रविवार, फ़रवरी 28, 2010

कलुआ अब फिल्मी पर्दे पर


भोजपुरी वर्ल्ड में एक और गायक का आग़ाज हुआ है। जी हां! उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने गाने ‘चोलिया के हुक’ से लोगों के दिलो दिमाग पर छा जाने वाला अरविंद अकेला ‘कल्लू’ को भी अब आप जल्द ही फिल्मी पर्दे पर देखेंगे। कल्लू उम्र में अभी बच्चा है मगर उसके गाने की सफलता बता रही है कि इस बच्चे में बड़ा दम है। ‘कल्लू’ असलम शेख निर्देशित फिल्म ‘तू ही मोर बालमा’ और मोनिका सिन्हा निर्मित फिल्म ‘गठबंधन प्यार का’ से सिल्वर स्क्रीन पर आगाज़ कर रहा है। रितेश ठाकुर निर्मित ‘तू ही मोर बालमा’ में ‘कल्लू’ का यह सुपर हिट गीत ‘चोलिया के हुक’ आपको सुनने और देखने को भी मिलेगा। इस फिल्म में कल्लू के अलावा भोजपुरी के प्रवेश लाल यादव, दीपक दुबे, शुभम तिवारी तथा मनोज टाईगर के साथ ही रिंकू घोष और बृजेश त्रिपाठी की मुख्य भूमिका है। इसी तरह कल्लू, मोनिका सिन्हा निर्मित फिल्म ‘गठबंधन प्यार के ’ में भी दिखाई देंगे जिसमें पवन सिंह, छोटू छलिया, अंजली और विष्णु शंकर वेलू की मुख्य भूमिका है। फिल्म को विष्णु शंकर वेलू ने ही निर्देशित किया है। इस फिल्म के प्रस्तुतकर्ता हैं संजय सिन्हा। माना जा रहा है कि दोनों फिल्में ‘कल्लू’ के कैरियर ग्राफ को टॉप पर पहुंचा देंगी।

‘‘महुआ’’ पर होली का डबल धमाल



भोजपुरीया दर्शकों पर इस बार के ‘‘होली’’ का रंग जमकर चढ़ने वाला है। इस बार का रंग इतना गहरा होने वाला है कि इसकी खुमारी ‘‘होली’’ के बाद भी आपके दिलो-दिमाग पर छाये रहेंगी। क्योंकि आप भोजपुरीया दर्शकों के लिए आपका पहला मनोरंजक चैनल ‘‘महुआ’’ लेकर आ रहा है होली का डबल धमाल। जी हाँ, दर्शकों इस बार की होली आप ‘‘महुआ’’ के संग पुरे मस्ती और धमाल के साथ मनायेगें। क्योंकि इस शनिवार और रविवार को महुआ खुद फगुआ के रंग में रंगने वाला है और इस रंग में आपको सराबोर करने आ रहे है राजनेता श्री लालू प्रसाद यादव और डांस संग्राम की टीम। इन दोनों दिनों फगुआ का ऐसा रंग जमेगा की मनोरंजन की चासनी में की आप भी गोते लगाते दिखेंगें। इस शनिवार की रात 8.00 बजे से रियलिटी शो ‘‘डांस संग्राम’’ के मंच पर डांस के साथ रंग और गुलाल भी उड़ने वाला है। ‘‘डांस संग्राम’’ के होली स्पेशल वाले इस एपिसोड में शो के एंकर दिनेश लाल यादव ‘‘निरहुआ’’ इस शो की दो टीमों की मालकिन श्वेता तिवारी व सम्भावना सेठ के साथ फगुआ के रं में नजर आयेंगे वहीं शो की महागुरू सरोज खान पर भी भोजपुरीया होली का रंग चढ़ा नजर आयेगा। शो में सम्भावना व श्वेता की टीमें दो अलग-अलग टोला (मुहल्ले), पूरब टोला व पश्चिमी टोला के रूप में बंटे दिखेगी। पार्टिसिपेंट अभिषेक की डांसिंग जहाँ सम्भावना सेठ को श्री कृष्ण भगवान के शरात की यादे दिला देंगी वही राँची के दिपू व कोमल की नागपूरी साँग पर डांसिंग सबो का दिल जीत लेंगी। एंकर दिनेश लाल यादव ‘‘निरहुआ’’ मंच पर महागुरू सरोज खान को ‘‘जोगीरा’’ का मतलब, एक होली का गाना गाकर समझायेगें वही पटना के प्रदीप व अंजली मंच पर होली से जुड़ी अपनी यादों को बाँटेगी और अंत में सभी होली के रंग में सराबोर होकर डांस संग्राम के मंच पर अपने-अपने होली कला का प्रदर्शन करेगें। फिर इसके बाद रविवार की रात ७.30 बजे होली के ठीक एक दिन पहले ‘‘महुआ’’ पर होली की हसीन शाम सजेंगी, जिसके ना सिर्फ कलाकार छाये रहेंगे बल्कि दिखेंगे प्रसिद्ध राजनेता लालू प्रसाद यादव। लालू प्रसाद यादव मंच पर आते ही सभी लोगों को ‘‘महुआ’’ टीवी के माध्यम से होली की बधाईयाँ देते दिखेंगें और महुआ प्रमुख पी. के. तिवारी को धन्यवाद देगें कि उन्होंने महुआ टीवी लाकर भोजपुरिया समाज को अपना एक मंच दिया है। फिर वे होली से जुड़ी अपनी यादों को दर्शकों से बाटेगे और फिर शुरू होगा लालू प्रसाद यादव की शानदार होली जिसमें पूरा भोजपुरीया समाज गोता लगाता दिखेंगा। मंच पर लालू होली से जुड़ी एक कविता भी सुनायेंगे। और इसी बीच अभिनेता मनोज तिवारी लालू प्रसाद व पी. के. तिवारी से पूछेंगें कि सुना है आज कल आप दोनों सबकुछ डबल-डबल मना रहे हैं और इसपर हाजिर जाबाब लालू प्रसाद अपने अंदाज में मनोज से कहेंगें कि हमारी तो छोड़िये आप बताईयों कितनों को घुमा रहे हैं। इस होली स्पेशल को भोजपुरीया सुपरस्टार मनोज तिवारी ‘‘मृदूल’’ जहाँ एंकर करते दिखेंगें वही अलग-अलग सेगमेंट में मनोज तिवारी के साथ भोजपुरी सुरस्टार रवि किशन, दिनेश लाल यादव व श्वेता तिवारी दिखेंगी। लालू प्रसाद के सामने भोजपुरी किंग दिनेश लाल व पाखी हेगड़े ‘‘होली में बड़ा गरम बा’’ गाने पर एक धमाकेदार प्रस्तुती देगें वही मनोज तिवारी, श्वेता तिवारी के साथ ‘‘लगवाला हो बारह बरीस मन ताजा रही’’ गाने पर मस्ती भरा परफारमेंस देगें। इस स्पेशल शो में गायक भरत शर्मा व्यास जहाँ राधा कृष्ण से जुड़ी यादों को ताजा करेगें वही गायिका मालनी अवस्थी ‘‘और महीना में बरसे ना बरसे होली में रंग जरूर बरसेला’’ गाने पर नृत्य के साथ अपनी प्रस्तुती दी। भोजपुरीया सुपर स्टार रवि किषन ने डांसर सम्भावना सेठ के साथ ‘‘सा रा रा रा जोगिरा सा रा रा रा’’ गाने पर सरारत भरी प्रस्तुती दी। इसके साथ ही मंच पर आनेवाली भोजपुरी फिल्म ‘‘सात सहेलियाँ के निर्माता-निर्देशक राजकुमार पाण्डे अपनी फिल्म की सातो अदाकाराओं के साथ होली के गाने पर धमाकेदार प्रस्तुती देंगी। ‘‘सुर-संग्राम’’ की प्रतिभागी आलोक कुमार, मोहन राठौड, छति पाण्डे, आलोक पाण्डे, रामाशीष, अनामिका सिंह, चंदन, नंदन व राँची की ज्योति साहू की फगुआ के गीत गाकर इस शो को मस्ती भर बना डालेगी। इसके अलावे धारावाहिक ‘‘सेनूर’’ व रियलिटी शो ‘‘लाफ्टर एक्सप्रेस’’ की टीम भी इस होली स्पेशल में अपनी प्रस्तुती देगी और फिर अंत में पूरे टीम होली के गीतों पर अबीर व गुलाल के साथ ठुमके लगाते भोजपुरीया दर्शकों को होली की ढेर सारी बधाईया देगी।

छोटु छलिया और अंजली के गानों पर रिंकू घोष ने लगाया ठुमका



‘‘गठबंधन प्यार के’’का म्यूजिक रिलिज पार्टी


प्रख्यात लोक गायक से अभिनेता बने छाटु छलिया और बाल गायिका अंजली के गानों पर अभिनेत्री रिंकू घोष ने बीती रात श्री कृष्णापुरी में जमकर ठुमका लगाया जिसपर रात भर झुमते रहे सीनेमा मालिक व फिल्म वितरक। अवसर था भोजपुरी फिल्म ‘‘गठनबंधन प्यार के’’ का म्युजिक रिलिज पार्टी सह होली मिलन समारोह का। जिसे आयोजित किया था अर्पूवा फिल्मस के संजय सिन्हा और अक्षत फिल्मस् इंटरनेशनल के मोनिका सिन्हा ने। इस अवसर पर फिल्म अभिनेत्री रिंकू घोष, गायक व अभिनेता छोटू छलिया, रोहित सिंह ‘मटरू’ बाल कलाकार अंजली, निर्मात्री मोनिका सिन्हा, लेखक निर्देशक विष्णु शंकर बेलू, संवाद लेखक ओ.पी.कश्यप, संगीतकार पप्पु श्रीवास्तव, गीतकार आर.आर.पंकज, कला निर्देशक उमेश शर्मा, सलाम भोजपुरिया के सम्पादक उदय भगत, प्रचारक रंजन सिन्हा, और फिल्म वितरक राज कुमार बेरालिया, सिनेमा मालिक अविनाश सिंह, अमित परासर सहित भारी संख्या में कलाकार व लोग उपस्थित थे। नाच गानों का प्रोग्राम रात भर चलता रहा। इसके पूर्व अक्षत फिल्मस इन्टरनेशलन के बैनर तले बनी भोजपुरी फिल्म ‘‘गठबंधन प्यार के’’ म्यूजिक रिलिज श्रीकृष्णापुरी स्थित बैंक आॅफ इंडिया बिल्डिंग में फिल्म के प्रस्तुतकत्र्ता और जानेमाने फिल्म वितरक संजय सिन्हा द्वारा किया गया। इस अवसर पर संजय सिन्हा ने कहा कि गठबंधन प्यार के एक तो प्यार उस पर से गठबंधन मतबल अटूट प्यार, अटूट रिश्ता। आज के दौर में इन शब्दों का मतबल बदल गया है। सब कुछ दिखावा हो गया और इसके लिए दोषी है हमारी संस्कृति का पतन, लेकिन अब एक बार फिर से इसी संस्कृति के वैभव को समाज के सामने लाने का बीड़ा उठाया है निर्मात्री मोनिका सिन्हा ने अपनी फिल्म गठबंधन प्यार के माध्यम से। आपलोगों को पता ही है कि भोजपुरी फिल्मों का स्तर कितना गिर गया है। डबल मिनिंग का गाना और उपर से आइटम डांस। हमारे आपके बच्चे सिनेमाघरों में यही सब देखेंगे तो क्या असर होगा उनपर। आप ही बताईए। मैं धन्यवाद देता हँू निर्मात्री मोनिका सिन्हा, निर्देशक विष्णु शंकर वेूल का जिन्होंने साफ-सुथरी पारिवारिक फिल्में बनाने का फैसला किया। मैं फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर पप्पू श्रीवास्तव को भी धन्यवाद देता हँू जिन्होंने हमारे आपके घरों में शादी ब्याह के गीतों में गठबंधन प्यार के गीतों को भी शामिल कर दिया है। अपनी फिल्म ‘गठबंधन प्यार का’ के माध्यम से। उन्होंने आगे कहा है कि मुख्यमंत्री महोदय से भी इस फिल्म को देखने का आग्रह करेंगे ताकि और लोग भी प्रोत्साहन पाकर ऐसी फिल्मों का निर्माण करें। अभिनेत्री रिंकू घोष ने कहा कि उन्होंने लगभग दो दर्जन फिल्में की है, लेकिन गठबंधन प्यार के की बात ही अलग है। मैं एक अच्छी फिल्म बनाने के लिए अपनी टीम के सभी सदस्यों को बधाई दूगी। इस अवसर पर गायक और अभिनेता छोटू छलिया ने कहा कि यह फिल्म मुझे भोजपुरी इंडिस्ट्र में एक अच्छे अभिनेता के रूप में स्थापित करेगी। निर्देशक, विष्णुशंकर बेलू ने कहा कि इस फिल्म से भोजपुरी फिल्मों के निर्माण में एक नये दौर की शुरूआत होगी। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में पवन सिंह, मुख्य भूमिका में नजर आयेंगे साथ ही इस फिल्म के अधिकांशतः कलाकार बिहार के ही हैं।

शनिवार, फ़रवरी 27, 2010

विकास पुरुष नितीश कुमार ने किया भोजपुरिया किंग रविकिशन का सम्मान


मात्र चार साल पहले देश के सर्वाधिक पिछड़े राज्य बिहार को विकास दर के लिहाज से देश का नंबर वन राज्य बनाने वाले बिहार के मुख्या मंत्री नितीश कुमा ने भोजपुरी फिल्मो को नयी ऊंचाई देने वाले भोजपुरी फिल्मो के सदाबहार सुपर स्टार , हिंदी फिल्मो के जाने माने अभिनेता हाल ही में छोटे परदे के सर्वश्रेष्ट एंकर का पुरस्कार पा चुके रवि किशन को पटना में आयोजित एक भव्य समारोह में शिखर सम्मान से सम्मानित किया। पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर में सन्मार्ग द्वारा आयोजित इस समारोह में चर्चित फिल्मकार प्रकाश झा , अभिनेत्री अक्षरा, वरिष्ट पत्रकार उमेश उपाध्याय , श्रीकांत प्रत्युष सहित न्यायपालिका व राजनीति के क्षेत्र के कई सम्मानित लोग उपस्थित थे। पुरस्कार पाने के बाद रविकिशन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की उन्हें दो दर्ज़न से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं लेकिन नितीश कुमार जैसे विकास पुरुष के हाथो सम्मान पाने की अनुभूति बिलकुल अलग है , ऐसा लग रहा है की इन दो पलो में मुझे दुनिया की सारी ख़ुशी मिल गयी। उन्होंने कहा की मंच पर नितीश कुमार से हुई गुफ्तगू के दौरान उन्होंने उन्हें राजगीर आने और शूटिंग करने का न्योता दिया । नितीश कुमार ने भोजपुरी को अंतर राष्ट्रीय फलक पर पहुचाने के लिए रविकिशन का आभार भी माना। उल्लेखनीय है की रविकिशन भोजपुरी फिल्म जगत के एकमात्र अभिनेता हैं जो लगातार चार साल से सर्वश्रेष्ट अभिनेता का पुरस्कार पा रहे हैं , यही नहीं भोजपुरी की सर्वाधिक फिल्मो के वावजूद वो हिंदी फिल्म जगत के बड़े बड़े बैनर की फिल्मो में काम कर रहे हैं। उनकी आगामी हिंदी फिल्मो में टी.पी.अगरवाल की ना घर के ना घाट के, मणिरत्नम की रावण , श्याम बेनेगल की वेल डन अब्बा आदि शामिल हैं।

‘कानून हमरा मुट्ठी में’ मुंबई में शानदार प्रीमियर



निर्मात्री दीपा नारायण झा की पांचवी भोजपुरी फिल्म ‘कानून हमरा मुट्ठी में’ का शानदार प्रीमियर शो नवरंग (मुंबई) में आयोजित हुआ। यूडी मूवी एवं श्रीराम लखन प्रोडक्शन के इस संयुक्त निर्माण के प्रस्तुतकर्ता उदित नारायण हैं और निर्देशक हैं राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता आनंद डी. गहतराज। पत्रकारों से बातचीत करती हुई दीपा नारायण ने कहा, यह हमारी पूरी टीम के लिए प्रसन्नता की बात है कि हमारी पांचवी कोशिश भी सफल रही। भोजपुरिया दर्शकों के हम कृतज्ञ हैं कि उन्होंने हमारे परिश्रम को मान्यता दी, स्वीकारा। हमारी कम्पनी लगातार भोजपुरी फिल्में बनाती रहेगी। ‘‘कानून हमरा मुट्ठी में’’ मेरे लिए ही नहीं पूरी टीम के लिए प्रतिष्ठा का विषय रही क्योंकि इस फिल्म में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्म ‘कब होई गवना हमार’ की पूरी यूनिट दोबारा सक्रिय थी। दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हमारे लिए ज़रूरी था और आज हमें गर्व है, संतोष है कि फिल्म सब जगह सुपर हिट हुई। बिहार मंे तो इस फिल्म ने हंगामा किया ही था, मुंबई व महाराष्ट्र के अन्य जगहों पर भी इसकी शानदार ओपनिंग के समाचार से हम बेहद प्रसन्न हैं। इसका एक गाना- ‘मोबाइल चोली में रखबू त सिम लाॅक हो जाई....’ तो सुपर हिट है। नवरंग सिनेमा में बात करती दीपा नारायण ने आगे कहा, कि रवि-दिव्या की जोड़ी ने दोबारा अपना जादू दर्शकों पर काबिज करा दिया। रवि किशन-दिव्या देसाई के समानान्तर नवोदित शुभम तिवारी और उनकी जोड़ीदार मोनालिसा ने भी सबको प्रभावित किया। रानी चटर्जी ने आइटम गर्ल के रूप में खासी ख्याति अर्जित की। आलोक यादव विलेन के रूप में छाये रहे। राज सेन-धीरज सेन का संगीत जोरदार है। नरेन्द्र पटेल की फोटोग्राफी, ओमी का नृत्य, जीतू का स्टंट सब कुछ कमाल का है। एस.के. चैहान के संवाद भी चुटीले हैं। सोनू त्रिपाठी और आदित्य नारायण फिल्म के सह-निर्माता हैं। फिल्म कुल 21 सिनेमाघरों मं प्रदर्शित हुई है।

बुधवार, फ़रवरी 24, 2010

निरहुआ बने कृष


भोजपुरीया किंग कहे जानेवाले दिनेष लाल यादव ‘‘निरहुआ’’ अब ‘‘भोजपुरीया कृष’’ बन चुके हैं। जी हाँ, निरहुआ प्रसिद्ध निर्माता डॉक्टर डी0 रामानायडू की फिल्म ‘‘शिवा’’ में इस अवतार में नजर आयेंगे। निरहुआ का ये नया अवतार पर्दे पर ना सिर्फ दुष्मनों को ‘‘दाँतो तले अंगुली चबवाता’’ नजर आयेगा बल्कि अभिनेत्री को भी अपने हैरत अंगेज कारनामों से बचाता दिखेगा। निरहुआ का इस फिल्म में ‘‘भोजपुरीया कृष’’ का अंदाज दर्शको को रोमांचित करेगा। सुरेश प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म में निरहुआ के अपोजिट पाखी हेगड़े नजर आयेंगी। जी0 सुब्बा रेडी के निर्देषन में तैयार ‘‘शिवा का निर्माण किया है डॉक्टर डी रामानायडू ने जो बॉक्स ऑफिस पर ‘‘अनाड़ी’’, ‘‘हम आपके दिल में रहते हैं, दिलवाला, रखवाला, प्रेम नगर व भारत के हर भाषा में फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। फिल्म में दर्शकों को हर मनोरंजन के मसाले देखने को मिलेंगे वही एक्शन देख दर्शको के होश भी उड़ सकते हैं। फिल्म में निरहुआ व पाखी के साथ मनोज टाइगर सत्य प्रकाष, पी0डी0 राज, अनूप अरोड़ा, ललन सिंह व डी0 रामानायडू मुख्य भूमिका में दिखेंगे। फिल्म होली पर सिनेमाघरों में दस्तक दे रही है।

‘‘प्रवेश लाल’’ के ‘‘दिल’’ में पाखी हेगड़े यह शीर्षक पढ़कर आप चौंक गए होंगे। जी हाँ, लेकिन ऐसा नहीं है कि भोजपुरी के नये स्टार व जुनियर निरहुआ के नाम से मशहूर प्रवेशलाल यादव के ‘‘दिल’’ में स्टार अदाकारा पाखी हेगड़े रहने लगी हैं। दरअसल, बात दिल विल प्यार व्यार की नही है बल्कि मामला पूरा फिल्मी है। बात ऐसी है कि निर्माता अशोक गुप्ता अपने बैनर ऋषि इंटरनेषनल प्रोडक्शन के बैनर तले भोजपुरी फिल्म ‘‘दिल’’ बना रहे हैं। ’’दिल’’ में प्रवेश लाल की नायिका हैं पाखी हेगड़े वही फिलम में इन दोनों का लव एंगल है। रोमांटिक लव स्टोरी वाली इस फिल्म का निर्देशन एम0आई0 राज कर रहे हैं। फिल्म में प्रवेश व पाखी के साथ मनोज टाईगर, अवधेष, मिश्रा व महानायक कुणाल सिंह की भी भूमिकाँए हैं। फिल्म में गाने विनय बिहारी व प्यारेलाल यादव के हैं वही संगीत दें रहे हैं मधुकर आनंद। अभी फिल्म के गानों की रिकार्डिंग की जा रही है। वही शूटिंग मार्च के अंतिम सप्ताह में यू0पी0 के विभिन्न लोकेशनो पर की जाएगी। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रवेश व पाखी की जोड़ी बॉक्स ऑफिस पर क्या धमाल मचाती हैं।

राजकुमार पाण्डे की ‘‘सात सहेलियाँ’’




भोजपुरी फिल्मों के सबसे सफल निर्देशक राजकुमार आर0 पाण्डे अब लेकर आ रहे हैं ‘‘सात सहेलियाँ’’। भोजपुरीया बॉक्स ऑफिस पर ‘‘लागत रहा ऐ राजा जी’’ व ‘‘दीवाना’’ जैसी ब्लाक बस्टर फिल्म देनेवाले राजकुमार पाण्डे इस फिल्म से अपने फिल्म निर्माण की भी शुरूआत कर रहे है। भोजपुरीया किंग दिनेष लाल यादव ‘‘निरहुआ’’ के साथ इस फिल्म में 7 टॉप भोजपुरी एक्ट्रेस नजर आयेंगी। आदि शक्ति इन्टरटेंनमेंट व साई दिप फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म में दर्शको को पारिवारिक विषय-वस्तु से सजी मनोरंजक फिल्म देखने को मिलेगा वही रोमांस व एक्षन का भी तड़का इस फिल्म के मनोरंजन में बढ़ोत्तरी करेंगी। फिल्म में निरहुआ जिन सात हसीनाओं की बाहों में नजर आयेंगे वे हैं रिंकू घोष, रानी चटर्जी, पूनम सागर, मोनालीसा, लवी रहतोगी, दिव्या द्विवेदी व हॉट एण्ड हिट एक्सट्रेस पाखी हेगडे। फिल्म में निरहुआ जहाँ गाँव के सीधे-सीधेनौजवान की भूमिका में है जो खेती करता है वही ये सात अदाकाराएँ शहरी लड़की की भूमिकाएँ में हैं जो गाँव में रिसर्च वर्क के लिए जाती है और फिर निरहुआ से टकराती है और सभी उसकी दीवानी हो जाती है। होली के अवसर पर आपके नजदीकी सिनेमाघरों में दस्तक दे रही ‘‘सात सहेलियाँ’’ में दर्शको को ‘‘निरहुआ’’ का इन सात अदाकाराओं के साथ चुम्मा देखने को मिलेगा। उसके साथ ही विनय बिहारी, प्यारेलाल यादव, श्याम देहाती व एस0 कुमार के लिखे गाने, जिसे संगीत में पिरोया है राजेष-रजनीष ने दर्षकों के थिरकने पर मजबूर कर देंगे। बकौल, निर्माता- निर्देशक राजकुमार आर0 पाण्डे ‘‘सात सहेलियाँ’’ दर्शको को रोमांचित करेंगी । ये फिल्म फूल इंटरटेनमेंट सिद्ध होगा।

पवन सिंह की ‘‘दीवानगी’’


ये शीर्षक पढ़कर आप पाठक लोग समझ रहे होंगे की अब पवन सिंह कोई नई फिल्म लेकर आ रहे हैं जिसका नाम ‘‘दीवानगी’’ है। लेकिन यहाँ पर आप बिल्कुल गलत हैं, क्योंकि हम यहाँ पर बात कर रहे हैं भोजपुरीया सुपरस्टार पवन सिंह की दीवानगी की जो आजकल दर्शको के सर चढ़कर बोल रही है। और इसका ताजा तरीन उदाहरण देखने को मिला पिछले दिनों पटना में जब सरेआम एक लड़की ने पवन को देखकर उन्हें चुम लिया। हुआ कुछ यूं कि पिछले दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘‘जब केहू दिल में समा जाला’’ के शानदार दर्शको के प्रतिसाद पर उन्हें धन्यवाद देने एलिफिस्टन सिनेमा में पहुँचे पवन सिंह। वे मंच पर जाकर दर्शकोसे सीधे रू-ब-रू हो रहे थे और अपने गाने को गा रहे थे। इसी बीच भीड़ को चिरते हुए एक लड़की सीधे पवन सिंह के पास पहुँची और उनसे हाथ मिलाते हुए ओटोग्राफ लिया। पवन सिंह ने बड़ी सादगी के साथ उस लड़की से हाथ मिलाया। हाथ मिलाने के दौरान ही वे लड़की एकाएक पवन को अपनी बाँहों में भरकर उनके गालों को चूम लिया। उस लड़की के इस हरकत से सभी हक्के-बक्के रह गए और भीड़ को चीरकर पहुँची ये लड़की भागकर उसी भीड़ में समा गई। तो दर्शको आप सबों ने देखा पवन सिंह की ‘‘दीवानगी’’ का जादू।

सोमवार, फ़रवरी 22, 2010

भोजपुरी से कभी नहीं टूटेगा मेरा नाता - रविकिशन



भोजपुरी के आज के दौर यानी की तीसरे चरण की शुरुवात भोजपुरी फिल्मो के शो मेन मोहन जी प्रसाद की एक छोटी बजट की फिल्म सैयां हमार से हुई थी । इस फिल्म की सफलता ने भोजपुरी फिल्मो का बंद पड़ा द्वार फिर से खोल दिया और इसी के साथ जनम हुआ सुजीत कुमार, राकेश पांडे, कुणाल सिंह के बाद के नए स्टार की जो हैं आज के सदाबहार सुपर स्टार रविकिशन । आज यूँ तो भोजपुरी में भी स्टार सिस्टम हाबी हो गया है और ढेर सारे सुपर स्टार हो गए हैं लेकिन रविकिशन की जगह लेने वाला कोई नहीं है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है की रविकिशन को छोड़ सारे स्टार संगीत की सीधी चढ़ कर रुपहले परदे पर आये हैं जबकि रविकिशन इकलौते स्टार हैं जो सोने की तरह संघर्ष की आग में तप कर कुंदन बने हैं। इसके अलावा रविकिशन भोजपुरी फिल्म जगत के अकेले स्टार हैं जो हिंदी फिल्म जगत , छोटे परदे पर भी खासे व्यस्त हैं। यही नहीं भोजपुरी फिल्म जगत की ओर रुख करने वाली कोर्पोरेट कंपनियों की भी वो पहली पसंद हैं। रविकिशन से उनके संघर्ष यात्रा , पारिवारिक जीवन और सार्वजनिक जीवन पर विस्तृत बातचीत हुई। प्रस्तुत है कुछ अंश :
हिन्दी फिल्मों में भी कामयाबी पाई है। अब तक छोटे परदे पर चैंकानेवाले अंदाज में दिख रहे हैं। क्या आगे की योजना ? क्या टूट रहा है भोजपुरी से नाता ?
सबसे पहले तो मैं आपको बता दूँ मैं भले ही हिन्दी फिल्मो या छोटे परदे पर कितनी ही कामयावी हासिल कर लूँ लेकिन भोजपुरी फिल्मो से नाता नही तोडूंगा, क्योंकि ये वो भाषा है जिसे मेरी माँ बोलती है, जिसने मुझे पहचान दी है । मैं एहसान फरामोश नहीं हूँ, जब मैं दर दर की ठोकरे खा रहा था...छोटे छोटे रोल के लिए भटक रहा था तब मुझे किसने सहारा दिया ? मैं एक दो साल में तो एक्टर बना नहीं , काफी मेहनत की है । वैसे भोजपुरी मेरी मात्री भाषा है जाहिर है इस भाषा से मुझे बचपन से लगाव है। जहां तक भोजपुरी छोड़ने की बात है पता नहीं मुझ पर ये इलज़ाम क्यों लगता है। आज भी मेरे पास एक दो नहीं कुल सोलह फिल्में हैं और हर सप्ताह इसमें बढ़ोतरी हो रही है।
जौनपुर के गांव में गुजरा आपका बचपन कैसा रहा। पढ़ाई-लिखाई और संस्कार कहां से और कैसे?
जौनपुर से लगभग २२ किलोमीटर दूर केराकत तहसील के गाँव विसुई में १७ जुलाई को मेरा जनम हुआ था। मेरे पिता पंडित श्याम नारायण शुक्ला गाँव के ही मन्दिर के पुजारी हैं । एक मध्यमवर्गीय परिवार के आम बच्चे की तरह मेरा भी लालन पालन हुआ। बचपन में मेरा भी अधिकतर समय मन्दिर में बीतता था और एक अच्छे संस्कार की नीव वहीँ से पड़ी। आज मैं कहीं भी रहूँ अपने अराध्य देव महादेव की पूजा के बाद ही मेरे दिन की शुरुवात होती है। आज आधुनिकता की चकाचैंध में हम अपने संस्कारों को भूल गए हैं और पाश्चात्य संस्कृति की ओर भाग रहे हैं , लेकिन आपके बचपन का संस्कार अच्छा है तो आप कभी अपने राह से नही भटकेंगे । मुझे याद है बचपन की एक घटना .....उस समय मैं मुश्किल से पाँच साल का रहा हूँगा । मेरे गाँव के पास वाले गाँव में किसी का निधन हो गया था ...और उनकी शवयात्रा मेरे गाँव होकर ही शमशान भूमि जा रही थी । किसी की शवयात्रा देखने का वो मेरा पहला अनुभव था। मैंने अपने पिताजी से पुछा ...ये लोग कहाँ जा रहे हैं ? पिताजी ने बताया की यही जीवन का सच है , कोई कितना भी बड़ा क्यों ना हो उन्हें सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ता है। वो बात आज भी मेरे जेहन में है और शायद यही वजह है की कोई भी गलत काम मेरे द्वारा जान बूझ कर नही होता है क्योंकि मुझे पता है हर गलत काम का हिसाब मुझे भगवान् को देना है।
कितना संघर्ष करना पड़ा जीवन को बनाने में। कितना योगदान रहा माता-पिता का और कितनी मिली उलाहना।
मैं जिस क्षेत्र में हूँ वहां मुकाम हासिल करना आसान नही है , बचपन से ही मेरी इच्छा थी की मैं कुछ ऐसा काम करूं जिससे पुरी दुनिया मुझे जाने । फिल्मो के प्रति लगाव था और दिल में कहीं न कहीं ये ख्वाब छुपा था की मैं भी परदे पर आउँ, मेरे भी पोस्टर लगे । मेरा सपना काफी बड़ा था इसीलिए उसे साकार करने में भी काफी मेहनत करनी पड़ी। कई कई बार एक ही ऑफिस में जाकर चक्कर लगना पड़ता था, छोटे छोटे रोल भी वो ऑफर नही करते थे। अब आप समझ सकते हैं की उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव के एक इंसान के लिए ये ख्वाब कितना बड़ा था। मेरे माता पिता को जब मेरे ख्वाब की जानकारी मिली तो पहली प्रतिक्रिया यही थी की पढ़ लिख कर कुछ करो न की नचनिया बनने के बारे में सोचे । हालांकि मेरे माता पिता का मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला , जिसके कारण मैं आज अपनी पहचान बनने में सफल हुआ हूँ।
आपके परिवार की स्थिति (बचपन में)। पिता की आकांक्षाएं और उसको कितना कर पाए पूरा।
मैं एक साधारण परिवार का सदस्य था , मेरे पाँच भाई बहन का लालन पालन का दायित्य मेरे पिताजी पर थी । आप समझ ही सकते हैं किन किन कठिनाइयों से गुजरना पड़ा होगा उन्हें। आज सोचता हूँ तो लगता है कितना दुरूह वक्त था वो। लेकिन आज मुझे लगता है की मैं अपने माता पिता की उम्मीदों पर खरा उतरा हूँ, उन्हें भी अच्छा लगता है जब लोग कहते हैं की उनका बेटा रवि किशन है।
सफलता के लिए किसे देते हैं श्रेय।
बेशक अपने माता पिता , अपने बुरे वक्त के साथियो और सबसे बड़ा अपने उत्तर प्रदेश और बिहार के अपने भाई बहनों को जिनके प्यार की बदौलत मुझे सफलता मिली ।
आप आज भी मुंबई में पूरब की माटी का असल प्रतिनिधित्व करते हैं, क्या है इसका उद्देश्य।
बहुत अच्छा लगता है यह शब्द सुनना, लेकिन मैं मानता हूँ की मैं अपनी माटी की खुशबू को जन जन तक पहुचाने के उद्देश्य से ही इस क्षेत्र में आया हूँ। अपना गाँव , अपना प्रदेश , अपनी भोजपुरी ...सबकी खुशबू हमेशा मेरे साथ रहती है...मुझे लगता है हर इंसान किसी न किसी उद्देश्य से इस दुनिया में आता है शायद मेरा उद्देश्य उत्तरप्रदेश बिहार की संस्कृति, बोली को आम लोगो में पहचान देना है। आपको याद होगा बिग बॉस... मैंने दुनिया को उस शो के माध्यम से अपनी भाषा की खुशबू का एहसास कराया ।
वर्तमान में कैसा चल रहा निजी, सार्वजनिक और फिल्मी जीवन।
तीनो ही जीवन में मैं अपने आपको खुशनसीब मानता हूँ। निजी जीवन में मैं एक अच्छा पति , अच्छा पिता और अच्छा बेटा हूँ , सबका भरपूर प्यार मुझे मिलता है। सार्वजनिक जीवन भी खुशहाल है , हर क्षेत्र के लोगो में अच्छी पैठ बन गई है जब भी वक्त मिलता है मैं सेवा के लिए तैयार रहता हूँ । जहाँ तक फिल्मी जीवन की बात है तो आज का दौर मेरे लिए अब तक का सबसे अच्छा दौर है ...आज हिन्दी फिल्म जगत ने भी मुझे सर आँखों पर बिठा रखा है...मणि सर ( मणिरत्नम ) श्याम बाबु ( श्याम बेनेगल ) सहित कई बड़े फिल्मकारो के साथ काम कर रहा हूँ। भोजपुरी में भी कई बड़े प्रोजेक्ट हैं , अमरीकन कंपनी पन फिल्म्स की पहली भोजपुरी फिल्म जला देब दुनिया तोहरे प्यार में सहित लगभग सोलह फिल्मे मेरे पास है और हर सप्ताह इसमें बढ़ोतरी हो रही है। छोटे परदे पर भी मैंने अपनी दमदार मौजूदगी दर्शाई है । कुल मिलाकर काफी अच्छा चल रहा है सब कुछ ।
राजनीति कितनी सुहाती है, कब तक उतरने का है इरादा।
मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता हूँ और राजनीति से मुझे लगाव है, मैं ख़ुद चाहता हूँ की इस क्षेत्र में आकर अपने क्षेत्र , अपने लोगो के लिए कुछ करूं। लेकिन सही वक्त का इंतजार है और वो वक्त कल भी आ सकता है , पाँच साल बाद भी और दस साल बाद भी।

उदय भगत

रविवार, फ़रवरी 21, 2010


20 फरवरी 2010 की शाम इण्डियन एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑपफ इण्डिया दिल्ली के ऑपिफसर्स इंस्ट्यूशनलक्लब में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के भोजपुरी के चिन्तको की एक महत्वपूर्णबैठक हुई।
बैठक की अघ्यक्षता भोजपुरी समाज, दिल्ली के अघ्यक्ष अजीत दूबे, संचालन डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव एवं संयोजन मनोज भावुक और कुलदीप श्रीवास्तव ने किया।
कार्यक्रम तीन चरणों में बंटा था, परिचर्चा, लोकार्पण व होली मिलन।
भोजपुरी समाज के अघ्यक्ष अजीत दूबे एवं मॉरिशस भोजपुरी संस्थान की संस्थापक डॉसरिता बुद्वू ने संयुक्त रूप से युवा कवि मनोज भावुक के लोकप्रिय वबहुचर्चित गजल संग्रह “तस्वीर जिन्दगी के” के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण किया। इस पुस्तक के लिए मनोज भावुक को गीतकार गुलजार एवं ठुमरी साम्राज्ञी गिरजा देवी के हाथो वर्ष 2006 केभारतीय भाषा परिषद् सम्मान से नवाजा गया था। एक भोजपुरी पुस्तक को पहलीबार यह सम्मान दिया गया है। हिन्द युग्म से प्रकाशित इस पुस्तक की उपस्थितविद्वानो ने प्रशंसा की और भावुक को बधाई दी।
विमोचन के बाद शुरू हुई परिचर्चा। परिचर्चा का मकसद स्पष्ट करते हूए मनोज भावुकने कहा कि होली के पावन अवसर पर विश्व भर में फैले भोजपुरी की तमाममहत्वपूर्ण संस्थाओं का यह महामिलन समारोह है। लगभग सभी संस्थाओ के अघ्यक्ष उपस्थित है। आज हम सबको मिलकर संयुक्त रूप से भोजपुरी को उसका वाजिब हक दिलाने के लिए एक ठोस व कारगर रणनीति तैयार करनी है।
अघ्यक्षीय भाषण देते हुए अजीत दूबे ने कहा कि देश में और देश के बाहर तमाम संस्थाएंअच्छा प्रयास कर रही है। लेकिन हमे एक छत के नीचे आना होगा जिसका केंद्रीय कार्यालयदिल्ली होगा। हम सबमें बहुत ताकत है लेकिन इस तरह के संयुक्त प्रयास सेहमारी ताकत हजार गुनी बढ जाएगी। भोजपुरी को अष्ठम सूची में शामिल कराना, भोजपुरीके स्वाभिमान की रक्षा करना व दिल्ली के स्कूलो में भोजपुरी पाठ्यक्रमलागू कराना हमारा मुख्य एजेण्डा होगा। हलांकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस केअघ्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल पहले ही दिल्ली के स्कूलो में भोजपुरी पाठ्यक्रमको लागू करने कि घोषणा कर चुके है। लेकिन हम लोग इसको कर्यांविंत करने का प्रयास करेंगें।
मॉरिशस से आई सरिता बुद्वू, ट्रिनिडाड की रिसर्च स्कॉलर पेंगी मोहन एवं मुख्य अतिथि अखिल विश्व भोजपुरी समाज विकाश मंच, जमशेदपुर के अघ्यक्ष बीएन तिवारी उर्फ भाईजी भोजपुरिया ने अपने-अपने प्रयासो किविस्तार से चर्चा करते हूए कहा कि आज भोजपुरी को एक कॉमन प्लेटपफार्म औरमजबूत नेटर्वकिंग की जरूरत है। पूर्वाचल एकता मंच के अघ्यक्ष श्री शिवजी सिंह ने कहा कि हमे अपना पीठ थपथपाने कीआदत व छोटी-छोटी बातो के लिए मुंह पफुलौवल छोडकर बडे व ठोस प्रयास के लिएसाध्ना करनी होगी। कुलदीपश्रीवास्तव ने बडे ही सहज ढंग से कहा कि हमे सिपर्फ भाषणबाजी न कर किसी ठोस निष्कर्ष की ओर बढना चाहिए। रंगक्रर्मी व फिल्म निर्माता उमेश सिंह ने कहा कि हमे जातिवाद, क्षेत्रावाद व राजनीति से उपर उठकर सिर्फ भाषा की लडाई लडनी होगी।
इग्नू में भोजपुरी के प्रणेता प्रो शत्रुघ्न कुमार, नाटककार महेन्द्र प्रसाद सिंह, लोकदृष्टि संपादक राजेश पाण्डेय, मानविय महिला सेवा अर्पण केन्द्र की संचालिका पूनम सिंह, वेववार्ता संपादक सईद अहमद, भोजपुरी समाज के उपाघ्यक्ष प्रभुनाथ पाण्डेय, प्रदीप कुमार पाण्डेय, बिहारी खबर के मुन्ना पाठक, सन्तोष पटेल एवं भोजपुरी कॉग्रेस के अघ्यक्ष सुधीर सिंहा ने ऐसे प्रयास का पुरजोर सर्मथन किया।
सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सार्थक प्रयास हेतु शीघ्र ही अजीत दूबे केनेतृत्व में एक कोर कमेटी का गठन किया जाएगा। अन्त में फागुन का उत्पातचालू हो गया। डॉ सरिता बुद्वू ने गाया- होली खेले रघुबीरा अवध में तोभाईजी भोजपुरिया ने गाया - पिया काहे अइल होली के बिहान ! पूरा महफ़िल फगुआ गया और इस तरह से यह ऐतिहासिक भोजपुरिया शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया।

बैडमैन अवधेश मिश्रा का नया अवतार


भोजपुरी के सबसे लोकप्रिय खलनायक अवधेश मिश्रा का नया अवतार जल्द ही नज़र आएगा जला देब दुनिया तोहरे प्यार में में । इंडो - अमेरिकन फिल्म निर्माण कंपनी पन फिल्म्स की इस पहली भोजपुरी फिल्म में अवधेश एक पागल प्रेमी की भूमिका में हैं, जो फिल्म की हिरोइन शिखा से एकतरफा प्यार करते हैं। भोजपुरी फिल्मो के सुपर स्टार रविकिशन इस फिल्म में शिखा के प्रेमी की भूमिका में हैं। भोजपुरी फिल्म जगत में बैडमैन के नाम से मशहूर अवधेश मिश्रा बताते हैं की पहली बार किसी फिल्म में उन्होंने इस तरह की भूमिका की है। उन्होंने बताया की शिखा का प्यार पाने के लिए वो हद से गुजरने के लिए तैयार रहते हैं यहाँ तक की अगर कोई उसकी तारीफ़ भी करता है तो वो इसे बर्दास्त नहीं करते हैं। जला देब दुनिया तोहरे प्यार में को निर्देशित कर रहे हैं धीरज सिंह जिन्होंने राम गोपाल वर्मा सहित हिंदी के कई दिग्गजों के साथ काम किया है। रेड वन कैमरे से शूट हुई भोजपुरी की इस पहली फिल्म के निर्माता पवन कुमार शर्मा हैं जबकि फॉरचुन टेलर की निर्देशिका तेजस्वी कदम भी इस फिल्म को तकनिकी रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए एसोसियेट निर्देशक की भूमिका में हैं। फिल्म के अन्य कलाकारों में ब्रिजेश त्रिपाठी, कोमल ढिल्लन, अवधेश मिश्रा, फूल सिंह, सीमा सिंह, नीलिमा सिंह, विनोद मिश्रा, शमीम खान, सी।पी.भट्ट, आदि हैं । फिल्म के संगीतकार राजेश- रजनीश, गीतकार विनय बिहारी, पटकथा व संवाद लेखक सुरेंदर मिश्र हैं।

एक्शन से भरी एक मनोरंजक फिल्म‘कानून हमरा मुट्ठी में


’यू.डी. मूवी एवं श्रीराम लखन प्रोडक्शन के बैनर तले बनी निर्मात्री दीपा नारायण झा और निर्देशक आनन्द डी. गहतराज की भोजपुरी फिल्म ‘कानून हमरा मुट्ठी में ’ एक्शन-ड्रामा से भरी एक पावरफुल फिल्म है। इसमें समाज में व्याप्त व्याप्त आपराधिक निरंकुशता के ऊपर लगाम लगाने की बात दिखायी गयी है। रवि किशन एक पुलिस इन्स्पेक्टर हैं, ईमानदार हैं। जटाशंकर (आलोक यादव) के गुर्गों को पकड़ते हैं, तो वह उसकी मां-बहन की हत्या करवा देता है। रवि किशन अपना आपा खो देते हैं और उनके गुण्डों को बेरहमी से पीटते हैं। इससे उसे तीन माह की जेल हो जाती है। फिर वहां शुभम तिवारी नए इन्स्पेक्टर के रूप में आते हैं वह भी जटाशंकर को नकेल पहनाने की कोशिश करते हैं। मगर इनको भी जेल हो जाती है। पर शुभम भाग खड़े होते हैं। फिर जेल से वापस आकर रवि उसी क्षेत्र में कार्य संभालते हैं। फिर कैसे होता है, जटा शंकर का खा़त्मा, यही है ‘कानून हमरा मुट्ठी मंे’।रवि किशन और शुभम तिवारी दोनों ने बहुत अच्छा काम किया है। शुभम तिवारी में भोजपुरी के स्टार बनने के सारे गुण मौजूद हैं। शुभम के साथ मोनालिसा और रवि किशन के साथ दिव्या देसाई की रोमांटिक जोड़ी है और दोनों ही खूबसूरत लगी हैं। रानी चटर्जी पर फिल्माया गया ‘मोबाईल चोली में रखबू तऽ...’ आईटम गीत पहले ही हिट हो चुका है और एक डांसर के रूप में रानी भी अच्छी लगी है। विलेन के रूप में आलोक यादव ने ठीक काम किया है। आनंद गहतराज का निर्देशन बहुत अच्छा है। एस.के. चैहान के संवाद अच्छे हैं विनय बिहारी के गीत और राज सेन-धीरज सेन का संगीत कर्णप्रिय हैं। नरेन्द्र पटेल की फोटोग्राफी बहुत अच्छी है, जीतू का एक्शन रोमांचक है। आदित्य नारायण और सोनू त्रिपाठी सह-निर्माता हैं। उदित नाराायण इस फिल्म के प्रस्तुतकर्ता हैं। कुल मिलाकर ‘कानून हमरा मुट्ठी में’ एक मनोरंजक फिल्म है। यह फिल्म बिहार में पहले ही सुपर हिट हो चुकी है।

शनिवार, फ़रवरी 20, 2010

बाल बाल बचे विक्रांत - कुरुक्षेत्र के सेट पर हुआ हादसा


भोजपुरी फिल्मो के उभरते सितारे विक्रांत सिंह के अच्छे कर्मो का ही फल है की फिल्म कुरुक्षेत्र की शूटिंग के दौरान हुए हादसे में वो बाल बाल बच गए । हुआ यूँ की निर्माता दौलत ठाकुर व् राजू सिंह की जगदीश शर्मा निर्देशित फिल्म कुरुक्षेत्र की शूटिंग फिल्म सिटी में चल रही थी। दृश्य के मुताबिक मोनालिसा को जीप चलाते हुए विक्रांत का पीछा करना था। जगदीश शर्मा के एक्शन कहते ही मोनालिसा जीप स्टार्ट कर विक्रांत का पीछा शुरू कर देती है, लेकिन भागने के क्रम में अचानक विक्रांत को ठोकर लगी और वे गिर पड़े। मोनालिसा दृश्य में इतनी खो गयी थी की वो जीप का ब्रेक मारना ही भूल गयी और जब जीप विक्रांत के उपर चढ़ने ही वाली थी की मोनालिसा ने जीप रोकी , तबतक विक्रांत के शारीर का आधा हिस्सा दोनों टायरो के बीच आ गया था। पूरी यूनिट की साँसे रूक गयी थी। विक्रांत खुद को बचाने के प्रयास में मामूली रूप से घायल हो गए। और जब पूरी यूनिट जीप के करीब आया और विक्रांत को सही सलामत पाया तो सबने राहत की सांस ली।

गुरुवार, फ़रवरी 18, 2010

हैदराबाद में ‘‘मर्द नं. 1’’


राहुल मूवी मेकर्स के बैनर तले बन रही भोजपुरी फिल्म ‘‘मर्द न। 1’’ का मुर्हूत पिछले दिनों हैदराबाद में किया गया। मुर्हूत के साथ ही फिल्म की 35 दिवसीय शुटिंग भी चालू हो गयी। फिल्म का निर्माण न. 1 सिरीज के निर्माता बी. ओबुल सुब्बारेडडी कर रहे हैं जो इससे पहले ‘‘खिलाड़ी न. 1’’, ‘‘निरहुआ नं. 1’’ जैसे सुपरहिट फिल्मों का निर्माण कर चुके है। फिल्म में भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार मनोज तिवारी ‘‘मुदुल’’ की मुख्य भूमिका है। इस फिल्म के अन्य किरदारों में नायिका सायरा बानों, मनोज टाईगर, मुख्तार खान, मधु, चिटटी बाबू है। फिल्म का निर्देशन रमना मोगली कर रहे हैं। निर्माता बी. ओबुल सुब्बारेडी के मुताबिक ‘‘मर्द न. 1’’ एक्शन पैक्ड रोमांटिक फिल्म होगी।फिल्म के संगीतकारः राजेश-रजनीश, गीतकारः विनय बिहारी, प्यारेलाल यादव, कथा-लेखकः बी. ओबुल सुब्बा रेडडी, संवादः सुरेन्द्र मिश्रा, छायांकनः मोहन चांद, एक्शनः नंदू, कार्यकारी निर्माताः एम. किशोर, नृत्य मोहन, सम्राट, फिल्म में मनोज तिवारी ‘‘मृदुल’’ का एक्शन अवतार पर्दे पर नजर आएगा।

बुधवार, फ़रवरी 17, 2010

अमेरिकन कंपनी की प्रेम कहानी ।



आम तौर पर भोजपुरी फिल्म के दीवानों की पहली पसंद एक्शन फिल्मे होती है, लेकिन भोजपुरी फिल्म निर्माण में उतरी अमेरिकन फिल्म कंपनी पन फिल्म्स जल्द ही इस धारणा को बदलने वाली है। पन फिल्म्स की पहली भोजपुरी फिल्म जरा देव दुनिया तोहरा प्यार में प्रेम कथा पर आधारित ऐसी फिल्म है जिसे देख कर यश राज फिल्म्स के बन्नेर तले बनी दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे की याद दर्शको को आ जायेगी और शायद इस फिल्म से भोजपुरी फिल्मो में भी प्रेम कहानियो का चलन शुरू हो जाएगा। ऐसी बात नहीं है की भोजपुरी फिल्म जगत में प्रेम कहानियो को प्रमुखता नहीं डी जाती है लेकिन अच्छी और स्तरीय प्रेम गाथो का यहाँ हमेशा अभाव रहता है। अवार्ड विनिंग फिल्म फॉरचुन टेलर सहित सात बेहतरीन फिल्मो का निर्माण कर चुकी इंडो - अमेरिकन कंपनी पन फिल्म्स की इस फिल्म में भोजपुरी के सुपर स्टार रविकिशन एक ऐसे प्रेमी की भूमिका में हैं जो अपनी प्रेमिका शिखा को पाने के लिए हद से गुजरने के लिए तैयार रहता है। फिल्म को निर्देशित कर रहे हैं धीरज सिंह जिन्होंने राम गोपाल वर्मा सहित हिंदी के कई दिग्गजों के साथ काम किया है। रेड वन कैमरे से शूट हुई भोजपुरी की इस पहली फिल्म के निर्माता पवन कुमार शर्मा हैं जबकि फॉरचुन टेलर की निर्देशिका तेजस्वी कदम भी इस फिल्म को तकनिकी रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए एसोसियेट निर्देशक की भूमिका में हैं। फिल्म के अन्य कलाकारों में ब्रिजेश त्रिपाठी, कोमल ढिल्लन, अवधेश मिश्रा, फूल सिंह, सीमा सिंह, नीलिमा सिंह, विनोद मिश्रा, शमीम खान, सी.पी.भट्ट, आदि हैं । फिल्म के संगीतकार राजेश- रजनीश, गीतकार विनय बिहारी, पटकथा व संवाद लेखक सुरेंदर मिश्र हैं।

बुधवार, फ़रवरी 10, 2010

अठारह मिनट का गाना



बरसो पहले सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की फिल्म नमक हलाल में दस मिनट का एक गाना फिल्माया गया था , जो चर्चा का विषय तो बना ही था साथ ही उस गाने को सबसे लम्बे फ़िल्मी गाने का खिताब भी हासिल हो गया था, लेकिन अब वो खिताब हासिल हो गया है भोजपुरी फिल्म के एक गाने को। जी हाँ अपूर्वा फिल्म्स कम्बाइन संजय सिन्हा प्रस्तुत निर्मात्री मोनिका सिन्हा और निर्देशक विष्णु शंकर वेलु की फिल्म गठबंधन प्यार के में ये कारनामा हुआ है। मजे की बात तो यह है की पूरा गाना परदे पर सुपर स्टार पवन सिंह और अभिनेत्री रिंकू घोष पर फिल्माया गया है और फिल्म के लगभग सभी कलाकार इन गानों में हैं। निर्मात्री मोनिका सिन्हा व निर्देशक वेलु से जब इस बारे में पुछा गया की आखिर इतना लम्बा गाना फिल्म में डालने की पीछे वजह क्या थी ? उन्होंने बताया की भोजपुरिया समाज की शादी का अपना एक अलग महत्त्व है और हर विधि का अपना एक गाना होता है। हल्दी लगने से लेकर विदाई तक के गाने महिलाए गाती है और यह सिलसिला सदियों से चला आ रहा है । चूँकि गठबंधन प्यार के में भोजपुरिया संस्कारों की भरपूर झलक है इसीलिए हमने इस गाने को अपने फिल्म में शामिल किया है। गाने की शुरुवात रिंकू घोष की हल्दी के साथ होता है इसके बाद बारात , जनमासा , पर्छावन , बिदाई आदि का गाना शामिल है। गठबंधन प्यार के में भोजपुरी के लोकप्रिय लोक गायक छोटू छलिया, कल्लू सहित कई नामी गायक अभिनय कर रहे हैं।

मंगलवार, फ़रवरी 02, 2010

प्यारे मोहन सहाय का निधन




पटना, संवाददाता : प्रख्यात रंगकर्मी एवं सिने कलाकार प्यारे मोहन सहाय नहीं रहे। उनका निधन सोमवार की देर शाम मगध हास्पिटल के आईसीयू यूनिट में हो गया। वे 80 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को किया g जाएगा। उनके निधन की खबर से बिहार के समस्त सिने कलाकारों, रंगकर्मियों और संस्कृतिकर्मियों में शोक की लहर दौड़ गई है। राजधानी के कई रंगकर्मी और कलाकार मगध हास्पिटल पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। 13 मई,1929 को मुजफ्फरपुर में जन्मे प्यारे मोहन सहाय ने दूरदर्शन से प्रसारित लोकप्रिय सीरियल में बजरंगी लाल की मुख्य भूमिका में सहज अभिनय से छोटे पर्दे के दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया था और ढेरों प्रशंसा बटोरी थी। वे अपने पीछे धर्मपत्नी मिथिलेश सहाय, पुत्र बसंत कुमार और गिरीश कुमार, पुत्री राधा सिन्हा, लक्ष्मी सिन्हा, नीलम सिन्हा और रूपम सिन्हा समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए। सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित एवं प्रकाश झा निर्देशित दामूल और गिरीश रंजन निर्देशित कल हमारा है में मुख्य खलनायक की सशक्त भूमिका निभाने की वजह से प्यारे मोहन सहाय को देशभर में अपार शोहरत मिली थी। हालांकि एक सशक्त कलाकार के रूप में उन्होंने भ्रष्टाचार, रणभूमि और मृत्युदंड समेत तीन दर्जन से अधिक हिन्दी एवं क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में अमिट छाप छोड़ी। भारतीय रंगमंच के उन्नयन के लिए जब नेशनल स्कूल आफ ड्रामा (एनएसडी) की स्थापना हुई तो उसके पहले बैच (वर्ष 1959-61) के छात्र बनने का गौरव भी प्यारे मोहन सहाय की वजह से बिहार को प्राप्त हुआ। तब 1961 में एनएसडी ने इन्हें बेस्ट एक्टर का किलोस्कर एवार्ड से सम्मानित किया था। मगध हास्पिटल में प्यारे मोहन सहाय के छोटे पुत्र गिरीश कुमार ने बताया, 21 जनवरी को पेशाब में रुकावट की शिकायत आने पर पापा को भ‌र्त्ती कराया था, किंतु 22 जनवरी को उन्हें हार्ट अटैक आया और फिर 26 जनवरी को दोबारा हर्ट अटैक आने पर वे अचेतावस्था में चले गए। सोमवार की शाम में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।