने में असफल रही . इसी माह आई "अँधा कानून" सिर्फ मुंबई में रिलीज हुई और फ्लॉप रही। 2 नवम्बर को आई "सेज तैयार सजनिया फरार" से दर्शक फरार रहे। छठ पर आई "नागिन" "लहू के दो रंग" और अंधी तूफान" में राजकुमार पाण्डेय की "नागिन" और लहू के दो रंग ही औसत व्यवसाय किया जबकि "अंधी तूफान" कुछ खास व्यवसाय नहीं कर सकी। बाद में आई "दामाद चाही फ़ोकट में" "बिगुल" "खुनी दंगल" "अंतिम तांडव" "का उखाड़ लेब" और "प्रेम लगन" कुछ खास नहीं कर सकी।

कानपूर में सुप्रेरना का केंडल मार्च आज


भोजपुरी, हिंदी तथा दक्षिण भारत की फिल्मों की सफल अभिनेत्री ''सुप्रेरणा सिंह'' ने आज कानपुर में दिल्ली रेप काण्ड के विरोध में आज कैंडल मार्च कर रही हैं। यह कैंडल मार्च कानपुर के राजीव वाटिका से अमर जवान चौक तक किया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में ''सुप्रेरणा सिंह'' कहा कि ''इस रेप काण्ड के अपराधी को नाबालिग कहकर सजा सुनाने पर विचार किया जा रहा है, ऐसा क्यो ...? क्या जो नाबालिग यह बड़ा काण्ड कर सकता है, उसके दुष्कर्म से किसी बेक़सूर की जान जा सकती है, तो उसे सज़ा क्यों नहीं दिया जा सकता ...? क्या दिवंगत दामिनी की आत्मा को शांति मिल सकेगी ...? यह कैंडल मार्च समाज सेवक मोहित शुक्ला के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। मोहित शुक्ला ने बताया कि " हम लोग दामिनी की श्रद्धांजलि देते हुए सर पर काली बाँधकर विरोध जताया जा रहा है। वह लड़का जिसे नाबालिग कहकर सज़ा नहीं देने की बात हो रही है, अगर वह रेप कर सकता है, तो फांसी की सज़ा क्यों नहीं दिया जा सकता है?